Thursday, June 17, 2021

मृत्यु का भय Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj [ Death Fear] ..Radha Govind Dham - Full Transcript Text




https://www.youtube.com/watch?v=Gz30UNmuEoY


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Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj [ Death Fear ] ... मृत्यु का भय Radha Govind Dham.mp4

 

1.57 पांच क्लेश होते हैं उस में से एक है मृत्यु का भय, उसे अभिनिवेश कहते हैं, ये भय सबको है, ऐसा नहीं है कि मृत्यु का समय निश्चित है की 50 वर्ष तक तो मरना ही नहीं, पक्का है

2.50 पैदा होते ही या माँ के पेट में ही बच्चा मर जाता है कभी कभी, सभी देख ही रहे हैं कि आस पास सब लोग मर ही रहे

3.18  फिर मृत्यु से डरते क्यों हैं, सब वेद, शास्त्र के प्रमाण और आसपास सभी जगह प्रत्यक्ष प्रमाण को भी नकार दिया की मैं तो नहीं मरने वाला

3.42 ये संसार है, संसार शब्द बना है संसृति से : संसार माने सरकने वाला, पहले सबसे ऊपर सतयुग आया, फिर संसार सरका त्रेता युग की तरफ, फिर द्वापर, फिर कलयुग और जब संसार बहुत नीचे चला जाएगा तब फिर भगवान सतयुग ले आयेंगे, संसार सरकता ही रहता है

4.25 ये संसार चलता ही रहता है कोई चीज़ स्थिर नहीं है, और यदि कोई स्थिर है केवल तीन चीज़ 1. ब्रह्मा 2 जीव 3. माया  लेकिन आना जाना इन तीनों का भी बना हुआ है

5.04 ब्रह्मा भी आते हैं और अपनी आयु व्यतीत कर के चले जाते हैं - हालांकि ब्रह्मा तो स्वेच्छा  से आते हैं और स्वेच्छा से जाते हैं, मगर जीव कैदी बनकर आते हैं और कैदी बनकर ही चले जाते हैं, ये भेद तो है ब्रह्म और जीव में लेकिन आना जाना सबका लगा रहता है

5.42  माया भी आती है जाती है,  सारे संसार का प्रलय होता है एक दिन

6.11 पृथ्वी से 10 गुना जल,  जल से 10 गुना अग्नि, अग्नि से 10 गुना वायू, वायु से 10 गुना आकाश, आकाश से 10 गुना पंचतनमात्रा, पंचतनमात्रा से 10 गुना अहंकार, अहंकार से 10 गुना महान,  महान से 10 गुना प्रकृति, प्रकृति से अनंत गुना भगवान, प्रलय के बाद प्रकृति लीन हो जाती है भगवान में और फिर भगवान ही उसे दोबारा प्रकट करते हैं

 

6.55 ये आवागमन, आना जाना, सबका चलता ही रहता है, तो फिर भय क्यों, जब जाने का समय होगा तो जाना ही होगा

7.33 11,000 वर्ष राम रहे, समय पूरा होने पर यमराज आए, प्रणाम किया और राम जी को बोला कि आपका समय हो गया, हम याद दिलाने आए हैं, आप को लेके तो कोई जा नहीं सकता, लेकिन हम आपके नौकर हैं, हमारी dutyहै आपको समय पर याद कराना, जैसे संसार में मंत्री को उनके PAयाद कराते हैं

8.27 32 वर्ष की आयु में शंकराचार्य चले गए, 48 वर्ष में गौरांग चैतन्य महाप्रभु चले गए