Wednesday, July 21, 2021

मृत्यु से बचने का तरीका by HG Ravi Lochan Prabhu

 

मृत्यु से बचने का तरीका by HG Ravi Lochan Prabhu

https://youtu.be/52mdAd1qO5g

Standby link (in case youtube link does not work):

मृत्यु से बचने का तरीका NO More Death ☠️ HG Ravi Lochan Prabhu ISKCON Dwarka.mp4

https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gnPt2QmcNETkkSqpq_A?e=pzHyjD

 

0.0 या तो voice है या फिर noise है, ऐसे ही हमारा मन है जो अंदर बैठा शोर मचा रहा है परेशान है, संघर्ष करता जा रहा है

0.29 और यह संघर्ष जन्मों-जन्मों से ही चलता आ रहा है, जन्म मृत्यु का चक्कर चलता ही जा रहा है करोड़ों योनियों से - मगर हमें समझ नहीं आ रहा है

1.37 हमारे कितने जन्म हो चुके हैं और कितनी बार मृत्यु जितने समुद्र के किनारे रेत के कण हैं

2.23 बार-बार हमने जन्म लिया कभी पशु की योनि में, कभी पक्षी, कभी मछली

3.16 मां के गर्भ में इतनी परेशानी होती है वह छोटी सी थैली में अंगड़ाई भी नहीं ले सकता है उसका दर्द केवल वही जानता है जो मां के गर्भ में पनप (to grow) रहा है,

3.45 मां के गर्भ में इतनी तपश होती है वह मगर तपश को हटा भी नहीं सकता

4.11 यह सबको मालूम है कि इस संसार में दुख ही दुख हैं और सबसे ज्यादा दुख वही देते हैं जिनसे हम सबसे ज्यादा स्नेह करते हैं

4.35 इस संसार में पद पद (at each step) पल-पल (at each moment) पर खतरा है

5.19 लोग शादी करते हैं कि मेरा पति मेरी सुनेगी, पति मेरा सुनेगा मगर क्या ऐसा होता है, सब सोचते हैं शादी करके तो देखेंगे, लड्डू चख कर तो देखेंगे, मगर शादी के बाद दो तीन चार बच्चे हो गए अब सब की समस्या भी आपकी समस्या

6.25 कोई भी इस मृत्यु और जन्म के चक्कर से नहीं बच सकता जब तक कि वह श्री कृष्ण की शरण ना ले, जो श्री कृष्ण की शरण ले ले तब यह पूरा संसार केवल गाय के बछड़े के पांव जितना जगह छोटा रह जाता है संसार, और ऐसे शरणागत के लिए पद पद पल-पल खतरा नहीं रहता

7.24 जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो इतने कष्ट सहता है कि वह भगवान से वायदा करता है कि मैं केवल आप ही की भक्ति करूंगा जन्म लेने के बाद

7.50 मगर जन्म लेने के तुरंत बाद ही सब भूल जाता है trauma की वजह से और जिन मां बाप की गोदी में जाता है वे बोलते हैं मेरा बच्चा इंजीनियर बनेगा डॉक्टर बनेगा, चाहे वह बड़ा होकर चोर बने

8.30 यह कथा कीर्तन हम क्यों करते हैं यह आपने जो भगवान को वायदा किया था गर्भ में उसे याद कराने के लिए

8.54 और हम सब बीमार हैं मृत्यु जन्म के चक्कर में रोग में फंसे हुए हैं इसलिए चैतन्य महाप्रभु आए हैं दवाई लेकर

9.12 ऐसी दवाई जिसे लेने से बार-बार जन्म मृत्यु का चक्कर खत्म हो जाएगा, हम भगवान के घर वापस जा पाएंगे जहां कुछ दुख नहीं है ना मृत्यु है ना रोग है ना old age बुढ़ापा है, कोई stress depression नहीं है

9.46 पृथ्वी के ऊपर 6 लोक - स्वर्ग लोक, अपवर्ग लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक और ब्रह्मलोक, पृथ्वी के नीचे 7 लोक - अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल,  मगर कहीं और कोई और दवाई नहीं है श्री कृष्ण की शरणागत के सिवाय

10.45 Harer Nam Kevalam (vide https://prabhupadabooks.com/cc/adi/7/76 ) , in this age of quarrel & hypocrisy, there is no other way there is no other way there is no other way

11.24 चैतन्य महाप्रभु जी महामंत्र दे गए हैं औषधि के रूप में " हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे" इससे कलयुग के सारे ताप दुख खत्म हो जाएंगे आपके

12.17 कलयुग में दोष ही दोष है दोषों का समुंदर है नदी तालाब नहीं

12.34 मगर कलयुग का एक परम गुण भी है श्री कृष्ण का नाम आपको परम विजय और मुक्ति की तरफ लेकर जाएगा

13.16 जितने भी हम कार्यक्रम करते हैं कीर्तन वगैरह, सबका मकसद एक ही है हमें स्मरण दिलाना कि मैंने भगवान से वायदा किया था कि आप की भक्ति करेंगे

14.25 आज कलयुग में सब यही चाहते हैं कि मेरी प्रसन्नता कैसे हो मगर भक्ति का मतलब श्री कृष्ण की प्रसन्नता