श्री जी के चरणों का सुमिरन करके,राधा नाम धुन- by Hit Ambrish
https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ 1 श्री जी के चरणों का सुमिरन करके नैनन नीर बहाईए https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=0 2 राधा राधा राधा राधा https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=146 3 वृषभानु दुलारी के गुण गाइए https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=257 4 जय जय वृषभानु दुलार की, जय अलबेली सरकार की https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=300 5 जय सखियान प्राण आधार की, करुणा के भंडार की https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=343 6 जय स्वामिनी नंदकुमार की https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=388 7 जय रसिकन के रखवार की https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=406 8 "मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि (see text 1 below) प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि" व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् https://www.youtube.com/watch?v=I2HlrdcxAiQ&t=527 (see text 1 above) This shloka also at https://www.youtube.com/watch?v=MorFdFkyqT8&t=54 यह श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का प्रथम श्लोक है, जिसे भगवान शिव ने श्री राधारानी की कृपा प्राप्ति हेतु रचा था। श्लोक का अर्थ: 1 हे वृषभानुनंदिनी श्री राधे! मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते: समस्त मुनिगण आपके चरणों की वंदना करते हैं। त्रिलोक–शोक–हारिणि: आप तीनों लोकों का शोक दूर करने वाली हैं। प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे: आपका मुखकमल सदा प्रफुल्लित रहता है। निकुञ्ज-भू-विलासिनि: आप निकुंज-भवन में विलास करने वाली हैं। यह स्तोत्र श्री राधारानी की महिमा का गान करता है और उनकी कृपा प्राप्ति की प्रार्थना करता है। Instagram स्तोत्र के बारे में अधिक जानकारी: रचना: यह स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित है। उद्देश्य: श्री राधारानी की कृपा प्राप्ति हेतु प्रार्थना। महत्त्व: यह स्तोत्र भक्ति मार्ग में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। https://tinyurl.com/yrxeysy9 2 व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् "हे व्रज के राजा नंद के पुत्र श्रीकृष्ण की संगिनी, व्रज के राजा वृषभानु की पुत्री राधे! आप कब मुझे अपने कृपा-कटाक्ष का पात्र बनाएंगी?" यह स्तोत्र भक्त की विनम्र प्रार्थना है कि राधारानी अपनी करुणा से उसे अनुग्रहित करें। https://tinyurl.com/ynar224c Standby link (in case youtube link does not work) (audio) श्री जी के चरणों का सुमिरन करके,राधा नाम धुन-श्री हित अंबरीश जी.m4aIt is all about Krishna and contains list of Holy Spiritual Books, extracts from Srimad Bhagvat, Gita and other gist of wisdom learnt from God kathas - updated with new posts frequently
Sunday, July 16, 2023
Thursday, June 29, 2023
श्याम अचानक आए गए ~श्री सूरदास जी भजन रचना by Hit Ambrish ji
श्याम अचानक आए गए ~श्री सूरदास जी भजन रचना by Hit Ambrish ji
श्याम अचानक आए गए ~श्री सूरदास जी भजन रचना| https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg Full Text: 1 0 “श्याम अचानक आए गए री” इन संतों के पास बैठने से ये भी खबर पड़ती है कि भगवान अचानक ही आते हैं, गोपी कहती है कि वृद्ध जैन गुरु जन बैठे हैं, कहने का एक तात्पर्य है मेरा मन संसार के किसी व्यवहार में लगा है और श्याम अचानक आ गए https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=0 2 1:09 अच्छा वैसे भी सूचना देकर तो कोई अतिथि आता है अतिथि के साथ तो एक औपचारिक संबंध होता है भगवान तो जन्म जन्म से अपने हैं “मैं बैठी गुरु जन विच सजनी देखत ही मेरे नैन नऐ” (अर्थात झुक गए) Since I was sitting among my gurus & elderly persons, I saw Lord who had come but my eyes were lowered out of shyness https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=69 3 2:19 सूरदास जी ने इस एक भाव में सृष्टि के समस्त भावों का सौंदर्य उड़ेल दिया है गुरु जन वृद्ध जन बैठे हैं कैसे प्रभु की ओर प्रभु के मुख चंद्र की ओर निहारूं https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=139 4 3:08 तब एक बुद्धि करी मैं ऐसी बिंदी सौं कर परस कियो री https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=188 5 3:46 कुछ समझे ? यानी मैंने अपनी बिंदी ठीक करने के बहाने से प्रभु को प्रणाम निवेदन कर दिया Then I thought of a solution that I offered my pranam to God (who had personally come to give darshan to me) by way of adjusting my bindi (tilak) on my forehead https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=226 6 4:46 प्रेम की पाठशाला अलग है, प्रेम की पुस्तक भी अलग है प्रेम का पाठ भी अलग है और कहने वाले कहते हैं ये वो नगमा है जो हर साज पे गया नहीं जाता उसके पढ़ने वाले भी अलग होते हैं https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=286 7 5 12 भगवान ने मेरा प्रणाम कैसे स्वीकार किया “आप हंसे उत पाग मसक करी, अंतर्यामी जान लिओ री” यानी लाल जी ने थोड़ी पगिया ठीक करके मेरे प्रणाम को स्वीकार कर लिया Lord also signalled quietly to me by smiling & adjusted His turban & thus He recognized my intent as He is all knowing sitting in hearts of everyone https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=312 8 6:0 ऐसी होती है भक्त और भगवान के बीच में वार्ता ऐसे होता है गोपी और कृष्ण का संवाद https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=360 9 6:12 नूपुर (घुँघरू) दाब चलूं मेरी सजनी होई ना जी पग शोर Let me go to Lord with very soft feet, so that my घुँघरू does not make any noise as noise will disturb Lord सेवा में प्रभु की निकट रहने की एक बड़ी सुंदर गरिमा है आचार्यों ने उस गौरव और उस गरिमा को जीवंत (enliven) किया है अपनी सेवा की परिपाटी (tradition) में https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=372 10 6:28 “नूपुर दाब चलूं मेरी सजनी होई ना जी पग शोर” किसकी सेवा में हैं, आपके इष्ट का आपके आराध्य का स्वरूप कैसा है You have to serve Lord who does not like noise – so I have to act to please Him & not to disturb Him हमारी श्री किशोरी जी के लिए ध्रुव दास जी कहते हैं “काजर की रेख और जहां पानन की पीक भारी और सुकुमार ताई कैसे के बिचारिये” Shri Radhe (& Krishna) are so soft that even kajal in eyes & spit (पीक) after eating “paan” seems heavy burden on them, so we have to be extra careful in serving Them. https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=388 11 6:49 आपके इष्ट का स्वरूप और स्वभाव कैसा है अपने इष्ट के स्वरूप के अनुकूल और स्वभाव के अनुरूप हो कर ही सेवा में आया जाता है You have to serve the Lord only according to what He likes https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=409 12 6:58 इसीलिए तो हमारे रसिक संत कहते हैं कि श्रीजी के सेवा में जाने से पहले “तिए के तन को भाव धरी सेवा हित श्रृंगार और जुगल महल की टहल (सेवा) को तब पावे अधिकार” You have to clean up & decorate yourself properly with etiquette before doing seva to Lord. Listen to the following link for this: https://www.youtube.com/watch?v=DGnxVzZX6E0&t=418 13 7:12 पहले अपना श्रृंगार करके फिर श्री ठाकुर जी की निकट जाया जाता है और उसी सुकुमारता (softness) से, उसी सुंदरता (beauty) से, उसी सरस्ता (full of pleasure) से, उसी सरलता (simplicity) से, उसी निर्मलता (purity) से और उसी चतुरता (cleverness) से, उसी सुजानता (भद्रता, sociability, gentlemanliness) से, उसी नागरिकता (smartness) से नागर शिरोमणि की सेवा की जाती है नागर= smart/ clever, शिरोमणि = most (God is the Most Smart) https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=432 14 7:37 वैसे तो भोर से सांझ अष्ट-याम श्री गोवर्धन नाथ को दुलराने वाले आप सनमुख बैठे हैं पर मैं तो आप आपका दर्शन करके यह कह पा रहा हूं ऐसी होती है दो प्रेमियों की वार्ता https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=457 15 8:55 अगली वार्ता थोड़ी निजी है पर सूरदास जी का रहे हैं सो मैं भी कह देता हूं जैसे गोपी को थोड़ा संकोच होता है ना, गुरुजनों के मध्य में कैसे देखूं प्रभु की ओर ऐसे गुरुजनों के मध्य में मुझे भी थोड़ा संकोच है पर सूरदास जी कह रहे हैं उनकी बात का अनुगमन करते-करते में चलता हूं https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=535 16 9:20 “लेकर कमल अधर पर सांवरो देखे हर्षी पुनी हृदय धरयो री” God touched the lotus flower on His lips (अधर) & smilingly (हर्षी) touched it to His heart https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=560 17 10:06 ब्रह्मा जी की उत्पत्ति (born) कमल से हुई ऐसे ही विद्वान लोग अपनी अपनी दृष्टि से अर्थ लगाते हैं कमल अर्थात जो निर्मल है जो विकार से उत्पन्न हुआ है पर निर्मल है, जो निर्लिप्त है, उस पर जल की बूंद ठहरती नहीं https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=606 18 10:28 इस संसार में कोई निर्लिप्त (detached) भाव है तो वह है प्रेम बाकी प्रत्येक भाव पर विषय का कीचड़ चढ़ जाता है, मगर प्रेम पर नहीं चढ़ता, प्रेम निर्लिप्त है और श्री लाल जी को विशेष प्रिय है वो कमल नयन हैं उनके कर कमल हैं, उनके चरण कमल हैं कमल से उपमा दी जाती है कमल विशेष प्रिय है क्योंकि निर्लिप्त है जैसे मयूर पिच्च धारण करते हैं अपने मस्तक पर उसका एक विशेष कारण है ऐसे कमल से क्यों उपमा दी जाती है कमल का सबसे अद्भुत गुण क्या है कि वो कीचड़ में रहकर भी निर्लिप्त है https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=628 19 11:08 ऐसे प्रेम कहीं भी रहे पर वो निर्लिप्त है विशुद्ध है बुध्ध है पवित्र है पावन है https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=668 20 11:17 तो कैसे चतुर (cleaver, smart) सुजान (gentle Man) है लालजी उस कमल पुष्प का स्पर्श किया और फिर हंसते हुए उसे अपने हृदय से लगा लिया अर्थात मुझे यह बता दिया कि तेरे प्रेम को मैं प्रेम से स्वीकार करके अपने हृदय में धारण करता हूं कमल प्रेम का प्रतीक है https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=677 21 12:21 चरण छुए दो नैन लगाए मैं अपने भुज अंक भरयो री I touched Lord’s feet with my eyes gaze & I had to sit with my arms (भुज) rested on my knees (अंक) (as out of shyness in presence of my gurus & elders, I could not rush to meet God who was standing right in our room) https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=741 22 12:48 अच्छा गोपी भी कम चतुर नहीं है और जब श्री लाल जी ने उस कमल पुष्प को हाथ में लेकर अपने अधरों से स्पर्श किया और हृदय से लगाया तो गोपी कहती है गुरुजनों के मध्य बैठी मैं क्या उत्तर दूं https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=768 23 15:29 “तब एक बुद्धि करी मैं ऐसी बिंदी सौं कर परस कियो री” यानी मैंने अपनी बिंदी ठीक करने के बहाने से प्रभु को प्रणाम निवेदन कर दिया https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=929 24 15:57 “आप हंसे उत पाग मसक करी, अंतर्यामी जान लिओ री” लाल जी ने थोड़ी पगिया ठीक करके मेरे प्रणाम को स्वीकार कर लिया https://www.youtube.com/watch?v=yETtJq6a-rg&t=957
Standby link (in case youtube link does not work) श्याम अचानक आए गए ~श्री सूरदास जी भजन रचना @hitabhajanmala1511.mp4
श्री सूरदासजी पद | हरि मैं नैनहीन तुम नैना | Shree Hita Ambrish Ji | Bhajan
श्री सूरदासजी पद | हरि मैं नैनहीन तुम नैना | Shree Hita Ambrish Ji | Bhajan
1
0 00 थाम उँगरिया जौन डगरिया ले चलो मोहे जानो God, hold my fingers (hand), take me wherever You want तुम्हरी शरण में, तुम्हरे चरण में, अब मेरो ठौर ठिकानो I am under Your shelter & at Your feet, this is my only resting place हरी तुम ही आंधे की लकुटिया God, You are my blind’s support stick तुम ही जिया को चैना & You are the only solace that I have हरी मैं नैनहीन, तुम नैना Hari, I am eyeless & You are my eyes https://youtu.be/GXYW3q30-6Y&t=0Thursday, November 18, 2021
“श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! | Shree Hita Ambrish Ji
श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! | Shree Hita Ambrish Ji
1 तो चरण शरण केवल भगवान की, बस भक्ति केवल भगवान की, केवल प्रभु के चरणों का आश्रय हो मन में, इस बात का सुदृढ़ विश्वास हो पक्का भरोसा कि भाई हमारा कल्याण प्रभु के अतिरिक्त कोई नहीं करा सकता है अब जब कहीं से कुछ मिलने वाला ही नहीं है द्वार द्वार भटक क्यों रहे हो और फिर दूसरी बात, संसार में कोई आपको दे रहा हो या किसी देवी देवता से आप ले रहे हो सब आपको दे तो प्रभु का ही दिया रहे हैं देने वाला तो एक है, यह बात भी संतों ने कही है, “दाता एक राम”, देने वाला तो एक है भाई, दूसरा कोई है ही नहीं, भगवान स्वयं कह रहे हैं “एको हम” द्वितीयो नास्ती” दूसरा कोई नहीं है https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=0 2 पर कोई बड़भागी होता है, कोई विरला होता है जो इस सार को, इस सत्य को जान पाता है, जिसके लिए भगवान ने गीता में कहा है, “वासुदेव सर्वम इति, स: महात्मा दुर्लभ:” https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=47 3 ध्यान रखना कहीं भी कोई आशीर्वाद फलीभूत हो रहा हो, कहीं भी कोई मनोकामना पूरी हो रही हो, कहीं से भी आपको कुछ मिल रहा हो पर देखना मूल में देने वाले तो प्रभु ही हैं, जब सब दे ही प्रभु रहे हैं फिर भाई यहां वहां से क्यों लेना है, सीधे प्रभु से ही क्यों नहीं जाकर कहें https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=62 4 और बड़े आनंद की बात है कि जिसको यह विश्वास हो जाए कि भाई वो एक ही तो है, वही बनाने वाला भी है, वही चलाने वाला भी है, वो यह भी जान जाएगा “बिन बोलेया सब कुछ जानदा, किस आगे कीजे अरदास” https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=79 5 इसलिए संतों ने तो एक भाव में विश्राम पाया है, एक भाव में प्रार्थना की है, विनती की है, याचना की है और बार-बार की है, “बार-बार वर मांगे हूं” कि सतत प्रार्थना में रत रहें, हमारी ऐसी मती दीजीये, मेरे ठाकुर “सदा सदा तुध ध्यान करूँ”, तुम करो दया मेरे साईं, तुम करो https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=127 6 “अनुग्रह भगवत: कृष्णस: भुत कर्मण:” यानी जो कोई नहीं कर सकता वो श्री कृष्ण कर सकते हैं और अपने भक्तों के लिए सहज में कर देते हैं, ऐसे ऐसे अद्भुत कर्म, ऐसी ऐसी अद्भुत लीलाएं भगवान अपने भक्तों के लि सहज में कर देते हैं, सूर्य भगवान ने अपने अपने रथ की गति एक बार रोक दी, श्री कृष्ण के संकेत पर यानी श्री कृष्ण की आज्ञा पाकर, और वहां ब्रज की लीला में जब रास रस का वर्षण कर रहे हैं रास बिहारी, तब भी तो सूर्य चंद्रमा चकित थकित होकर रुक गए थे, ये सारी भगवान की अद्भुत लीलाएं संकेत करती है, काल को, प्रकृति को आज्ञा देने वाले सर्वेश्वर सर्वाधार भी श्री कृष्ण ही हैं, श्री कृष्ण ही हैं, श्री कृष्ण ही हैं https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=185 7 इसलिए सूरदास कहते हैं डंके की चोट पर “सब तज भजिए नंद कुमार” https://www.youtube.com/watch?v=KhWFbRgL0RY&t=256
Standby link (in case youtube link does not work)
“श्री कृष्ण कृपा” से क्या संभव नहीं…फिर क्यों कहीं और देखें ! Shree Hita Ambrish Ji.mp4
Monday, November 8, 2021
बुरा व्यक्ति अधिक प्रसन्न क्यों दिखाई देता है? -by Hit Ambrish ji
बुरा व्यक्ति अधिक प्रसन्न क्यों दिखाई देता है?
1
बुरा व्यक्ति अधिक प्रसन्न क्यों दिखाई देता है?
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=6
2
वो प्रसन्न नहीं है, तो वो निर्विचार है, वो विचार ही नहीं कर पा रहा है, उसे यह भी मालूम नहीं है कि जो बीज कर्म का आज बो रहा है, उसे काटने के लिए, भोगने के लिए, उसे प्रस्तुत होना पड़ेगा
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=12
3
विचार करने वाला व्यक्ति दुविधा में होगा क्योंकि वो विचार कर रहा है, विचार अर्थात सत्य कुछ और कह रहा है और आपकी चेतना आपको कहीं और ले जा रही है, क्योंकि प्रारब्ध के वशीभूत, आप कुछ गलत कार्य कर रहे हैं और करते ही चले जाते हैं
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=24
4
पर विचार करने के सिवाय और कोई चारा नहीं है, और ये विचार आपको बार बार करने पड़ेंगे और किसी सुखद अनुभव की प्रतीक्षा मत करना
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=50
5
आप जब विचार करने अपने मन के भीतर उतरेंगे तो दुखद अनुभव होंगे क्योंकि वास्तव में यह आपका मन का स्नान हो रहा है, मैल बहुत पुरानी है, मन बहुत गंदा है मन की मैल रगड़ रगड़ के उतारनी पड़ेगी
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=72
6
कभी कभी सफेद वस्त्र इतना मैला हो जाता है की वो काला ही दिखने लगता है, है तो मन उजला,
“ईशवर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमल सहज सुख राशी”
(अविनाशी=non destructible, चेतन = Consciousness, अमल=clean, सहज= naturally, सुख = bliss, राशी = a lot of)
“Our soul is a non-destructible part and parcel of God and this soul (consciousness) is pure and naturally full of bliss”
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=105
7
भीतर विचार करेंगे तो अँधेरा पाएंगे, ये अंधेरा मैंने अर्जित किया है, मैंने ही कमाया है, जन्मों जन्मों के अज्ञान से
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=119
8
और ये अंधेरा (भ्रम = illusion) दूर कैसे हटेगा अंधेरा, नानक फरमाते हैं,
“कहे नानक, बिन आपा चीन्हे, मिटे ना भ्रम की काई,
काहे रे बन खोजन जाई, सर्व निवासी सदा अलेपा, सोहे संत समाई”
(चीन्हे= without identifying who am I, भ्रम = illusion, काई =moss, अलेपा = detached (like lotus), सोहे=looks beautiful, समाई = God stays inside the heart of everyone)
(Without identifying who am I, the illusive covering of maya can never disappear. And why do you search for God in the forest whereas He is sitting in your heart itself)
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=140
9
और एक न एक दिन तो आपको यह विचार करने ही पड़ेगा यानी इस युद्ध के मैदान में आपको स्वयं को झोंकना ही पड़ेगा
https://youtu.be/mEQmopvbMvg&t=188
Standby link (in case youtube link does not work)
https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gndBkjkgbW_iFU3ePwg?e=hwheB6
Saturday, October 30, 2021
आपके ‘अधूरे समर्पण की ठगाई’ में नहीं आने वाले “प्रभु”..! God cannot be deceived by your ‘incomplete surrender’ Shree Hita Ambrish Ji
आपके ‘अधूरे समर्पण की ठगाई’ में नहीं आने वाले “प्रभु”..!
God cannot be deceived by your ‘incomplete surrender’
Shree Hita Ambrish Ji
https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c 1 प्राणों का मूल प्राण है, आप आधा अधूरा जीवन भगवान को देने जाओ और आधा अधूरा संसार का व्यवहार निभाने में लगा दो, यह सौदा भगवान को स्वीकार नहीं है, वो कहेगें आप पूरा ही संसार में रहिए, जो शीश तली पर धर ना सके, वो प्रेम गली में आवे क्यों https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=0 2 एक सांसारिक व्यक्ति के लिए करने को बहुत कुछ है, पाठ है, पूजा है, ज्ञान है, ध्यान है, योग है, यज्ञ है, जप है, तप है, वो सब करिए करते जाइए और जीवन भर करिए व्यापार https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=20 3 किसी ने सिखा दिया बोले महादेव पर दूध चढ़ाओ ये मिलेगा, गन्ने का रस चढ़ाओ ये मिलेगा, मैं तो पढ़ के हैरान हो गया, बोले अनार का रस चढ़ाओ ये मिलेगा, घी चढ़ाओ ये मिलेगा, शहद चढ़ाओ ये मिलेगा, महादेव करेंगे क्या उसका और आज जैसा दूध है महादेव को चढ़ाओ महादेव को allergy और हो जाए, https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=31 4 भगवान का स्वरूप समझ में आए तो लगे वस्तु का वहां तक प्रवेश नहीं होता, अरे मन ही नहीं रहता भगवान के पास पहुंचने से पहले, मन ही समाप्त हो जाता है, मन ही घुलमिल जाता है कहीं, मन ही नहीं रहता, वस्तु तो जाएगी कहां, कैसे पहुंचेगी वहां और आप जीवन भर वस्तुओं का व्यापार मंदिर में करते हो, आप जीवन भर वस्तुओं के व्यापार से भगवान को पाने का, रिझाने का असफल प्रयास करते हो https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=50 5 संसार की वस्तु का स्वरूप देखो क्या वोह भगवान को निवेदन करने योग्य है, ये चमड़े का हाथ क्या भगवान की सेवा करने योग्य है, देना महत्त्वपूर्ण है, आपके जीवन में देने का संस्कार हो, इसलिए दी जाती है, क्या दिया जा रहा है महत्त्वपूर्ण नहीं है, आप दें, क्योंकि देने में विनम्रता है, देने में एक कृतज्ञता का भाव है कि प्रभु आपने इतना कुछ दिया है, आपको निवेदन करके प्रसाद पाता हूं, ये देने का जो भाव है, the gesture is important https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=78 6 आपकी महत (focus) बुद्धि रहती है वस्तु पर, भगवान पर बुद्धि नहीं है, भाव पर बुद्धि नहीं है, इसलिए मन नीरस रह जाता है, इसलिए मन रुखा सूखा रह जाता है, देने के बाद भी देने का सुख नहीं होता क्योंकि आपको देना ही नहीं आया https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=116 7 वह लेते नहीं, जब दुर्योधन ने कहा मैंने 56 भोग बनाया है द्वारिकाधीश पधारिए, तो भगवान ने कहा कि वस्तू की भूख मुझे नहीं लगती, भाव तेरे पास है नहीं, तो तेरे महल में आने का कोई कारण नहीं है और कोई बुद्धिमान नहीं समझेगा कि केले के छिलके भगवान को अच्छे लग रहे हैं और इतने अच्छे लग रहे हैं कि विदुर जी को डांट दिया, बोले बीच में आकर आपने सब रस में बेरस कर दिया https://www.youtube.com/watch?v=t_s8WLUtO0c?t=136 Standby link (in case youtube link does not work): https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gncpJb-q-kiEvwA50BA?e=8BIURe
Thursday, October 28, 2021
भोरी सखी पद ,कछु ना मांगू लाडली Kachu Na Mangu Laadli , Shree Hita Ambrish Ji
भोरी सखी पद ,कछु ना मांगू लाडली ,
Kachu Na Mangu Laadli
Shree Hita Ambrish Ji
एक दिन धर शीश पग पर प्राण त्यागूँ लाडली https://www.youtube.com/watch?v=xgK14Jobvz4 Full song: https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=262 भोरी सखी पद ,कछु ना मांगू लाडली https://krishnabff.blogspot.com/2021/10/kachu-na-mangu-laadli-shree-hita.html 1 0:00 इतनौ माँगौं और या बिनु, कछु ना माँगौं लाड़िली तेरी मृदु मुसकान देखत, प्राण त्यागौं लाड़िली I don't want anything else except to see You smile at me & I would rather sacrifice my life for seeing You smile https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=0 2 1:36 प्रेम की तपि ताप पाहन, हीय पिघलैगौ कभू बनि महावर कौन विधि, तेरे पाँव लागौं लाड़िली When will my stone like heart melt in Your love and how to get shelter at your red painted feet (महावर = A kind of red paint made of lacquer with which lucky women paint their feet) https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=96 3 3:31 रात दिन व्याकुल भटकती, तोहे बन ढूँढत फिरौं एक दिन धरि शीश पग पै, प्राण त्यागौं लाड़िली Restlessly all the 24 hours of the day, I am looking for getting Your pious & blissful protective company & I would rather sacrifice my life at Your lotus feet https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=211 4 6:20 उन युगल खंजन कौं धरि, राखी निछावर तुच्छ यह हँसते हँसते उनको देखत, प्राण त्यागौं लाडली At Your twin pair (युगल) of lovely piercing (खंजन) eyes (कौं = कोर means glance), I have kept a humble gift of sacrificing (निछावर) my life itself on seeing Your blissful & twinkling eyes https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=380 5 8:46 अब तौ भोरी करि कृपा, मेरी भुजा हँसि कै गहौ छाड़ि सब तृण तुल्य, तव पद प्रेम पागौं लाड़िली Kindly have Your graceful mercy on me now and hold my arms so that I will leave everything else as no more worthy than a straw and receive Your love which is the Best and the Highest achievement https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=526 6 9:41 करुणा की दृष्टि निहारो, राधे बरसाने वारी थोड़ा सा दे दो सहारो, राधे बरसाने वारी Kindly look at me with Your charming eyes and that would be a great & the only support for me, O Sri Radhe from Barsane https://youtu.be/OgX6sJnOcdc?t=581
Monday, August 23, 2021
मधुराष्टकम (अधरम मधुरम)
मधुराष्टकम (अधरम मधुरम)
Hit Ambrish ji
https://youtu.be/gzN5_FRxStk&t=3
Madhavasrockband
https://www.youtube.com/watch?v=wjpAUYphTWw&t=0
मधुराष्टकम by Indresh ji
https://youtu.be/GGf9iwFreuQ?si=F7D516xZHbNUwDUT&t=0
यह मत पूछो कि क्या मधुर है यह पूछो कि क्या मधुर नहीं है
जिसे यह भक्त वत्सल मधुर भगवान मधुर लगने लगे तो बाकी सब अपने आप फीका लगना ही है
https://youtu.be/GGf9iwFreuQ?t=105
spiritual mantra
https://www.youtube.com/watch?v=YIU-7ZesjTU&t=32
Word meanings:
अधरम मधुरम
(हे कृष्ण!) आपके होंठ मधुर हैं , Your lips are sweet
वदनम मधुरम
आपका मुख मधुर है, Your face is nice
नयनम मधुरम
आपकी आंखें मधुर हैं ,Your eyes are captivating
हसितम मधुरम्।
आपकी मुस्कान मधुर है, Your smile is bewitching
हृदयम मधुरम
आपका हृदय मधुर है ,Your heart is benevolent
गमनम मधुरम
आपकी चाल मधुर है, Your gait is mesmerising
मधुराधिपतेरखिलम मधुरम
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, O Ocean of elixir, Krishna
आपका सब कुछ मधुर है , Everything about You is so fascinating
वचनम मधुरम
आपका बोलना मधुर है,Your voice is melodious
चरितम मधुरम
आपका चरित्र मधुर हैं, Your personality has no comparison
वसनम मधुरम
आपके वस्त्र मधुर हैं, Your dress is enticing
वलितम मधुरम
आपका तिरछा खड़ा होना मधुर है, Your style of standing somewhat arched is enamouring
चलितम मधुरम
आपका चलना मधुर है, Your walk is entrancing
भ्रमितम मधुरम
आपका घूमना मधुर है, Your travel all round the universe is spellbinding
मधुराधिपतेरखिलम मधुरम
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, O Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है , everything about You is so fascinating
वेणुर्मधुरो
आपकी बांसुरी मधुर है, Your flute is mellifluous
रेणुर्मधुरं
आपकी चरणों की धूल मधुर हैं, dust of Your lotus feet is all encompassing
पाणिर्मधुरं
आपके हाथ मधुर हैं, Your hands are gratifying
पादौ मधुरौ
आपके चरण मधुर हैं, Your feet are tranquilizers
नृत्यम मधुरम
आपका नृत्य मधुर है, Your dance is mesmerising
सख्यम मधुरम
आपकी मित्रता मधुर है, Your friendship is enduring
गीतम मधुरम
आपके गीत मधुर हैं, Your songs are symphonic
पीतम मधुरम
आपका पीना मधुर है, Your drinking is hypnotizing
भुक्तम मधुरम
आपका खाना मधुर है, Your eating is alluring
सुप्तम मधुरम्
आपका सोना मधुर है, Your sleep is charming
रूपम मधुरम
आपका रूप मधुर है, Your overall personality is dazzling
तिलकम मधुरम
आपका टीका मधुर है, Your vermillion on forehead is infatuating
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, (o Ocean of elixir Krishna)
आपका सब कुछ मधुर है, everything about You is so fascinating
करणम मधुरम
आपके कार्य मधुर हैं, Your deeds & leelas are entrancing
तरणम मधुरम
आपका तारना मधुर है, Your pulling devotes out of birth & death cycle is pleasing
हरणम मधुरम
आपका सब भक्तों के पापों की चोरी करना मधुर है , Your thefts are ameliorating as You steal all sins from Your devotees
रमणम मधुरम्
आपकी सुंदरता मधुर है , Your beauty is enrapturing
वमितम मधुरम
आपके शब्द मधुर हैं, Your words are mellowing
शमितम मधुरम
आपका शांत रहना मधुर है, Your peace is serene & calming
गुंजा मधुरम
आपकी घुंघची मधुर है , Your anklets are perfectly musical
माला मधुरम
आपकी माला मधुर है, Your garland is elating
यमुना मधुरम
आपकी यमुना मधुर है, Your Yamuna river is enchanting
वीची मधुरम
उसकी लहरें मधुर हैं,Its waves are scintillating
सलिलम मधुरम
उसका पानी मधुर है, its water is nectar
कमलम मधुरम
उसके कमल मधुर हैं, Its lotus flowers are riveting
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! , o Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है everything about You is so fascinating)
गोपी मधुरम
आपकी गोपियां मधुर हैं, Your gopis are inspiring
लीला मधुरम
आपकी लीला मधुर है, Your antics are intriguing
युक्तम मधुरम
आप उनके साथ मधुर हैं , Your union with them is spellbinding
मुक्तम मधुरम्, आपकी प्रदान की गयी मुक्ति मधुर हैं, Liberation (मुक्ति) provided only by You is liberating.
दृष्टम मधुरम
आपका देखना मधुर है, Your seeing is enthralling
शिष्टम मधुरम
आपकी शिष्टता मधुर है , Your chivalry (sum of ideal qualities) is elegant
गोपा मधुरम
आपके गोप मधुर हैं , Your cowherds are friendship personified
गावो मधुरम
आपकी गायें मधुर हैं, Your cows are holy
यष्टि मधुरम
आपकी भुजाएं मधुर है, Your arms are omnipotent
सृष्टि मधुरम
आपकी सृष्टि मधुर है, Your creation is wonderful
दलितम मधुरम
आपका विनाश करना मधुर है, Your dissolution of the universes is overwhelming
फलितम मधुरम
आपका वर देना मधुर है, Your blessings are eternally satisfying
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! , O Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है, everything about You is so fascinating