Sunday, October 10, 2021

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है, Why did Shri Krishna say that following someone else's path is dangerous ? -Dr. Vrindavan Chandra Das

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है।

 

https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E

1  It is far better to discharge one’s prescribed duties, even though faultily, than another’s duties perfectly. Destruction in the course of performing one’s own duty is better than engaging in another’s duties, for to follow another’s path is dangerous.

अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करना, भले ही त्रुटिपूर्ण हो, दूसरे के कर्तव्यों का पूर्णता से पालन करने से कहीं बेहतर है। अपना कर्तव्य निभाते हुए नष्ट होना दूसरे के कर्तव्य निभाने से बेहतर है, क्योंकि दूसरे के रास्ते पर चलना खतरनाक है। https://vedabase.io/en/library/bg/3/35/ https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=0 2 An example quoted why you should do work only as per your aptitude ,i.e  your inborn tendency एक उदाहरण कि आपको केवल अपनी प्राकृतक प्रवर्त्ति के अनुसार ही कार्य क्यों करना चाहिए, यह आपकी जन्मजात प्रवृत्ति है https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=60 3 कलयुग के लिए भगवान का संकीर्तन एक यज्ञ बताया गया है,  यज्ञ का मतलब होता है वह कार्य जो श्री कृष्ण भगवान / विष्णु की प्रसन्नता के लिए किया जाता है, खाली अग्नि जलाना, हवन करना, यह यज्ञ नहीं है In kaliyuga, sankirtan of Lord is said to be a yagya. What does Yagya mean - The work which is done for the glory of Shri Krishna Lord/Vishnu, whereas simply burning of empty fire & performing havan is not yagya. https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=114 4 Work done as a sacrifice for Viṣṇu has to be performed; otherwise work causes bondage in this material world. Therefore, O son of Kuntī, perform your prescribed duties for His satisfaction, and in that way you will always remain free from bondage.

विष्णु के लिए निष्काम भाव से किया गया कार्य करना होगा; अन्यथा काम इस भौतिक संसार में बंधन का कारण बनता है। इसलिए, हे कुंती के पुत्र, भगवान की संतुष्टि के लिए अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करें, और इस तरह आप हमेशा बंधन से मुक्त रहेंगे। https://vedabase.io/en/library/bg/3/9/ https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=142 5 देखिए स्कूल क्यों जाते हैं आप टेस्ट बुक्स तो मार्केट में भी उपलब्ध हैं, किताबों से रटा जा सकता है, स्कूल जाते हो तो टीचर क्या करता है, वो किताब के ज्ञान को समझाता है इसलिए टीचर होना गुरु होना शिक्षक होना हर subject के लिए अनिवार्य है

Look, why do you go to school, text books are also available in the market, you can memorize them, if you go to school, but the teacher explains the knowledge of the book, that is why a teacher, a guru, is mandatory for the subject

https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=204


Transcript as per the video:


0:00

मेरा एक छोटा सा प्रश्न है
0:02
आपसे गीता के थर्ड चैप्टर में 35 नंबर का
0:07
श्लोक है अच्छी प्रकार आचरण में लाए हुए
0:11
दूसरे के धर्म से गुण रहित भी अपना धर्म
0:16
अति उत्तम है अपने धर्म में तो मरना भी
0:20
कल्याण कारक है और दूसरे का धर्म भय को
0:24
देने वाला है हां बिल्कुल यह कैसे है
0:28
बैठिए प्लीज इसको मैं पढ़ देता हूं
0:32
आपको मेरे को जब भी चांस मिलता है तो अपने
0:35
गुरु की वाणी को मैं यथारूप रखता हूं अपने
0:39
नियत कर्मों को दोषपूर्ण ढंग से संपन्न
0:41
करना भी अन्य के कर्मों को भली भाति करने
0:44
से श्रेष कर है स्वः कर्मों को करते हुए
0:49
मरना पराय कर्मों में प्रवृत होने की
0:51
अपेक्षा श्रेष्ठ कर है क्योंकि अन्य किसी
0:55
के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है


1:00
व्यक्ति की प्रवृत्ति है वैश्य की अर्थात
1:04
धंधा करने की अगर वह धंधा करता है तो
1:10
प्रॉफिट चार्ज करता है और प्रॉफिट चार्ज
1:13
करते हुए वह कस्टमर नहीं देखता कि वह पैसा
1:17
कम है या ज्यादा
1:19
है उस केस के अंदर जिनके पास पैसा कम है
1:23
उनसे भी वो वही प्रॉफिट चार्ज करता है तो
1:25
यह दोष हो गया परंतु इस दोष का उसको फल
1:30
प्राप्त नहीं होता परंतु धंधे की
1:34
प्रवृत्ति है और वह पुलिस में चला जाता है
1:38
वहां जाकर क्या करेगा धंधा करेगा क्योंकि
1:42
प्रवृत्ति क्या है धंधे की और उस धंधे को
1:45
कहते हैं घूस
1:47
ब्राइब that is wrong
1:51
ये एक छोटा सा उदाहरण दिया है मैंने

1:54

ब्राह्मण यज्ञ कराता है अग्नि यज्ञ ध्यान
1:58
रखिएगा यह जो यज्ञ को आप लोग सिर्फ यह
2:01
समझते हैं कि जो होम है वह एक प्रकार का
2:04
यज्ञ है यज्ञ अनेक प्रकार के हैं और कलयुग
2:07
के लिए कीर्तन संकीर्तन यज्ञ बताया गया है
2:10
यज्ञ का मतलब होता है वह कार्य जो भगवान
2:13
विष्णु की प्रसन्नता के लिए किया जाता है
2:15
उसको यज्ञ कहते हैं वेदों के अंदर साफ आया
2:18
है यज्ञ वही विष्णु कि यज्ञ ही विष्णु है


2:22

और गीता के 3 (third) वें अध्याय को जैसे प्रभु जी
2:24
ने कोट किया है उसके नौवे श्लोक के अंदर
2:25
आया है यज्ञ अर्थात कर्मण्य अन्यत्र लोको
2:30
अयम कर्म बंधना यज्ञ के लिए कर्म करो
2:33
अर्थात विष्णु के लिए कर्म करो अगर ऐसा
2:35
नहीं करोगे तो भौतिक जगत के जन्म मृत्यु
2:38
के चक्कर में फंस जाओगे अब ब्राह्मण जो है
2:40
जब ये होम यज्ञ कराता है तो उसमें प्रभु
2:43
जी कई जीव जाणु मरते हैं कई जीव जाणु मरते
2:48
हैं वो उसका दोष है परंतु उसके दोष का फल
2:51
उसको प्राप्त नहीं होता ये इस श्लोक का
2:55
मैंने आपको सरल में शॉर्ट में दैट इज वई work according to your aptitude
2:58
वर्क अकॉर्डिंग टू र एप्टिट्यूड
3:02
आपके और दूसरा अब एक नियत कर्म और है क्या
3:05
है जब आप नहाते हैं तो उसमें भी तो कई
3:08
मरते हैं हैं जी मरते नहीं मरते जो साबुन
3:13
निकलेगा उसमें भी कई मर जाएंगे परंतु नियत
3:16
कर्म तो करना है उसमें आपको उसका बुरा फल
3:20
प्राप्त नहीं होगा यह एक्चुअली श्लोक का

3:24
अर्थ है शॉर्ट में डिटेल जाना है तो आप यू
3:28
कैन गो ऑन टू लोका आई स्पोकन ऑन दि लोका
3:30
फॉर मेन वनव एंड हाफ आवर्स गेट मोर डिटेल
3:34
नॉलेज बट आई विल रिक्वेस्ट फर्स्ट गो थ्रू
3:37
दिस 13 hours उसमें आपका क्या है ए बी सीडी
3:39
और स्पिरिचुअल नॉलेज कंप्लीट हो जाएगी फिर
3:42!
आपको भगवत गीता समझने में देखिए स्कूल
3:44
क्यों जाते हैं आप टेस्ट बुक्स तो मार्केट
3:48
में भी अवेलेबल है किताबों से रटा जाता है
3:52
टीचर समझाता है स्कूल जाते हो तो टीचर
3:55
क्या करता है किताब तो बाहर भी है वो
3:57
किताब के ज्ञान को समझाता है इसलिए टीचर
4:00
होना गुरु होना शिक्षक होना हर सब्जेक्ट
4:03
के लिए अनिवार्य है बाय रीडिंग बुक्स यू
4:07
कांट बिकम अ डॉक्टर कैन यू
4:10
नो वह आपको एक्सप्लेन करते हैं इंट्री
4:13
केसस बताते
4:15
हैं
4:17
इसलिए तो यह 13 घंटे सुनिए एक बार फिर
4:20
आपको भगवत गीता समझना आसान हो जाएगा आपके
4:22
लिए इट विल बिकम ऐसे समझ जाओगे
4:28
आप


Standby link (in case youtube link does not work)

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है। Dr. Vrindavan Chandra Das.mp4

Saturday, October 9, 2021

श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊं - O Shyam Sundar, I sing Your aarti - Acharya Mridul Krishan Shastri

श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊँ

O Shyam Sundar, I sing Your aarti

 

श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊं

प्यारे तुझको रिझाऊं तुझको मनाऊं,

बाल कृष्ण तेरी आरती गाऊं,

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं

https://youtu.be/7IwRBT1Aou0?t=63

 

मोर मुकुट प्यारी शीश पर सोहे

प्यारी बंसी मेरो मन मोहे,

देख छवि बलिहारी जाऊं,

https://youtu.be/7IwRBT1Aou0?t=170

 

चरणों से निकली गंगा प्यारी,

जिसने सारी दुनिया तारी,

मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

https://youtu.be/7IwRBT1Aou0?t=230

 

दास अनाथ के नाथ

आप हो दुख सुख में प्यारे साथ आप हो,

श्री हरि चरणों में शीश झुकाऊं,

https://youtu.be/7IwRBT1Aou0?t=290

 

श्री हरिदास के प्यारे,

तुम हो मेरे मोहन जीवन धन हो,

देख युगल छवि बलि बलि जाऊं

https://youtu.be/7IwRBT1Aou0?t=348



Other bhajans :

https://www.youtube.com/watch?v=sKEOtogfGlc Mridul Shastri ji

https://www.youtube.com/watch?v=cUcP1bc3yo4&t=0  Chitralekha ji

https://youtu.be/6LO2PRgbutc?t=25










Friday, October 8, 2021

One can never find happiness in this world BUT only in the spiritual world & that too easily (explained in English and Hindi both) #Blog0103

English:

One can never find happiness in this world BUT only in the spiritual world & that too easily


Perfect life and Perfect happiness & Eternal happiness, can never be found in this material world BUT lies only in spiritual world and it is quite easy to obtain almost as easy as just entering the temple of one's own heart with 100% faith (sincerity).


God is interested only in our sincere heart and not in our body (तन) & wealth (धन), so our body and wealth can be used for the worldly purposes & duties but the mind should be diverted/surrendered completely to God.

Whereas happiness is always illusionary in this world like a mirage, as this world is titled दुखाल्यम अशाश्वत (mountain of sorrows and that too temporary) by the Creator God Himself, even if we work hard 24 hours a day.

Are Biden or Trump or Putin or Modi or Bill Gates or Elon Musk or Mukesh Ambani happy ?

God has given us brain (ज्ञान शक्ति) as well as free will (इच्छा शक्ति) to either "use" (उपयोग) our human birth or "misuse" (दुरुपयोग) it.

It all depends on our choice  whether we simply want to work hard 24 hours x 7 like asses (गधों की तरह) for illusionary happiness or we want to achieve perfect happiness by easy way, which is  simply to please God and that can happen only if we know & follow what God wants from us & herein comes the utility of spiritual knowledge & loving devotion (भक्ति)

After death & rebirth among any of 84 lakh yonies, starting from a mother's hell like womb for 9 months or so,  everyone has to again start from scratch (zero) But if you become Krsna conscious, even if you cannot finish the job in this life, even if you fall, still, you will be given another chance of human body, to begin where you ended, to begin from the point where you fell down

So, all the work (office,home) has to be done undoubtedly but while remembering Him & dedicating our thoughts, words and deeds to Him. This is the easiest way.

Further:

vide:
https://www.scienceofidentityfoundation.net/bhagavad-gita/happiness


Sr 1.

In the Bhagavad-gita, there is one verse in the 5th chapter, the 21st verse. It says:

Such a liberated person is not attracted to material sense pleasure but is always in trance enjoying the pleasure within. In this way the self-realised person enjoys unlimited happiness for he concentrates on the Supreme.
Bhagavad-gita 5.21

So in this verse we are being told that we need to direct the search for happiness actually inward rather than out to this world, the world in which we find ourselves. It has to become an internal quest where we are actually in touch with our true identity.

https://vedabase.io/en/library/bg/5/21/ 

Sr 2

An intelligent person does not take part in the sources of misery, which are due to contact with the material senses. O son of Kuntī, such pleasures have a beginning and an end, and so the wise man does not delight in them.
Bhagavad-gita 5.22

I mean it’s like, wow. This is quite a novel concept for most people because of the society in which we live and the way in which people view this world, we do not actually hear these types of ideas but there is a couple that really, really jump out. One is the nature of so-called material happiness, the little joys that we can get in life. They have a beginning and therefore they must have an end; you cannot have a beginning without an end. That is the nature of things, part of this duality. So if something has a beginning and we know that it surely will end, of course putting a lot of effort into that experience is obviously not going to be very smart.

https://vedabase.io/en/library/bg/5/22/

Sr. 3

That happiness which is derived from contact of the senses with the objects of the senses and which appears like nectar at first but poison in the end is said to be of the nature of passion.
Bhagavad-gita 18.38


Sr 4

That happiness which is blind to self-realization, which is delusion from beginning to end and which arises from sleep, laziness and illusion is said to be of the nature of ignorance.
Bhagavad-gita 18.39


Sr 5
That which in the beginning may be just like poison but at the end is like nectar and which awakens one to self-realization is said to be happiness in the mode of goodness.
Bhagavad-gita 18.37


Sr 6

Krishna, He advises Arjuna, He says;

Oh son of Kunti, the nonpermanent (nonpermanent) appearance of happiness and distress, and their disappearance in due course, are like the appearance and disappearance of winter and summer seasons. They arise from sense perception, O scion of Bharata, and one must learn to tolerate them without being disturbed.

O best amongst men [Arjuna], the person who is not disturbed by happiness and distress and is steady in both is certainly eligible for liberation.
Bhagavad-gita 2.14-15

https://vedabase.io/en/library/bg/2/14/

Sr. 7

 Another verse from the 6th Chapter, 27th Verse, it says;

A yogi whose mind is fixed on Me (Krishna) verily attains the highest perfection of transcendental happiness. He is beyond the mode of passion, he realizes his qualitative identity with the Supreme, and thus he is free from all the reactions to past deeds.
Bhagavad-gita 6.27

https://vedabase.io/en/library/bg/6/27/ 

Sr 8. ALSO CHECK THESE LINKs:

OR

Secrets of Lasting Happiness:
https://yssofindia.org/spiritual/secrets-of-lasting-happiness

The ever new joy of God inherent in the soul is indestructible. So also, its expression in the mind can never be destroyed if one knows how to hold on to it, and if he does not deliberately change his mind and become sorrowful by nurturing moods.

You are an image of God; you should behave like a god. But what happens? First thing in the morning you lose your temper and complain, “My coffee is cold!” What does it matter? Why be disturbed by such things? Have that evenness of mind wherein you are absolutely calm, free from all anger. That is what you want. Don’t let anyone or anything “get your goat.” Your “goat” is your peace. Let nothing take it away from you.

If you think that you can live happily in forgetfulness of God, you are mistaken, because you will cry out in loneliness again and again until you realise that God is all in all the only reality in the universe. You are made in His image. You can never find lasting happiness in any thing because nothing is complete except God.

The unalloyed happiness I find in communion with the Lord no words can describe. Night and day I am in a state of joy. That joy is God. To know Him is to perform the funeral rites for all your sorrows.

I form new habits of thinking by seeing the good everywhere, and by beholding all things as the perfect idea of God made manifest.


हिन्दी :

किसी को इस दुनिया में कभी भी खुशी नहीं मिल सकती, केवल आध्यात्मिक दुनिया में और वह भी आसानी से

सर्वोत्तम जीवन और पूर्ण खुशी और शाश्वत खुशी, इस भौतिक दुनिया में कभी नहीं मिल सकती है, लेकिन केवल आध्यात्मिक दुनिया में है और इसे प्राप्त करना लगभग उतना ही आसान है जितना कि 100% विश्वास (ईमानदारी) के साथ अपने दिल के मंदिर में प्रवेश करना।


भगवान केवल हमारे सच्चे दिल में रुचि रखते हैं, न कि हमारे शरीर (तन) और धन (धन) में, इसलिए हमारे शरीर और धन का उपयोग सांसारिक उद्देश्यों और कर्तव्यों के लिए किया जा सकता है लेकिन मन को पूरी तरह से भगवान को समर्पित किया जाना चाहिए।

जबकि इस दुनिया में खुशी हमेशा एक मृगतृष्णा की तरह मायावी होती है, क्योंकि इस दुनिया को स्वयं निर्माता भगवान ने दु:खों का पहाड़ और वह भी अस्थायी कहा है, भले ही हम दिन में 24 घंटे कड़ी मेहनत करते हों।

क्या बिडेन या ट्रम्प या पुतिन या मोदी या बिल गेट्स या एलोन मस्क या मुकेश अंबानी खुश हैं?

भगवान ने हमें मस्तिष्क (ज्ञान शक्ति) के साथ-साथ स्वतंत्र इच्छा (इच्छा शक्ति) भी दी है कि या तो हम अपने मानव जन्म का "उपयोग" करें या इसका "दुरूपयोग" करें।

यह सब हमारी पसंद पर निर्भर करता है कि क्या हम केवल मायावी खुशी के लिए गधों की तरह 24 घंटे x 7 कड़ी मेहनत करना चाहते हैं या हम आसान तरीके से पूर्ण खुशी प्राप्त करना चाहते हैं, जो कि केवल भगवान को खुश करने के लिए है और ऐसा तभी हो सकता है जब हम जानते हैं और उसका पालन करते हैं कि भगवान हमसे क्या चाहते हैं और यहीं आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेमपूर्ण भक्ति की उपयोगिता आती है (भक्ति)

84 लाख योनियों में से किसी एक में मृत्यु और पुनर्जन्म के बाद, लगभग 9 महीने तक माँ के नरक जैसे गर्भ से शुरू करके, हर किसी को फिर से शून्य से शुरू करना पड़ता है।

इसलिए, सभी काम (कार्यालय, घर) निस्संदेह करने होंगे, लेकिन उसे याद करते हुए और अपने विचारों, शब्दों और कर्मों को उसे समर्पित करते हुए। ये सबसे आसान तरीका है.

Thursday, October 7, 2021

कुल देवी-देवता की पूजा करें या नहीं ? Should we worship our clan deities or not? Dr. Vrindavan Chandra Das

https://youtu.be/R_xCcM725P8


IMPORTANT POINTS IN THIS VIDEO:  दो चीज अगर life में clear हो जाएं कि एक कौन teacher (guru) कौन होता है और दूसरा परम भगवान कौन हैं (तो हमारे जीवन का लक्ष्य स्पष्ट हो जाता है)  If two things become clear in life, one is who is the teacher (guru) and the other is who is the Supreme God (then the goal of our life becomes clear). https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=24 मेरे भाग्य है वो तो मिल ही जाएगा फिर भगवान से क्यों मांगू ? If I am destined to get it, I will get it, then why should I ask from God? https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=43 मैं बार-बार जन्म लूंगा फिर जीरो से शुरू होंऊंगा, फिर मर जाऊंगा, फिर पैदा होंऊंगा, फिर मर जाऊंगा, तो बड़ी बोरिंग लाइफ है I will be born again and again, then I will start from zero, then I will die, I will be born again, then I will die, so it is a very boring life. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=54 बीज देने वाला पिता तो एक ही है  There is only one seed giving Father for the entire creation https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=69 नरसिंह मेहता जी को शिव जी ने साक्षात दर्शन दिए, तो नरसिंह मेहता जी ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए, मुझे आपकी सबसे प्रिय वस्तु दे दो, शिव जी ने कहा कृष्ण भक्ति मुझे सबसे प्रिय है When Lord Shiva personally appeared to Narsingh Mehta ji, then Narsingh Mehta ji said, I don't want anything, give me your most favorite thing, Shiv said, devotion to Lord Krishna is most dear to me. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=82 देवी देवता अगर भगवान है, तो फिर उनको भगवान क्यों नहीं कहा जाता, देवी देवता मैनेजर हैं अलग-अलग चीजों के If demi-gods and demi-goddesses are God, then why are they not called God? demi-gods and demi-goddesses are simply managers of different things. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=135 शनि जी के तो कोई औकात ही नहीं है, क्योंकि रावण ने ही टांग तोड़ दी थी, शनि जी लंगड़े क्यों है, सारे गृह सब्जी काटते थे रावण की kitchen में, तो फिर रावण की पूजा करो, वो ज्यादा stronger  है शनि से, परंतु राम जी ने रावण के भी बैंड बजा दिए, तो पूजा किसकी करनी चाहिए राम जी की, और पूजा नहीं, उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए Shani ji has no most powerful status, because Ravana himself had broken his leg, why is Shani ji lame & all the nava grahas used to chop vegetables in Ravana's kitchen, then why not to worship Ravana, he is stronger than Shani, but Ram ji killed Ravana's, so who should be worshiped? of course Ram ji, and worship means His orders should be followed. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=149 यदि दुर्गा जी के भक्त हो तो दुर्गा जी ने क्या आज्ञा दी है क्या वो पालन करते हो (यानी भक्त हो तो पालन करोगे चमचे हो तो नहीं करोगे), पार्वती जी ने प्रश्न किया शिव जी से कि अगर आप परम भगवान तो ध्यान किस पर लगाते हो, शिव जी ने कहा मैं राम और कृष्ण की लीलाओं पर ध्यान लगाता हूं, उन्होने स्वयं कहा है मुक्ति प्रदान करने वाले सिर्फ कृष्ण (या विष्णु, कृष्ण के अवतार) हैं और कोई मुक्ति नहीं दे सकता  If you are a devotee of Durga ji, then what orders has Durga ji given, do you follow them (ie, if you are her devotee, you will follow what Durga has said, if you are simply her "spoon", you will not), Parvati ji asked Shiva that if you are the Supreme God, then on whom do you meditate always? Shiva said, I meditate on the pastimes of Ram and Krishna, he himself has said that only Krishna (or Vishnu, incarnation of Krishna) can give salvation and no one else can give salvation. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=187 जब आप हनुमान जी के पास जाते हो और मांगते हो ये दे दो वो दे दो तो हनुमान जी तो महा गुस्से होते हैं, क्योंकि वह तो राम जी के सेवक हैं, आप राम जी के सेवक बनिए, देखिए हनुमान जी कितने खुश हो जाते हैं When you go to Hanuman ji and ask him to give this or that, then Hanuman ji gets very angry, because he is the servant of Ram ji, if you become the servant of Ram ji, see how happy Hanuman ji becomes. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=265  हम भी शनि रह चुके हैं we too have been Shani once https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=320 जैसे कोई भी वकील law यानी Indian constitution के बाहर बात नहीं कर सकता, वैसे ही हमारे लिए गीता, constitution है, हमें जीवन गीता के अनुसार जीना चाहिए और यदि हम ऐसा नहीं करते तो हम गलत दिशा में जा रहे हैं Just as no lawyer can talk outside the law i.e. Indian Constitution, similarly for us Bhagavad-Gītā is the constitution, we should live life according to Bhagavad-Gītā and if we do not do so then we are going in the wrong direction. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=343 हमारा धर्म सनातन धर्म है, हिंदू धर्म नहीं, और सनातन धर्म sectarian नहीं है (यानी बांटने वाला, यानी कट्टर बनाने वाला नहीं है)  Our religion is Sanatan Dharma, not Hinduism, and Sanatan Dharma is not sectarian (i.e. not divisive, i.e. not fanatical). https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=400 The chapter which started as  per the western beginning will have to end in the Indian way if the world has to be saved from destruction (यानी सनातन धर्म का मार्ग ही बचा सकता है संसार को) https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=510 सब कहते हैं हम जो कार्य करते हैं केवल अपने बच्चों के लिए करते है, वास्तव में झूठ बोलते हैं, क्योंकि यदि आपने भगवान का मार्ग बच्चों को नहीं सिखाया, तो अंधकार ही छोड़ रहे हैं उनके लिए Everyone who says that we do the work only for our children, actually lies, because if you do not teach the path of God to the children, then you are leaving only darkness for them. https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=586 किसी डॉक्टर से हमें क्या लाभ यदि हमारा जीवन नहीं बचा पाये, ऐसे ही भगवान वो जो हमे मार्ग दर्शन करें, हमारे मित्र बनकर, हमारे माता पिता बनकर और भगवान गीता के द्वारा मार्गदर्शन कर रहे हैं, जैसी आज्ञा भगवान कर रहे हैँ वैसा जीवन जीएं, और जीवन सफल बनाएं (अन्यथा हम सदैव 84,00,000 योनियों में जन्म मृत्यु चक्र में फंसे रहेंगे) What is the use of any doctor if he cannot save our life, similarly God is the One Who guides us, by becoming our friend, by becoming our parent and the Lord guides us through Gita, we ought to live life as per the orders of God and make life successful & go back to Godhead (Otherwise we will always be trapped in birth death cycle among 84,00,000 yonis) https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=620

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Transcript

0:01

ऐसे कहा जाता है आप पू किसको आप प्राथना

0:03

किसकी कर बहुत सारे घर में फंडेशन है और

0:07

ऐसे भी कहा जाता है आपके जो भी देवी देवता होते

0:10

है उनको

0:11

आपको तो जनरली इसका उद्देश्य क्या किसको

0:17

देखिए आपने प्रश्न वैसे तो मैं आपसे

0:20

रिक्वेस्ट करूंगा 13 घंटे के अंदर मैंने

0:22

कम से कम डेढ़ दो घंटे बोला इस पर क्योंकि

0:24

दो चीज अगर लाइफ में क्लियर हो जाए ना एक

दो चीज अगर life में clear हो जाएं कि एक कौन teacher (guru) कौन होता है और दूसरा परम भगवान कौन हैं (तो हमारे जीवन का लक्ष्य स्पष्ट हो जाता है) 

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=24



0:27

गुरु

0:28

कौन टीचर कौन होता है और दूसरा परम भगवान

0:33

कौन है हमारे समय के अंदर 40 50 साल पहले

0:36

ब्रह्मा विष्णु महेश् दुर्गा जी ये चार

0:39

का बहुत ज्यादा प्रचलन था तो ब्रह्मा

0:41

विष्णु महेश के अंदर मैं मेरे को किसी ने

0:43

जन्मपत्री देख के बोला कि पिछले जन्म में

0:44

आपने शिवजी की बहुत उपासना करिए आप जो

0:46

मांगोगे मिल जाएगा तो मेरे को यकीन था जो

0:48

मेरे भाग्य है वो तो मिल ही जाएगा फिर

मेरे भाग्य है वो तो मिल ही जाएगा फिर भगवान से क्यों मांगू ?

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=43

 

0:50

भगवान से क्यों मांगू शिवजी से क्यों

0:52

मांगू मैं उनसे Question करता था ये सब

0:54

चक्कर क्या है यह बताओ मुझे मैं बार-बार

0:56

जन्म लूंगा फिर जीरो से शुरू होंगा फिर मर

0:59

जाऊंगा फिर पैदा होगा फिर वही मैं तो बड़ी

1:02

बोरिंग लाइफ है आपको रोज बर्गर खाने को

मैं बार-बार जन्म लूंगा फिर जीरो से शुरू होंऊंगा, फिर मर जाऊंगा, फिर पैदा होंऊंगा, फिर मर जाऊंगा, तो बड़ी बोरिंग लाइफ है

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=54


1:04

मिले कितने दिन खा लोगे जी तो मैंने कहा य

1:09

क्या है यह

1:10

और पिता जैसे हो सकते हैं दो चार 10 15 20

1:14

25 50 100 करोड़ों परंतु पिता बीज देने वाला 

1:18

पिता तो एक होगा और आप लोगों को पता है

बीज देने वाला पिता तो एक ही है 

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=69

1:22

नरसिंह महता जी के बारे में अगर आपने सुना

1:24

है उनका

1:25

नाम नरसिंह मेहता जी शिव जी के उपासक थे

1:29

शिव जी ने साक्षात दर्शन दिए उनको तो

1:32

नरसीह मेहता जी को बोला कि मांग क्या

1:34

मांगता है नरसीह मेहता जी ने कहा मुझे कुछ

1:36

नहीं चाहिए मैं भक्ति कर रहा हूं चमचागिरी

1:39

नहीं समझ जाइएगा चमचागिरी का मतलब है कि

1:41

मैं आपका आपसे अपना काम मैं कराता हूं जब

1:44

आप कुछ कहते हो करने के लिए मैं खिसक

1:46

जाता हूं और भक्त कौन होता है भक्त वह

1:49

होता है जो आपकी आज्ञा का उसे अपने लिए

1:54

कुछ नहीं चाहिए नरसीह मता जी ने शिव जी को

1:56

कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए उन्होने कहा मैं

1:58

आया हूं तुझे लेना पड़ेगा

2:01

तो उन्होने कहा नरसीह महता जी ने कहा कि

2:04

मुझे आपकी सबसे प्रिय वस्तु दे दो क्या दे

2:06

दो जो आपको सबसे प्रिय है वो दो उन्होने

2:09

पार्वती जी के पास नहीं लेकर गए उन्होंने

2:10

कहा कृष्ण भक्ति मुझे सबसे प्रिय है तो इस

नरसिंह मेहता जी को शिव जी ने साक्षात दर्शन दिए, तो नरसिंह मेहता जी ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए, मुझे आपकी सबसे प्रिय वस्तु दे दो, शिव जी ने कहा कृष्ण भक्ति मुझे सबसे प्रिय है

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=82

2:15

13 घंटे के अंदर आपने खुद ही कह दिया देवी

2:17

देवता अगर भगवान है तो फिर उनको भगवान

2:20

क्यों नहीं कहा जाता देवी देवता मैनेजर हैं

2:24

क्या है मैनेजर्स है अलग-अलग चीजों के आज

देवी देवता अगर भगवान है, तो फिर उनको भगवान क्यों नहीं कहा जाता, देवी देवता मैनेजर हैं अलग-अलग चीजों के

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=135


2:29

शनि

2:30

आज इतनी इनकी पूजा पाठ हो गई शुरू शनि जी

2:34

के तो कोई औकात ही नहीं है क्योंकि रावण

2:35

ने ही टांग तोड़ दी थी शनि जी लंगड़े

2:38

क्यों है बताओ पता है आपको कथा रावण ने

2:42

टांग तोड़ दी थी शनि की रावण के किचन के

2:46

अंदर सारे गृह सब्जी काटते

2:49

थे सब्जी काटते थे तो फिर रावण की पूजा

2:53

करो ना ,वो ज्यादा strong है शनि से परंतु

2:55

राम जी ने रावण के भी बैंड बजा दिए तो

2:59

किसकी करनी चाहिए राम जी और पूजा नहीं

3:03

आज्ञा का पालन मेरे पास कभी कोई भी आता है

शनि जी के तो कोई औकात ही नहीं है, क्योंकि रावण ने ही टांग तोड़ दी थी, शनि जी लंगड़े क्यों है, सारे गृह सब्जी काटते थे रावण की kitchen में, तो फिर रावण की पूजा करो, वो ज्यादा stronger  है शनि से, परंतु राम जी ने रावण के भी बैंड बजा दिए, तो पूजा किसकी करनी चाहिए राम जी की, और पूजा नहीं, उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=149



3:07

किसी के बारे में मेरे को ये बता कि भाई

3:09

पूजा कर रहा है किसलिए चमचा है कि भक्त है

3:13

दुर्गा जी के भक्त हो बोलते हां जी ठीक है

3:15

दुर्गा जी ने क्या आज्ञा दी है है वो क्या 

3:17

होता है मैंने चमचा है तू भक्त भक्त पहली

3:21

चीज पहली चीज भक्त क्या करता है स्वामी से

3:24

आज्ञा मांगता है बोलिए मैं क्या करूं आपके

3:27

लिए नहीं नहीं बोल मैं तेरे लिए क्या करूं

3:29

भगवान कहें तो बोले नहीं नहीं मुझे तो कर को

3:31

कोई इच्छा ही नहीं इच्छा एक ही है कि मैं

3:33

आपकी सेवा करना चाहता हूं और उसमें आप

3:38

जाएंगे तो आज्ञा सिर्फ विष्णु जी ने दी है

3:41

कृष्ण भगवान ने दी है

3:43

आज्ञा अगर आप शिव पुराण को छोड़ दीजिए

3:46

क्योंकि शिव पुराण के अर शिव जी नहीं कह

3:48

रहे मेरी पूजा कर पार्वती जी ने प्रश्न

3:50

किया है शिव जी से क्योंकि बाकी तो सब ऐसे

3:53

ही हैं महादेव जी हैं, पार्वती

3:57

जी ने प्रश्न किया शिव जी से अगर आप परम

3:59

भगवान तो ध्यान किस पर लगाते हो शिव जी ने कहा सही कहा

4:04

मैं राम और कृष्ण की लीलाओं पर ध्यान

4:06

लगाता हूं उन्होने स्वयं कहा है मुक्ति

4:10

प्रदाता सर्वेशम विष्णु रेवन समस्या कि

4:14

मुक्ति को प्रदान करने वाले सिर्फ कृष्ण

4:16

विष्णु है और कोई मुक्ति नहीं दे

4:21

सकता नित्य ध्यान में रहते हैं तो यह

यदि दुर्गा जी के भक्त हो तो दुर्गा जी ने क्या आज्ञा दी है क्या वो पालन करते हो (यानी भक्त हो तो पालन करोगे चमचे हो तो नहीं करोगे), पार्वती जी ने प्रश्न किया शिव जी से कि अगर आप परम भगवान तो ध्यान किस पर लगाते हो, शिव जी ने कहा मैं राम और कृष्ण की लीलाओं पर ध्यान लगाता हूं, उन्होने स्वयं कहा है मुक्ति प्रदान करने वाले सिर्फ कृष्ण (या विष्णु, कृष्ण के अवतार) हैं और कोई मुक्ति नहीं दे सकता 

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=187


4:25

बेसिकली यह मैं 13 घंटे आपसे अनुरोध

4:27

करूंगा इसको सुनिए तो ये एकदम क्लियर हो

4:30

जाएगा एकदम आपको एक एक चीज मैंने

4:31

एग्जांपल्स देकर समझाया है और लॉजिकल

4:34

एग्जांपल देके कि आपके जो जीवन में जैसे 

4:36

चलता है कि क्यों कहा जा रहा है उसमें

4:38

ध्यान रखिएगा यह बोलते हुए हम किसी भी 33

4:42

करोड़ का उपहास नहीं कर रहे मैनेजर हैं

4:46

भाई क्या है बॉस विल नॉट लाइक

4:50

इट अगर ओनर है और उसके मैनेजर का आप बेजती

4:54

करते हैं तो ओनर को पसंद नहीं आता क्योंकि

4:57

उन्होंने तो मैनेजर बनाया है परंतु मैनेजर

5:00

की अपनी लिमिट अब आप मैनेजर को नर मानने

5:02

लग तो प्रभु जी मैनेजर को गुस्सा आना

5:03

चाहिए नहीं आना चाहिए बताइए जब आप हनुमान

5:06

जी के पास जाते हो यह कर दे वो कर दे तो

5:08

हनुमान जी तो महा गुस्से होते

5:10

हैं क्योंकि वह तो राम जी के सेवक हैं

5:12

किसके सेवक हैं राम जी के सेवक है अब राम

5:15

जी के सेवक बनिए देखिए हनुमान जी कितने

5:17

खुश हो जाते हैं राम जी के सेवक

जब आप हनुमान जी के पास जाते हो और मांगते हो ये दे दो वो दे दो तो हनुमान जी तो महा गुस्से होते हैं, क्योंकि वह तो राम जी के सेवक हैं, आप राम जी के सेवक बनिए, देखिए हनुमान जी कितने खुश हो जाते हैं

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=265 


5:20

बनिए और जब कृष्ण भक्ति में आते हो मैं

5:23

सबको कहता हूं हम भी शनि रह चुके हैं क्या

5:27

रह चुके हैं क्योंकि कृष्ण भक्ति जब आती है 

5:30

जब आप सब कुछ रह चुकते हैं तो मैं मजाक

5:33

में कहता हूं मैंने कहा हम सीनियर शनि है

5:35

यह जूनियर शनि है अभी जो है इसकी मैं

5:37

रैगिंग कर सकता हूं सीनियर हूं ना निकल

5:40

चुका हूं मैं भी शनि खूब तेल पिया

हम भी शनि रह चुके हैं

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=320


5:43

मैंने भगवान कृष्ण की भक्ति को भगवत गीता

5:46

भगवत गीता को कोई deny कर ही नहीं सकता ना

5:49

Lets see what Gita says बुक तो रखनी

5:52

पड़ेगी सेंटर में भगवत गीता रखिए सेंटर

5:55

में देखिए फिर क्योंकि जब आप lawyer भी होते

5:58

हैं जब आप argue  करते हैं कोर्ट के अंदर तो

6:02

कांस्टिट्यूशन constitution होता है ना सेंटर में

6:04

कांस्टिट्यूशन तो हमारे लिए क्या है कोई

6:06

भी कुछ भी बोले या भगवत गीता में क्या है

6:08

इसको किसने deny करा है जिसने deny करा है

6:11

बेकार उसे बात करने की जरूरत क्या है जो

6:13

इंडियन कांस्टिट्यूशन को deny करे व कैसा

6:15

lawyer है प्रभु जी जाओगे उसके पास व तो पहले

6:18

दिन ही आपको अंदर करा देगा कंटेम ऑफ कोर्ट

6:20

के अंदर तो बेसिक फैक्ट य कुछ चीज जानता

6:23

हूं मेरी वाइफ जो है वो एलएलए में Bombay 

6:25

यूनिवर्सिटी से पढ़ाती थी पढ़ाती भी थी

6:28

एलएलबी LLB

6:29

स्ट को और बमबे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस

6:32

भी करती थी वो भी क्रिमिनल साइड

6:34

में तो जो लॉयर्स है वो जानते

6:37

हैं तो बेसिक फैक्ट यह है

जैसे कोई भी वकील law यानी Indian constitution के बाहर बात नहीं कर सकता, वैसे ही हमारे लिए गीता, constitution है, हमें जीवन गीता के अनुसार जीना चाहिए और यदि हम ऐसा नहीं करते तो हम गलत दिशा में जा रहे हैं

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=343

6:40

तो बहुत इंपॉर्टेंट चीज है जो आपने प्रश्न

6:42

किया है अगर हमारे सनातन धर्म हिंदू धर्म

6:45

नाम की कोई चीज नहीं है बकवास है सब हमारे

6:48

धर्म का नाम है सनातन धर्म और एक्चुअली

6:50

पूरा विश्व चाहे वह इस्लाम हो क्रिश्चन हो

6:53

सब सनातन धर्म फॉलो कर रहे सनातन धर्म

6:55

Sectarian नहीं है यह आप जब 13 घंटे सुनेंगे

6:58

तो आपका सोच मैंने अभी एक य पर वीडियो लच

7:01

किया है हिंदू कट्टर हिंदू बनो परंतु

7:03

कट्टर बनने के लिए आपको दूसरे के साथ

7:05

दुश्मनी करने की जरूरत नहीं है यह गलत

7:08

धारणा है कि आप अगर दूसरे के साथ दुश्मनी

7:10

करोगे तब आप कट्टर कहलाओगे this is absolute bogus 

7:13

सही बात है गलत बात बताइए आप मुझे और

7:16

जहां आप पुनर्जन्म को मानते

7:19

हो जो आज केसेस है ज हिंदुओं ने मुसलमानों

7:22

के घर में पैदा हुए हैं और मुसलमान

7:24

हिंदुओं के घर में पैदा हुए हैं किससे

7:27

झगड़ा करोगे प्रभु जी हमारे साथ आर्मी के

7:29

कई लोग जुड़े हुए हैं पाकिस्तान और चाइना

7:32

बॉर्डर पर हैं बोलते हैं गुरु जी क्या

7:34

सोचे क्योंकि हमें तो गोली कभी भी लग सकती

7:36

है मैंने कहा दुश्मनी मत कर लेना

7:38

पाकिस्तानी से सोचते हुए ना चाइनीज से

7:40

करना नहीं तो अगला जन्म पाकिस्तान में हो

7:42

जाएगा फिर इंडिया से लड़ता रहेगा यही चलता

7:44

रहेगा बारबार

7:45

बारबार ड्यूटी के तौर पर लड़ किसके तौर प

7:48

ड्यूटी प वो अपनी ड्यूटी कर रहा है मैं

7:50

अपनी ड्यूटी कर रहा हूं मैं अपने अच्छे

7:51

लोगों को बचा रहा हूं बुरे लोग मरे मुझे

7:53

क्या करना मैं अच्छे लोगों के लिए लड़ रहा

7:55

हूं मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं वो अपने

7:56

लोगों के लिए लड़ रहा है वो अपनी ड्यूटी

7:58

कर रहा है इस भावना से दुश्मनी मत लाना

8:00

नेगेटिव जो thought होते हैं प्रभु जी और

8:03

शास्त्र बताते हैं मरते समय जैसे थॉट

8:05

होंगे वैसे अगला जन्म मिलेगा तो इसलिए 

8:08

Keep your thoughts pure उसमें क्यों किसी से ईर्षा

8:12

करनी क्यों किसी से दुश्मनी करनी आवश्यक

8:14

है ही नहीं परंतु कट्टर बनना गलत क्या है

हमारा धर्म सनातन धर्म है, हिंदू धर्म नहीं, और सनातन धर्म sectarian नहीं है (यानी बांटने वाला, यानी कट्टर बनाने वाला नहीं है) 

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=400

8:17

जी आई बिलीव 2 x  2 = 4 anything wrong ?

8:22

कोई गलत थोड़ी है और आप जब ये समझेंगे

8:26

तो आपको लगेगा हां ये वैलिड है ये तो

8:30

एक व्यक्ति हुआ डॉक्टर आर्नोल्ड टॉनबी

8:33

वर्ल्ड का टॉप हिस्टोरियन था प्रभु जी

8:34

लास्ट सेंचुरी का ही वाज द टॉप इंटरनेशनल

8:37

एडवाइजर्स में आता था वो उसने साफ लिखा है

8:40

इंग्लिश में बताता हूं

8:42

पहले द वर्ल्ड वच ज अ वेस्ट वि स्टार्टेड

8:45

विद द वेस्टर्न बिगिनिंग द चैप्टर विच  The chapter which started as  per the western beginning will have to end in the Indian way

8:54

if the world has to be saved from destruction


8:54

if the world has to be saved from destruction


8:57

बचा सकता है और आज थाईलैंड के प्राइम

8:59

मिनिस्टर ने भी यही बात को कहा है कि अगर

9:01

आज विश्व को बचाना है तो वो सिर्फ हिंदू

9:03

तरीका है हिंदू का मतलब sectarian नहीं हो

9:06

सकता हम आत्मा में बिलीव करते हैं और

9:09

आत्मा कोई भी शरीर कहीं भी ले सकती है

9:12

हमारे लिए पूरा वर्ल्ड एक

9:14

है भगवान ने गीता में कहा है अहम बीज


9:17

प्रदा पिता मैं बीज देने वाला पिता हूं तो

9:20

मेरे लिए मैं हम लोग उस जब आप उस लेवल पर

9:22

आते हो फिर आप शरीर से लोगों को नहीं

9:25

देखते मैं गुजराती मैं मराठी मैं ये मैं

9:28

वो ये क्या है अगले जन्म में तू फिर वहीं

9:30

पहुंच जाएगा किससे लड़ेगा अपनों से ही

9:33

लड़ेगा

9:34

फिर तो दिस इज दिस इज व्हाट आवर थॉट इज इट

9:37

इज सो magnanimous इतना जबरदस्त थॉट है कि अगर

9:40

लोग इसको अपना ले तो जीवन के अंदर एक तो

9:42

शांति आ जाएगी अपने भी और विश्व की भी आप

The chapter which started as  per the western beginning will have to end in the Indian way if the world has to be saved from destruction

(यानी सनातन धर्म का मार्ग ही बचा सकता है संसार को)

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=510

9:46

किस टाइप का वर्ल्ड छोड़ना चाहते हैं अपने

9:47

बच्चों के लिए सब कहते हैं बच्चों के लिए

9:49

कर रहे हैं झूठ बोलते हैं मेरे ग्रैंडफादर

9:52

ने मेरे फ फादर के लिए जो दुनिया छोड़ी थी

9:54

वो उनसे बेकार थी सही बात है गलत बात है

9:56

आपके भी ऐसे ही हुआ है और आप जो अपने

9:58

बच्चों के लिए छोड़ रहे हो आपसे गई गुजरी

10:00

होगी अरे सुधारो झूठ क्यों बोलते हो

10:02

बच्चों के लिए कर रहे हर जनरेशन नेक्स्ट

10:05

जनरेशन का सत्यानाश मार रही है और उसका

10:07

कारण यह है कि आप यह जो knowledge है ना यह

10:09

knowledge नहीं ले रहे यह knowledge

10:12

बाइंड bind करेगी, जोड़ेगी,  आपके जीवन 

10:15

में सूत्र बनेगी एक शांति की सुख

सब कहते हैं हम जो कार्य करते हैं केवल अपने बच्चों के लिए करते है, वास्तव में झूठ बोलते हैं, क्योंकि यदि आपने भगवान का मार्ग बच्चों को नहीं सिखाया, तो अंधकार ही छोड़ रहे हैं उनके लिए

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=586


10:20

की यह मेरा आपसे रिक्वेस्ट है और भगवान का

10:24

सिंपल है अच्छा हा भगवान है भाई एडवाइस

10:27

क्या है

10:29

शनि जी क्या कह रहे हैं मुझे करने को बोले

10:31

कुछ नहीं कहते बोले फिर कैसे भगवान है अरे

10:34

बोले डॉक्टर है बहुत अच्छे डॉक्टर है

10:36

हार्ट अटैक हो रहा है क्या करेंगे मेरे

10:37

लिए बो कुछ नहीं फिर क्या बेकार डॉक्टर है

10:39

तो डॉक्टर तो मेरे लिए व होगा ना प्रभु जी

10:42

जो मेरे को हेल्प करे एडवाइस करे इसी

10:45

तरीके

10:46

से भगवान देखिए गीता दी हमारे लिए

10:51

हमें बोल के गए बता के गए सब कुछ कि हम

10:53

क्या अप्लाई apply करेंगे अपनी लाइफ के

10:55

अंदर तो  who is better for us the one who is advising, हु बेटर फॉर अस अ पर्सन एडवाइजिंग

किसी डॉक्टर से हमें क्या लाभ यदि हमारा जीवन नहीं बचा पाये, ऐसे ही भगवान वो जो हमे मार्ग दर्शन करें, हमारे मित्र बनकर, हमारे माता पिता बनकर और भगवान गीता के द्वारा मार्गदर्शन कर रहे हैं, जैसी आज्ञा भगवान कर रहे हैँ वैसा जीवन जीएं, और जीवन सफल बनाएं

https://youtu.be/R_xCcM725P8&t=620

11:00

जो बता रहा है कैसे करना चाहिए जीवन के तो

11:03

करिए कोशिश एंड ऑल द बेस्ट हां जी

11:07

[संगीत]

11:11

बोलिए


Standby link (in case youtube link does not work)

कुल देवी-देवता की पूजा करें या नहीं Dr. Vrindavan Chandra Das.mp4