संसार के लोगों से प्रेम करने वाले लोग जरूर देखें, खुल जायेंगी आपकी आंखें | देवी चित्रलेखा जी
https://www.youtube.com/watch?v=EKe0CwB8GGA
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Transcript
0:00
संसार के संबंध में और
कृष्ण संबंध में यह
0:04
एक भेद यह हो सकता है या है
कि संसार का
0:11
संबंध पूर्ण नहीं है कभी भी
पूर्ण नहीं हो
0:17
सकता उसी के विपरीत में अगर
देखोगे तो
0:21
कृष्ण का और जीव का जो
संबंध है वह
0:27
पूर्ण पूर्ण किसलिए
0:30
जैसा कि हम जानते हैं कि
हमारे संसार में
0:34
कोई संबंधी होगा तो उसके
साथ एक संबंध
0:37
होगा और वह संबंध
0:40
भी डगमगाता रहता
0:43
है जैसे कहते हैं ना कि
संसार के जो
0:46
संबंधी होते
0:49
हैं उनकी
0:51
तुलना मेंडको से की गई
0:54
है मेंडक
क्यों मेंडक को का एक समूह हो आप उस
0:58
सबको तराजू में एक साथ
बिठाना चाहो तो नहीं
1:01
बिठा सकते
1:03
कोशिश करोगे 10 15 को बिठाने की एक कूद
1:07
जाएगा फिर उसको जैसे तैसे
लाकर रखोगे तो
1:09
दूसरा कूद जाएगा तो यही
संसार के संबंधों
1:13
में होता है, एक को मनाने
जाओ दूसरा रूठ
1:16
जाएगा दूसरे को मनाने जाओ
पहला रूठ जाएगा
1:20
यही उठक बैठक जो है वह
संसार के संबंधों
1:24
में थोड़ी थोड़ी चलती
1:27
रहती कबड्डी चलती रहती है
संसार के
1:30
संबंधों में अब तू जीता अब
मैं हारा अब
1:33
मैं जीता अब तू हारा
1:34
[संगीत]
1:37
संसार के संबंध कभी पूर्ण
नहीं हो
1:41
सकते कभी भी नहीं और पूर्ण
संबंध उसको
1:46
कहते हैं एक व्यक्ति में आप
चारों तरफ से
1:50
घूम के देखो तो कौन एक
व्यक्ति में आपको सारी
1:53
क्वालिटीज (गुण) मिल जाए
सारी पूर्णता मिल जाए
1:56
आपको जब मित्र की आवश्यकता
हो तो उसी में
1:59
मित्र मिल जाए आपको जब बंधु
की आवश्यकता
2:02
बंधु मिल जाए आपको जो
आवश्यकता एक व्यक्ति
2:06
से मिल जाए पर ऐसा संसार
में कभी नहीं
2:10
होता पुत्र पुत्र रहेगा पति
नहीं बन सकता
2:15
पिता नहीं बन
2:17
सकता तो इसका मतलब क्या हुआ
इसका मतलब
2:20
संसार के संबंध पूर्ण नहीं
है पहला
2:24
अंतर
2:26
दूसरा अंतर मेरी समझ में यह
है कि
2:31
संसार के संबंध कभी भी
नित्य नहीं
2:35
रहते नित्य माने हमेशा नहीं
2:39
रहते एक ना एक दिन उनकी expiry एक्सपायरी डेट आती
2:44
है और वह आपसे या आप उनसे
विदा लेकर के इस
2:49
धरती से चले जाते
2:51
हो और जैसे ही आप शरीर से
विदा लेकर दूसरी
2:56
जगह जन्म लेते हो तो आपको
नए संबंध relations मिल
2:59
जाते हैं एकदम brand new ब्रंड न्यू नई मां नया बाप
3:03
नया मित्र नया पुत्र सब नए
नए मिल जाते
3:08
नया भाई नई
3:12
बहन तो संसार के संबंध कभी
नित्य नहीं
3:16
रहते चेंज change होते रहते बदलते रहते लेकिन
3:19
कृष्ण और जीव का संबंध कभी
बदलता
3:23
है हां या
3:28
ना
3:31
क्या आपका और कृष्ण का
संबंध कभी इस जन्म
3:36
के खत्म होने के बाद भी कभी
खत्म हो सकता
3:40
है नहीं
3:45
पक्का बिल्कुल कभी नहीं बदल
3:49
सकता आप लाख कोशिश भी करो
मैंने आपको एक
3:52
दिन पहले बताया था जो आदमी
यह भी कह दे कि
3:56
मैं भगवान भगवान को नहीं
मानता (atheist ,nondevotee) वो भी इस
3:59
संबंध को नकार नहीं सकता
क्योंकि सांस के
4:03
रूप में कृष्ण उसके भीतर चल
रहा
4:05
है प्राणों के रूप में
कृष्ण उसके भीतर है
4:09
तुम लाख कोशिश करो अपने आप
को कृष्ण से
4:12
अलग करने की पर तुम कर नहीं
4:16
पाओगे अलग हो ही नहीं सकता
क्योंकि वह
4:19
नित्य है व नित्य संबंध
4:24
है दिव्य देव एक को नारायण माता पिता ता शद
4:31
गति नित्य संबंध
4:34
है इससे भागने की बजाय बस
इस संबंध को पूरा
4:40
करने की चेष्टा
4:43
करिए पूरा, जिस दिन हम करने
लगे जिस दिन
4:47
हमने भगवान को अपना हितैशी
मान लिया एक बार
4:50
एक
4:51
राजा रात को कहीं अपनी
राज्य में घूमने
4:56
निकला तो वहां एक साधु मिट्टी
में पड़ा
4:59
पड़ा मस्ती में आनंद में
खेल रहा है और
5:03
हरि गुण गा रहा है तो राजा
को लगा कि कहां
5:07
बेचारा माटी में पड़ा पड़ा
यह ऐसे ही गंदा
5:10
हो रहा है तो राजा ने उसको
एक प्रस्ताव
5:14
दिया राजा ने कहा एक काम
करो महात्मा जी
5:17
आप मेरे साथ मेरे महल में
चलो आपको अच्छा
5:20
खासा मैं व्यवस्था दे दूंगा
सब बढ़िया
5:22
आपकी रहने खाने सबकी
व्यवस्था हो जाएगी
5:26
चलो महात्मा जी ने मुस्कुरा
के कहा कि
5:30
तेरे साथ क्यों
5:32
चलू राजा ने कहा तुम जिस
भगवान का नाम ले
5:35
रहे हो उसने तुमको ऐसा क्या
दे दिया जो
5:38
मैं नहीं दे सकता यहां पड़े
हो माटी में
5:40
वहां आपको बढ़िया मखमल का
गद्दा मिलेगा
5:43
सोने के लिए बढ़िया रजाई
ओड़ने को मिलेगी
5:46
ठंडा ठंडा वहां हवा वायु चल
रही होगी क्या
5:49
दे रहा तुम्हारा भगवान जो
मैं नहीं दे
5:52
सकता तो महात्मा जी ने कहा
अच्छा ठीक है
5:55
मैं चलूंगा तुम्हारे साथ पर
मेरी चार शर्त
5:59
अगर तू उसको पूरा कर दे तो
मैं तेरे संग
6:02
चल पड़ूंगा
6:04
बोल राजा बोला पहले शर्त
6:08
बताओ साधु बोला मेरी पहली
शर्त
6:11
[संगीत]
6:13
है मैं खूब
6:16
सोऊंगा खूब अच्छे से मजे से
सोऊंगा लेकिन
6:21
तुमको नहीं सोने दूंगा यानी
तुमको मेरी
6:23
जाग कर के रखवाली करनी पड़ी
मुझे संभाल
6:26
मेरी देखभाल तुम करोगे पहली
शर्त
6:31
दूसरी शर्त यह है कि तुम
खुद खाओ ना खाओ
6:34
पर मुझे खाने को
6:38
मिलेगा मेरी तीसरी शर्त यह
है कि तुम खुद
6:43
वस्त्र पहनो ना
6:44
पहनो मैं वस्त्र
6:47
पहनू मुझे वस्त्र पहनने
दोगे और चौथी सबसे
6:51
महत्त्वपूर्ण शर्त यह है कि
तुमको एक क्षण
6:55
भी
6:56
मुझसे तुम अलग नहीं जा सकते
7:00
24 घंटे तुम्हें मेरे संग रहना पड़ेगा एक
7:03
क्षण भी मुझसे अलग नहीं
7:05
जाओ तो राजा बोला पागल हो
आप ऐसी बेकार की
7:10
शर्त कौन मानता है तो
महात्मा जी ने हंस
7:13
के कहा मेरा परमात्मा मानता
7:16
है तू नहीं मान रहा पर मेरा
परमात्मा वह
7:20
खुद खाए ना खाए पर मेरा पेट
भरता
7:23
है वो खुद पहने ना पहने पर
मुझे वस्त्र
7:27
पहनाता है मैं
7:30
पूरी रात सोता हूं लेकिन वह
स्वास के रूप
7:34
में मेरे भीतर चलता चलता
मेरी रखवाली करता
7:37
है और चौथी बात हर क्षण भी
प्रभु निरंतर
7:41
मेरे संग है मेरे हर एक
इंद्रिय रूप में
7:45
प्राणों के रूप में आत्मा
के रूप में एक
7:48
क्षण भी मुझसे अलग नहीं
होता तो बता तेरे
7:51
साथ चलूं कि अपने परमात्मा
के साथ रह तू
7:54
इन चारों में से एक शर्त भी
पूरी कर दे तो
7:57
तेरे संग चल परू राजा ने
कहा आप यही ठीक
8:00
हो आप यही रहो अपने
परमात्मा के
8:04
साथ य चारों जो शर्त है ना
यह सिर्फ राजा
8:07
जी ने इस दुनिया का कोई
आदमी पूरा नहीं कर
8:10
सकता लेकिन प्रभु हर्ष से पूरा
करते कृष्ण
8:14
हर समय य चारों शर्त पूरी
करता
8:18
है आपको एहसास भी नहीं होगा
लेकिन कृष्ण
8:21
हमेशा आपके साथ चले आपके
संग खड़ा हो हर
8:25
क्षण
8:28
में
8:30
है सबके
8:31
साथ सबके साथ हमेशा श्री
ठाकुर जी संग
8:36
रहते हैं पर एहसास करने के
लिए अपने भीतर
8:40
प्रेम की ज्योति जगानी होगी
तब एहसास होगा
8:43
कि हां ये संग
8:46
में केवल प्रेम, “हरि
व्यापक सर्वत्र
8:51
समाना” और गोसाई जी ने कहा “प्रेम
ते प्रकट
8:54
होइ,
तो मैं जाना, है तो सबके पास
पर दिखेगा
8:58
उसीको
8:59
जिसने प्रेम
9:01
किया सब कान खोल कर के
सुनलो सच कहो
9:07
मैं मैं सत्य कह रहा हूं यह
बात झूठी नहीं
9:11
है एकदम 100 प्रतिशत सत्य है साच कहो सुन
9:15
लेयो सब जिन प्रेम कियो तिन
ही प्रभ पायो
9:21
प्रभु को उसी ने प्राप्त
किया आज तक जिसने
9:25
उनसे प्रेम
9:28
किया
9:29
मीरा ने पाया प्रेम से सूर
ने पाया प्रेम
9:34
से कबीर ने गाई प्रेम की
9:38
महिमा कहा भयो जोद लोचन मद
के दो आंख बंद
9:44
करके तू बैठ भी गया तो क्या
लाभ उससे बैठ
9:48
रहे हो बक ध्यान लगायो बक
माने
9:52
बगुला जैसे बगुला आंख बंद
करके बैठा रहता
9:55
है लोगों को लगता है वाह
इससे बड़ा तो कोई
9:58
ध्यान ही नहीं
9:59
लेकिन ध्यान में नहीं बैठा
है मछली के ताक
10:02
में बैठा कब मछली आए आंख
बंद करके बैठा और
10:07
जैसे मछली आ तो झपट्टा मारा
और मछली को
10:10
अपने मुख में ले बैठे रहे
बक ध्यान लगा
10:13
अगर प्रेम यानी भक्ति
तुम्हारे जीवन में
10:16
नहीं तो आंख मद के भी बैठे
रहोगे तो बगुला
10:19
ध्यान इसको बगुला ध्यान
कहते
10:23
हैं बैठे दिख रहे हो आंख
बंद है वाह वाह
10:26
वाह क्या योगी बैठे और भीतर
सारी दुनिया
10:28
की गाथा मन में चल रही
10:31
है का भयो दो जो लोचन मद
10:36
के दो ,आंख मूदने से भगवान
नहीं मिलता आंख
10:39
खोलने से भगवान मिलता है जब
आंखें खुल
10:42
जाती है ना संसार
10:44
में कि यह सब यहां वैसे ही
दिखावे का सब
10:48
नाटक चल रहा है जब आंखें
खुल जाती है तब
10:52
असल में भक्ति का महत्व समझ
में आता है
10:56
आंखें मूंदे तो दुनिया ही
बैठी है दिख रहा
10:59
सबको पर खुद अंधे बने बैठे
हैं आंखों पर
11:02
पट्टी लगाए बैठे धृतराष्ट्र
को नहीं दिखता
11:05
था ठीक बात है लेकिन गंधारी
तो आंख पर
11:08
पट्टी लगाए बैठी
11:13
थी ठीक वैसे ही संसार का यह
यह लेखा झोखा
11:18
सब चल रहा है सब अंधे एक
दूसरे को
11:21
सहानुभूति दे रहे हैं कि तू
ठीक है तू सही
11:24
रास्ते पर चल रहा है एक
दूसरे के सहायक
11:27
बने फिरे हैं जब कि वो खुद
भी अंधा उसे भी
11:29
नहीं पता और अंधा रास्ता
दिखा रहा है ये
11:32
दुनिया में एक खेल चल रहा
है सारे अंधे एक
11:34
दूसरे को रास्ता दिखा रहे
हैँ अब अंधे ही अंधे
11:37
को रास्ता दिखाएंगे तो सोचो
गड्ढे में तो
11:44
गिरेंगे कोई आंखों वाला
चाहिए आंखों वाला
11:49
मतलब जिसने इस रास्ते को
देख रखा हो जंगल
11:52
में अनजाने से जाओगे तो भटक
जाओगे पर
11:56
जिसने जंगल का एक एक पगडंडी
का पता हो कि
11:59
यहां से right राइट यहां से left लेफ्ट यहां से तो
12:02
फिर आप आराम से जंगल की
यात्रा करके पार
12:05
निकल जाओगे यह संसार की
यात्रा भी आसान
12:08
नहीं होती इसमें बड़े-बड़े
लेफ्ट राइट
12:11
घूमने पड़ते हैं और इसी
लेफ्ट राइट में हम
12:14
सब गुमराह हो जाते भटक
12:17
जाते मंजिल नहीं मिलती जहां
से शुरू करते
12:20
ना जन्म से अंत समय में भी
वही खड़े हुए
12:23
पाए जाते हैं कुछ हाथ नहीं
12:27
लगता
12:32
जैसे अकबर पूछता है बीरबल
से
12:36
कि अकबर तो टेढ़े मेढे
प्रश्न करता था तो
12:39
अकबर पूछता है कि यह हथेली
में बाल क्यों
12:42
नहीं
12:45
होते अकबर ने पूछा हथेली
में बाल नहीं
12:48
होते बीरबल को कहा कि तेरी
हथेली में
12:52
बाल क्यों नहीं है तो बीरबल
तो चतुर बीरबल
12:56
ने कहा कि जहाँपना वो आप
मुझे कुछ ना कुछ
12:59
देते रहते हो ना तो लेते
लेते मेरे हाथ के
13:02
बाल घिस
13:03
गए तो अकबर ने पूछा मेरे
हाथ में बाल
13:06
क्यों नहीं अगर तेरे लेते
लेते घिस गए
13:08
बीरबल ने कहा आपके देते
देते घिस
13:11
गए अकबर ने कहा जो ना लेता
ना देता उसके
13:15
हाथ में बाल क्यों नहीं
रहते तो बीरबल
13:17
कहता वह बेचारे जीवन भर हाथ
मलते ही रह
13:20
जाते हैं इसलिए उनके हाथ
में बाल नहीं
13:23
होते तो ये हाथ मलने वाला
ही हमारा सिस्टम
13:26
है कि अंत समय में हाथ मलते
रह
13:29
जाते, बढ़िया खासा अच्छा 80 90 साल का
13:33
जीवन मिला था और लास्ट आखिर
में जाकर के हाथ मल
13:37
रहें हैँ पूरा जीवन निकाल दिया ईर्षा में पूरा
13:40
जीवन निकाल दिया द्वेष में
पूरा जीवन
13:43
निकाल दिया दूसरों की
गलतियां खोजने में
13:46
पर कभी अपनी ओर झांक करके
नहीं देखा कि मैं
13:51
[संगीत]
13:53
कैसा अपने
13:55
भीतर देख ना पाए
14:00
बाल अवस्था खेल
14:05
गवाई
14:08
आगे आपको तो वैसे याद नहीं
14:14
रहता बाल अवस्था खेल गवाईं
बीत गए दिन भजन
14:20
बिनारे बाल अवस्था खेल गवाई
जब जोवन तब
14:25
मान घना
14:27
रे
14:33
[संगीत]
14:37
मारवा हाथ मलते रह गए अंतिम
समय आ गया
14:42
यमराज जी सामने खड़े हैं और
घबरा गए एक
14:45
दिन एक आदमी क्या बोला एक
सेठ जी थे तो
14:50
बोले कि मैं जीवन
14:52
के 50 साल तक कमाऊ खूब कमाऊ इतना कमाऊ कि example that I will
do bhajans in old age
14:57
50 के बाद मुझे फिर कमाने की आवश्यकता
15:00
नहीं पड़ी तो 50 साल उन्होंने पूरे कर लिए
15:03
कमा लिया सब रुपया पैसा खूब बंगला गाड़ी सब
15:07
बना ली हिसाब जोड़ा रात को
हिसाब जोड़ा
15:11
कितना पैसा है मेरे पास तो
हिसाब जोड़ के
15:14
लगा कि आगे आने वाली कम से
कम न से 10
15:17
पीढ़ी आराम से बैठ के खा
लेंगी इतना जोड़ा
15:20
है खुश हो गया अब 50 साल पूरे अब कल से हम
15:24
सुबह उठते से ही अपना भजन
चालू कर देंगे
15:26
50 साल हो गए दुनियादारी को हमने सोच रखा
15:29
था संकल्प था 50 होती फिर हम भगवान भजन
15:32
में लग जाएंगे हिसाब लगा के
डायरी रख के
15:35
सोई थे कि रात को आ
15:38
गया कालाकोट
15:40
वाला कालाकोट वाला कौन
15:44
है
15:46
यमराज उसने पूछा भाई साहब
आप कौन बोले भाई
15:49
साहब आपको लेने
15:51
आए बोले लेने अरे अभी तो
मेरे सत्कर्म के
15:55
दिन शुरू मैं तो सोचे बैठा
था 50 साल से
15:57
जैसे एक दिन होगा तुरंत
यमराज जी बोले
16:00
नहीं जी आप समय तो नहीं
मिलेगा और उसने
16:03
कहा कि एक काम करो यमराज जी
16:07
50% मैंने जितनी कमाई करी 50 परसेंटेज आपका
16:13
50 मेरा 50 50 कर लेते यमराज जी बोले नहीं
16:18
हो सकता अच्छा चलो 60 आपका 40 मेरा नहीं
16:22
अच्छा 90 आपका 10 मेरा अच्छा चलो 100 आपका
16:27
सारा
16:29
आपका जीवन का एक साल और दे
दो यमराज बोले
16:33
अरे बांवरे तू अपना नहीं
सारी दुनिया का भी
16:37
भीख मांग के ले आए ना हाथ
जोड़ कर के और
16:39
मुझसे कहे कि एक सेकंड
एक्स्ट्रा दे दो तो
16:43
वो भी नहीं
16:47
मिले कब करोगे भजन बुढ़ापे
में करेंगे बाल
16:50
बच्चों का ब्याह हो जाए तब
करेंगे नाती
16:53
पोते हो जाए तब करेंगे फिर
यह settle सेटल हो जाए
16:55
तब करेंगे करते करते समय
16:59
व्यतीत हो जाता है