Tension Bye-Bye–A Spiritual Way to remove tension & depression from life | H.G Vrindavan Chandra Das
https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ
Full Text 1 कई बार बहुत निराशा हो जाती है जीवन में मन बहुत दुखी होता है, एक अंग्रेजी में कहावत है Prevention is better than cure, सुनने में आया था कि कोई Motivational गुरु है तो वह बहुत लोगों को motivate करते थे परंतु उन्होंने खुद ने ही सुसाइड कर लिया, क्योंकि motivation कुछ नहीं है greed का एक और नाम है लोभ का, मुझसे पूछा किसी ने आप motivation क्या कराते हैं मैंने कहा हम लोगों को लोभी बनाते हैं आध्यात्मिक विज्ञान लेने के लिए जैसे कि अर्जुन जी को भी यही stages से गुजरना पड़ा कि मुझे लेकर चलिए बीच में, लड़ाई होगी तो ये मर जाएंगे, चले गए tension में, साम्राज्य को देखेगा कौन, चले गए डिप्रेशन depression में, डिप्रेशन में जाते ही उनके हाथ से गाँडीव छूट गया, कहा कृष्ण भगवान से मैं इनके प्रति अपना हथियार नहीं उठाऊंगा, चाहे ये मुझे मार दें, suicide पर आ गए, सारी अवस्थाओं से निकले, परंतु भगवत गीता सुनने के बाद सारी tension खत्म https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=0 2 क्या हर मनुष्य को भगवत गीता पढ़ना ही है, जो लोग भगवत गीता नहीं पढ़ रहे वो actually suicide कर रहे हैं, हरे कृष्ण, तो आप सभी का हम Gaurang Institute for Vedic Education, GIVE, से स्वागत करते हैं, आज के इस पॉडकास्ट में हमारे गुरुदेव डॉक्टर श्री वृंदावन चंद्र दस जी से आप सबके द्वारा पूछे गए प्रश्नों को उनके उत्तर प्राप्त करने के लिए उनसे प्रश्न पूछते हैं https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=57 3 तो पहला प्रश्न यह है कि एक व्यक्ति ने लिखा है, कि कई बार बहुत निराशा हो जाती है जीवन में बहुत हताशा सी हो जाती है, मन बहुत दुखी होता है तो जब ऐसा स्थिती आती है ऐसी परिस्थिति आती है, तब कुछ सूझता नहीं है, बिल्कुल अकेलापन सा महसूस होता है क्या करें यह situation आ जाती है, उस वक्त देखिए पहली बात तो यह है कि एक अंग्रेजी में कहावत है Prevention is better than cure क्योंकि ज्यादातर अधिकतर लोगों के साथ जो ऐसा आपने बोला है डिप्रेशन में चले जाते हैं, tension में चले जाते हैं, टांग टूटने में जिम पर जाकर थोड़ी Practice करी जाती है, muscles थोड़ी बनाए जाते हैं, Back में प्रॉब्लम आती है ज्यादातर लोगों को क्यों आती है आजकल क्योंकि उन्होंने Back की exercise बचपन में ज्यादा नहीं की जिसके कारण की muscles वीक है weak हैं वो स्पाइनल कॉर्ड का लोड पूरी बॉडी का लोड नहीं ले पा रहे इसके कारण उनको spinal cord के अंदर प्रॉब्लम आनी शुरू हो गई अब cure बड़ा problematic है, time लगेगा, क्या पता हो पाए क्या पता नहीं हो पाए, क्योंकि उस टाइम आप ज्यादा exercise भी नहीं कर सकते क्योंकि योग में भी कहा जाता है अगर पेन है, तो फिर वो योग वो आसन मत करो डॉक्टर कह देते हैं हां कि अभी आप शांति रखो जी तो इसी तरीके से आपने जो य प्रश्न किया कि बहुत बुरी हालत हो जाती है तो मैं अनुरोध करता हूं कि हम लोग जो अभी भी कह रहे हैं मेरे जीवन में ऐसा नहीं हुआ, डिप्रेशन नहीं आई, टेंशन नहीं है, हताश नहीं हुआ, मतलब वो बचे हुए हैं, परंतु घर तो उनका भी कांच का है और बहुत पतला कांच है, जरा सी हवा में भी टूट जाएगा वो बचें हुए है किसी तरीके से अपने पिछले जन्म के कर्मों के अनुसार, परंतु बड़ा डेंजरस लाइफ लीड कर रहे हैं वह कभी भी टूट सकते हैं, अब जैसे नॉर्मल ग्लास होता है उसको क्या करते हैं टफन (toughened) कर देते हैं जी जिसके कारण कि वो ग्लास जो है मजबूती आ जाती है और बड़ी मुश्किल से टूटता है और टूटता भी है तो इधर उधर स्प्लिंटर नहीं जाते, इसी प्रकार से हमारा जीवन भी ग्लास के समान है इसको टफन (toughen) करना पड़ेगा, वो कैसे करेंगे, वो उसका तरीका यह है कि पहली बात तो immediately आप अपने जीवन में ज्ञान जोड़िए भगवान श्री कृष्ण का, इसको आध्यात्मिक विज्ञान भी कहते हैं immediately, टाइम वेस्ट मत करिए https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=106 4 आज वर्ल्ड के अंदर हजारों लाखों सेल्फ हेल्प बुक्स हैं परंतु यदि आपने भगवत गीता का ज्ञान नहीं लिया तो समझ लो यह सारी सेल्फ हेल्प बुक्स बेकार हैं यह आपको टेंपररी बेनिफिट तो दे देंगी परंतु भगवत गीता से बड़ा कोई सेल्फ हेल्प बुक है ही नहीं इसमें करोड़ों नहीं infinite self help books का knowledge है आज जो हालत हो रही है यह सिर्फ lack of knowledge के कारण है, ये ignorance के कारण है, अज्ञानता के कारण है, कौन सी चीज की अज्ञानता, आज मैंने इतना ज्ञान ले लिया, मैं इंजीनियर बन गया, मैंने एमबीए कर लिया, मैं आई आई टी से हूं, मैं यह हूं, मैं वो हूं, मैंने यह पोजीशन प्राप्त कर ली, इतना पैसा आ गया, परंतु हो तो आप अधूरे, आपका व्यक्तित्व अधूरा है, क्योंकि आपका ज्ञान जो आपने लिया है वो अधूरा है, इसमें आध्यात्मिक विज्ञान, जो कि टफन (toughened) है, toughen करता है आपको, वो है ही नहीं जो आपको tough बनाता है, जो आपको सहन करने की शक्ति देता है, वह विज्ञान लुप्त है, आपके जीवन में नहीं है https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=296 5 तो इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि हमारा एक 18 घंटे का कोर्स है, फ्री free है, अधिकतर लोग फ्री चीजों का वैल्यू नहीं करते परंतु please for God’s sake, value करना सीखिए, यह भगवत गीता को एक बार जानिए समझिए तो आप बगैर समझे जाने इसको लेते नहीं है, रिजेक्ट कर देते हैं जबकि यह मैनुअल ऑफ लाइफ है ये लाइफ की विवरणिका है, जैसे मैनुअल कहते हैं अरे विवरणिका ही नहीं पढ़ी आपने लाइफ की, आपने यंत्र (शरीर) तो पा लिया, परंतु यंत्र को यूज करने के लिए मैनुअल लिया ही नहीं, उसका (शरीर का) पूरे जीवन भर गलत इस्तेमाल करते रहे, गलत उपयोग करते रहे, यह ज्ञान लीजिए, 18 घंटे का कोर्स है, फ्री में है, और देखिए लाइफ के अंदर हमने अपने जीवन में देखा है, 100 लोग जिन्होंने सुना है उनके 98 % जो लोग हैं उनके जीवन में toughen हो गए हैं वो वो toughened glass कहते हैं, हम कहते हैं toughened life हो गई उनकी और साथ में एक चीज जोड़िए “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” इसका जप करिए उच्चारण करिए और ध्यान से सुनिए, atleast 108 बार करना शुरू करिए, इसको आध्यात्मिक विज्ञान में एक माला कहते हैं, एक माला करिए और यह विवरणिका (भगवद गीता) जरूर पढ़िए, सुनिए, समझिए, हम गारंटी करते हैं आपको, ये हम नहीं कह रहे, हम तो salesman हैं भगवान के, भगवान ने कहा है “ज्ञात्वा मां शान्तिमुच्छति” जो इस आध्यात्मिक ज्ञान को जान जाएगा इसको, उसके जीवन में शांति आ जाएगी, जीवन में सुख आ जाएगा, जो जान जाएगा, इसको मोक्ष मिल जाएगा अशुभ से, आप वही knowledge नहीं ले रहे, कमाल के लोग हैं https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=373 6 ये आध्यात्मिक ज्ञान जानने से क्या होगा, पहले जानिए, समझिए और फिर जीवन में लगाइए, बगैर लगाए कैसे काम चलेगा बताइए ? 18 घंटे में भगवत गीता course तो आपको available है हर जगह, पढ़ लूंगा, कहीं से भी, क्यों सुनूँ, अरे किताबें तो मेडिकल साइंस की हर जगह है, पढ़ने से डॉक्टर नहीं बना करते, कॉलेज जाते हो, आपको टीचर समझाता है उस किताब को, इसीलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं एक बार ये 18 घंटे का कोर्स सुनिए, समझिए और और लगा दो life में, आपको लगेगा अरे वाह ये incredible knowledge है, क्या ज्ञान है, हमारे साथ भी ऐसे ही हुआ, आपके कहने का यह अर्थ हुआ कि जितने भी लोग आज हम देख रहे हैं जो डिप्रेशन में जा रहे हैं, या वह परेशान हैं, किसी भी बात से परेशान है, टेंशन में हैं, सुसाइड भी कर रहे हैं, तो उसका एकमात्र जो reason है, वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने यह ज्ञान नहीं लिया, ज्ञान ना लेने के कारण वो बहुत fragile हैं, कभी भी टूट सकते हैं, एकदम टूटने की अवस्था पर हैं, ये गीता ज्ञान लीजिए toughened बनिए https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=515 7 कई लोग हैं जैसे सुनने में आया था कि कोई motivational गुरु हैं तो वह बहुत लोगों को मोटिवेट करते थे, परंतु उन्होंने खुद नहीं सुसाइड कर लिया, तो फिर इतना ज्ञान उन्होंने भी लिया तो फिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? प्रॉब्लम यह है कि मोटिवेशन से लग जाते हैं मोशन, क्योंकि मोटिवेशन कुछ नहीं है, ग्रीड का एक और नाम है, लोभ का और लोभ जीवन के अंदर कभी शांति नहीं देता और भगवत गीता जो आपकी सेल्फ हेल्प मैनुअल है उसमें लिखा गया है, भगवान कृष्ण ने बताया है जिसको शांति नहीं है उसको सुख कैसे मिल सकता है, ध्यान रखिए दो ही अल्टरनेटिव हैं, या तो सुखी हो या दुखी हो, बीच की अवस्था नहीं होती है, यह मोटिवेशन जो है, यह ग्रीड है ग्रीड, एक अच्छा नाम दे दिया, मैं अक्सर कहता हूं, गोबर पर वर्क लगाने से बर्फी थोड़ी बन जाती है, अरे उंगली मारोगे गोबर ही निकलेगा, ऊपर से है मोटिवेशन नाम दे दिया, अंदर से ग्रीड है, मैं इनको greed guru कहता हूं, प्रभु जी संतोष सिखाइए, संतोष गुरु बनिए, भगवत गीता के अंदर स्पष्ट बताया गया इसको एक गुण बताया गया है, तुष्ट (प्रसन्न) होना, यह गुण है, तुष्ट हो जाओ, अरे तुष्ट होने की विद्या तो दी नहीं जा रही, अगर तुष्ट नहीं होगे, संतोष नहीं होगे, शांति नहीं आएगी, शांति नहीं आएगी तो सुख नहीं आएगा, कितनी सिंपल चीज है, मतलब अगर हम इन चीजों के लिए मोटिवेट होंगे तो फिर हमें अशांति मिलेगी और अशांति मिलेगी तो हमें सुख नहीं मिल सकता अस्थाई वस्तुओं के लिए अगर आप मोटिवेट होंगे, हम भी मोटिवेट करते हैं लोगों को हमें award भी मिला है मोटिवेशनल गुरु 2023 एनडीटीवी से, मुझसे पूछा, किसी ने आप मोटिवेशन क्या कराते हैं मैंने कहा हम लोगों को लोभी बनाते हैं, आध्यात्मिक विज्ञान लेने के लिए https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=629 8 ध्यान रखिएगा, इच्छा करने से वस्तु प्राप्त नहीं होती, जब आप लोभ करते हैं अंग्रेजी में है “when your desire is backed by will, it becomes your want”, इच्छा, जब तक उसके लोभ नहीं लगता, तब तक यानी वो इच्छा को लोभ में परिवर्तित करना है, तीव्र इच्छा होनी चाहिए तो यह भगवत गीता जानने की तीव्र इच्छा के लिए लोगों को हम मोटिवेट करते हैं, परंतु यह जो मोटिवेशनल गुरु कहते हैं, सब टॉप पर आ जाओगे, कहां से आ जाओगे, सब सीईओ बन जाओगे, दुनिया के रईस (rich) व्यक्ति बन जाओगे, अगर नहीं बनते हैं तो हम तो गए, तो भगवत गीता ये आध्यात्मिक विज्ञान जो है तो क्लियर कर देता है, आपको किसी अवस्था में भी हो टेंशन दुख डिप्रेशन हताशा आती नहीं है https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=775 9 अर्जुन जी को भी यही stage से गुजरना पड़ा था, पहले अध्याय के अंदर ही पहले उनको स्ट्रेस था, स्ट्रेस अच्छा होता है, हम लड़ाई के लिए कैसे व्यूह रचना रचें, क्या करें, तभी उन्होंने कृष्ण भगवान को कहा कि मुझे में दोनों सेनाओं के बीच में लेकर चलिए कि मैं देख सकूं, निरीक्षण कर सकूं, कि कैसे उन्होंने सेटिंग करी है, वो स्ट्रेस था, परंतु जब गए, एकदम सोचने लगे फ्यूचर में, अरे लड़ाई होगी तो यह मर जाएंगे, यह सब होगा, चले गए टेंशन में टेंशन में जाने के बाद और सोचने लगे ये तो सब मर जाएंगे फिर मेरे साम्राज्य को देखेगा कौन? चले गए depression में और डिप्रेशन में जाते ही, उनके हाथ से गाँडीव छूट गया जिस रथ पर बैठे थे, उस से गिर गए और क्या कहा कृष्ण भगवान से, मैं इनके प्रति अपना हथियार नहीं उठाऊंगा चाहे ये मुखे निहत्था मार दें, सुसाइड पर आ गए, सारी अवस्थाओं से निकले, परंतु भगवत गीता सुनने के बाद सारी tension खत्म, भगवत गीता जैसी प्रैक्टिकल बुक, सुसाइडल स्टेज पे आके भी अर्जुन, भगवान कृष्ण की बातें सुनके, अर्जुन जी suicidal tendency से भी उभर पाए इसलिए तो हम गारंटी से कहते हैं जी आप सुनिए समझिए, और जीवन में लगाइए https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=848 10 देखिए आपको किसी भी suicidal tendency से गंदा mental disease और कोई नहीं है, यह हताशा होने का परिकाष्टा (peak) है, जब व्यक्ति वहां से निकल सकता है, तो आप क्यों नहीं निकल सकते, भगवान ने ये गीता हमारे लिए तो बोली है, जानते थे वो कि लोगों की बुरी हालत होगी, इसलिए भगवत गीता तो हमारे लिए हो गई कि नहीं हो गई, आपने कहा कि अर्जुन स्ट्रेस में थे पहले, फिर जैसे ही उन्होंने future का सोचा तो सारी ये tension हुई, फिर डिप्रेशन हुई, सुसाइड का सोचा, मतलब उन्होंने ऐसा सोच लिया कि अब मुझे तो यही करना है अब और कोई चारा नहीं है, फ्यूचर डार्क में होता है और एक डॉक्टर ने मुझे बड़ा अच्छा इसका जवाब दिया था कि टेंशन क्या है मैंने उनसे पूछा कि आप tension को कैसे define करते हैं, बोले fear of the abstract, abstract का मतलब जो हुआ ही नहीं है उसके बारे में डर, अगर ऐसा होगा तो ? ऐसा ज्यादातर लोगों के अंदर नेगेटिव होता है कि गलत ही होगा, मां है, बच्चा गया है बाहर, अगर दो-तीन घंटे लेट हो गया कहीं एक्सीडेंट तो नहीं हो गया, कोई ये नहीं सोचता कि किसी अच्छे व्यक्ति से मिला होगा, उसका काम बन गया होगा, उल्टा ही सोचते हैं, मन में वही ख्याल आते हैं बस क्योंकि mind trained नहीं है https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=956 11 भौतिक ज्ञान training नहीं देता मन को, mind को ट्रेनिंग आपको कहां मिलेगा ? आध्यात्मिक विज्ञान देता है mind को ट्रेनिंग, मगर उसको आप लेते नहीं हो, अब untrained व्यक्ति को अब पागल घोड़े में बिठा दो, क्या करेगा, वह फेंक देगा उठा के, यही आपके साथ जीवन में होता है फेंक देता है जीवन उठा के आपको, तो इसलिए भगवत गीता आपके लिए है सबके लिए है, best self help book है, भगवत गीता को ही हम क्यों सेल्फ हेल्प बुक कह रहे हैं क्योंकि सेल्फ को हेल्प करें, जब तुम ही वीक (weak) हो तो दुनिया में करोगे क्या ? तुम लाइफ में कैसे successful होगे, बताइए, दुनिया भर की सेल्फ हेल्प बुक्स है मार्केट के अंदर कि कैसे तुम पैसा कमाओ, कैसे तुम स्ट्रांग हो जाओ, कैसे माइंड को स्ट्रांग कर दो, कैसे Concentration बढ़ा लो, सब चीजों के बारे में ये सेल्फ हेल्प बुक्स कहलाती हैं, हेल्थ कैसे स्वयं बना लो, जिम की जाने की जरूरत नहीं है, खुद से कर लो परंतु खुद को तो जानो, “सेल्फ” (self) ही को तो नहीं जानते https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1067 12 आज तो आइडेंटिटी क्राइसिस (identity crisis) है दुनिया के अंदर आइडेंटिटी क्राइसिस है आप बोलोगे वो कैसे ? चले जाइए कॉरपोरेट में बात करिए किसी से, बोलते हैं हम तो rat race में है, identity crisis होगी कि नहीं ? Human being है अपने आप को समझते क्या हैं rat, कमाल है मनुष्य अपने आप को चूहा समझ रहा है, अब किसको हेल्प करेगा ? सेल्फ को या चूहे को ? अरे मनुष्य हो, जानो इस बात को, चूहे का काम तो दौड़ना है बस, और टेंशन क्या है ? बिल्ली आई बिल्ली आई मगर बिल्ली तो आई नहीं, फ्यूचर बिल्ली की तरह है, हां, क्या पता आ जाए ? नहीं, बिल्ली नहीं है भाई, जब तू आपने आप को चूहा समझेगा तो बिल्ली से डरेगा ही, क्यों चक्कर में पड़ रहे हो, तो मूर्ख बना रहे हैं लोग दबा के motivational, आप आत्मा हो, शरीर नहीं हो, ये आध्यात्मिक विज्ञान की शुरुआत है और जो व्यक्ति आत्मा की progress की बात नहीं कर रहा है, वो spiritual बात नहीं कर रहा है, वो चूहे की दौड़ में तुम्हें दौड़ा रहा है कि तुम अच्छे चूहे कैसे बनो, sorry, ये मनुष्यों की दौड़ तो नहीं है, तो क्या ये identity crisis नहीं है ? https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1145 13 जो भी मनुष्य है, क्या हर मनुष्य को भगवत गीता पढ़ना ही है? उसको पढ़नी ही चाहिए क्या ? इसका बड़ा अजीब answer है yes and no YES इसलिए कि यह बताएगी कि आप हैं कौन, आपको जाना कहां है, मृत्यु क्या होती है, सब करे कराई पर पानी फेर जाती है, अपने जीवन के अंदर आपको चैलेंज को कैसे फेस करना है, यह सब चीजें बताती है, परंतु NO मैंने इसलिए कहा कि भगवान ने अर्जुन से कह दिया कि अर्जुन तू यह knowledge लेना चाहता है या नहीं अगर तू लेना चाहता है तो पढ़ ले, यह नॉलेज नहीं लेना चाहता तो मत ले, परंतु यह भी कह दिया भगवान ने गीता के अंदर कि जो यह नॉलेज नहीं लेता उसका जीवन बर्बाद है, जो creator (God) है, वही कह रहे हैं क्योंकि आपको purpose ही नहीं पता कि इस शरीर का purpose क्या है? यह तो राख हो जाएगा, परंतु मैं जो आत्मा हूं, मैं तो eternal हूं, सनातन हूं, मेरे ऊपर समय का प्रभाव नहीं है, मैंने कभी जन्म ही नहीं लिया, शरीर जन्म लेता है इसलिए मृत्यु को प्राप्त होता है, आत्मा ने कभी जन्म नहीं लिया, आत्मा थी, है और रहेगी, अब इस temporary body से permanent प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, उपयोग करना चाहिए, यही तो intelligence है और यही भगवान भगवद गीता में बता रहे हैं, तो purpose बताती है, कैसे आप पहुंचो भगवान के पास, आप कौन हो, आप आत्मा हो, मृत्यु क्या है, हमें जीवन कैसे जीना है, यह सब नहीं जानना चाहिए ? जानना ही चाहिए और ये कुत्ता तो जान नहीं सकता, जानवर नहीं जान सकता, पक्षी नहीं जान सकता, पेड़ पौधे नहीं जान सकते https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1241 14 यह मनुष्य शरीर आत्मा को मिला ही इसलिए है कि वो इन प्रश्नों का उत्तर जानकर अपना जीवन सफल करे, मैं तो समझता हूं कोई मूर्ख ही होगा जो इसको (गीता) नहीं पढ़ेगा, इसको नहीं जानने की कोशिश करेगा, इनको समझने की कोशिश नहीं करेगा, आज पता ही नहीं लोगों को कि what is the purpose of life ? सब समझते हैं, purpose अलग है, sorry, car का purpose all over the world एक ही है, to transport यानी एक जगह से दूसरी जगह तक या तो जीवित व्यक्ति को या जड़ वस्तु को लेकर जाता है, यह उसका (car) कार्य है इसी तरीके से अगर आपको मनुष्य शरीर प्राप्त हुआ है तो लक्ष्य तो एक ही है, क्योंकि योनि एक है, इसलिए लक्ष्य भी एक ही है, वो क्या है कि मैं आत्मा हूं https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1372 15 आप देखिए सब लोग संबंध बनाने में लगे हैं, कोई पैसे से संबंध बना रहा है, कोई मित्र से संबंध बना रहा है, कोई फैमिली का संबंध बना रहा है, कोई घर से संबंध बना रहा है, मेरा घर, मेरी गाड़ी, मेरा फैक्ट्री, मेरा बैंक बैलेंस, सब संबंध नहीं है, मगर मेरा बोलते ही संबंध हो गया, परंतु ये सब संबंध जीरो हो जाएंगे मृत्यु पे, हमें अपना संबंध भगवान के कृष्ण के साथ बनाना चाहिए क्योंकि वो था, है, और रहेगा, हम वो संबंध को भूल गए हैं, उसको वापस revive करना, उसको जागृत करना, ये हमारा ध्येय होना चाहिए, यह भगवत गीता बताती है, आध्यात्म बताता है इसलिए बताइए important हुई कि नहीं हुई, जिस व्यक्ति को बाहर निकलना है जैसे अभी आपने बताया Yes and No, दोनों उत्तर दिया, अगर कोई बीमार व्यक्ति है उसको ठीक होना है तो वो डॉक्टर के पास जाएगा, उसकी राय पे चलेगा, मगर जिसको ठीक ही नहीं होना तो फिर ये तो suicide हो गया ना, इसी तरह से जो लोग भगवत गीता नहीं पढ़ रहे वो actually suicide कर रहे हैं, अपने आप ही कर रहे हैं, मैं साउथ अफ्रीका में था तो मुझसे किसी ने पूछा कि लोग सुसाइड कर रहे हैं मैंने कहा आप भी कर रहे हो, नहीं मैं कहाँ कर रहा हूं, मैंने कहा सुसाइड का मतलब क्या है, पता है आपको, जो मृत्यु को आने से ना रोके, वो सुसाइड कर रहा है, मैंने कहा एक बार तो मृत्यु आएगी बिल्कुल, परंतु दोबारा ना आए, अगर आप उसके के लिए प्रयत्न नहीं कर रहे तो आप भी suicidal mood में हो, तो सारे के सारे लोग हम सब के सब सुसाइड के चक्कर में हैं, क्योंकि कोई सोच ही नहीं रहा कि भाई दोबारा मृत्यु नहीं आए (एक बार तो आएगी ही) (we should ensure that repeated birth & death in the material world stops) https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1430 16 वो तो सोचते हैं एक लाइफ टाइम है बस मजा कर लो, कहां मजा है, मजा तो बेकार चीज है, मजा तो वो चीज है, वो सुख जो क्षणिक हो, आता है और जाता है, which is momentary अरे मैं momentary चीजों में मैं जानबूझकर चूरण के नोट क्यों इकट्ठे करूंगा, waste of time https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1539 17 तो सारा सार यही निकला कि अगर व्यक्ति को दुखों से परेशानियों से इन सबसे दूर होना है तो एक ही एकमात्र जो सोल्यूशन है वह केवल भगवत गीता में ही है, बिल्कुल, आध्यात्मिक विज्ञान में है और आध्यात्मिक विज्ञान का सारा सार जो है वो श्रीमद् भगवत गीता में है और इस श्रीमद भगवत गीता को जो भी पढ़ेगा, पालन करेगा, उसका दुनिया में कोई दुश्मन नहीं होगा, उसके जीवन में शांति आ जाएगी, आज सारी दुनिया में सभी लोग एक दूसरे को competitor मानते हैं, दुश्मन ही तो हैं, एक देश, दूसरे देश पर काबू करना चाह रहा है, क्या है ये, हल आज एक ही है और कोई हल नहीं है https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1563 18 मन की natural स्थिति क्या है, चंचल है, वो उसकी स्वाभाविक स्थिति है कि वो चंचल है और बलवान है, और हठी है, जिद्दी है, सोचो ऐसा कोई बलवान इतना, 10,000 हाथी भी कम पड़ते हैं उसके सामने, इतना बल है मन में और चंचलता, पूछो ही मत, अब किसी बच्चे में अगर यह तीन गुण आ जाएं तो सोचो क्या होगा, बर्बाद हो गए, यही हालत हमारे साथ है, परंतु यही शास्त्र बता रहे हैं कि इसको काबू कैसे किया जाए, इसके दो इलाज हैं, एक इलाज यह है कि मन से कोई चीज और powerful होनी चाहिए और भगवत गीता यह समझाती है कि मन से ज्यादा शक्तिशाली है बुद्धि, परंतु आज इस मन ने बुद्धि को काबू किया हुआ है हमें बुद्धि को सुदृढ़ करना पड़ेगा, वो कैसे करेंगे ? आध्यात्मिक विज्ञान लीजिए, आध्यात्मिक विज्ञान बुद्धि को सुदृढ़ करता है जिससे कि आप मन को कंट्रोल कर सकते हैं, अर्जुन ने कहा कि हवा को काबू करना आसान है मगर मन को काबू करना मुश्किल है, भगवान ने उत्तर दिया है इसका कि अभ्यास से और वैराग्य से मन को भी काबू में लाया जा सकता है, अभ्यास क्या करें बुद्धि को स्ट्रांग करें आध्यात्मिक विज्ञान लें https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1661 19 मंत्रः यानी जो मन को तार दे, किस चीज से तार दे ? उसकी चंचलता से, मन इतना बलवान है उसकी शक्ति को कम करें, उसकी दृढ़ता को तोड़ें हठी पने को तोड़ें, जिद्दी जो है उसको तोड़ें, यह मंत्र का कार्य है जिसके कारण जिसके लिए मन भगवान के लिए, भगवान के चरणों में स्थिर रह सके, आप पूछोगे मंत्र कौन सा ? “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे”, इसका जप करें, उच्चारण करें और ध्यान से सुनें, मन जो है ये मुंह और कान के बीच में है, इन दोनों को जोड़ दीजिए तो दीवार बनकर, दरवाजा बंद बिल्कुल मन अंदर फस गया, try कर लीजिए देखिए 108 बार तो शुरू करिए, उंगली पर कर लीजिए गिनती, परंतु ध्यान से सुनना है “हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1787 20 आपने कहा कि बुद्धि को स्ट्रांग करें जिससे कि वह मन को वश में कर ले, और बुद्धि को स्ट्रांग करने के लिए अध्यात्मिक ज्ञान लो, अध्यात्मिक विज्ञान लो, तो अध्यात्मिक विज्ञान लेने का मतलब क्या है कि बहुत सारी किताबें पढ़े ? नहीं, आध्यात्मिक विज्ञान की किताबें, भौतिक विज्ञान, जो भौतिक ज्ञान है, ये actually मन को स्ट्रांग करता है, क्योंकि मन इंद्रियों का राजा है, मन इच्छाओं का राजा है, तो यह भौतिक विद्या भोग की विद्या है यह योग की विद्या नहीं है और मन भोगी है, enjoy करना चाहता है मन, तो जितना material knowledge दोगे, उतना यह मन out of control चला जाएगा और आध्यात्मिक विज्ञान योग की विद्या है, योग का मतलब आनंद प्राप्त करना, कैसे ? भगवान कृष्ण से जुड़ के आनंद प्राप्त करें, सिर्फ योग ही भोग को काट सकता है परंतु आज लोग भोग से जोड़ने की विद्या ले रहे हैं, भगवान से जुड़ने की योग करने की विद्या नहीं ले रहे जिसके कारण कि यह सारे problems समाज में हैं https://www.youtube.com/watch?v=WoCxDkbGXXQ&t=1858
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