Friday, October 29, 2021

श्री जी (राधे) कितनी करुणामयी हैं श्रवण से नम हो जाएँगी आँखें ! ⋅ Devi Chitralekhaji Sri Ji is so compassionate, eyes will become moist after hearing this !

श्री जी (राधे) कितनी करुणामयी हैं श्रवण से नम हो जाएँगी आँखें ! ⋅ Devi Chitralekhaji

Sri Ji is so compassionate, eyes will become moist after hearing this !

https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U 1 प्रति पल, प्रति स्वास मेरी जिव्हा से एक ही नाम निकले श्री राधा, श्री राधा, श्री राधा, यह कहता कहता वृंदावन की भूमि पर जो पड़ा रहता है फिर क्या होता है, राधा अवश्य कृपा करेंगी https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=0 2 ब्रज में तो ऐसे भी उदाहरण आते हैं जहां एक अपनी पत्नी जिसका नाम किशोरी है, वह मर गई, उसकी याद में बरसाने में पड़ा पड़ा रो रहा है, किशोरी हा किशोरी हा किशोरी, तो श्री राधा रानी ने ललिता को कहा, ललिता देख तो सही कोई मुझे बुला रहा है, ललिता ने हंसके कहा कि लाडली जू आप बड़ी भोली हो, बड़ी सीधी हो, बहुत सहज हो, आप नहीं जानती आपको नहीं पुकार रहा, यह अपनी पत्नी किशोरी को बुला रहा है, तब श्री राधा रानी मुस्कुरा के ललिता को कहती है ललिता इस दुनिया में चाहे कोई भी राधा बोलेगा, कोई भी किशोरी बोलेगा, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, इसकी पत्नी है, इसकी बेटी है, ये इस बरसाने में पड़ा पड़ा अगर किशोरी बोल रहा है तो मैं तो बस इतना समझूंगी कि मुझे बुला रहा है  https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=32 3 फिर उसको पकड़ कर के भरे दरबार में लाया गया, सब सखियों के सामने और जैसे वह पास आया श्री राधा रानी ने उसको गले से लगा लिया, इस धाम में इस ब्रज भूमि में जो रो रो के उनका नाम....   ब्रजभूमि इतनी महान है व धरती इतनी अद्भुत है कि वहां एक एक नाम सहस्त्र नामों के बराबर फल देता है  https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=154 4 उस धाम में हमारे प्रिया प्रीतम श्याम सुंदर श्री राधा रानी नित्य लीलाएं करते, नित्य क्रीड़ा, कभी बरसाना, कभी गोवर्धन, कभी किस भक्त पर कृपा कर रहे हैं, पर एक बात पक्की है कृपा ब्रज की भूमि पर की इन्होंने उसी पर है जो दिन रात रो रो करके उनको याद करके पुकारता है https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=196 5 कितने ऐसे उदाहरण हैं एक वृंदावन में बाबा मदन टेर पर पड़े पड़े रोज रो रो के श्री राधा रानी को बुलाते थे और कहते हैं कि उनको याद करते करते रोते रोते, बाबा अंधे हो गए, इतना रोए इतना रोए कि आंखें अंधी हो गईं, फिर भी रो रो के श्री लाडली जी को पुकारते रहे  https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=242 6 एक दिन श्री जी का हृदय पसीजा, एक बालिका के रूप में बाबा के पास आई, आके बोली बाबा ओ बाबा तू काए को रो रहे हो है https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=273 7 बाबा ने रो के कही, लाली मेरे रोने को कारण है, मैंने लाली जी के लिए सब जीवन त्यागो, घर बार सब त्यागो, परिवार त्यागो, नाते रिश्तेदार त्यागे, लाली श्री जी ने मों को बिसरा दियो, मों को भुला दियो, मैं कब ते पढ़ो पढ़ो या वृंदावन की भूमि में वा (ऊन) को याद कर रहा हूं, बुला रहा हूं, पर वह मेरी ओर देखती नहीं, निहारती नहीं, बड़ी कठोर हो गई हैं https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=317 8 ठाकुर जी के संग रहते रहते इनको दिल भी पत्थर जैसो हो गया है, क्योंकि हमने तो सुनी कि हमारी लाडली जी दया की सागर हैं, करुणा की सागर, पर अब लगे हैं कि लाली हमारी श्री जी को मन भी बदल गयो है  https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=300 9 श्री जी रोश में आके बोलीं कि मेरो मन कैसे बदलो, बाबा मो पर कैसे इल्जाम लगा रहे हो, बाबा बोले लाली तोहे थोड़ी कह रहा हूं, मैं तो अपनी राधा रानी से कह रहा हूं ,श्री जी ने कहा, ना बाबा मेरो मन कठोर ना होयो है, और बस श्री जी ने अपना हाथ अंधे बाबा के सर पर रखा, बाबा की आंख में रोशनी आ गई और सामने देखा तो श्री लाडली जी खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही हैं https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=319 10 कभी सूर को अपना बनाने के लिए आ गई,  कभी रूप गोस्वामी के पास खीर लेकर पहुंच गई, न जाने कितने कितने ऐसे कथाएं हैं, लीलाएं हैं, जिसमें श्री जी ने इस वृंदावन की धरती पर अपनी कृपा करी है https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=422 11 ब्रज की धरती तो है ही ठाकुर जी को, श्री जी को, लाडली जी को, पुकारने की धरती है, वहां जाकर अगर कोई वृंदावन के कोने में बैठ कर के चीख ची के उनको पुकारता हुआ रोया ना हो, उसको वृंदावन का क्या ही रस मिलेगा, हमेशा वह युगल, कान खोल करके सुनते रहते हैँ, कौन हमें बुला रहा है, कौन हमें पुकार रहा है, वहां की एक-एक पल की खबर, एक एक व्यक्ति की खबर, श्री ठाकुर जी रखते हैं, श्री राधा रानी रखती हैं, इसलिए हे मन, कर वृंदावन वास, रे मन तू कहीं रह https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=446 12 मन कर्तव्यों को निभाने के लिए परिवार के पालन के लिए लोग नहीं जा सकते, वृंदावन की भूमि पर वास करने, पर इस पद में कहते हैं कि कम से कम मन तो वृंदावन वास कर सकता है तुम वृंदावन में रहो ना रहो, पर वृंदावन तुम में रहे https://www.youtube.com/watch?v=fXvlC63OZ0U?t=496

Standby link (in case youtube link does not work): https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gncpHoXt70buv5A07lA?e=ZmjFXh