Friday, August 28, 2020

जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है Vinod Agarwal Bhajan lyrics, Jagat ke rang kya dekhoon, tera deedar kafi hai #blogva016



जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है

https://youtu.be/VzBH4-kUZvwt

0.0 जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है, करूं मैं प्यार किस-किस से तेरा इक प्यार काफी है 1.06 नहीं चाहिए यह दुनिया के, निराले रंग ढंग मुझको 1.56 चली जाऊं मैं वृंदावन, तेरा दरबार काफी है 3.15 जगत की साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे 4.05 कहां जाके सुनूं अनहद, तेरी झंकार काफी है 5.25 जगत की झूठी रोशनी से, है आंखें भर गई मेरी 6.15 मेरी आंखों में हो हरदम, तेरा चमकार काफी है 7.53 till 10.08 जगत के रिश्तेदारों ने बिछाया जाल माया का, तेरे संतो/भक्तों से हो प्रीति यही परिवार काफी है अनहद = असीम, limitless 


Vinod Agarwal Bhajan lyrics

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https://www.youtube.com/watch?v=J1q4_VC-kbM

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https://www.youtube.com/watch?v=FmCNKuaP010

https://www.youtube.com/watch?v=tqJ1ja2V6Hs

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https://www.youtube.com/watch?v=RmxyvfdUZSc

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जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है 

- by Jaya Kishori


 https://youtu.be/5w5hYQlbJ-c?si=CvUHB_jBOVg3AX9Z&t=27


Standby link (in case youtube link does not work):

Jagat Ke Rang Kya Dekhu Tera Jaya Kishori Krishna Bhajan Jaya Kishori Ji Bhajan शुभ TV.mp4



0.27 जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है

0.48 क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है


1.31 नहीं चाहिए यह दुनिया के, निराले रंग ढंग मुझको

2.03 चली जाऊं मैं खाटूं जी, तेरा शृंगार काफी है


2.46 जगत की साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे

3.18 कहाँ जाके सुनूँ बंसी, मधुर वो तान काफी है


3.56  जगत के रिश्तेदारों ने बिछाया जाल माया का 

4.27 तेरे भक्तों से हो प्रीति, श्याम परिवार काफी है


5.22  जगत की झूठी रोशनी से, है आंखें भर गई मेरी

5.54 चले आओ मेरे मोहन, दरश की प्यास काफी है