Glories of Krishna by Raskhan, the great devotee:
वृन्दावन : बिहारी मंदिर में रो पडते हैं, सन्त जी जब सुनाते हैं दोहे – singer Shri Umesh Bhadouriya
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https://www.youtube.com/watch?v=vlLhRTBBsYg
*Following is the Transcript till time 6:28*
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Sr 1 beginning
0:00
के मन में बसी बस चाह यही और प्रिय
0:05
नाम तुम्हारा उचारा करूं
0:08
बिठला के तुम्हें मन मंदिर में
0:14
मनमोहिनी रूप निहारा करूं
0:19
कि भर के दृग (eyes) पात्र में प्रेम का जल
0:24
और पद पंकज
0:30
नाथ पखारा (wash) करूं
0:33
बल प्रेम पुजारी तुम्हारा प्रभु
0:37
नित्य आरती भव्य उतारा करूं
0:00
This is the only desire in my heart, my Dear
0:05
I should chant Your name
0:08
I should seat You in my heart's temple
0:14
I should gaze at Your charming form
0:19
I should fill my eyes with the water of love
0:24
And wash Your lotus feet
0:33
With Your provided strength and love, is this (me) the worshipper of my Lord
0:37
I should perform a grand aarti of You every day
(तुम अयोग्य जान बिसराओ मुझे,
पर में ना तुम्हे बिसराया करूँ |
गुणगान करूँ नित ध्यान धरु,
तुम मान करो में मनाया करूँ ||2||
तेरे पदपंकज की धूलि,
नित शीश पे अपने धारा करूँ
तरे प्यारो से प्यार करुँ मै सदा,
तेरे चाहने वालो को चाहा करूँ ||3||)
Sr 1 end
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1:13
के लाल (You dear) ही बाग बने अति सुंदर और लाल खड़े जी यमुना के तीरा
गोविंद प्रभू यूं शोभा बखानत, लाल के कंठ बिराजत हीरा
1:43
कि जय मंजुल कुंजन कुंजन की
1:58
रस पुंज विचित्र समाज की जय जय
2:03
यमुना तट की बंसी बट की और गिरीरेजश्वर की गिरिराज की जय जय
कि ब्रिज गोपिन गोप कुमारन की
और बिपिनेश्वर के सुख साज की जय
कि बृज के सब संतन भक्तन की
2:35
बृज मंडल की ब्रजराज की जय जय
1:13
You dear are the very beautiful gardens and You dear stand on the banks of Yamuna
I strive to describe Your beauty of Govind Prabhu, a diamond bedecks Your neck
1:43
Hail the beautiful Kunjan
1:58
Hail the wonderful companions of krishna
2:03
Hail the bansivat (the tree under which Krishna played flute) of the Yamuna bank and Giriraj mountain (which He lifted on His left hand's little finger for 7 days & 7 nights to protect against torrential rains by an in illusion Indra)
Hail the Brij Gopis (female cowherds) & Gop Kumaran (male cowherds)
and the bliss of Bipineshwar (Krishna)
Hail all the saints and devotees of Brij
2:35
Hail the king of Brij Mandal, Brijraj (Krishna)
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2:39
Sr 2 beginning
कि शेष गणेश महेश दिनेश और सुरेश जाई निरंतर धयावे
के ताही आदि अनादि अनंत अखंड, अच्छेद, अभेद, सुभेद बतावें
के नारद सुक व्यास रटें, और पाँचे हाँरे तऊ पार ना पाँवे
के ताहे हीर की छोरियाँ, छछियावर छाछ पे नाच नचावें
(रसखान कहते हैं कि जिस कृष्ण के गुणों का शेषनाग, गणेश, शिव, सूर्य, इंद्र निरंतर स्मरण करते हैं।
वेद जिसके स्वरूप का निश्चित ज्ञान प्राप्त न करके उसे अनादि, अनंत, अखंड अछेद्य आदि विशेषणों से युक्त करते हैं।
नारद, शुकदेव और व्यास जैसे प्रकांड पंडित भी अपनी पूरी कोशिश करके जिसके स्वरूप का पता न लगा सके और हार मानकर बैठ गए, उन्हीं कृष्ण को अहीर की लड़कियाँ छाछिया-भर छाछ के लिए नाच नचाती हैं)
Sr 2 end
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के जोगियाँ ध्यान धरे जिनको
और तपस्वी तन जर के खाक रमावें
4:00
अरे चारों वेदन पावत भेद बड़े त्रिवेदी
4:05
नहीं गाते पावे
4:08
के ता पर देवी और देवन हारत
और वारत प्राण नहीं देर लगावें
के शंकर से मुनि जाही रटें
और चतुरानन चारहूँ आनन गाँवे
जिनके हीये नेक लागत है, मति मूड़ महा रसखान कहावे
के स्वर्ग मृत्यु पाताल में, और जाके नाम लिए सभी सिर नाँवे
के कुंज गली सिर मोर पखा , और चाल गजा सी मो मन भावे
के साँवरों नन्द कुमार सभी ब्रिज मण्डल में ब्रिज राज कहावे
के साजे समाज सभी सिरताज की
और लाज की बात कही नहीं जावे
के ताहे हीर की छोरियाँ, छछियावर छाछ पे नाच नचावें
Few links giving above texts:
From Sr 1 beginning to Sr 1 end:
https://malinirastogi.blogspot.com/2014/05/blog-post_2509.html
&
http://sekhar789.blogspot.com/2017/08/mann-mai-hai-bash-chah-yahivishnu.html (more detailed)
Sr 2 beginning to Sr 2 end
https://www.hindwi.org/savaiya/ses-ganes-mahes-dines-raskhan-savaiya-1?sort=popularity-desc
From Time 0:19 to 0:37
https://www.facebook.com/brajrasik.org/posts/drig-paatr-mein-prem-ka-jal-bhari-ke-pad-pankaj-nath-pakhara-karun-ban-prem-puja/3307839919259973/