संसार में कौन भगवत प्राप्ति जल्दी कर लेता है
Who in the world attains Godliness quickly?
https://youtu.be/6WP9LPY3QUY
1
मनुष्य के पास ज्ञान शक्ति है यदि ज्ञान शक्ति का भगवान की ओर इस्तेमाल यानी सदुपयोग नहीं किया गया, तो इसका दुरुपयोग यानी पाप की परिकाष्ठा भी कर सकता है
Man has the power of knowledge. If the power of knowledge is not used towards God i.e. it can also be misused i.e. it can lead to committing the greatest sins.
https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=59
2
संसार में जो एक्सपर्ट होता है, जो बहुत ठगी करके धन कमाता है, वह वास्तव में 420 है
The expert in the world, who earns a lot of money by cheating, is actually a big cheater in eyes of the Lord.
https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=123
3 भगवान ने हमें इतने खिलौने दे दिए, हम उसी में उलझ गए, सब भूल गए की भगवान की तरफ जाना था, बुद्धि का सदुपयोग करना था God gave us so many toys & we got entangled in them, we forgot that we had to go towards God, that we had to make good use of our intelligence. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=209 4 आत्मा का विषय (subject) भगवान है, मन जो सब कर्मों का करता है, आत्मा के अंदर छुपा बैठा है और आत्मा परमात्मा का अंश है और इसलिए मन को भगवान में लगाना सबसे सरल है क्योंकि आत्मा और भगवान दोनों हृदय में बैठे हैं मगर शरीर का विषय (subject) संसार है The subject of the soul is God, the mind which does all the karmas is hidden inside the soul and the soul is a part of God and hence it is easiest to concentrate the mind on God because soul & God both sitting in the heart ; whereas the subject of the body is the world. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=291 5 आत्मा परमात्मा का अंश है इसलिए भगवान को मन से प्यार करना है और अच्छी बात ये है कि भगवान से प्यार करने में कोई कायदा कानून है नहीं, न देश का, न शुद्धता का, न समय का Soul is a part of God, hence God has to be loved with the heart and the best things is that there is no rule or law in loving God, neither of country, nor of purity, nor of time. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=325 6 घोर से घोर मूड़ भी भगवत प्राप्ति कर सकता है आसानी से, मगर जो डिग्री लिए हैं, जो ज्यादा पढ़े लिखे हैं, उनके लिए मुश्किल है, क्योंकि उनका अहंकार है कि मैं बेवकूफ थोड़े ही हूं Even the most foolish & illiterate person can attain God easily, but it is difficult for those who have a degree and are more educated, because they have the ego that they are not stupid at all. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=424 7 संसार से सौ बार जूते खाकर फिर भी संसार से ही प्यार कर रहे हो, इससे ज्यादा बड़ा बेवकूफ कौन होगा Who could be a bigger fool than one who is still loving the world after being kicked by the world a hundred times? https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=447 check 8 यदि कोई आदमी 10 दिन का भूखा भी हो और 56 व्यंजन भोग उसके सामने रख दिया जाए, कितना खुश होगा और जैसे ही खाने को मुंह में डालना चाहे, उसकी बीवी, उसकी मां कोई आकर उसके कान में कह दे कि इसमें जहर मिला है, तो एकदम थाली फेंक देगा, और यही ज्ञान आपको एक संत दे कि ये संसार जहर भरा है मगर इस ज्ञान के बावजूद आप संसार से ही प्यार करते रहते हैं If a man is hungry for 10 days and 56 dishes of food are placed in front of him, how happy will he be and as soon as he wants to put the food in his mouth, his wife or his mother comes and whispers in his ear that it has poison in it. Then he will immediately throw away the plate. Similarly a saint gives you this knowledge that this world is full of poison, but despite this knowledge, you keep loving the world. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=468 9 कलेक्टर गुस्सा कर रहा है चपरासी पर और चपरासी में सहनशीलता ज्यादा है तो चपरासी महान हुआ, कलेक्टर नहीं, यानी qualification आंतरिक गुणों का परिचय नहीं हो सकता The collector is angry at the peon and if the peon has more tolerance than the Collector, then the peon is great, not the collector, that means qualification cannot be an indication to internal qualities. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=534 10 कबीरदास तुलसीदास सूरदास मीरा और अनेक शुद्ध भक्त कुछ शास्त्र वेद नहीं पढ़े थे, बल्कि कुछ ना कुछ qualification होने से अभिमान, एक अवरोधक बन जाता है भागवत प्राप्ति का Kabir Das, Tulsidas, Surdas, Meera and many pure devotees had not read scriptures & Vedas, but for those having some qualification, pride becomes their hindrance in attaining God. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=681 11 असली भाग्यशाली और ज्ञानी पुरुष वो है जो भगवान से कहे, बल्कि रोके पुकारे, कि मुझे मेरे गुरु ने बता दिया है और इसलिए मैंने तुम्हारा राज अब समझ लिया है और संसार रूपी खिलौना मुझे नहीं चाहिए, केवल आप ही मेरे हो और मैं सर्वत्र आप ही को देखूंगा और माया को कहूंगा की उस हृदय में जाके डेरा लगाए जिसे हृदय में श्री कृष्ण नहीं हैं, जैसे तुलसीदास ने कहा जब वे संभल गए The real lucky and wise man is the one who says to God, rather cries out to Him, that as my Guru has made me wise and hence I have now understood Your secret and I do not want the toys of the world, that only You are mine and therefore I see You present everywhere and so I will tell maya to go and camp in that heart which does not have Shri Krishna in it, as Tulsidas said when he regained his senses. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=681 12 आपको व्यावहारिक (practical) अनुभव है कि कैसे एक सेकेंड में आप लोग बैराग्य (detachment) करते हैं, जब बीवी ससुराल जाती है तो मायके का सब छोड़ के पति का घर ही उसका स्वयं का घर मान लेती है, सब रिश्ते नए हो जाते हैं, मायके के सब रिश्ते फीके पड़ जाते हैं You have practical experience of how you people get detachment in a second, when the wife goes to her in-laws house, she leaves everything of her parents' home and accepts her husband's house as her own, all her relationships become new & all old family relations fade away. https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=838 13 या तो घोर मूर्ख भगवान प्रति जल्दी कर पता है या ऐसा पुरुष जो बुद्धि से परे हो (यानी भगवान के विश्वास में संदेह पैदा करने वाली बुद्धि का इस्तेमाल नहीं करता ) Either an extremely foolish person gets God quickly because of his faith in Him or a person who has transcended his intelligence (i.e. does not use intelligence to cast doubt on faith in God). https://youtu.be/6WP9LPY3QUY&t=646
Transcript
0:00
कि अ
0:06
कर दो
0:08
कि अ
0:18
कर दो
0:23
कि आप जा भी नहीं सकते हैं हमारे देश में
0:28
कभी हम कुत्ते बने गड्ढे बने बिल्ली बने
0:31
नर्क जाए स्वर्ग जाएं बेवकूफ बजाय जहां भी
0:35
जाएंगे आपको साथ रहना पड़ेगा आप रहते हैं
0:38
यह आपकी डेड बॉडी कहती है कि प्रणव दा
0:44
सखाया समानं वृक्षं परिषस्वजाते कमाने
0:48
वृक्ष पुष्पों से उत्साहित हैं
0:55
अपने मित्र सखा
0:59!
कि यह मनुष्य का शरीर
1:02
मैं बहुत बढ़िया है और बहुत खराब है
1:07
मैं क्यों इसमें ज्ञान सकती है
1:12
है इसलिए यह अगर भगवान की ओर न गया तो पाप
1:19
भी पराकाष्ठा का करेगा तो
1:22
कि आप करेगा पापा
1:26
का प्रयोग ज्ञान सकती है
1:28
कि अगर ज्ञान शक्ति का साधु प्रयोग नथिया
1:35
गया हुआ था तो ज्ञान शक्ति का दुरुपयोग भी
1:40
सेवंथ क्लास का होगा अ
1:46
है यानी अगर ज्ञान शक्ति के द्वारा मन
1:51
बुद्धि को भगवान में नहीं लगाया तो फिर
1:55
पाप में उसको इतना अधिक आगे बढ़ जाना होगा
2:00
आ कि सीमा नहीं होगी
2:03!
का पुष्प कसम कार्ड में कहते बड़ा
2:06
एक्सपर्ट्स और हां क्या परिभाषा है पलटी
2:10
420 है
2:13
जी हां बच्चन चालक होशियार समझदार से
2:18
इंसुलेटर सब है उसके लिए यह अपना जो अधिक
2:23
सीख ले और इतने समझदार कहलाता है बुद्धू
2:27
बुद्धू
2:31
है जो भोला भला हो छल-कपट कम कर रहा हो
2:34
उसको बुद्ध कहते हैं और जो घोर पाप करें
2:39
420 करें उसको चालाक समझदार कहते हैं
2:44
पुरूष यार कहते हैं
2:46
हुआ था
2:48
और बुद्धि आम विशेष होनी चाहिए लेकिन वह
2:53
बुद्धि दूसरे की ठगी में ना आवे इसके लिए
2:58
होनी चाहिए दूसरे को ठगने के लिए नहीं है
3:03
है तो अगर भगवान ने हमारे मन बुद्धि का
3:05
लगाओ नहीं होगा तो संसार में होगा आ
3:11
कि कोई विश्व में टाइट नहीं सकता उसको भी
3:13
हमारा मन भगवान जी ने ही संसार में भी ने
3:16
पेंडिंग में इंपॉसिबल
3:21
मैं 1 सेकेंड को पेंडिंग में नहीं रह सकता
3:24
बकवास करता है पागल तरीका है
3:29!
थे फोर्थ का सब्जेक्ट है स्वार्थ के लिए सब
3:33
करता है वहां प्यार कहां जरा
3:38
कि शरीर का प्यार मिर्च चार दिन का उसके
3:41
बाद हो गया
3:43
है और आखिरी प्यार से कोई संबंध ही नहीं
3:46
संसार में
3:47
मैं तुम्हारा आपने इतने सारे खिलौने दे
3:51
दिए हैं
3:52
में वृद्धि पड़े और आपने कभी खोज-खबर नहीं
3:57
ली है
3:59
कि एक खिलौने देख कर के हम को भड़का दिया
4:01
है
4:04
कि हमारा सगा पिता सगी मां आप लगे प्रियतम
4:11
रफी लगे सखा आप उस समय भूल गया था यह नकली
4:17
मां बेटा स्पीड पति आपस में बना करके उसी
4:22
में खेल रहे हैं
4:24
यह देखो एक आत्मा है एक शरीर है 2 चीज है
4:30
आपके पास
4:31
कि एक आत्मा जो मैंने एक पर चली जाती यह
4:35
साइड से निकलकर आ
4:37
है और एक शरीर
4:39
है कि दोनों कंबाइंड टो करके आप मनुष्य
4:43
कहलाते हैं या पशु-पक्षी कुछ कहलाते हैं
4:47
के प्राणी जीवधारी
4:51!
कि आत्मा का सब्जेक्ट भगवान है अ
4:56
आवाज को सबसे सरल है
4:59
कि टोक्यो हृदय में रहता है
5:01
है और शरीर का सब्जेक्ट संसार है
कि थोड़ा
5:05
दूर जो मन आत्मा में अध्यक्ष है वह आत्मा
5:10
परमात्मा में अगस्त जान लो
5:15
है कि आपका मन को वर्कर है सब कर्मों का
5:19
करता फिरे मन आत्मा के अंदर है बैठा हुआ
5:24
है
5:25 !
कि अब वो आत्मा परमात्मा में है इसलिए
5:30
भगवान को फिर नहीं जाना नहीं मन
से प्यार
5:35
करना है
5:36
कि अब प्यार करने में टाडा कानून है नहीं
5:39
और न देश नियामक तक छोड़ कालोनियां बस तथा
5:44
ना स्थान का नियम है कि जिस समय मुहूर्त
5:51
में उठकर करो यह देवताओं की जो भक्ति होती
5:55
है उसमें कानून है
5:58
मैं सवेरे उठोगे ना हां करके पूर्व की तरफ
6:03
मुख करके बैठो आसन पर बैठ ओढ़ा आत्मन करो
6:08
प्राणायाम करो
6:11
इस स्थान बुद्धि करो काल सुधी करोड़ों
6:14
तमाम नाटक है कर्मकांड में तब उसके बाद
6:18
गायत्री मंत्र का जप करो तो
6:23
में हरेक विनियम गड़बड़ किया तो दंड
6:26
मिलेगा अल्प गया दूर
6:30
हुआ है
6:32
है पेट मीडियम गर्म नहीं होना चाहिए
6:36
है लेकिन भगवान किया यह सब कुछ बिलकुल आधी
6:40
है जो नाम अच्छा लगे लोग अच्छा लगेगा तो
6:43
जो लीला अच्छी लगे गोल धाम अच्छा लगे वह आ
6:47
जाओ जिस शंख से भगवत्प्रेम बड़े वहां जाओ
6:50
कोई कड़ा कानून नहीं है
6:55
है जो रूप अच्छा लगे बना लो जो सिंगार
6:58
अच्छा लगे कर लो
7:01
इन सब में स्वतंत्रता है
7:04
घोर से घोर मूर्ख भगवत प्राप्ति कर सकता
7:08
है
7:09
है लेकिन यह जो बड़ी-बड़ी डिग्री वाले आप
7:13
लोग हैं इनको बड़ी मुश्किल है
7:16
मैं क्यों इनको अहंकार है मैं बीए हूं यह
7:20
मैं हूं डिलीट पढ़ा लिखा हूं बिल्कुल
7:24
बेवकूफ हो
7:27
कि क्या पढ़ा लिखा बेवकूफ नहीं होता इस पर check
7:30
उसने कहा आपसे अक्षरों को पहले ने से वह
7:33
बेवकूफ नहीं होता अरे बेवकूफ से इतनी अधिक
7:37
हो यह सफेद जूते लात मारकर के अनुसार से
7:41
प्यार कर रहे हो इससे बड़ा और कौन बेवकूफ
7:44
होगा
7:46
तो सोचो
7:48
यदि कोई आदमी 10 दिन का भूखा भी हो और 56
7:53
मिन यूनुस को सामने रख दिया जाए कितना खुश
7:56
होगा और जैसे ही खाने को मुंह में डालना
8:01
चाहे उसकी बीवी उसकी मां कोई आकर टाउन में
8:05
गहने इसमें जहर मिला है और उदय सिंह का
8:10
भूखा अधीक्षक डा
8:14
ए माई संसार से तुम हजार बार चप्पल खाने
8:17
पर रोज गाली खाते हो मां की बात की बेटे
8:21
की फटी अपमान सहते हो और फिर उसी से प्यार
8:24
करते हो और कहते हो हम बेवकूफ नहीं बॉक्स
8:27
चार समझदार हो
8:29
कुछ लोग कहते हैं कि गरम गरम दूध से जली
8:34
हुई बिल्ली
8:36
268 को मिली खूब करके पीती हो
8:40
है और आनंद पवार संसार के जूते लात मारकर
8:44
के भी हम वही पन्ना खनन करते हैं
8:49
है और फिर भी यह कहने को तैयार हैं हम को
8:52
बेवकूफ तोड़ेंगे मैं लिखे हैं
8:56
ए अा ई डिपॉजिट फाइल क्वालिफिकेशन करेगी
9:02
अंदर तो सब गड़बड़ ढाया है
9:09
कि अब वह क्रोध कितना बड़ा है यह
9:12
कलेक्टर-कमिश्नर विरोध कर रहा है चपरासी
9:15
पर है
9:18
यहां पर चपरासी कुछ पहले रहा है अब
9:21
कलेक्टर नहीं सह पा रहा है
9:24
इस प्रोजेक्ट से गाली दे रहा है और चपरासी
9:28
चुपचाप सुन रहा है
9:30
हुआ कुछ जवाब नहीं दे रहा है गार्लिक आ आ
9:32
कि कलेक्टर चार्ज बेवकूफ खड़े हो तो एक
9:36
अपराधी नहीं कहता कि तुम भी बेवकूफ खड़े
9:39
हो
9:40
148 करता उसमें सहनशीलता अधिक है और
9:44
कलेक्टर में कम है तो क्यों निकल एक्टर
9:46
मोहम्मद यार है जो प्राचीन है
9:49
आप बताओ कौन अधिक महान है जिसमें सहनशक्ति
9:54
अधिक हुई तूफान है
9:59 !
तुम हो संसार में या को घोर मूर्ख
10:03
भगवत्प्राप्ति जल्दी कर लेता है और मूर्ख
10:08
गुरु की बाणी जो आदेश दिया गुरु ने बिना
10:12
बुद्धि लगाए पालन किया और
10:15
हम लोग बुद्धि लगा देते हैं
10:18
गुरुजी ने ऐसा कहा है लेकिन ऐसा है कि
10:22
मेरा ख्याल यह है कि
10:27
है लेकिन मगर किंतु परंतु यह शब्द
10:31
लगा देते हैं आप और बस वहीं के वहीं खड़े रहते हैं
10:36
और वो घोर मूर्ख आगे निकल गया आप से
10:42
और पिंग पोस्ट मूढ़ताओं के व्यस्त उद्देश
10:46
शरणदाता ताबू सुखमेधते व्यास कहते हैं या
10:52
तो घर मूर्ख अपना कल्याण जल्दी करता है और
10:56
यह जो इतना बड़ा बुद्धिमान हो बुद्धि से
11:00
परे हो जाए बुद्धि को फेंक दे
11:05
है इसी लिए विद्वान महा पुरुष हमारे
11:08
इतिहास में बहुत कम हुए हैं
11:11
123 जगतगुरु लोग थोड़े से है शंकराचार्य
11:13
बल्लभाचार्य नंबर का चार्ज रामानुजाचार्य
11:17
यह बड़े-बड़े शास्त्र वेदों के विद्वान
11:19
हुए हैं महापुरुष दो बाकी तो दबे
11:24
पढ़े-लिखे लोग कबीरदास हो गया जितने भी है
11:28
कौन कर शास्त्र वेद पढ़े तुलसीदास सूरदास
11:31
मीरा है
11:35
का रिकॉर्ड जल्दी काम इनका बन गया और जो
11:39
संसारी कोई बिनौले जो हमारे अंदर सुंदर
11:43
रुप है उसी का गुमान धन है उसी का अनुमान
11:47
है डिग्री है उसी का अनुमान है पोस्ट है
11:51
उसी का अनुमान है और कोई हम कार ले करके
11:55
हम अपनी लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाते
11:58
हैं
11:59
मैं तुम्हारा राज अब मैंने समझ लिया है आप
12:03
ही मेरे हैं इस खिलौने को फैक्ट ठाट करके
12:07
अब मैं करुण क्रंदन करूंगा नवजात शिशु की
12:11
करो कर अध्याय 7
12:15
की मां को पुकारूंगा मुझे तो बता दे दिया
12:19
है मेरे गुरु ने तुम्हारी मां कौन है
12:23
तुम्हारा पिता कौन है तुम्हारा प्रियतम
12:26
कौन है तुम्हारा आसफ खान कौन है तुम्हारा
12:28
सर्वस्व कौन है इसलिए हम नवजात बच्चे से
12:33
अधिक समझदार हो गए हैं हम श्रीकृष्ण को
12:36
रोकर पुकारो देंगे और सर्वत्र ऊनको अपने
12:40
साथ मानेंगें, उनको ही अपना सर्वस्व मानेंगें
12:44
बस हमारा काम बन जाएगा तो महाराज मैंने छल को समझ
12:49
लिया अब आप मुझे नहीं छल सकते, ये challenge है , तुलसीदास जी जब संभल गये और भगवद् शरणागत
12:59
हो गए अब
13:25
माया वहां जा कहा कि दया नंद कुमार अब मैं
13:37
जिसके नंदकुमार वहां जाकर डेरा डाल लिया
13:50
तो खिलौनों का प्यार करते हो
13:58
अब आधे एक सेकेंड में आप लोग डिटैचमेंट
14:02
करते हैं संसार से
14:04
इस पे एक सेकेंड में है
14:07
ए स्पेसिफिक 18 20 साल की उम्र तक बाप में
14:12
बात के घर के सामान में अटैचमेंट रखती है
14:14
यह मेरा है मेरा है अपनी सहेलियों से
14:18
बताती है डेबिट इंग्लैंड सिला हैं हमारे
14:21
डैडी ने अमेरिका से लाए हैं हमारे भैया और
14:25
जैसे पति के घर गई क्या जादू हो गया
14:29
है कि सहेली से कहती है यह है हमारा यह है
14:33
हमारा जो तू कह रही थी आप
14:39
कि अब लास्ट यह उसमें कोई मैं 1 सेकेंड
14:43
में बदल गया पूरा आईडिया मैं राम के हो
14:47
गया माई के सामान से ससुराल के सामने
14:50
अटैचमेंट हो गया रात को सफाई के सामान की
14:53
चोरी हो गई सवेरे हो रही है और मेरा चला
14:59
दो
15:01
हां हां बस हमें तत्व ज्ञान दृढ़ होना
15:05
चाहिए ये संसार खिलौना है शरीर के लिए भगवान
15:10
ने बनाया है आत्मा के लिए भगवान है हमें
15:14
गुरु की शरण में रह करके और भक्ति करना है
15:17
और इस छल को हमेशा के लिए समाप्त कर
15:21
देना है यह आईने में
15:37
[प्रशंसा]
15:37
[संगीत]