Tuesday, July 6, 2021

Chapter 2 गीता का सार Gita Course by HG Amogh Lila Prabhu

 

Chapter 2 गीता का सार || Gita Course || EP - 4 || HG Amogh Lila Prabhu

video A < click to listen

1.0 broad Chapter wise breakup

3.0 क्यों मधुसूधन नाम (मधु was first ever hacker, he stole Brahama's knowledge (similarly my knowledge is hacked by confusion, सूधन =killer)
(also Part 3, 39.19 < click to listen )


4.20 duty (जिम्मेवारी) से भटक जाते हैं उसको ignorance कहते हैं duty 2 लेवल की होती है शरीरिक और आत्मिक

7.10 यदि गुरु भी अधर्म करता है तो ऐसे गुरु को उसी समय त्याग देना चाहिए नहीं तो गुरु और शिष्य दोनों को नरक मिलता है

8.25 गुरु का मतलब ( गु = ignorance, रु -remover)

10.40 जब तक हम अपनी कमी स्वीकार नहीं करते तब तक spiritual (आध्यात्मिक) मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सकते

12.35 अगर लंबा जीना है तो इंद्रियों की तृप्ति कम करनी पड़ेगी और इंद्रियों को संतुष्ट करने में लग गए तो उम्र घाट जाएगी (vice-versa) यानि कुछ ना कुछ कमी तो रहेगी इस जगत में

15.10 ऐसा कभी नहीं था जब यह लोग नहीं थे या आप या मैं नहीं था, हमेशा रहेंगे

15. 50 ऐसा नहीं है कि श्री कृष्ण पहले निराकार थे फिर आकार लिया

18.20 शरीर तो बना है कैल्शियम फास्फोरस वगैरह से, जो कि पहले ही मरे हुए हैं, there is nothing called death

21.30 एक राजा ने कहा मुझे ऐसी चीज दो कि जब मैं दुखी होऊँ तो फिर से सुखी हो जाऊँ , जब मैं सुखी होऊँ तो फिर से दुखी हो जाऊँ, तो मंत्री ने एक अंगूठी दी जिसपर लिखा था "यह समय भी बीत जाएगा"

22. 25 सम रहना सीखना होगा

25.30 मरने के बाद शोक सभा नहीं स्मृति सभा नाम होना चाहिए

28.50 यह नहीं कहना चाहिए कि मेरा जन्मदिन इस दिन को हुआ था (date of birth) यह कहना चाहिए कि मैंने इस शरीर में इतने साल बिता दिए

30.0 आत्मा परमात्मा में मिलती नहीं है

32.44 आत्मज्ञान, कि आत्मा कभी मर नहीं सकती जल नहीं सकती, से self-confidence बड़ता है

33.25 कोई भी motivational मोटिवेशनल स्पीकर यह बात नहीं बताता है इसलिए वह fake है

37.50 अगर मान लें कि कोई आत्मा नहीं होती तब भी शरीर है तब भी कोई अफसोस की बात नहीं है शरीर तो केवल bio chemical है, शरीर की मृत्यु यानि जैसे सब्जी धोते हुए पालक बह गई

38.25 Buddhism explained

42.15 किसी भी चीज को समझने के लिए उसके ऊपर (transcend) आना पड़ता है, इसलिए जब तक कृष्णा के सेवक स्तर (level) पर नहीं आते तो soul का समझना मुश्किल है

44.25 क्षत्रिय का मतलब समझाया है

51.34 जब आप किसी कर्म को कर्तव्य (duty towards Lord) (यानि निष्काम) मानकर करते हो तो कर्म बंधन नहीं करता, अपने कर्म फल से, मगर यदि selfish enjoyment के लिए करते हो तो कर्म बाँधता है, अपने कर्म फल से

video 1 < click to listen 

54.47 सकाम (expecting fruits of the action) और निष्काम (dedicating fruits of the action to Lord) कर्म में भेद (difference)

57.37:वेद शस्त्रों में यज्ञ, स्वर्ग प्राप्ति, अच्छे जन्म, शक्ति इत्यादि की बातें क्यों लिखी हैं


1:01:40 भोग (sense enjoyment)और ऐश्वर्या (opulences / luxuries) करने में कोई बुरी बात नहीं है केवल उनमें आसक्ती (मोह /attachment) नहीं होनी चाहिए


1:02:46   भक्ति योग बाकी सब विधियों (कर्म योग, ज्ञान योग, उपासना ) से सर्वश्रेष्ठ है (गीता सार)


1:03:57 आपका अधिकार केवल आपके कर्म पर है, कर्म के फल पर नहीं


1:08:46 spiritual life (भक्ति) में आगे बड़ते रहना, बिना संशय (doubt) करे


1.12.22 good karma (पुण्य) & bad karma (पाप) - हमें दोनों से भी ऊपर उठना है, भक्ति द्वारा


1.17.49 एक बार यदि किसी को भागवत ज्ञान/प्रेम की प्राप्ति हो जाए तो बाकी सब फीका लगने लगता है


1.19.20 भक्त सोचता है मुझे तो permanent आनंद चाहिए यह temporary नहीं वेद पढ़कर अलंकारिक भाषा पढ़कर


1.22.50 जब व्यक्ति दिमागी घोड़े चलाना बंद कर दें कि मैं ऐसे enjoy करूंगा

1.23.50 तीन तरह के ताप आध्यात्मिक आदि दैविक  आदि भौतिक

1.25.50 बिल्ली रास्ता काट गई, सूर्य ग्रहण हो गया, वगैरा भक्तों को फर्क नहीं पड़ता है वह तो शुभ अशुभ दोनों में भक्ति करता है भगवान की

1.26.50 इंद्रियों को कछुए की तरह अंदर कर लेता है

1.28.10 बुरी आदतों को कैसे जीते ....जब तक higher taste नहीं मिलेगा - This way we can control the unruly senses...

1.31.45 DOes, DON'Ts, withdrawing senses is possible only by bhakti


1.32.10 व्यक्ति का पतन क्यों होता है, contemplating on sense objects, attachment, lust, greed (if lust satisfied) , anger (if lust not satisfied), delusion, dwindling memory, intelligence is lost
  • व्यक्ति का पतन क्यों होता है, why does a person fall down in bad habits & misery

  • video 11 < click to listen 

1.35.35 विनाश काले विपरीत बुद्धि, THEN fall down


1.36.14 u turn मारना मुश्किल होता जाएगा जितना वह गहरा दबता जाएगा

1.36.55 खाली sense objects को देखने मात्र से problem नहीं है attachment से problem है, ये नैना hooks हैं

1.38 राग द्वेष दोनों से बचना चाहिए

1.39.25 शांति मिलेगी जब मन स्थिर हो जाए, मन स्थिर कैसे होता है, जब बुद्धि स्थिर हो जाती है, और बुद्धि कैसे स्थिर होती है भगवान में लगकर
  • *How to get peace & bliss* ...

  • video 12 < click to listen 

1.40.40 कोई एक इंद्री में आसक्ती है काफी है पतन के लिए


1.41.50 भौतिकवादी के लिए रात आध्यात्म वाले के लिए दिन, spiritual bliss vs materialistic bliss

1.43.40 इंद्रियों के भोग को संतुष्ट करने वाला का हमेशा पतन होगा

1.45.0 इच्छाओं का त्याग कर दिया यानि यह छोड़ दे - यह मेरा घर मेरी पत्नी, I, Mine IT इंद्रिय तृप्ति

1.47.15 जो रास्ता भगवान की तरफ ले जाता है वह ultimate है

1.49.0 course details






Monday, July 5, 2021

कंकर पत्थर कौन चुनेगा हाथ में हो जब हीरा आज भी है और सदा रहेगा हरि का ही बोलबाला अपना हरि हजार हाथ वाला #blog0088





कंकर पत्थर कौन चुनेगा, हाथ में हो जब हीरा 

आज भी है और सदा रहेगा हरि का ही बोलबाला

अपना हरि हजार हाथ वाला 

कंकर पत्थर कौन चुनेगा हाथ में हो जब हीरा < click for video


कंचन सदा रहेगा कंचन  

gold will always remain gold, only GOD is GOLD  और कखीर कखीरा    all else will be like bitter cucumber   आज भी है और सदा रहेगा, आज भी है और सदा रहेगा , हरि का ही बोल बाला    God will be always eternal     अपना हरि है हज़ार हाथ वाला, वो दीन दयाला     Beneficent God has innumerable potencies   क्या कहना समरथ (ALL Capable) साईं का, क्या से क्या कर डाला     One cannot even describe God’s capabilities, what is it that He cannot do   अपना हरि है हज़ार हाथ वाला, वो दीन दयाला   Beneficent God has infinite power     --------------------

कंकर पत्थर कौन चुनेगा हाथ में हो जब हीरा < click for video

at video time 00:00 मैं कहता डंके की चोट पर, ध्यान से सुनियो लाला, अपना हरि है हजार हाथ वाला वो दीन दयाला, क्या कहना समरथ साईं का...,क्या से क्या कर डाला

at video time 01:41 हाथ पकड़ा ना उधा ने कि बाइसा (respected dear lady) मत आरोगिये (do not drink) विष है।

हंस पड़ी मीरा;मीरा ने कहा होगा,

चिल्लाने लगी सखियां, सहचरियां कि आप पगला गई हैं

लाने वाला बता रहा है आपको कि ये विष है

मीरा जी ने कहा है नहीं था, ये विष है नहीं, था, ये विष था

अब तो मैंने गिरिधर गोपाल के चरणों में निवेदन कर दिया

अब तो विष को अमृत कर देने वाली मेरे सांवरे की दृष्टि पड़ गई है इस पर

ये विष था अब नहीं है और यदि है;

वो मीरा के सुकोमल स्वर गम्भीर हो गएऔर बड़ी गम्भीर दृष्टि से, जो भेद जाए भीतर तक, बड़ी गम्भीर दृष्टि से मीरा ने देखा उधा की ओर

ओर कहा कि यदि है तो भी मुझे चिंता नहीं

यदि ये सत्य है ये विष है तो ये परम सत्य है कि मेरे गिरिधर गोपाल मेरे रक्षक हैं और मुझे छोड़कर कहीं गए नहीं, मेरे पास हैं

at video time 03:15 कंकर-पत्थर कौन चुनेगा , कंकर-पत्थर कौन चुनेगा,हाथ में हो जब हीरा कंचन सदा रहेगा कंचनऔर कखीर, कखीरा... आज भी है और सदा रहेगा... हरि का ही बोलबाला अपना हरि है हजार हाथ वाला वो दीन दयाला


Sunday, July 4, 2021

उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग || देवी चित्रलेखा जी

 



उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग || देवी चित्रलेखा जी 

https://www.youtube.com/watch?v=-dL4NXUEX3k


0 मथुरा में सब कार्य संपन्न करते हुए भी श्रीकृष्ण के चेहरे पे एक उदासी सी बनी हुई है - कारण ब्रिज का प्रेम - मथुरा में किसी ऐश्वर्य की कमी नहीं है - प्रणाम बहुत करने वाले बहुत हैं मगर गले लगाने वाला कोई नहीं

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=0

0.54 माँ देवकी खाने का थाल परोस के लाई श्री कृषण के सामने, उन्होंने खाने को देखा और आपने आंसू छुपाने के लिए ऊपर छत पर चले गए

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=54

 

3.24 उद्धव ऊपर आए, श्रीकृष्ण ने कहा वो खाने की थाल में माखन देखकर मुझे ब्रिज की स्मृति हो आई, मेरी मैया यशोदा पूरी रात नींद नहीं आती थी कि सुबह उठके कान्हा माखन मांगेगा, हे उद्धव, ये प्रेम का पाठ तुझे कैसे समझाऊँ, "मोहे ब्रिज बिसरत नाहीं" (I can never forget Brij),  मुझे याद आती है उस गाय के बछड़े की जो रोते रोते पूछ रहा था हे कृष्ण तुम वापस कब आओगे, सारा ब्रज बोलता था कि तुम्हारे बिना हम निष्प्राण हैं, कैसे सांस लेंगे हम

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=204

 

5.26 मेरे एक समय के भोजन न करने पर यशोदा पूरे ब्रिज के वैदों को बुला लेती थी कि क्या हो गया है मेरे कन्हैया को, सारी रात माँ जागती थी

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=326

 

5.45 हर सांस के साथ मुझे ब्रिज की या बहुत याद आती है, किंतु ये मजबूरियां ये कर्तव्य मुझे यहाँ से जाने नहीं देते, उद्धव तुम मेरा एक काम करो "तुम ब्रिज चले जाओ", बड़े से बड़ा वेदज्ञ, नारद मुनि, ब्रह्मा, शंकर सब गोपियों के पद की रज मांगते हैं, मेरा पितांबर ले जाओ, मुरली ले जाओ, मोर मुकुट ले जाओ और ये गले की माला बृज वासियों को दिखाने के लिए, इन्हें जा करके राधा को सुंघा देना, दिखा देना, वो यमुना के किसी घाट पर बेहोश पड़ी होंगी, उन्हें होश में लाना आसान नहीं है, जब ये माल के फूलों की खुशबू सूंघेगी तब उसे होश आएगा कि हाँ श्री कृष्ण आए  

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=345

 

9.06 उद्धव यशोदा मैया से मिले, मैया कान्हा के तकिये को लोरी सुनाती रहती है, कान्हा सो जा, तू कल भी नहीं सोया, पूरे ब्रज का यही हाल था सब कृष्ण को स्मरण ही करते रहते हैं फोटो लें शशी फोटो लें

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=546  

 

10.23 गोपियों से मिले उद्धव, गोपियाँ बावरीं बनके यमुना किनारे डूबी थी कृष्ण प्रेम में, एक गोपी लिख रही थी 1+1=1, उद्धव ने कहा 1+1=2 मगर गोपी ने कहा कि जब प्रेमी और प्रियतम मिल जाते हैं तो एक ही हो जाते हैं, "जब "मैं" (ego) था, तो प्रभु नहीं और जब प्रभु थे तो "मैं" नहीं, प्रेम गली अति सांकरी (too narrow) इसमें दो ना समाए", राधा भ्रमर (black betel, भँवरा) गीत गा रही थी, जहाँ काला रंग देखा तो कृष्ण की याद आ गई, सब गोपियों का एक ही प्रश्न कि कह के गए थे कि "परसों" (day after tomorrow) आयेंगे मगर बरसों हो गए नहीं आये

भ्रमर गीत available at:

https://tinyurl.com/22xyejgg

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=623

 

11.56 उद्धव की बुद्धि सबका इतना अपार प्रेम देखकर चकरा गई, "उद्धव सूधो हो गयो, सुन गोपिन के बोल", (सूधो = compelled to yield that love is greater than any wisdom) - ज्ञानी उद्धव प्रेमी उद्धव बन गए ब्रज में आ के

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=716


12.13 छह महीने उद्धव ब्रिज में रहे, जब कृष्ण से मिले, तो बोला आप ब्रिज में जाओ वहाँ वो खाते तुम्हारे लिए हैं, सोते तुम्हारे लिए हैं, वो जिंदा इसलिए हैं कि किसी दिन कन्हैया आ गया और माखन मांगा तो ? कृष्ण ने कहा उद्धव जो तू ने देखा ये मेरी बाह्य (external) लीला है अब तू मेरी आंतरिक (internal) लीला देख, जब आंख बंद की तो उद्धव ने देखा - यशोदा के पास तकिया नहीं स्वयं श्री कृषण लेटे हुए हैं, गोपियों के पास कृष्ण खड़े थे, श्रीकृष्ण ने कहा कि मैं दुनिया छोड़ सकता हूँ मैं अपने ब्रिज को नहीं छोड़ सकता, ब्रिज में नित्य लीला आज भी होती है

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=733

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उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग देवी चित्रलेखा जी.mp4

 


Saturday, July 3, 2021

"प्रेम की पीड़ा " आंखे नम कर देने वाला विरह भाव देवी चित्रलेखा जी

 




"प्रेम की पीड़ा", आंखे नम कर देने वाला विरह भाव देवी चित्रलेखा जी

https://www.youtube.com/watch?v=4AE9PLOR5E8

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प्रेम की पीड़ा आंखे नम कर देने वाला विरह भाव

जब उद्धव (श्री कृष्ण के मित्र) ब्रिज में आए और सबसे पूछा कि आप क्या काम करते हो सबका एक ही उत्तर था की बस श्री कृष्ण को याद करते हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8&t=0

 

ब्रिज में एक और प्रेम धारा बहती है उसका नाम है श्री राधा और धन्य है श्री राधा जिनके पांव श्रीकृष्ण सहलाते हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=45

 

जब श्री कृष्ण ब्रज को छोड़ मथुरा की तरफ जा रहे थे, सारी गोपियां श्री कृष्ण के रथ के सामने लेट जाती है और बोलीं हे कृष्ण हमारी सांस हमसे छीन ली जाएं तो हमारी क्या दशा होगी, कृष्ण से दूर मतलब प्राणों से दूर

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=95

 

गोपियों का प्रेमी दिल कह रहा था की ये अंतिम बार है जो श्री कृष्ण के दर्शन कर पा रही हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=164  

 

श्रीकृष्ण ने गोपियों से पूछा राधा किधर है ?

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=193

 

श्रीकृष्ण ने राधा को कहा कोई जाने न जाने पर तुम तो जानती हो मेरे अवतार का उद्देश्य, क्या दूर हो जाने से प्रेम कम हो जाता है ? क्या राधा श्रीकृष्ण से अलग हो सकती है ?

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=267

 

श्रीकृष्ण ने कहा राधा को कहा कि मैं ब्रिज छोड़कर जा रहा हूँ, सिर्फ और सिर्फ तेरे भरोसे, मैं जानता हूँ कि इस ब्रिज को केवल तुम संभाल सकती हो, और मुझे वायदा करो की अपनी आंख से अश्रु (tears) नहीं गिरने दोगी

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=305  

 

किसी ने पूछा कि श्री राधा कौन है कहा कि जिसका रोम रोम कृष्ण के प्रेम से बना हो, वो दिखती एक कन्या सी हैं मगर वो कृष्ण का साक्षात प्रेम रूप हैं, प्रेम ने एक आकार धारण कर लिया है और उसी आकार का नाम राधा है, ये प्रेम की परिभाषा है कि यहाँ राधा कृष्ण को याद करती है और वहाँ द्वारका में कृष्ण के आंसू निकलने लगते हैं, इस प्रेम को संकीर्ण (narrow minded) मत समझिएगा, ये पुरुष नारी का प्रेम नहीं है

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=416

 

भरोसा बहुत प्रिय शब्द है, बृजवासियों को भरोसा था, यानी पूर्ण विश्वास था, कि श्रीकृष्ण वापिस आयेंगे क्योंकि वो कह के गए हैं , भले वो आएं  या ना आएं   

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=534

 

श्री कृष्ण तो वापिस ब्रिज नहीं आए, उन्होंने अपने मित्र उद्धव को भेजा बृज वासियों को समझाने के लिए मगर यहाँ कोई समझने के लिए तैयार ही नहीं था

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=585

 

श्री कृष्ण ने सोचा मैं भी तो जानूं कि क्या होता है राधा का प्रेम, क्योंकि श्री कृष्ण के पास भी राधा जैसा हृदय नहीं है, श्री कृष्ण ने सोचा मुझे भी जानना है कि कैसी होती है प्रेम की पीड़ा, इसलिए श्री राधा का हृदय लेकर श्री कृष्ण प्रकट हुए बंगाल में, श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=624

 

श्री चैतन्य महाप्रभु के चारो तरफ लोगों को बिठाना पड़ता था की वहाँ पर कोई कृष्ण का नाम नहीं ले, क्योंकि कृष्ण का नाम सुनते ही, चैतन्य महाप्रभु का शरीर कांपने लगता था और धरा पर मूर्छित हो कर गिर जाते थे

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=725

 

और समस्त जगत में श्री चैतन्य महाप्रभु ने प्रेम का प्रचार प्रसार किया

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=763


Friday, July 2, 2021

मानव देह का महत्व एवं सदुपयोग || जीव का लक्ष ||Goal of Life || Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj - Full Transcript Text


 


मानव देह का महत्व एवं सदुपयोग || जीव का लक्ष ||Goal of Life || Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj  

https://youtu.be/Tgsk5DYOGns

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मानव देह का महत्व एवं सदुपयोग जीव का लक्ष Goal of Life

0.26 हमारा शरीर मनुष्य का है और यह 84 लाख योनि के शरीरों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है

1.15 विदेह (one who has transcended body awareness) निमि (the then king)  ने कहा 9 योगीश्वरों से  कि ये मानव देह दुर्लभ है लेकिन क्षणभंगुर भी है, यानी अमूल्य होने का इतना बड़ा गुण भी है और क्षणभंगुर का इतना बड़ा दोष भी है, 1 second का भरोसा नहीं

1.46 और बड़ा भाग्यवान है जिसको मनुष्य जीवन मिल जाए और भी बढ़ भागी (most fortunate) है अगर संत मिल जाए इसके आगे कोई भाग्य नहीं होता (there is nothing more fortunate than this combination of a human birth & getting a saint in lfe)

2.21 यह मनुष्य जीवन इतना दुर्लभ है कि देवता लोग भी प्रार्थना करते हैं भगवान से, कि एक बार हमें मानव देह दे दीजिए, हमने गलती की कि हमने आपकी भक्ति नहीं की, हमने कर्म धर्म का पालन किया, उसकी वजह से स्वर्ग मिला

2.46 यह हमारे अच्छे संचित कर्मों और भगवान की कृपा दोनों मिलाकर मिलता है मनुष्य जीवन, लोग सोचते हैं चलो फिर मिल जाएगा मानव देह, ऐसा नहीं है कि आप लापरवाही करते रहो और मनुष्य जीवन मिलता रहे

3.15 यदि हरि और गुरु में मन लगा है तो मानव देह पक्का मिलेगा और किसी महापुरुष के घर में जन्म होगा कि पैदा होते ही आपको हों भगवान का वातावरण मिले

3.40 मगर यदि पाप कर्म अधिक है तो मनुष्य जन्म तो मिलेगा मगर किसी शराबी, कबाबी, नास्तिक के घर में जन्म होगा और उसके संग द्वारा आप पाप करते जाएंगे और परिणाम फिर 84,00,000 योनियों में घूमेंगे

4.0 यह बड़ा लंबा चौड़ा बही खाते का हिसाब है, कोई महापुरुष भी किसी व्यक्ति के बारे में इसके बारे में नहीं बता सकता, यह तो केवल भगवान हिसाब रखते हैं और वही कर्म का फल देते हैं

4.20 हमें तो संक्षेप में यही समझना है कि जहां तक हो सके अपने मन को हरि गुरु में लगाते रहे इसलिए भी कि अगला क्षण मिले ना मिले