Sunday, October 10, 2021

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है, Why did Shri Krishna say that following someone else's path is dangerous ? -Dr. Vrindavan Chandra Das

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है।

 

https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E

1  It is far better to discharge one’s prescribed duties, even though faultily, than another’s duties perfectly. Destruction in the course of performing one’s own duty is better than engaging in another’s duties, for to follow another’s path is dangerous.

अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करना, भले ही त्रुटिपूर्ण हो, दूसरे के कर्तव्यों का पूर्णता से पालन करने से कहीं बेहतर है। अपना कर्तव्य निभाते हुए नष्ट होना दूसरे के कर्तव्य निभाने से बेहतर है, क्योंकि दूसरे के रास्ते पर चलना खतरनाक है। https://vedabase.io/en/library/bg/3/35/ https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=0 2 An example quoted why you should do work only as per your aptitude ,i.e  your inborn tendency एक उदाहरण कि आपको केवल अपनी प्राकृतक प्रवर्त्ति के अनुसार ही कार्य क्यों करना चाहिए, यह आपकी जन्मजात प्रवृत्ति है https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=60 3 कलयुग के लिए भगवान का संकीर्तन एक यज्ञ बताया गया है,  यज्ञ का मतलब होता है वह कार्य जो श्री कृष्ण भगवान / विष्णु की प्रसन्नता के लिए किया जाता है, खाली अग्नि जलाना, हवन करना, यह यज्ञ नहीं है In kaliyuga, sankirtan of Lord is said to be a yagya. What does Yagya mean - The work which is done for the glory of Shri Krishna Lord/Vishnu, whereas simply burning of empty fire & performing havan is not yagya. https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=114 4 Work done as a sacrifice for Viṣṇu has to be performed; otherwise work causes bondage in this material world. Therefore, O son of Kuntī, perform your prescribed duties for His satisfaction, and in that way you will always remain free from bondage.

विष्णु के लिए निष्काम भाव से किया गया कार्य करना होगा; अन्यथा काम इस भौतिक संसार में बंधन का कारण बनता है। इसलिए, हे कुंती के पुत्र, भगवान की संतुष्टि के लिए अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करें, और इस तरह आप हमेशा बंधन से मुक्त रहेंगे। https://vedabase.io/en/library/bg/3/9/ https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=142 5 देखिए स्कूल क्यों जाते हैं आप टेस्ट बुक्स तो मार्केट में भी उपलब्ध हैं, किताबों से रटा जा सकता है, स्कूल जाते हो तो टीचर क्या करता है, वो किताब के ज्ञान को समझाता है इसलिए टीचर होना गुरु होना शिक्षक होना हर subject के लिए अनिवार्य है

Look, why do you go to school, text books are also available in the market, you can memorize them, if you go to school, but the teacher explains the knowledge of the book, that is why a teacher, a guru, is mandatory for the subject

https://www.youtube.com/watch?v=UMj-L0oWY1E&t=204


Transcript as per the video:


0:00

मेरा एक छोटा सा प्रश्न है
0:02
आपसे गीता के थर्ड चैप्टर में 35 नंबर का
0:07
श्लोक है अच्छी प्रकार आचरण में लाए हुए
0:11
दूसरे के धर्म से गुण रहित भी अपना धर्म
0:16
अति उत्तम है अपने धर्म में तो मरना भी
0:20
कल्याण कारक है और दूसरे का धर्म भय को
0:24
देने वाला है हां बिल्कुल यह कैसे है
0:28
बैठिए प्लीज इसको मैं पढ़ देता हूं
0:32
आपको मेरे को जब भी चांस मिलता है तो अपने
0:35
गुरु की वाणी को मैं यथारूप रखता हूं अपने
0:39
नियत कर्मों को दोषपूर्ण ढंग से संपन्न
0:41
करना भी अन्य के कर्मों को भली भाति करने
0:44
से श्रेष कर है स्वः कर्मों को करते हुए
0:49
मरना पराय कर्मों में प्रवृत होने की
0:51
अपेक्षा श्रेष्ठ कर है क्योंकि अन्य किसी
0:55
के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है


1:00
व्यक्ति की प्रवृत्ति है वैश्य की अर्थात
1:04
धंधा करने की अगर वह धंधा करता है तो
1:10
प्रॉफिट चार्ज करता है और प्रॉफिट चार्ज
1:13
करते हुए वह कस्टमर नहीं देखता कि वह पैसा
1:17
कम है या ज्यादा
1:19
है उस केस के अंदर जिनके पास पैसा कम है
1:23
उनसे भी वो वही प्रॉफिट चार्ज करता है तो
1:25
यह दोष हो गया परंतु इस दोष का उसको फल
1:30
प्राप्त नहीं होता परंतु धंधे की
1:34
प्रवृत्ति है और वह पुलिस में चला जाता है
1:38
वहां जाकर क्या करेगा धंधा करेगा क्योंकि
1:42
प्रवृत्ति क्या है धंधे की और उस धंधे को
1:45
कहते हैं घूस
1:47
ब्राइब that is wrong
1:51
ये एक छोटा सा उदाहरण दिया है मैंने

1:54

ब्राह्मण यज्ञ कराता है अग्नि यज्ञ ध्यान
1:58
रखिएगा यह जो यज्ञ को आप लोग सिर्फ यह
2:01
समझते हैं कि जो होम है वह एक प्रकार का
2:04
यज्ञ है यज्ञ अनेक प्रकार के हैं और कलयुग
2:07
के लिए कीर्तन संकीर्तन यज्ञ बताया गया है
2:10
यज्ञ का मतलब होता है वह कार्य जो भगवान
2:13
विष्णु की प्रसन्नता के लिए किया जाता है
2:15
उसको यज्ञ कहते हैं वेदों के अंदर साफ आया
2:18
है यज्ञ वही विष्णु कि यज्ञ ही विष्णु है


2:22

और गीता के 3 (third) वें अध्याय को जैसे प्रभु जी
2:24
ने कोट किया है उसके नौवे श्लोक के अंदर
2:25
आया है यज्ञ अर्थात कर्मण्य अन्यत्र लोको
2:30
अयम कर्म बंधना यज्ञ के लिए कर्म करो
2:33
अर्थात विष्णु के लिए कर्म करो अगर ऐसा
2:35
नहीं करोगे तो भौतिक जगत के जन्म मृत्यु
2:38
के चक्कर में फंस जाओगे अब ब्राह्मण जो है
2:40
जब ये होम यज्ञ कराता है तो उसमें प्रभु
2:43
जी कई जीव जाणु मरते हैं कई जीव जाणु मरते
2:48
हैं वो उसका दोष है परंतु उसके दोष का फल
2:51
उसको प्राप्त नहीं होता ये इस श्लोक का
2:55
मैंने आपको सरल में शॉर्ट में दैट इज वई work according to your aptitude
2:58
वर्क अकॉर्डिंग टू र एप्टिट्यूड
3:02
आपके और दूसरा अब एक नियत कर्म और है क्या
3:05
है जब आप नहाते हैं तो उसमें भी तो कई
3:08
मरते हैं हैं जी मरते नहीं मरते जो साबुन
3:13
निकलेगा उसमें भी कई मर जाएंगे परंतु नियत
3:16
कर्म तो करना है उसमें आपको उसका बुरा फल
3:20
प्राप्त नहीं होगा यह एक्चुअली श्लोक का

3:24
अर्थ है शॉर्ट में डिटेल जाना है तो आप यू
3:28
कैन गो ऑन टू लोका आई स्पोकन ऑन दि लोका
3:30
फॉर मेन वनव एंड हाफ आवर्स गेट मोर डिटेल
3:34
नॉलेज बट आई विल रिक्वेस्ट फर्स्ट गो थ्रू
3:37
दिस 13 hours उसमें आपका क्या है ए बी सीडी
3:39
और स्पिरिचुअल नॉलेज कंप्लीट हो जाएगी फिर
3:42!
आपको भगवत गीता समझने में देखिए स्कूल
3:44
क्यों जाते हैं आप टेस्ट बुक्स तो मार्केट
3:48
में भी अवेलेबल है किताबों से रटा जाता है
3:52
टीचर समझाता है स्कूल जाते हो तो टीचर
3:55
क्या करता है किताब तो बाहर भी है वो
3:57
किताब के ज्ञान को समझाता है इसलिए टीचर
4:00
होना गुरु होना शिक्षक होना हर सब्जेक्ट
4:03
के लिए अनिवार्य है बाय रीडिंग बुक्स यू
4:07
कांट बिकम अ डॉक्टर कैन यू
4:10
नो वह आपको एक्सप्लेन करते हैं इंट्री
4:13
केसस बताते
4:15
हैं
4:17
इसलिए तो यह 13 घंटे सुनिए एक बार फिर
4:20
आपको भगवत गीता समझना आसान हो जाएगा आपके
4:22
लिए इट विल बिकम ऐसे समझ जाओगे
4:28
आप


Standby link (in case youtube link does not work)

श्रीकृष्ण ने क्यों कहा कि अन्य किसी के मार्ग का अनुसरण भयावह होता है। Dr. Vrindavan Chandra Das.mp4