Thursday, May 13, 2021

Vinod Agarwal Bhajan lyrics हरि मैं जैसो तैसो तेरो hari main jaiso taiso tero

 Vinod Agarwal Bhajan lyrics


hari main jaiso taiso tero

हरी मैं जैसो तैसो तेरो , राख शरण गिरिधारी प्यारे
तन भी तेरो मन भी तेरो, मैं चरणन को चेरो ,हरी मैं जैसो तैसो तेरो
दिन भी भूलूँ, रैन भी भूलूँ, भूल जायूँ जग सारा ,
तुम्हें भूलूँ ,कुंवर कन्हैया , तुम्हें भूलूँ सेठ सांवरिया ,चाकर दास तुम्हारा
मैं तो बिना दाम को चेरो ,तन भी तेरो मन भी तेरो, मैं चरणन को चेरो ,

तेरी रहमतों पे मेरे गुनाहों को नाज़ है , बंदा हूँ, जानता हूँ की तू बंदा नवाज़ (सेवक और भक्तों पर दया करने वाला, ईश्वर, बंदों पर कृपा करने वाला) है
पापी इतने पाप कर नहीं सकता, कि तेरी करुणा की नज़र पल में सब पापों को भस्म कर सकती है

मेरो चलन मत देखो रूठियो ,मोपे कृपा निधान, या ही पल जो दीन को, सुनिए रस की खान , सरसता मोपे डारो , दूजो ही मैं नाथ, अधम हूँ दास तिहारो
ज्ञान ध्यान कछु कर्म धर्म नहीं, मेरे  भरा हिये में खोट, सार जानूं नाम की ,मोहे करो कृपा की ओट
हरी जी मैं विषय रत अन अधिकारी , काम क्रोध को मैं  दास ,संभालो मोहे बांके बिहारी

तुम निर्बल के बल सुनी नाथ मैं ,तेरे दर पे आया,
तेरी कृपा हो तो सफल बनें ये काया ,नष्ट हो पाप ताप सब मेरो ,तन भी तेरो मन भी तेरो, मैं चरणन को चेरो

आशा और विश्वास कहे कि होगा दर्श तुम्हारा , पगला मन फिर काहे डोले, जो है श्याम सहारा हरी ,
अमर हो जनम जनम को फेरो ,तन भी तेरो मन भी तेरो, मैं चरणन को चेरो

जानू नहीं पूजा पाठ सेवा भाव विधि निषेध, प्रेम भक्ति ह्रदय नहीं, ही कर्म सुख सार है
संत पद सेवयो नहीं, गयो नहीं तीर्थ माहीं, यज्ञ दान तपो नाहीं , ही ज्ञान को विचार है , पापी हूँ कुचालि हूँ, अधम हूँ नीतारो नीच ,मोमे एक ही नहीं है गुण, अवगुण हज़ार हैं
श्याम भव तरण हेतु और उपाय कछु ,दीनबंधु एक तेरे नाम को आधार है

हरी मोहे परखिये नाहीं, हम परीक्षा योग्य तुम्हारे ,समझो यही मनमानी
पाप में जन्में ,पाप ही में सगरो जन्म सिरहानयो ,तुम सन्मुख फिर न्याय तुला पे कैसे कह ठहरानयो
दीनबंधु दीनवत्सल करुणामय भव भय हारी , देखि दुखी हरी चंद ही कर, गहि वेग लियो उभारी
हरी मैं जैसो तैसो तेरो

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