Why Shree Krishna is the Supreme Lord | क्यों हैं श्रीकृष्ण परम भगवान? by Swami Mukundanand
https://youtu.be/6hNLhwplahA Main Points: 1 0:00 – 0:38 नारद ने ब्रह्मा से पूछा कि सृष्टि आपने बनाई या आपके पीछे भी कोई शक्ति है? ब्रह्मा ने बताया कि वे श्रीकृष्ण द्वारा नियुक्त हैं, और शंकर भी उन्हीं की शक्ति से प्रलय करते हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=0 2 0:38 – 1:07 एक ब्रह्मांड में एक ब्रह्मा, विष्णु, शंकर होते हैं, लेकिन अनंत ब्रह्मांड में इनके अनंत रूप हैं, और उन सबके अध्यक्ष महाविष्णु हैं, जो श्रीकृष्ण से प्रकट हुए। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=38 3 1:14 – 1:45 ब्रह्मा ने श्रीकृष्ण की स्तुति की – "ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानंद विग्रहः, सर्व कारण कारणम्"। वे सभी कारणों के मूल कारण हैं, पर सीधे सृष्टि नहीं करते। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=74 4 1:38 – 2:33 भगवान श्रीकृष्ण स्वयं केवल भक्तों के साथ प्रेम-लीला करते हैं। सृष्टि संबंधी कार्यों के लिए उन्होंने अपने स्वरूप प्रकट किए। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=98 5 2:38 – 3:17 श्रीकृष्ण से बलराम, बलराम से चतुर्व्यूह, और द्वितीय संकर्षण से महाविष्णु प्रकट हुए। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=158 6 3:20 – 3:59 महाविष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। उनके श्वास से अनगिनत ब्रह्मांड रोम कूपों से उत्पन्न होते हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=200 7 4:20 – 5:05 हर ब्रह्मांड में गर्भोदकशायी विष्णु और क्षीरोदकशायी विष्णु प्रकट होते हैं, और गर्भोदकशायी विष्णु की नाभि से कमल पर ब्रह्मा जन्म लेते हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=260 8 5:01 – 6:03 नारद के प्रश्न पर ब्रह्मा पुनः बताते हैं कि वे स्वयं नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की नियुक्ति से सृष्टि करते हैं। शंकर भी उन्हीं की शक्ति से प्रलय करते हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=301 9 6:03 – 6:55 अनंत ब्रह्मा, विष्णु, शंकर हैं, पर उन सबके अध्यक्ष महाविष्णु हैं, और महाविष्णु श्रीकृष्ण से निकले। अतः श्रीकृष्ण स्वयं भगवान हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=363 10 6:55 – 8:00 सभी अवतार पूर्ण होते हैं, पर सबसे रस मय और मूल स्वरूप श्रीकृष्ण हैं। वे ही आदि, सर्व कारणम, और सभी अवतारों के अवतारी हैं। https://youtu.be/6hNLhwplahA&t=415 Full Text: सृष्टि का रहस्य और श्रीकृष्ण का परम सत्य | Mystery of Creation & Supreme Truth of Shree Krishna 0:00 ब्रह्मा से नारद ने पूछा था अरे पिताजी 0:05 आप यह इतना बड़ा संसार बनाए 0:08 आपने क्या अपनी शक्ति से बनाया या आपके 0:13 पीछे भी कोई है तो भागवत में ब्रह्मा जी 0:17 कहते हैं कि नारद जी 0:24 श्री कृष्ण के द्वारा नियुक्त किया गया 0:28 मैं ब्रह्मा सृष्टि करता हूं और 0:33 उनकी शक्ति को पाकर शंकर जी महाप्रलय करते हैं 0:38 तो पावर हाउस श्री कृष्ण हैं अतः एक ब्रह्मांड में 0:44 एक शंकर एक ब्रह्मा एक विष्णु तो अनंत Additional links for various Vishnus: https://vedabase.io/en/library/sb/3/8/ https://vedabase.io/en/library/sb/7/9/33/#bb46584 https://vedabase.io/en/library/transcripts/661216cc-new-york/#bb582443 https://vedabase.io/en/library/cc/adi/5/#bb1082417 0:49 ब्रह्मांड में अनंत शंकर अनंत ब्रह्मा 0:53 अनंत विष्णु 0:55 और उन सब के अध्यक्ष महाविष्णु 1:01 और वो महाविष्णु 1:03 निकले श्री कृष्ण से 1:07 वो स्वयं भगवान श्री कृष्ण सृष्टि संबंधी कार्यों में भगवान की भूमिका | Role of God in Creation and Cosmic Management 1:14 ब्रह्मा जी श्री कृष्ण की स्तुति करते 1:18 हैं। “ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानंदविग्रह:अनादिर आदिर गोविंद:सर्व-कारण-कारणम” “Kṛṣṇa who is known as Govinda is the Supreme Godhead. He has an eternal blissful spiritual body. He is the origin of all. He has no other origin and He is the prime cause of all causes” https://vedabase.io/en/library/bs/5/1/ 1:31 सब कारणों के मूल कारण यानी सब अवतारों के 1:38 मूल स्त्रोत ये श्री कृष्ण स्वयं भगवान 1:45 वे directly सृष्टि नहीं करते। 1:49 वे मात्र भक्तों के साथ प्रेम की लीलाएं 1:54 करते। 1:55 इसलिए Chaitanya Mahaprabhu जी ने कहा 2:05 सबके अंदर बैठना 2:08 उनके कर्मों को नोट करना उसका हिसाब रखना 2:14 और ठीक समय पर कर्मों का फल प्रदान करना 2:19 यह सब जो सृष्टि संबंधी कार्य है वो भगवान 2:25 श्री कृष्ण नहीं करते अरे भाई यह ऑफिस का 2:29 काम से हमको क्या लेना देना? हम तो मात्र 2:33 भक्तों के साथ प्रेम की लीलाएं करेंगे और श्रीकृष्ण से बलराम, चतुरव्यूह और महाविष्णु का दिव्य विस्तार | Divine Expansions of Krishna to Balaram, Chaturvyuha & Mahavishnu 2:38 इस सृष्टि संबंधी कार्य के लिए वे अपने 2:42 अभिन्न स्वरूप बना देते हैं। श्री कृष्ण 2:46 से प्रकट हुए सर्वप्रथम बलराम 2:53 और वो बलराम से प्रकट हुए चतुरव्यूह 2:57 यह भगवान के दिव्य लोक में हैं संकर्षण 3:02 अनिरुद्ध प्रद्युम्न और वासुदेव अब वहां 3:06 संकर्षण से प्रकट हुआ दूसरा चतुर्वह 3:09 संकर्षण अनिरुद्ध प्रद्युम्न वासुदेव 3:13 अब वो द्वितीय संकर्षण से प्रकट हुए महा 3:17 विष्णु 3:20 महा विष्णु causal ocean में जाकर लेट महाविष्णु से सृष्टि की अद्भुत उत्पत्ति | Miraculous Creation of Universes from Mahavishnu 3:24 जाते हैं उनको कारणव शई विष्णु भी कहते हैं। 3:30 योग निद्रा में लेटकर श्वास अंदर खींचते 3:33 हैं तो उनके एक एक रोम से ब्रह्मांड प्रकट 3:39 होते हैं। अनंत ब्रह्मांड। बताइए उनका रोम 3:44 कूप कितना बड़ा होगा? कि एक एक रोम कूप से 3:50 अनेक अनेक ब्रह्मांड निकल रहे हैं। 3:54 जबकि ब्रह्मांड ही इतना विस्तृत है। 3:59 वैज्ञानिक लोग अनुमान लगाते हैं कि speed of light 4:03 से भी चलें तो भी अरबों वर्ष लग जाएंगे 4:07 ब्रह्मांड के अंश तक पहुंचने में। इतना 4:11 बड़ा एक ब्रह्मांड और अनंत ब्रह्मांड महा 4:16 विष्णु के शरीर से निकलते हैं। 4:20 पश्चात गर्भोदशायी व क्षीरोदशायी विष्णु और ब्रह्मा का जन्म | Garbhodashayi & Ksirodashayi Vishnu and Birth of Brahma 4:22 वो ब्रह्मांड का नीचे वाला भाग पुनः जल से 4:26 भरता है और उसमें विष्णु जी प्रत्येक 4:32 ब्रह्मांड में एक एक स्वरूप धारण करके 4:35 अनंत शेष पर लेट जाते हैं। उनको कहते हैं 4:39 गर्भो दक्षाई विष्णु और उनकी नाभि से एक 4:45 कमल निकलता है। तो उसी ब्रह्मांड के ऊपर 4:49 क्षीर सागर बन जाता है। जहां पर अब तृतीय 4:53 पुरुष क्षीरोदक्षाइ विष्णु जाके लेटते हैं। 4:58 तो गर्भोदक्षाई विष्णु की नाभि से जो कमल 5:01 निकलता है उस पर ब्रह्मा जी का जन्म होता 5:05 है। सृष्टि कर्ता ब्रह्मा कहते हैं उन्हें, लेकिन 5:10 वही ब्रह्मा से नारद ने पूछा था अरे श्रीकृष्ण: समस्त शक्तियों के परम स्रोत | Krishna – Ultimate Source of All Powers 5:14 पिताजी 5:16 आप यह इतना बड़ा संसार बनाए आपने क्या 5:21 अपनी शक्ति से बनाया? या आपके पीछे भी कोई 5:26 है? तो भागवत में ब्रह्मा जी ने उत्तर 5:29 दिया कि मैं 5:50 श्री कृष्ण के द्वारा नियुक्त किया गया 5:53 मैं ब्रह्मा सृष्टि करता हूं ! और 5:59 उनकी शक्ति को पाकर शंकर जी महाप्रलय करते हैं 6:03 तो पावर हाउस श्री कृष्ण हैं। अतः एक ब्रह्मांड में श्रीकृष्ण: सभी अवतारों के अवतारी | Krishna – The Source of All Avatars 6:09 एक शंकर एक ब्रह्मा एक विष्णु तो अनंत 6:14 ब्रह्मांड में अनंत शंकर अनंत ब्रह्मा 6:18 अनंत विष्णु 6:21 रामायण में आप लोग पढ़े होंगे “verse” जब भगवान ने विराट रूप दिखाया 6:34 तो अनंत शंकर अनंत ब्रह्मा अनंत विष्णु 6:38 और उन सब के अध्यक्ष महा विष्णु और वो महा 6:45 विष्णु निकले श्री कृष्ण से 6:50 वो स्वयं भगवान श्री कृष्ण हैं इसका मतलब यह 6:55 मत लगाएं कि वो छोटे हैं। verse सभी अवतार कृष्ण से अभिन्न | All Avatars Are One with Krishna 7:04 पद्म पुराण में भगवान के ही अवतार 7:08 वेदव्यास कह रहे हैं कि भाई देखो सब अवतार 7:12 पूर्ण हैं। “सर्वे सर्वगुण पूर्णा” तो सब होते 7:18 हुए भी जो सर्वाधिक रसमय स्वरूप है भगवान 7:23 का वो श्री कृष्ण का है तो वो श्री कृष्ण 7:30 स्वयं भगवान कहलाते हैं। बाकी सब अवतार हैं 7:35 और श्री कृष्ण अवतारी हैं । इसका मतलब यह 7:41 नहीं कि कोई भी भगवान का स्वरूप छोटा है 7:45 या किसी प्रकार से नगण्य है। वे श्री 7:50 कृष्ण के अभिन्न स्वरूप है। किंतु मूल 7:55 स्वरूप जो है 7:57 “आदि सर्व कारणम” 8:00 वे श्री कृष्ण ही हैं