Monday, November 22, 2021

आज राधा अष्टमी पर जो भी इस कथा को सुनता है उस पर होती है राधा रानी की असीम कृपा | देवी चित्रलेखा जी

आज राधा अष्टमी पर जो भी इस कथा को सुनता है उस पर होती है राधा रानी की असीम कृपा | देवी चित्रलेखा जी

https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE

0:00 राधा रानी कौन हैं ? कृष्ण की अहलादिनी शक्ति हैं, श्री कृष्ण की प्रिया हैं, गोविंद नंदिनी राधा, गोविंद मोहिनी, गोविंद सर्वस्व, सर्व कांता शिरोमणि https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=0 0:30 अक्सर जब भी भागवत की चर्चा होती है तो कृष्ण भगवान की बातें तो होती ही हैं क्योंकि कृष्ण कथा है, लेकिन कई लोग कहते हैं, कि भागवत में राधा रानी का चरित्र नहीं है, शायद योग्यता के कारण भागवत में राधा नाम नहीं लिया गया है पर एक बात सबको समझ लेनी चाहिए कि भागवत में राधा नाम हो ना हो पर राधा रानी में भागवत है, वेद में राधा रानी का नाम हो ना हो पर राधा रानी में वेद समाए हुए हैं  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=30 1.11  “कृष्णन आराध्य इति”, राधा कौन हैं, कृष्ण जिनकी आराधना करते हैं, सब लोग, सारी दुनिया, कृष्ण को भजती है, बैठकर उनका ध्यान करती, उनका चिंतन करती है, तो कृष्ण ने सोचा सब दुनिया मेरा ध्यान करती है, मैं किसका ध्यान करूं मैं किसके बारे में सोचूँ, किसका चिंतन करूं, जब ऐसा भाव उन्होंने रखा तो उनकी अहलादिनी शक्ति श्री राधा रानी प्रकट हुईं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=71 2:00 अब श्री कृष्ण को भी आराधना करने के लिए एक केंद्र मिल गया और राधा कौन है ब्रह्म वैवर्त पुराण में लिखा है कि राधा मतलब जो सब कामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं, कौन सी कामना, संसार की कामना पूरी करने वाली राधा रानी नहीं हैं, संसार की कामना तो कोई भी देवी देवता पूरी कर सकता है, पर जब हृदय में कृष्ण को पाने की लालसा जागती है उस इच्छा को पूरी करने वाली श्री राधा रानी https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=120 2:49 श्री राधा कौन हैं जो रस का पोषण करें https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=169 3:04 एक बार भगवान श्री कृष्ण के घर पर नंद महल में बड़ी लंबी लाइन लगी, सब लोग भगवान की कृपा पाने के लिए लाइन में खड़े थे कि कृष्ण कृपा मिल जाए और नंबर आता तो वहां उससे पूछा जाता कि तू भगवान कृष्ण की कृपा लेने आया है, पर तेरे पास पात्र है, मतलब बर्तन है, जिसमें तू भगवान की कृपा लेना चाहता है, तो जीव कहते जी पात्र तो हम नहीं लाए,  तो जिसके पास पात्र नहीं था सबको लौटाया जा रहा था और सब बेचारे मुंह लटकाए दुखी हारे थके से वापस नंद महल से कृष्ण के महल से वापस रोते रोते जा रहे थे तो नंद महल से जा रहे थे  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=184 4:21 तो रास्ते में पड़ता बरसाना, राधा रानी ने देखा सब लोग रोते रोते वापिस जा रहें हैं,  श्री राधा रानी ने कहा जिनके पास पात्र नहीं है, उनको मेरे पास लेकर के आओ, मैं उनको पात्र दूंगी पात्र दूंगी, मतलब पात्रता दूंगी, योग्यता दूंगी, मैं उनको इस योग्य बनाऊंगी कि उनको कृष्ण की कृपा प्राप्त हो https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=261 5:45 श्री राधा रानी श्री राधा रानी पात्रता देती हैं, योग्यता देती हैं, इस योग्य बनाती हैं कि तुम कृष्ण के सामने जाकर खड़े हो पाओ, यह पात्रता दुनिया में और कहीं से नहीं मिल सकती, जब सब दुनिया से व्यक्ति हार जाए, जब उसे लगे कि अब तो कृष्ण भी नहीं सुन रहे, क्योंकि कृष्ण इतनी आसानी से सुनने वालों में से नहीं, तो उस समय जीव रोता रोता श्री राधा रानी के पास जाता है और राधा रानी से कहता है कि हे स्वामिनी जी आप नहीं कृपा करेंगी तो फिर कौन कृपा https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=345 6:27 कृष्ण जब कृपा करते हैं तो योग्यता अयोग्यता देखते हैं, पर राधा रानी जब कृपा करती हैं तो योग्यता अयोग्यता नहीं देखती, गुण और अवगुण नहीं देखती, जो एक बार उनकी शरण में आ जाए उसको सदा सदा के लिए अपने पास रख लेतीं हैं  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=387 6:49 श्री कृष्ण कहते हैं जो एक बार जो राधा बोल दे, “पुनरपि जनमम, पुनरपि मरणम, पुनरपि जननी जठरे शयनम” एक बार श्री राधा नाम का गुणगान करने से केवल उसके पाप और पुण्य खत्म नहीं होते, शास्त्र कहते हैं उसके पाप और पुण्य का पूरा रजिस्टर फाड़ के फेंक दिया जाता है, अब इसके जीवन में पिछला जो घटा सो घटा, उसको हटा दो, आगे जो आने वाला है, वो भी उसको भी लिखने की आवश्यकता नहीं, क्यों क्योंकि यह श्री राधा रानी की शरण ग्रहण करी है, इसलिए योग्यता देने वाली, पात्रता देने वाली, श्री राधा रानी हैं एकमात्र कृपा करने वाली श्री राधा रानी हैं  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=409 7:52 तो कोई नासमझ ही होगा वह आदमी एक जो कहता है कि श्रीमद् भागवत में राधा नहीं है, राधा रानी के बगैर तो भागवत है ही नहीं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=472 8:06 एक बार बहुत सारी सखियां, ठाकुर जी के कुंज में इखट्टी हुईं सब बैठी थीं, तो अचानक से भगवान कृष्ण ने सबसे प्रश्न किया ऐसे ही कहा कि यह बताओ मुझे सबसे ज्यादा गर्व किस बात पर होता है, तो सब सखी एक एक करके बताने लगी, एक सखी बोली आपको अपनी बांसुरी पर गर्व होता है, भगवान ने कहा हां यह बात भी ठीक है पर अभी मन को भाने वाला उत्तर नहीं मिला, एक सखी बोली कि आपको अपने माधुर्य पर गर्व होगा, राधा रानी से पूछा तो राधा रानी ने कहा कि हमें लगता है आपको अपने भक्तों पर बहुत गर्व होता है, ठाकुर जी मुस्कुराए कि हां यह भी ठीक तो है, तो वही एक मंजरी बैठी थी, रूप मंजरी उसने कहा हे श्री राधे आपकी अनुमति हो तो मैं उत्तर दे दूं तो https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=486 9:46 श्री राधा रानी ने इशारा किया कि हां तुम उत्तर दो, तब उस रूप मंजरी ने हाथ जोड़कर श्याम सुंदर से कहा आपको अपने भक्तों पर गर्व है, आपको अपने माधुर्य, अपनी बांसुरी सब पर गर्व है, पर मुझे यह लगता है कि जब श्री राधा रानी यह कहती है कि श्याम सुंदर मेरे हैं, इस बात पर आपको सबसे ज्यादा गर्व होता है https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=586 10:14 जैसे कृष्ण ने सुना तो कहे वाह वाह, अरे रूप, तूने तो मेरी मन की बात छीन ली, तो सखी कहती है जैसे आप राधा रानी से अलग नहीं हैं, वैसे मैं भी श्री राधा रानी से अलग नहीं हूँ, राधा रानी भी यही उत्तर देना चाहती थी पर संकोच के कारण कि मैं कैसे कह दूं यह बात इसलिए बोली नहीं, इसलिए उनका उत्तर मैंने दिया, यह श्री राधा रानी का ही उत्तर है  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=614 10:52 जो सखिया है, यह जो मंजरी होती है ना वह कोई अलग नहीं होती, भिन्न नहीं होती, जो श्री कृष्ण चाहते हैं, जो उनके मन में आ जाता है, जो श्री राधा रानी चाहती हैं, उनके मन में भी आ जाता है, इसलिए मंजरी उपासना सबसे उत्तम उपासना है  https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=652 Standby link (in case youtube link does not work): आज राधा अष्टमी पर जो भी इस कथा को सुनता है उस पर होती है राधा रानी की असीम कृपा देवी चित्रलेखा जी.mp4

Sunday, November 21, 2021

सपेरे को देखकर संत ने… by Indresh ji

सपेरे को देखकर संत ने…

https://youtu.be/N5ezU_qTlmI 1 पंडित श्री गया प्रसाद जी महाराज एक बार गोवर्धन में कहीं जा रहे थे, तो कहीं से दो चार सपेरे घूम रहे थे , सपेरों ने नीचे धोती, ऊपर सिर पर स्फा और ऐसे चंदन लगा रखा था, भेष ऐसा था, मानो कोई भक्त वैष्णव हों  https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=0 2 उनको जैसे ही देखा पंडित श्री गया प्रसाद जी महाराज दंडवत करने लगे प्रणाम करने लगे, धरती पर लेट करके, तो संग में महापुरुष थे, उन्होंने कहा कि यह सपेरे हैं, संत नहीं हैं, गया प्रसाद जी ने कहा कि मुझको तो इनमें संत दिखाई दे रहे हैं   https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=41  3 जबकि हमारी स्थिति ऐसी है कि हमको तो श्रेष्ठ संत में भी कोई ना कोई कमी दिख जाती है  https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=87  4 जब तक आपको किसी दूसरे में दोष दिखाई देने बंद ना हो, तो अपने आप को भक्त मत कहलाइए, अपने आप को वैष्णव मत कहलाइए https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=116  5 ना किसी के दोष पर घृणा करना, ना किसी के गुण पर रीझना (ताकि आपकी उसमें आसक्ती ना हो जाए), बस समत्व (equal, neutral) रहना, मगर शुरुआत गुण देखने से करिए https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=144  6 जितना भी आप पूजा, पाठ, परिक्रमा, आरती करते हो, सबका फल यह है कि आपका स्वभाव बदले (आपका मन निर्मल हो यानी संसार का मोह छूटे), नहीं तो रावण जैसा कोई शिव उपासक नहीं था https://youtu.be/N5ezU_qTlmI&t=194 


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Saturday, November 20, 2021

हमारे जीवन में इतने दुख क्यों आते हैं, इनसे कैसे निबटा जाए by Indresh ji


हमारे जीवन में इतने दुख क्यों आते हैं, इनसे कैसे निबटा जाए by Indresh ji
https://youtu.be/OZX6_wauPYM 1 प्रारब्ध को भोगिये, तंत्र-मंत्र मत लगाइए, प्रारब्ध तो भोगना ही पड़ेगा https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=0 2 श्री कृष्ण अर्जुन के मित्र थे, सामने थे, साथ थे हमेशा, मगर सदैव श्री कृष्ण ने कहा युद्ध कर,  अर्जुन ने कहा कि आप मुझे जिता दो बिना युद्ध के, उन्होंने कहा नहीं, जो देवताओं के सहारे पड़े रहते हैं वह महा आलसी होते हैं, अपने कर्म पर विश्वास रखो, ठाकुर जी का भजन अपने कार्यों की सिद्धि के लिए मत करो, ठाकुर जी का भजन केवल उनकी प्राप्ति के लिए करो, कर्म तो आपको ही करने पड़ेंगे, भगवान ने आपको सब बल दिए हैं आंख कान दिमाग हाथ https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=80 3 कई बार हम अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हैं, लेकिन सफल नहीं होते, तो उसमें यह समझो कि ठाकुर जी शायद चाहते हैं अभी थोड़े और परिश्रम करो  https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=184  4 केवल ठाकुर जी को प्रसन्न करने के लिए आप भजन करो https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=220  5 कम से कम 20 मिनट तो प्रभु को दो, पूरा मन लगाकर सत्संग सुनिए https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=231  6 ठाकुर जी कोई ATM मशीन नहीं है, वह प्रेम करने का एक शुद्ध माध्यम हैं, इसीलिए सब प्रचार है साधन है https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=344  7 ठाकुर जी से प्रेम करके देखिए, बहुत सुख की प्राप्ति होती है ठाकुर जी से जब प्रेम हो जाता है, तो कितने भी कष्ट जीवन में आएं, उनका अनुभव नहीं होता  https://youtu.be/OZX6_wauPYM&t=356  Standby link (in case youtube link does not work) हमारे जीवन में इतने दुख क्यों इतना कष्ट क्यों है जीवन में II श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी.mp4

Friday, November 19, 2021

दो बेटियों में फस गया बाप।। श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी

दो बेटियों में फस गया बाप।। श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी

https://youtu.be/gopqGRnpzWk

1 एक व्यक्ति के दो बेटियां थी एक कुमहार के घर ब्याह दी, एक किसान के यहां - वहां गया किसान के यहां तो बेटी ने कहा प्रार्थना करो कि खूब बारिश हो फसल अच्छी हो मगर दूसरी के पास गया, कुमहार की बहु, तो उसने कहा प्रार्थना करो कि खूब सूखा पड़े ताकि हमारे घड़े अच्छी तरह से पक जाएं https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=0 2 कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं जीवन में जब हम टूट जाते हैं मगर कुछ वर्षों बाद मालूम पड़ता है कि अगर वह स्थिति ना आई होती तो आज हम यहां नहीं होते https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=80 3 एक उदाहरण सुनिए, एक व्यक्ति का जिसकी छोटी उम्र में ही मां-बाप चले गए, सब भाई बहनों का बोझ उसने बचपन से ही संभाला भगवान से कहता था कि यह क्या कर दिया भगवान मगर आज भगवान को धन्यवाद करता है कि वह परिस्थिति ना होती तो मैं यहां नहीं होता https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=109 4 विवेकानंद जी कहते थे कि यदि किसी के जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां ना आएं तो समझो वह जी नहीं रहा https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=178 5 यदि अनुकूल वातावरण हो तो भक्त बनना ज्यादा मुश्किल नहीं मगर प्रतिकूल परिस्थितियों में गृहस्थ जीवन में भक्ति करना,भक्ति का माहौल न भी हो, तब भी भक्ति कर पाना असली भक्ति है https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=224 6 भक्त प्रहलाद का उदाहरण, नरसिंह भगवान खंबे से प्रकट हो गए https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=313 7 गृहस्थ आश्रम एक प्रतिकूल वातावरण है भक्ति के लिए चुनौती है, ठाकुर जी को भी ग्रहस्थ आश्रम के भक्त अधिक पसंद है बजाए की बैरागी और सन्यासियों के https://youtu.be/gopqGRnpzWk&t=372 Standby link (in case youtube link does not work): दो बेटियों में फस ☹️गया बाप।। श्री इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी.mp4

Thursday, November 18, 2021

“श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! | Shree Hita Ambrish Ji

श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! | Shree Hita Ambrish Ji


1 तो चरण शरण केवल भगवान की, बस भक्ति केवल भगवान की, केवल प्रभु के चरणों का आश्रय हो मन में, इस बात का सुदृढ़ विश्वास हो पक्का भरोसा कि भाई हमारा कल्याण प्रभु के अतिरिक्त कोई नहीं करा सकता है अब जब कहीं से कुछ मिलने वाला ही नहीं है द्वार द्वार भटक क्यों रहे हो और फिर दूसरी बात,  संसार में कोई आपको दे रहा हो या किसी देवी देवता से आप ले रहे हो सब आपको दे तो प्रभु का ही दिया रहे हैं देने वाला तो एक है, यह बात भी संतों ने कही है, “दाता एक राम”, देने वाला तो एक है भाई, दूसरा कोई है ही नहीं, भगवान स्वयं कह रहे हैं “एको हम” द्वितीयो नास्ती” दूसरा कोई नहीं है  https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=0 2 पर कोई बड़भागी होता है, कोई विरला होता है जो इस सार को, इस सत्य को जान पाता है, जिसके लिए भगवान ने गीता में कहा है, “वासुदेव सर्वम इति, स: महात्मा दुर्लभ:”  https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=47 3 ध्यान रखना कहीं भी कोई आशीर्वाद फलीभूत हो रहा हो, कहीं भी कोई मनोकामना पूरी हो रही हो, कहीं से भी आपको कुछ मिल रहा हो पर देखना मूल में देने वाले तो प्रभु ही हैं, जब सब दे ही प्रभु रहे हैं फिर भाई यहां वहां से क्यों लेना है, सीधे प्रभु से ही क्यों नहीं जाकर कहें  https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=62 4 और बड़े आनंद की बात है कि जिसको यह विश्वास हो जाए कि भाई वो एक ही तो है, वही बनाने वाला भी है, वही चलाने वाला भी है, वो यह भी जान जाएगा “बिन बोलेया सब कुछ जानदा, किस आगे कीजे अरदास” https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=79 5 इसलिए संतों ने तो एक भाव में विश्राम पाया है, एक भाव में प्रार्थना की है, विनती की है, याचना की है और बार-बार की है, “बार-बार वर मांगे हूं” कि सतत प्रार्थना में रत रहें, हमारी ऐसी मती दीजीये, मेरे ठाकुर “सदा सदा तुध ध्यान करूँ”, तुम करो दया मेरे साईं, तुम करो https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=127 6 “अनुग्रह भगवत: कृष्णस: भुत कर्मण:” यानी जो कोई नहीं कर सकता वो श्री कृष्ण कर सकते हैं और अपने भक्तों के लिए सहज में कर देते हैं, ऐसे ऐसे अद्भुत कर्म, ऐसी ऐसी अद्भुत लीलाएं भगवान अपने भक्तों के लि सहज में कर देते हैं, सूर्य भगवान ने अपने अपने रथ की गति एक बार रोक दी, श्री कृष्ण के संकेत पर यानी श्री कृष्ण की आज्ञा पाकर, और वहां ब्रज की लीला में जब रास रस का वर्षण कर रहे हैं रास बिहारी, तब भी तो सूर्य चंद्रमा चकित थकित होकर रुक गए थे, ये सारी भगवान की अद्भुत लीलाएं संकेत करती है, काल को, प्रकृति को आज्ञा देने वाले सर्वेश्वर सर्वाधार भी श्री कृष्ण ही हैं, श्री कृष्ण ही हैं, श्री कृष्ण ही हैं  https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=185 7 इसलिए सूरदास कहते हैं डंके की चोट पर “सब तज भजिए नंद कुमार”  https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=256

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“श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! Shree Hita Ambrish Ji.mp4