दो बातें दिल की सुन जाओ, हमारे यार मनमोहन
दो बातें दिल की सुन जाओ हमारे यार मन मोहन
जरा हंस के इधर देखो मेरे दिलदार मनमोहन
लगा है इश्क अब तुमसे अब तो मगरूर (proud) क्यों हमसे
ना रख दिल में कपट नटखट
मिलो, कर प्यार मनमोहन
निहारा (seen) जब से तूं जानी
हुई छवी देख दीवानी
गुमानी (proud) बोल कुछ मुख से
मेरे सरकार मनमोहन
परेशान हुआ हूं भारी
बिहारी बेरहम मत बन
भटक भारी फिरी बन बन
हुई लाचार मनमोहन
रही नहीं खाक की, घर की
कसम मुझको मेरे सर की
रहूँ नित इंतजारी में
मेरे सरदार मनमोहन
भई जब से तेरी चेरी
हुए सब आशना (all acquaintances) बैरी
मेरे घर आ, ना कर देरी
दे दीदार मनमोहन
कहां जाऊं किधर ढूँढू
मिलो तुम किस जगह मुझसे
बता दो कुछ पता अपना
तजो इसरार (obstinacy) मनमोहन
भई बेकल बड़ी भारी
कलेजा थाम के बैठी हूं
लबों पर आ रहा है दम
मरी मतवार मनमोहन
फंसी हूँ आज घर बेढब (ugly)
यहाँ अब ग़ैर जन (amongst unknown people) सों में
पकड़ सिर खूब रोती हूं
दया उर धार (have a heart) मनमोहन
जुदाई फिर ना हो जानी
करो इतनी मेहरबानी
जिऊँ तुमको निरख निश दिन
करूँ उर हार (taken you in heart) मनमोहन
लगा लो हंस के सीने से
लबों का दीजिए बोसा (kiss)
सरस की अर्ज़ है तुमसे
ये बारंबार मनमोहन
(Vinod Agarwal Bhajan Lyrics)
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