Monday, May 17, 2021

आवत बने कान्ह, गोप बालकन संग, नेचू की खुर रेणु, क्षुरित अलकावली - सूरदास पद #Blog0085



आवत बने कान्ह गोप बालकन संग, नेचू की खुर रेणु क्षुरित अलकावली

जब कान्हा गौ चराकर संध्या काल को वापिस आते थे तो                   

उनकी रुप छटा देखते ही बनती थी:                   

“आवत बने कान्हा गोप बालकन संघ,                   

धेनु की (or नेचु की) खुर रेणु                   

क्षरित अलकावली, भोह मन मथ चाप,                   

वक्र लोचन बाण, शीश शोभित                 

मत्त मोर चंदा बली”


गौ -cows, आवत =while coming (from forest), बालकन=cowherd boys , 

धेनु /नेचु =a cow, खुर-hooves,  रेणु=dust,  क्षरित =disarranged / disheveled hair, अलकावली – front hair, भोह=eyebrow, मथ=forehead,  चाप=hidden,  वक्र=slanting, लोचन=eyes, बाण = arrows, शीश=head, शोभित = decorated, मत्त = intoxicated, मोर =peacock, चंदा=moon, बली=ready to sacrifice everything   

               

WHEN AT BRIJ (VRINDAVAN), GOD USED TO COME BACK AFTER COW-GRAZING ALONG WITH COWHERD BOYS, HIS FACE WAS AN ALLURING SIGHT                  


WHAT WITH COWS’ HOOVES’ DIRT RAISED UP, HIS HAIR ALL MESSED UP & FALLING ON HIS EYEBROWS & FOREHEAD                  


HIS SLANTING EYES, AS IF SHOOTING LOVING ARROWS & ADORNED HEAD INTOXICATING ALL ON SEEING HIM INCLUDING PEACOCKS & SHAMING EVEN MOON AT DUSK 


short accolade (praise of Lord):

https://youtube.com/shorts/wGD1hrVz4xc


Related:     

https://www.radhadamodarmandir.com/magazine/Apr-2021/424


Full accolade:

https://www.youtube.com/watch?v=MaoZB4nhl_A&list=PLxCg3knm90vmBysa-E4j92tV_aOQemeDL&index=80             at time slots:

0:00 आवत बनै कान्ह गोप बालक संग नेचुकी खुर रेनु क्षरित छुरित अलकावली। (नेचु = a cow) भौंह मनमथ चाप वक्र लोचन बान सीस सोभित मत्त मोर चन्द्रावली 0:58 उदित उडुराज सुन्दर सिरोमणि बदन (उदित =rise of, उडुराज =moon, सिरोमणि = topmost)

निरख फूली नवल युवति कुमुदावली (नवल =young, कुमुदावली = like multiple lotuses)

अरून सकुचत अधर बिंब फल उपहसत (अरून = red, बिंब =image)

कछुक परगट होत कुंद दसनावली (दसनावली (teeth))

1:54 स्वर्ण कुंडल, तिलक भाल बेसरि नाक (भाल =forehead, बेसरि =a nasal gem)

कंठ कौस्तुभ मनि सुभग त्रिवलावली (कंठ = neck, कौस्तुभ मनि = precious gem worn by Lord, त्रिवलावली = external ornaments worn by Lord)

2:22 रत्न हाटक खचित उरसि पद कनक पात (हाटक & कनक = a golden, खचित = embedded, उरसि = neck)

बीच राजत सुभग झलक मुक्तावली (सुभग झलक मुक्तावली = a fortunate sight (of Lord) which grants liberation) बलय कंगन बाजूबंद आजान भुज (आजान = Lord, भुज =arm)

3:02 मुद्रिका करतल बिराजत नखावली (मुद्रिका =ring, कर= hands, नखावली= nails)

कुणित कर मुरलिका अखिल मोहित बिस्व (With His flute held in His hands, entire world is captivated & also Gopis all together गोपिका जन मनसि गंथित प्रेमावली (गंथित = all together)

3:42 कटि छुद्र घंटिका कनक हीरा मई (कटि =waist, छुद्र घंटिका =घुँघरू,कनक हीरा मई = precious diamond studded)

नाभि अंबुज बलित भृंग रोमावली (नाभि = navel, अंबुज =lotus, रोमावली = hair from neck to navel) धाई कवहुँक चलत भक्त हित जानि प्रिय 4:21 गंड मंडल रचित स्त्रम जल कनावली

(गंड =cheeks, स्त्रम=माला, कनावली =bunch of small pearls (मोती)


4:34 पीत कौसेय पट धार सुन्दर अंग (पीत=yellow, कौसेय = silken) बजत नूपुर गीत भरत शब्दावली (नूपुर=घुँघरू)

5:00 हृदय कृस्नदास बलि गिरिधरन लाल की (I sacrifice myself for Lord) चरन नख चंद्रिका हरत तिमिरावली

(light (चंद्रिका) of nails (नख) of feet (चरन) remove (हरत) all darkness (तिमिर)


6:09 श्री कृष्ण शरणम ममाः

8:02 जय जय श्री वृन्दावन अगोचर नित विहार दरसेन

8:17 सलोनी पायो निकुंजन ऐन (सलोनी = lovely, निकुंजन=play area of Lord, ऐन=place)

हरिवंशचन्द्र अमृत बरसी (अमृत=nectar of immortality, बरसी = rains)

सकल जन्तु तापन हरणम (sucks out all problems of all beings) जय जय हरिवंश जगत मंगल पर श्री हरिवंश चरण शरणम जय जय हरिवंश चरण शरणम