तेरा रब नहीं वसदा दूर अखियां खोल जरा
खोल जरा, खोल जरा अखां
YOUR God IS NOT SITUATED FAR OFF, OPEN YOUR EYES (अखियां खोल जरा), O MIND !
फूल वास मुख दर्पण न्याइ
व्याप रहा घट घट में मांही
मैं मेरी कर दूर
अखियां खोल जरा
FACE IS INDEX (दर्पण) OF MIND – WHY SO ? – BECAUSE GOD (मांही) AS SUPERSOUL SITS IN EACH (व्याप रहा) HEART (घट घट)
YOU ONLY NEED TO REMOVE ME (मैं)& MINE (मेरी)
बिन सतसंग मिले ना मार्ग
आ रब कहंदे कोल है शाह रब
ओ ते हर वेले भरपूर
अखियां खोल जरा
WITHOUT SATSANG, YOU CANNOT FIND YOUR WAY (TO God), ALTHOUGH HE (शाह रब) IS VERY VERY NEAR (कोल)& HE IS COMPLETE (भरपूर)
पत्थर में जो आग समावे
बिन पुरुषार्थ हाथ ना आवे
सतसंग करो जरूर
अखियां खोल जरा
AS FIRE IS INBORN IN STONE, LIKEWISE IN YOUR ACTIONS, HE IS INBORN BUT YOU HAVE TO BE DOING SATSANG TO GUIDE & SHOW YOU THE PATH (TO God)
मैं नूँ मार मुकावे जेड़ा
साफ करें इस दिल दा वेड़ा
कड दे दिलों गरूर
सतगुरु पूरा जे मिल जावे
विच इस घर दे घर दिखलावे
फिर प्रगट होए दूर
अखियां खोल जरा
ONE WHO IS ABLE SUBDUE HIS ME & MINE MENTALITY (मैं नूँ मार मुकावे) & THUS PURIFY HIS HEART (साफ करें इस दिल दा वेड़ा), BANISH EGO (कड दे दिलों गरूर) AND
IF YOU FIND A CAPABLE (पूरा) GURU (सतगुरु पूरा जे मिल जावे)
THEN HE CAN SHOW YOU THAT HE SITS IN YOUR HEART (INNER घर) (OF THE BODY - OUTER घर, THEREFORE (विच (WITHIN) इस घर दे घर)
बिन सतगुरु ना सो जीव पावे
मुर्शद बिन राहत ना आवे
दास ए गल्ल मशहूर
WITHOUT A CAPABLE GURU, ONE CANNOT GET (ना सो जीव पावे) HIM (सो)
(मुर्शद – PRIEST / GURU) & THERE IS NO RELIEF WITHOUT A GURU (मुर्शद बिन राहत ना आवे)– IT IS A WIDELY KNOWN FACT (दास ए गल्ल मशहूर)