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Monday, September 20, 2021

चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं, तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं - Chitralekha devi


चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं, तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं - Chitralekha devi

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI


चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं

तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=0


संसार में प्रेम नहीं होता, सब मतलब की दुनिया है मतलब खत्म, रिश्ता खत्म

There cannot be any true love but only selfish love in this world, if one is not able to fulfil other's requirements, the relationship is over

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=53


तुम्हारे नाम का मोती ही मेरी दौलत है

यह रुतबा ये शोहरत भी तेरी बदौलत है 

तू है सागर, मैं हूं कतरा ,तेरे संग बहूंगा मैं 

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=245


गम की रातें लगेंगीं जैसे सुख का सवेरा है

बस तू एक बार जो कहदे कि हां तू मेरा है

फिर तो हर सितम हंसकर ही सहूंगा मैं https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=394


जिसकी अटकी है जान तुझमें मैं वो परिंदा हूं 

तू मेरे साथ है इस आशा पे मैं जिंदा हूं 

जिस तरफ ले चलो मुझको, वही चलूंगा मैं 

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=548


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चाहे जैसे मुझे रख लो, कुछ न कहूंगा मैं ~ देवी चित्रलेखा जी.mp4










Sunday, July 4, 2021

उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग || देवी चित्रलेखा जी

 



उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग || देवी चित्रलेखा जी 

https://www.youtube.com/watch?v=-dL4NXUEX3k


0 मथुरा में सब कार्य संपन्न करते हुए भी श्रीकृष्ण के चेहरे पे एक उदासी सी बनी हुई है - कारण ब्रिज का प्रेम - मथुरा में किसी ऐश्वर्य की कमी नहीं है - प्रणाम बहुत करने वाले बहुत हैं मगर गले लगाने वाला कोई नहीं

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=0

0.54 माँ देवकी खाने का थाल परोस के लाई श्री कृषण के सामने, उन्होंने खाने को देखा और आपने आंसू छुपाने के लिए ऊपर छत पर चले गए

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=54

 

3.24 उद्धव ऊपर आए, श्रीकृष्ण ने कहा वो खाने की थाल में माखन देखकर मुझे ब्रिज की स्मृति हो आई, मेरी मैया यशोदा पूरी रात नींद नहीं आती थी कि सुबह उठके कान्हा माखन मांगेगा, हे उद्धव, ये प्रेम का पाठ तुझे कैसे समझाऊँ, "मोहे ब्रिज बिसरत नाहीं" (I can never forget Brij),  मुझे याद आती है उस गाय के बछड़े की जो रोते रोते पूछ रहा था हे कृष्ण तुम वापस कब आओगे, सारा ब्रज बोलता था कि तुम्हारे बिना हम निष्प्राण हैं, कैसे सांस लेंगे हम

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=204

 

5.26 मेरे एक समय के भोजन न करने पर यशोदा पूरे ब्रिज के वैदों को बुला लेती थी कि क्या हो गया है मेरे कन्हैया को, सारी रात माँ जागती थी

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=326

 

5.45 हर सांस के साथ मुझे ब्रिज की या बहुत याद आती है, किंतु ये मजबूरियां ये कर्तव्य मुझे यहाँ से जाने नहीं देते, उद्धव तुम मेरा एक काम करो "तुम ब्रिज चले जाओ", बड़े से बड़ा वेदज्ञ, नारद मुनि, ब्रह्मा, शंकर सब गोपियों के पद की रज मांगते हैं, मेरा पितांबर ले जाओ, मुरली ले जाओ, मोर मुकुट ले जाओ और ये गले की माला बृज वासियों को दिखाने के लिए, इन्हें जा करके राधा को सुंघा देना, दिखा देना, वो यमुना के किसी घाट पर बेहोश पड़ी होंगी, उन्हें होश में लाना आसान नहीं है, जब ये माल के फूलों की खुशबू सूंघेगी तब उसे होश आएगा कि हाँ श्री कृष्ण आए  

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=345

 

9.06 उद्धव यशोदा मैया से मिले, मैया कान्हा के तकिये को लोरी सुनाती रहती है, कान्हा सो जा, तू कल भी नहीं सोया, पूरे ब्रज का यही हाल था सब कृष्ण को स्मरण ही करते रहते हैं फोटो लें शशी फोटो लें

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=546  

 

10.23 गोपियों से मिले उद्धव, गोपियाँ बावरीं बनके यमुना किनारे डूबी थी कृष्ण प्रेम में, एक गोपी लिख रही थी 1+1=1, उद्धव ने कहा 1+1=2 मगर गोपी ने कहा कि जब प्रेमी और प्रियतम मिल जाते हैं तो एक ही हो जाते हैं, "जब "मैं" (ego) था, तो प्रभु नहीं और जब प्रभु थे तो "मैं" नहीं, प्रेम गली अति सांकरी (too narrow) इसमें दो ना समाए", राधा भ्रमर (black betel, भँवरा) गीत गा रही थी, जहाँ काला रंग देखा तो कृष्ण की याद आ गई, सब गोपियों का एक ही प्रश्न कि कह के गए थे कि "परसों" (day after tomorrow) आयेंगे मगर बरसों हो गए नहीं आये

भ्रमर गीत available at:

https://tinyurl.com/22xyejgg

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=623

 

11.56 उद्धव की बुद्धि सबका इतना अपार प्रेम देखकर चकरा गई, "उद्धव सूधो हो गयो, सुन गोपिन के बोल", (सूधो = compelled to yield that love is greater than any wisdom) - ज्ञानी उद्धव प्रेमी उद्धव बन गए ब्रज में आ के

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=716


12.13 छह महीने उद्धव ब्रिज में रहे, जब कृष्ण से मिले, तो बोला आप ब्रिज में जाओ वहाँ वो खाते तुम्हारे लिए हैं, सोते तुम्हारे लिए हैं, वो जिंदा इसलिए हैं कि किसी दिन कन्हैया आ गया और माखन मांगा तो ? कृष्ण ने कहा उद्धव जो तू ने देखा ये मेरी बाह्य (external) लीला है अब तू मेरी आंतरिक (internal) लीला देख, जब आंख बंद की तो उद्धव ने देखा - यशोदा के पास तकिया नहीं स्वयं श्री कृषण लेटे हुए हैं, गोपियों के पास कृष्ण खड़े थे, श्रीकृष्ण ने कहा कि मैं दुनिया छोड़ सकता हूँ मैं अपने ब्रिज को नहीं छोड़ सकता, ब्रिज में नित्य लीला आज भी होती है

https://youtu.be/-dL4NXUEX3k&t=733

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उद्धव प्रसंग - श्रीमद्भागवत का सबसे मार्मिक प्रसंग देवी चित्रलेखा जी.mp4

 


Saturday, July 3, 2021

"प्रेम की पीड़ा " आंखे नम कर देने वाला विरह भाव देवी चित्रलेखा जी

 




"प्रेम की पीड़ा", आंखे नम कर देने वाला विरह भाव देवी चित्रलेखा जी

https://www.youtube.com/watch?v=4AE9PLOR5E8

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प्रेम की पीड़ा आंखे नम कर देने वाला विरह भाव

जब उद्धव (श्री कृष्ण के मित्र) ब्रिज में आए और सबसे पूछा कि आप क्या काम करते हो सबका एक ही उत्तर था की बस श्री कृष्ण को याद करते हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8&t=0

 

ब्रिज में एक और प्रेम धारा बहती है उसका नाम है श्री राधा और धन्य है श्री राधा जिनके पांव श्रीकृष्ण सहलाते हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=45

 

जब श्री कृष्ण ब्रज को छोड़ मथुरा की तरफ जा रहे थे, सारी गोपियां श्री कृष्ण के रथ के सामने लेट जाती है और बोलीं हे कृष्ण हमारी सांस हमसे छीन ली जाएं तो हमारी क्या दशा होगी, कृष्ण से दूर मतलब प्राणों से दूर

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=95

 

गोपियों का प्रेमी दिल कह रहा था की ये अंतिम बार है जो श्री कृष्ण के दर्शन कर पा रही हैं

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=164  

 

श्रीकृष्ण ने गोपियों से पूछा राधा किधर है ?

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=193

 

श्रीकृष्ण ने राधा को कहा कोई जाने न जाने पर तुम तो जानती हो मेरे अवतार का उद्देश्य, क्या दूर हो जाने से प्रेम कम हो जाता है ? क्या राधा श्रीकृष्ण से अलग हो सकती है ?

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=267

 

श्रीकृष्ण ने कहा राधा को कहा कि मैं ब्रिज छोड़कर जा रहा हूँ, सिर्फ और सिर्फ तेरे भरोसे, मैं जानता हूँ कि इस ब्रिज को केवल तुम संभाल सकती हो, और मुझे वायदा करो की अपनी आंख से अश्रु (tears) नहीं गिरने दोगी

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=305  

 

किसी ने पूछा कि श्री राधा कौन है कहा कि जिसका रोम रोम कृष्ण के प्रेम से बना हो, वो दिखती एक कन्या सी हैं मगर वो कृष्ण का साक्षात प्रेम रूप हैं, प्रेम ने एक आकार धारण कर लिया है और उसी आकार का नाम राधा है, ये प्रेम की परिभाषा है कि यहाँ राधा कृष्ण को याद करती है और वहाँ द्वारका में कृष्ण के आंसू निकलने लगते हैं, इस प्रेम को संकीर्ण (narrow minded) मत समझिएगा, ये पुरुष नारी का प्रेम नहीं है

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=416

 

भरोसा बहुत प्रिय शब्द है, बृजवासियों को भरोसा था, यानी पूर्ण विश्वास था, कि श्रीकृष्ण वापिस आयेंगे क्योंकि वो कह के गए हैं , भले वो आएं  या ना आएं   

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=534

 

श्री कृष्ण तो वापिस ब्रिज नहीं आए, उन्होंने अपने मित्र उद्धव को भेजा बृज वासियों को समझाने के लिए मगर यहाँ कोई समझने के लिए तैयार ही नहीं था

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=585

 

श्री कृष्ण ने सोचा मैं भी तो जानूं कि क्या होता है राधा का प्रेम, क्योंकि श्री कृष्ण के पास भी राधा जैसा हृदय नहीं है, श्री कृष्ण ने सोचा मुझे भी जानना है कि कैसी होती है प्रेम की पीड़ा, इसलिए श्री राधा का हृदय लेकर श्री कृष्ण प्रकट हुए बंगाल में, श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=624

 

श्री चैतन्य महाप्रभु के चारो तरफ लोगों को बिठाना पड़ता था की वहाँ पर कोई कृष्ण का नाम नहीं ले, क्योंकि कृष्ण का नाम सुनते ही, चैतन्य महाप्रभु का शरीर कांपने लगता था और धरा पर मूर्छित हो कर गिर जाते थे

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=725

 

और समस्त जगत में श्री चैतन्य महाप्रभु ने प्रेम का प्रचार प्रसार किया

https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=763