कितने देवी देवताओं और पितरों को खुश करोगे? बस ये एक चीज़ कर लो सारे पितृ खुश | Dr. Vrindavanchandra Das
How many gods & goddesses & ancestors will you please? Just do this one thing, all the ancestors would be happy
https://www.youtube.com/watch?v=P1cafxuel_E
इतने देवी-देवताओं को और पितरों को भी कैसे खुश करें और क्या पता है आपको, आपने जहां जहां जन्म लिए हैं आपके पित्र बने हैं, यानी आपके करोड़ों पित्र बन चुके हैं, आप तो केवल इसी जन्म का पित्र देख रहे हो, और आप भी तो किसी के पित्र बन के आए हो यानी आपने भी दोबारा जन्म लिया है और किसी पिछले जन्म में किसी के माता पिता थे आप
1
How to please so many Gods and Goddesses and also the ancestors and what do you know, wherever you have taken birth, you have got ancestors, that means you have got millions of ancestors, you are only seeing the ancestors of this birth, and you also, you have been someone's father, mother ,i.e., you have also taken birth again and in your previous birth, you were someone's parent.
https://www.youtube.com/watch?v=P1cafxuel_E&t=0
2
तो इतने सारे देवी देवता और पित्र संतुष्ट कैसे होंगे यह तो समझ नहीं आ रहा है, बड़े ही भ्रमित हो गये हम, समझ नहीं आ रहा क्या करें
I cannot understand how so many gods, goddesses and ancestors will be satisfied, we have become very confused, we do not understand what to do.
https://www.youtube.com/watch?v=P1cafxuel_E&t=26
3
शास्त्र बताते हैं कि ये तो एक पेड़ है, इसलिए पत्तों की बजाय केवल जड़ (यानी भगवान) को पानी दे दो, पूरा पेड़ संतुष्ट हो जाएगा
The scriptures say that this is a tree, so instead of giving water to the leaves, give water only to the root (i.e. God), the whole tree will be satisfied.
https://www.youtube.com/watch?v=P1cafxuel_E&t=42
4
इसी तरह से वेब सब वेदों का पका हुआ फल श्रीमद् भागवत बताती है कि श्री कृष्ण, श्री राम जी की सेवा करो, उनकी भक्ति करो, उनकी आज्ञा मानो, तो सब देवी देवता, सब पित्र, अपने आप संतुष्ट
Similarly, Shrimad Bhagwat, the ripe fruit of all the Vedas, tells that if you serve Shri Krishna, Shri Ram ji, worship Him, obey Him, then all the Gods and Goddesses as well as all the ancestors, will automatically be satisfied.
https://www.youtube.com/watch?v=P1cafxuel_E&t=65
5
यदि भगवान की बजाय देवी देवताओं और पितरों को संतुष्ट करने में लगेंगे तो समस्या ये है कि एक को संतुष्ट करा, तो दूसरा नाराज हो जाता है
If instead of God, we try to satisfy the gods and ancestors, then the problem is that if one is satisfied, the other gets angry.
https://youtu.be/P1cafxuel_E?t=87
6
इसलिए केवल श्रीकृष्ण और राम जी की भक्ति कीजिये और मस्त हो जाइए
Therefore, just worship Shri Krishna and Ram ji and be happy.
https://youtu.be/P1cafxuel_E?t=115
7
चमचा नहीं बनना, भक्त बनना और भक्ति क्या है, भक्त वो होता है जो अपने स्वामी की आज्ञा का पालन करता है मगर एक चमचा स्वामी से अपनी आज्ञा का पालन करवाता है, हनुमान जी राम के भक्त हैं मगर रावण शिव का चमचा था
Not to be a flatterer BUT to become a devotee and what is devotion, a devotee is one who obeys the orders of his master, but a flatterer makes the master obey his orders, Hanuman ji is a devotee of Ram but Ravana was a spoon of Shiva.
https://youtu.be/P1cafxuel_E?t=120
8
सच्चे भक्त नरसी मेहता को जब शिव ने साक्षात दर्शन दिए और पूछा कि मांगों क्या मांगते हो, तो नरसी मेहता जी ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए, शिव के हठ पर कि तुम्हें कुछ मांगना पड़ेगा, तो नरसी जी ने कहा कि जो मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ हो और आपको जो सबसे प्रिय हो मुझे वो ही दे दीजिए, तो शिव ने श्री कृष्ण की मूर्ति दी और कहा कि मुझे सबसे प्रिय यही हैं
When Lord Shiva personally appeared to his true devotee Narsi Mehta and asked him what he wanted, Narsi Mehta ji said that he do not want anything, but on Shiva's insistence that he will have to ask for something, Narsi ji agreed to be granted whatever was best for him and wanted only that which is most dear to Lord Shiva, then Shiva gave the idol of Shri Krishna and said that this is the most dear to me.
https://youtu.be/P1cafxuel_E?t=161
Standby link (in case youtube link does not work):