Sunday, November 15, 2020

तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार, तू जो भी देना चाहे देदे मेरे करतार (WHATEVER YOU GIVE - FLOWERS OR THORNS - I WILLINGLY ACCEPT) #Blog0045


तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार, तू जो भी देना चाहे देदे मेरे करतार (Whatever you give - Flowers or Thorns - I willingly accept)


तेरी मर्ज़ी में विधाता कोई छुपा बड़ा राज़, दुनिया चाहे हमसे रूठे तू ना होना नाराज़, 
तुझे वंदन है बार बार, हमको करले तू स्वीकार



हमको दोनो है पसंद, तेरी धूप और छाँव, दाता किसी भी दिशा में ले चल ज़िंदगी की नाव, 
चाहे हमे लगादे पार या डुबो दे मझदार



चाहे सुख दे या दुख, चाहे खुशी दे या गम, मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम, 
चाहे खुशी भरा संसार या दे आँसुओं की धार 


तू जो भी देना चाहे देदे मेरे करतार, तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार|