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Sunday, October 24, 2021
कौन से गुरु के शिष्य बनें ? Which guru should you become a disciple of? by Dr. Vrindavan Chandra Das
Saturday, October 23, 2021
हमारी भक्ति की चरम स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि मेरा सुमिरन हरि करे मैं पाऊं विश्राम , The peak state of our loving devotion should be such that Lord remembers me and I get eternal blissful rest - by Shri Indresh Upadhyay ji
हमारी भक्ति की चरम स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि मेरा सुमिरन हरि करे मैं पाऊं विश्राम - by Shri Indresh Upadhyay ji
The peak state of our loving devotion should be such that Lord remembers me and I get eternal blissful rest
0 15 कई लोग भागवत की आयोजन इसलिए करते हैं कि पितरों की संतुष्टि हो जाए केवल इसी वजह से नहीं करानी चाहिए
https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=15 1 30 असली मकसद यह है: परम धर्म करने की इच्छायें हम में जागृत हो जाएं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=90 1 53 धर्म और परम धर्म में अंतर https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=113 2 52 भागवत का अधिकारी कौन है जिसमें मातसर्य (ईर्ष्या, jealousy) भाव नहीं हो https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=172 3 52 95% लोगों में मातसर्य (ईर्ष्या, jealousy) होता है https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=232 4 17 तब तक सत्संग सुनो नाम जप करो जब तक ऐसा व्यक्ति जिसके प्रति आपकी ईर्ष्या थी पहले, अब आपको प्रिय लगने लगे, और जिस दिन ऐसा होने लगे कि आपको प्रेम हो, ईर्ष्या की बजाय, तो समझ लेना राम जी मिलने वाले हैं आपको https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=257 5 30 राम जी को रावण से ईर्ष्या अगर होती तो हनुमान को, अंगद को नहीं भेजते लंका में रावण के पास https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=330 5 58 श्री कृष्णा भी शांतिदूत बनकर पहले स्वयं गए दुर्योधन के पास ईर्ष्या होती तो नहीं जाते https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=358 6 58 कंस को भी पहले कितने संदेश भेजें कितने राक्षस मार के कि भैया अब तो सुधर जा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=418 7 11 हमें यदि ईर्ष्या होगी किसी के साथ तो हम सुधारने की बजाय सीधा युद्ध करने पहुंच जाएंगे, FIR नोट कर लो https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=431 7 27 जब ईर्ष्या का भाव नष्ट होता है तो अगले से संवाद किया जाता है विवाद नहीं, वैष्णव अपने आप को हरा देगा मगर विवाद नहीं करेगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=447 7 57 यदि ईर्ष्या का भाव होगा तो मंच पर बैठा वक्ता भी किसी पर प्रभाव नहीं कर पाएगा और अगर यदि श्रोता हुआ तो सब भूल जाएगा 4 घंटे की कथा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=477 8 15 यह ईर्ष्या एक किस्म का बांध है वह कानों में तो आने देगा कथा को मगर हृदय में उतरने नहीं देगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=495 8 34 और यह मातसर्य दोष हटेगा कैसे सत्संग से, असल में सभी विकारों और दोशों की दवाई है सत्संग https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=514 9 17 तो पहली चीज आपको मातसर्य भाव खत्म करना है तब आप अधिकारी बनोगे कथा सुनने के लिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=557 9 48 चिंता मत करना, आर्त (पीड़ा) भगाना, धन मिलाना दुख हटाना, यह सब कथा का उद्देश्य नहीं है कथा का उद्देश्य है श्री कृष्ण आपको भगवान से हटकर अपनत्व यानी किसी संबंध के रूप में आपके प्रिय लगने लगेंगे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=588 11 08 यदि कथा सुनने इस मकसद से बैठेंगे कि कृष्ण को अपना बनाना है तो यह 100% गारंटी देता हूं मैं कि यह होगा कथा सुनने के बाद https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=668 11 34 आप कहोगे कि मैं तो अभी भी कृष्ण को सखा मानता हूं लेकिन कथा सुनने के बाद श्री कृष्ण भी आपके सखा मानेंगे और दूसरा आप श्री कृष्ण के पीछे-पीछे नहीं चलोगे श्री कृष्ण आपके संग चलेंगे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=694 12 30 जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा यह भक्ति की प्रारंभिक स्थिति है, मगर भक्ति की चरम सीमा क्या है जब ठाकुर जी कहेंगे जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=750 13 14 मेरा सुमिरन हरि करें मैं पांऊं विश्राम https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=794 14 02 इसका प्रमाण यह है कि जैसे सूरदास जी ने सवा लाख पद लिखने थे, एक लाख पद के बाद ही वह पधार गए, तो बाकी पद कहते हैं भगवान ने लिखे और अंत में “सूर श्याम” करके लिखे, जबकि सूरदास के पद में अंत में “सूरदास” होता था https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=842 15 07 हरि जी मोरी क्या बिगाड़ेगी, जाएगी लाज तुम्हारी, पछताई हो जब देख मुझे उभारी, यह पद सूर श्याम यानी भगवान ने लिखा है, सूरदास जी ने नहीं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=907 15 43 तुलसीदास जी ने रामायण तो लिख दी मगर जरूर रघुनाथ जी ने बोला होगा कहा होगा और नाम तुलसीदास जी का लिखवा दिया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=943 16 12 गीत गोविंद जब लिखा जयदेव ने तो आखरी पद लिखना था तो लिखा नहीं जा रहा था, याद नहीं आ रहा था क्या लिखे पत्नी को बोला स्नान करने जा रहा हूं, पूरा किस्सा सुनिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=972 19 30 भगवान को तुम भजो वह तो ठीक है मगर एक स्थिति ऐसी आए जब भगवान आपको भजें वह है चरम सीमा भक्ति की https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1170 19 49 यह प्रमाण देखना हो कि भगवान मुझसे प्रसन्न हैं कि नहीं तो मंदिर में उनके श्रृंगार में क्या-क्या लगने वाला है, पहले से सोच लो यदि उनमें से कुछ भी हुआ वैसा जैसे आपने सोचा था, तो समझो भगवान आपसे प्रसन्न हैं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1189 21 14 जब मुझे स्पष्ट मालूम हुआ कि महाकाल मिलना चाहते थे ठाकुर जी से वास्तव में गले लगाना चाहते थे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1274 24 52 पंडित ने ठाकुर जी को नहला दिया महाकाल के अभिषेक में, मैं डर रहा था कि आज तो ठाकुर जी ठिठुर गए होंगे, चलो हम तो बच गए, मगर फूलों की माला पंडित जी ने मुझे पहना दी, दो ढाई किलो पानी सब मुझ पर पड़ा और मैं भी ठिठुर गया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1492 26 41 रोज शयन के समय ठाकुर जी को गीत गोविंद सुनाओ, एक दिन ऐसा आएगा जब आपको स्पष्ट ठाकुर जी दिखेंगे सिंहासन पर बैठे हुए आपका गीत गोविंद सुन रहे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1601 27 37 नाभा गोस्वामी जी का उदाहरण सुनिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1657 27 55 गीत गोविंद गाया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1675Friday, October 22, 2021
ई चमक ई धमक फूलवन मा महक सब कुछ सरकार तुम्हई से है, Ye Chamak Ye Damak By - Vinod Ji Agrawal
ई चमक ई धमक फूलवन मा महक, सब कुछ सरकार तुम्हई से है
Ye Chamak Ye Damak By - Vinod Ji Agrawal
https://youtube.com/shorts/cFpYpqknDP0
Thursday, October 21, 2021
ठाकुर जी जब खुद आकर एक भक्त को भागवत जी पढ़ने का वेतन देकर गए When Thakur ji (God Krishna) Himself came and gave salary to a devotee to read Bhagavatam ji by Indresh Upadhyay ji
ठाकुर जी जब खुद आकर एक भक्त को भागवत जी पढ़ने का वेतन देकर गए
When Thakur ji (God Krishna) Himself came and gave salary to a devotee to read Bhagavatam ji
https://youtu.be/kMZzr7XKq1s 1 0 एक बनारस के ब्राह्मण देवता थे, भागवत जी का रोज पाठ करते थे 0 There was a Brahmin from Banaras, who used to recite Bhagavatam ji daily. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=0 2 1 18 दो ही स्थिति में लोग ब्याह कराते हैं या तो लड़का योग्य बन गया हो या बहुत ही अयोग्य हो 1 18 People get married in only two situations: either the boy has become worthy to earn or he is very unworthy. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=78 3 4 11 घर में कुछ संत आ गए और संत आकर के सीधे आसन पर बैठ गए बोले बिटिया लाओ कुछ प्रसादी पवाओ यानी भोजन कराओ मगर गरीबी किए कारण घर में अन्न का एक दाना तक नहीं था 4 11 Some saints came to the house and sat directly on the seats and said, O daughter, bring some prasad, ,i.e., give some food, but due to poverty there was not even a grain of food in the house. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=251 4 4 49 पत्नी बहुत निराश हो गई क्यों बोले आज तक मैं सह रही थी अपने पति के सब भावों को ,यह कुछ नहीं नहीं करते मैं सब जानती हूं, भागवत जी का पाठ ही इनका सर्वस्व है लेकिन आज महात्मा हमारे घर आए और हम उनको कुछ पवा ना सके ऐसी स्थिति तो मुझे स्वीकार नहीं है आज यदि मेरे पति भी कुछ काम करते घर में थोड़ा धन होता अनाज होता भोजन ज्यादा होता तो उनको पवा पाती, अब अकेली मैं नारी पति को भी खवाऊं, बच्चों को भी खिलाऊं, खुद भी खाऊं, कहां तक चलाऊं ? 4 49 The wife became very disappointed, she said to herself that till today I was tolerating all the emotions of my husband, he doesn't do anything, only recitation of Bhagavatam ji is his everything, but today saints came to our house and we could not offer them anything to eat. I cannot accept such a situation of not being able to get food for them. If my husband also did some work, if there was some money in the house, if there was more food, then I would have been able to get it for saints also. I, a single woman, have to feed my husband, feed my children, and eat myself. How far can I go on like this ? https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=289 5 5 32 आज पत्नी को क्रोध आया और पत्नी ने भागवत जी की पोथी उठाई और ब्राह्मण के सिर पर ही मार दी बोले इसको लीजिए और निकलिए घर से से मैं अकेली चला लूंगी घर को, यही भागवत तुम्हारा सर्वस्व है तो इनके साथ अकेले कहीं और रहो, यहां लौटकर के मत आना जब तक मन में भावना आ जाए कि मुझे कुछ करना है 5 32 Today the wife got angry and picked up the book of Bhagavatam ji and hit it on the Brahmin's head and said, take this and leave the house, I will manage the house alone, this Bhagavatam is your everything, so stay alone with Bhagavatam somewhere else. Don't come back here until you feel like that you have to do something. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=332 6 6 12 ब्राह्मण देवता अपनी भागवत जी को उसके पन्ने बिखर गए थे, सब समेट करके हृदय से लगा कर के रोने लगे और मन ही मन विचार करने लगे, हे नाथ मेरी पत्नी को आप साधारण पृष्ठ के रूप में दिखाई देते हो, लेकिन मैं जानता हूं कि आप प्रत्यक्ष कृष्ण हो, हे नाथ मेरी पत्नी का कल्याण करना 6 12 Brahmin saw his Bhagavatam ji's pages scattered, he collected them all and started crying with his heart and started thinking in his mind, O Lord, to my wife you appear as ordinary pages, but I know I know that you are Krishna in reality, O Lord, please give some wisdom to my wife. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=372 7 6.35 एक भक्त तो सुहृध होता है दूसरों का भला करने वाला चाहने वाला 6.35 A devotee is a good hearted person who wishes good for others. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=395 8 7.25 इतनी सहनशीलता विश्वास श्रद्धा देखकर ठाकुर जी स्वयं प्रकट हो गए 7.25 Seeing so much tolerance, faith and devotion, Thakur ji himself appeared. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=445 9 8.40 ठाकुर जी एक नन्हें से बालक का रूप धारण करके उनके घर में आये और एक टोकरी रख दी घर में, उसमें सोने चांदी हीरे जवाहरात सब रखे थे और बोले कि यह वेतन है, बचपन से मजदूरी कर रहे हैं मेरे पास 8.40 Thakur ji came to his house in the form of a small child and kept a basket in the house full of gold, silver, diamonds and gems and said that this is salary for the Brahmin as he has been working as a laborer with his master since childhood. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=520 10 11.50 ब्राह्मण पति जब वापस घर में आए, पत्नी ने सब वृतांत सुनाया कि आपके मालिक आए थे सब दे गए, पति ने पत्नी को बोला वो तो साक्षात् भगवान आये थे 11.50 When the Brahmin husband came back home, the wife narrated the whole story of your master had come and gave everything, the husband told the wife that God had actually come. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=710 11 13.20 जगत मजदूरी देत है क्यों राखे भगवान, इस दुनिया में आपकी मजदूरी का वेतन दिया जाता है तो भगवान भला अपनी की हुई मजदूरी का वेतन क्यों नहीं चुकायेंगे, हजार लाख गुना करके भगवान वापिस देते हैं 13.20 if you are paid your wages in this world, then why wouldn't God pay you for the work you have done for Him, God gives you back a thousand and a million times. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=800 Standby link (in case youtube link does not work)
Wednesday, October 20, 2021
इससे सुनने से इंसान झूठे कलंक से मुक्त हो जाता है, By hearing this, a person becomes free from false accusation & stigma - श्री इंद्रेश उपाद्यय जी
"इससे सुनने से इंसान झूठे कलंक से मुक्त हो जाता है"
By hearing this, a person becomes free from false accusation & stigma
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