Wednesday, October 13, 2021

केवल 5 मिनट में भागवत गीता का सार Essence of Bhagwat Gita in just 5 minutes - by Dr. Vrindavan Chandra Das

केवल 5 मिनट में भागवत गीता का सार Essence of Bhagwat Gita in just 5 minutes https://youtu.be/kFtrZW_CpiA Important points:  1 कृष्ण भगवान बता के चले गए के “मेरी भक्ति कर” vide Gita shloka 18.63, 18.64 Lord Krishna went telling us to worship Him. https://vedabase.io/en/library/bg/18/63/ https://vedabase.io/en/library/bg/18/64/ 

https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=0 2 भगवान कहते हैं कि यह सबसे गोपनीय ज्ञान होने के साथ-साथ सबसे अच्छा ज्ञान भी है, अब तुम अपने लाभ के लिए जो कुछ भी करना चाहते हो करो (मैंने तुम्हें स्वतंत्र इच्छा दी है) Lord says it is the most confidential gyan as well as the BEST gyan, now do whatever you want to do for your own benefit (I have given you free will)  https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=29 3 सदैव मेरा चिंतन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी पूजा करो, मुझे नमस्कार करो Always think of Me, become My devotee, worship Me, pay your obeisance to Me https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=99 4 लोग क्यों कहते हैं केवल 1 मिनट, 2 मिनट, 5 मिनट भगवान का नाम ले लो – गलत; भगवान ने कहा है सदा यानी निरंतर मेरा ध्यान करो Why do people say to take God's name for just 1 minute, 2 minutes, 5 minutes - wrong; God has advised to always meditate on Him. https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=109 5 कोई भी कार्य करते हुए भी भगवान का स्मरण करना है, यानी कर्म करने का कौशल (art) सीखना है, यानी कर्म करो मगर माया के बंधन में फँसों नहीं, ध्यान रहे कि पुण्य और पाप कर्म दोनों ही माया में फंसाते हैं, यानी संसार से बांधते हैं one has to learn this art that while doing any work, one has to remember God ,i.e., do the work but do not get trapped in the bondage of maya, keep in mind that both virtuous and sinful deeds trap you in maya ,i.e., keep you bonded to this material world https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=125 6 परंतु इस संसार के भौतिक जगत में वापस आना ही सबसे बड़ा पाप है But the biggest sin is to return to this material world. https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=183 7 भगवान ने योग की परिभाषा दी है कि “ऐसे कौशल (art) से करम करो जो मुझसे जोड़ें”  God has defined yoga as doing of a work with such an art that it connects us with Him. https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=190 8 इस प्रकार (यानी मेरी भक्ति कर के) निश्चित रूप से तुम मेरे पास आओगे In this way (i.e. by loving devotion to me) you will definitely come to me. https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=216 9 अब बताइए आप लोग क्यों इतनी मेहनत कर रहे हो, कहां जाने के लिए दौड़ कर रहे हो (जब भगवान आपको इतनी आसानी से मिल सकते हैं, भगवान के वचन के अनुसार)   Now tell me why are you people working so hard, where are you rushing to go ? (when God can be found so easily, according to God's word) https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=215 10 मगर केवल 5 मिनट भगवान को याद करने से काम नहीं चलेगा  But just remembering God for 5 minutes will not help. https://youtu.be/kFtrZW_CpiA&t=236

Transcript from this video: 


0:00

कृष्ण भगवान बता के तो चले गए के भक्ति कर

0:03

भारी अंतर यह ध्यान रखें अगर कोई और बकवास

0:07

करता है बालों के बारे में तो उसको बोल

0:09

फालतू बात नहीं 98100 98100

0:14

भगवान स्पष्ट रूप से कह रहे हैं मैं आपको

0:17

पसंद करता हूं अपने गुरु की वाणी को

0:20

यथार्थ रूप में कोई शर्म नहीं आती 18.63 में

0:24

लोक में पढ़ता हूं क्या कह भगवान

0:29

कहते हैं इस प्रकार मैंने तुम्हें

0:33

दिया इस पर पूरी तरह से करो और आप जो चाहो

0:38

सो करो छी तथा अब

0:42

ऐसे ही संस्कृत में

0:44

[संगीत]

0:46

तमाम है में हुई है का मतलब रहस्य

0:50

गुणवत्ता का मतलब उससे बड़ा रहस्य और यह

0:53

तमाम का मतलब सब रहस्यों का श्रेष्ठ अगला

0:57 

शो क्या कहते हैं यार सुनिए क्योंकि तुम

1:00

मेरे अत्यंत प्रिय मित्र हो

1:03

अतः मैं तुम्हें अपना परम आदेश पर हम बचा

1:07

या 120 प्रभु परम मनचाहा अपना बदमाश जो

1:12

शर्मा देखिए ज्ञान है क्या वर्ड यूज़ करते

1:17

हैं

1:17

सर्वज्ञत्वं वृहत

1:20

व्यस्तम सर्व सारे गुण तत्वों सबसे

1:24

श्रेष्ठ बता रहा

1:27

सर्वाधिक ज्ञान बता रहा हूं इससे अपने हित

1:32 

के लिए सुनो वक्ष्यामि

1:35

सितम अपने हित के लिए सुनो आप क्या कहते

1:39 

हैं उसमें मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां

1:42

नमस्कुरु

1:44

में सदैव मेरा चिंतन करो मेरी भक्त बनो

1:46

मेरी पूजा करो मुझे नमस्कार करो

1:49

थे वर्ड क्या यूज किया सदैव के प्रयोग और

1:53

आपको आज पंडित क्या कहते हैं 5 मिनट कर

1:55

लें पूजा

1:57

तू मेरे को पूरी भगवत गीता में आज तक यह 5

1:59

मिनट कंफ्यूजन है

2:02

कि भगवान शिव के भवन के सर्व कालेषु

2:05

मामनुस्मर युद्ध च सारे काल में मेरा

2:07

स्वर्णकर वह कैसे करेंगे काम करते हुए भी

2:10

एक आर्ट है वह क्या है वह तो 8 सीखनी है

2:15

कि भगवान योगा एक्सप्लेनेशन कहते हैं योग

2:18

अगर पशु प्रॉब्लम योग का मतलब विक्रम करने

2:22

का कौशल कौशल का मतलब कर्म करो और फल सूना

2:25

कर्म करो और सुना ध्यान रखना पुण्य और पाप

2:29

दोनों फंस जाता है पुण्य कारण आपको कुछ

2:33

वृद्धि प्राप्त होती ए पी के कारण उस अवधि

2:37

में कमी होती है जो लोग भगवान के अंदर

2:39

जानते हैं कि छह का मतलब छे ऐश्वर्य जो छह

2:44

ऐश्वर्या आपको मिलते हैं वह पुण्य के कारण

2:46

मिलते हैं चाहे वह इंटेलिजेंस के रूप में

2:48

हो वेल्स के रूप में हो प्रेम के रूप में

2:51

हो अर्थात व्यक्ति के रूप में हो यह किसी

2:54

भी रूप में वह आपको पुण्य कारण मिलते हैं

2:57

और इनकी जब कमी होती है वह आपके पापों का

3:00

फल है इसका कमाल है वह आपको नंबर

3:03

है परंतु इस जगत में वापस आना सबसे बड़ा

3:05

पाप है

3:07

है क्योंकि आंख के सब कुछ गंवा ना भी

3:10

पड़ेगा तो सभरवाल ने योग की डेफिनेशन फॉलो

3:15

किया कर देते हैं तो भगवान ने गीता के

3:16

अंदर तो योग की डेफिनेशन दिए जो ग्रहण कर

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मशहूर कौशल अब सिंपल संस्कृत योगा क्या है

3:22

कर्म करने का कौशल के आपको कैसे ऑफिस या

3:26 

घर के आगे मैं तुम्हें वचन देता हूं

3:29

क्योंकि तुम मेरे परम प्रिय मित्र हो क्या

3:32

करूं क्या वचन दिया इस प्रकार तो निश्चित

3:35 

रूप से मेरे पास आओगे अब बताइए आप लोग

3:38

क्या मेहनत कर रहे हो राजा ने उ

3:43

हुआ है प्रभु जी

3:46

की पूजा करवा दिया कहते हैं कि मना भक्तों

3:49

अबे तू भक्त बन जाएगा मेरी पूजा करेगा तो

3:53

मेरे पास वापस आए मेरे पास आएगा और हमने

3:56 !

आज तक कोशिश करिए उनके साथ जाने घी एंग्री

3:59

कितना टाइम लगाते हैं

4:02

है अरे 5 मिनट पूजा कर लिया करो बहुत है

4:09

और बता गांव कितने बता दूंगा मैं कि प्रथम

4:12

कीर्तयंतो मां हर समय मेरा कीर्तन का कर

4:15

तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर न सारे

4:18

काल में मेरा स्वर्णकर और शुद्ध चार फिर

4:21

युद्ध कर पर हुई फिर यूज कर दो

4:24

कि भगवान इसलिए आते हमको इस जगह पर इस

4:26

जंजाल से प्रभारी प्लीज जवाब बाहर जाते हो

4:29

ना जब मैं मैं तो प्रॉब्लम मक्खी भी देखता

4:32

हूं तो मतलब यह यूनिवर्सल निकल चुका हूं

4:34

कि हमारे शास्त्र कहते हैं कि आमिर चौरासी

4:36

ला 80 लाख योनियों से निकलने के बाद हम को

4:39

मनुष्य योनि प्राप्त होती है

4:42

कि मैं तो इस तरह से देखता हूं कुत्ता भी

4:44

देखता हूं मैं कुड़ी का कुत्ता तुम्हें

4:47

देखता हूं कि मैं भी यह भी रह चुका हूं

4:49

परंतु आज अपने

4:51

मेहनत से भाग्य कुछ नहीं है भाग्य आपके

4:55

कर्मों का फल है

4:57

है उससे मेरे को आप यह मनुष्य शरीर बात

4:59

वही भारतवर्ष में है

5:03

हुआ है

5:07

कर दो

5:09

[संगीत]

Standby link (in case youtube link does not work):

केवल 5 मिनट में भगवद्गीता का सार Shri Vrindavanchandra Das.mp4