"प्रेम की पीड़ा", आंखे नम कर देने वाला विरह भाव देवी चित्रलेखा जी
https://www.youtube.com/watch?v=4AE9PLOR5E8
प्रेम की पीड़ा आंखे नम कर देने वाला विरह भाव
जब उद्धव (श्री कृष्ण के मित्र) ब्रिज में आए और सबसे पूछा कि आप क्या काम करते हो
सबका एक ही उत्तर था की बस श्री कृष्ण को याद करते हैं
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8&t=0
ब्रिज में एक और प्रेम धारा
बहती है उसका नाम है श्री राधा और धन्य है श्री राधा जिनके पांव श्रीकृष्ण सहलाते हैं
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=45
जब श्री कृष्ण ब्रज को छोड़ मथुरा
की तरफ जा रहे थे, सारी गोपियां श्री कृष्ण के रथ के सामने लेट जाती है और बोलीं हे
कृष्ण हमारी सांस हमसे छीन ली जाएं तो हमारी क्या दशा होगी, कृष्ण से दूर मतलब
प्राणों से दूर
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=95
गोपियों का प्रेमी दिल कह रहा था की ये अंतिम बार है जो श्री कृष्ण के दर्शन कर पा रही हैं
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=164
श्रीकृष्ण ने गोपियों से पूछा
राधा किधर है ?
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=193
श्रीकृष्ण ने राधा को कहा कोई
जाने न जाने पर तुम तो जानती हो मेरे अवतार का उद्देश्य, क्या दूर हो जाने से
प्रेम कम हो जाता है ? क्या राधा श्रीकृष्ण से अलग हो सकती है ?
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=267
श्रीकृष्ण ने कहा राधा को कहा कि मैं ब्रिज छोड़कर जा रहा हूँ, सिर्फ
और सिर्फ तेरे भरोसे, मैं जानता हूँ कि इस ब्रिज को केवल तुम संभाल सकती हो, और
मुझे वायदा करो की अपनी आंख से अश्रु (tears)
नहीं गिरने दोगी
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=305
किसी ने पूछा कि श्री राधा कौन है कहा कि जिसका रोम रोम कृष्ण
के प्रेम से बना हो, वो दिखती एक कन्या सी हैं मगर वो कृष्ण का साक्षात प्रेम रूप हैं,
प्रेम ने एक आकार धारण कर लिया है और उसी आकार का नाम राधा है, ये प्रेम की परिभाषा
है कि यहाँ राधा कृष्ण को याद करती है और वहाँ द्वारका में कृष्ण के आंसू निकलने
लगते हैं, इस प्रेम को संकीर्ण (narrow
minded) मत समझिएगा, ये पुरुष नारी का प्रेम
नहीं है
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=416
भरोसा बहुत प्रिय शब्द है, बृजवासियों को भरोसा था, यानी पूर्ण विश्वास था, कि श्रीकृष्ण वापिस आयेंगे क्योंकि वो कह के गए हैं , भले वो आएं या ना आएं
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=534
श्री कृष्ण तो वापिस ब्रिज नहीं आए, उन्होंने अपने मित्र उद्धव
को भेजा बृज वासियों को समझाने के लिए मगर यहाँ कोई समझने के लिए तैयार ही नहीं था
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=585
श्री कृष्ण ने सोचा मैं भी तो
जानूं कि क्या होता है राधा का प्रेम, क्योंकि श्री कृष्ण के पास भी राधा जैसा हृदय
नहीं है, श्री कृष्ण ने सोचा मुझे भी जानना है कि कैसी होती है प्रेम की पीड़ा, इसलिए
श्री राधा का हृदय लेकर श्री कृष्ण प्रकट हुए बंगाल में, श्री चैतन्य महाप्रभु के
रूप में
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=624
श्री चैतन्य महाप्रभु के
चारो तरफ लोगों को बिठाना पड़ता था की वहाँ पर कोई कृष्ण का नाम नहीं ले, क्योंकि
कृष्ण का नाम सुनते ही, चैतन्य महाप्रभु का शरीर कांपने लगता था और धरा पर मूर्छित हो कर गिर जाते थे
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=725
और समस्त जगत में श्री चैतन्य महाप्रभु ने प्रेम का प्रचार
प्रसार किया
https://youtu.be/4AE9PLOR5E8?t=763