Wednesday, January 12, 2022

Gita Full Course Part 4 of 7 (भाग - 4)


*Gita Full Course Part 1 of 7* https https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-1.html            *Gita Full Course Part 2 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-course-part-2-2.html       *Gita Full Course Part 3 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-course-part-3-3.html            *Gita Full Course Part 4 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-course-part-4-of-9-4.html            *Gita Full Course Part 5 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-couse-part-5-5.html *Gita Full Course part 6 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-couse-part-6-of-9-6.html *Gita Full Course part 7 of 7* https://krishnabff.blogspot.com/2022/01/gita-full-couse-part-7-of-9-7.html

Gita Full Course Part 4 of 7 (भाग - 4) https://www.youtube.com/watch?v=dlHgXflxNVs&list=PLI9pJ1j5Go3vKJPXVUv_NhNwB6seW2qHC&index=5 गीता कहती है पांच सत्य हैं, कोई भी ज्ञान इन पांच सत्यों के बाहर नहीं है 1. भगवान 2. जीव 3. प्रकृति 4. काल (समय) 5. कर्म. सारे वेद इन्हीं पांच पर चर्चा करते हैं, गीता सारे वेदों का सार है   https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=10 सारे शास्त्रों का ज्ञान तीन वर्गों में बंटा हुआ है 1. संबंध ज्ञान 2. अभिदेय ज्ञान 3. प्रयोजन ज्ञान - केवल इन्हीं तीन को ज्ञान बताया है बाकी सब को अविद्या बताया है 1. संबंध ज्ञान: मैं कौन, सृष्टि क्या है और हम दोनों का रचैता कौन है और इन तीनों का संबंध क्या है  2. अभिदेय ज्ञान: इस संबंध में कैसे कार्य करना है की प्रयोजन ज्ञान प्राप्त हो जाए, यानि भक्ति करना   3. प्रयोजन ज्ञान (लक्ष्य): कृष्ण प्रेम कैसे पैदा करना है,  विकसित करना है, भौतिक जगत में भी यदि किसी के घर जाना हो तो उससे प्रेम होना आवश्यक है, ऐसे ही यदि आपको भगवान के घर वैकुंठ जाना है तो भगवान से प्रेम तो आवश्यक है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=109  भगवान को केवल देख लेने से, जान लेना ही काफी नहीं है, भगवान से प्रेम करना होगा https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=164 ज्ञानी भगवान के बारे में जानते तो हैं मगर प्रेम नहीं करते, योगी ध्यान में भगवान को देख भी लेते हैं मगर फिर भी प्रेम नहीं कर पाते https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=175  भक्त को भगवान ने सबसे श्रेष्ठ बताया है क्योंकि केवल भक्ति ही भगवान से प्रेम करता है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=186 ज्ञान कभी पूर्ण नहीं होता केवल दिशा दिखाता है, वेदों (यानि ज्ञान) को माँ कहा गया है क्योंकि मां का काम है बालक (जीव) को पिता (God) के पास ले जाना, ज्ञान केवल जरिया (means) है लक्ष्य नहीं है  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=214 भगवान गीता में पहले शुरू करते हैं “जीव” (,i.e., us/we souls)  से https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=294 भौतिक जगत में अज्ञानता की हद क्या होती है – “पागलपन” क्योंकि वो अपने आप को ही भूल गया है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=326 एक पागल व्यक्ति को चाहे जितनी मर्जी सर्वश्रेष्ठ वस्तु दिखाओ, क्या वो उसकी कीमत समझेगा ? https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=423 जब अर्जुन ने कहा श्रीकृष्ण को की मैं आपको शरणागत हूँ तो श्री कृष्ण ने अर्जुन को डाटा की शरीर की मृत्यु पर क्यूँ व्यर्थ शोक कर रहे हो https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=431 तीन लोगों को गुस्सा करना स्वीकार्य है राजा, माता पिता और गुरु को क्योंकि यदि ये अपने आश्रित पे गुस्सा नहीं करेंगे, तो आश्रित बिगड़ जायेंगे https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=464  दो प्रकार के रोष (गुस्सा) होते हैं: 1. धरम रोष: जब एक व्यक्ति अपना भगवान का पथ भूल चुका है और उस पर रोष किया जाये, ऐसे रोष को सही माना गया है और 2. काम रोष: जब अपनी इंद्रियों की तृप्ति ना हो और ये सरासर गलत बताया गया है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=484 आजकल कानून बन रहे हैं कि गुरु अगर शिष्य को डांट भी दे, तो सख्त सजा है -ये महामूर्खों का समाज है Sweden में कानून पास हुआ था कि 4 साल का बच्चा यदि पुलिस में रिपोर्ट लिखा देगी कि माँ बाप ने मारा है तो माँ बाप जेल में बंद, हाँ यदि काम रोष करते हैं राजा, माता पिता और गुरु तो ये तीनों इस पदवी पर बैठने के लायक नहीं है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=555 जैसे कि एक पागल व्यक्ति अपने आप को भूल चुका होता है वैसे ही यदि आपको नहीं मालूम की आप एक “आत्मा” है शरीर नहीं, तो वास्तव में आध्यात्मिक दृष्टि से आप भी पागल हैं   https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=719 मैं एक डॉक्टर दोस्त के साथ पागलखाने में गया था वहाँ पे जो असली पागल थे, वो डॉक्टर को पागल बोलते थे, ठीक वैसे ही जैसे एक साधु वास्तव में डॉक्टर ही होता है दुनिया का जन्म मृत्यु के रोग का इलाज करता है, मगर दूसरे लोग साधु को पागल समझते हैं जबकि साधु पागल नहीं है, साधु को पागल कहने वाले स्वयं पागल हैं, क्योंकि वे अपनी पहचान ही नहीं जानते कि वो हैं कौन https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=841 यदि मरीज अपने आप को बीमार मान ले, तो बिमारी दूर करना आसान हो जाता है, गीता के आरंभ में अर्जुन भी पागल ही था मगर दूसरे अध्याय तक श्रीकृष्ण ने उसका पागलपन ठीक कर दिया था करीब तीन 4 मिनट में, मगर हमें कई कई जन्म लग जाते हैं तब भी हमें सही बात समझ में नहीं आती https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=890 आत्मा क्या है जीवन के ज्ञान को आध्यात्मिक ज्ञान बताया गया है और जीवन की चिंगारी (spark of life) को आत्मा कहते हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=947 जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो कहते है “चला गया”, “passed away” – मगर कौन चला गया शरीर तो सामने पड़ा है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=992  मान लीजिए ये मैं कहता हूँ ये “मेरी” करताल है, इसका मतलब की मैं करताल से अलग हूँ, ऐसे ही मैं कहूँ ये मेरा हाथ है या मेरी टांग है तो मैं हाथ या टांग नहीं हूँ, “अहम ब्रह्मास्मि” - यानी मैं ब्रह्मा का हिस्सा हूँ, आत्मा को मेरी आत्मा नहीं कहते, क्योंकि आत्मा खुद ही “मैं” हूँ, इंग्लिश में भी कहते हैं “my body” , “I Body” नहीं कहते, मैं शरीर नहीं कहते, “मेरा” शरीर कहते हैं    https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1042  कई बार समझने के लिए वस्तु का प्रभाव देखना पड़ता है, सूर्य का प्रभाव (रोशनी) दिखता ही है चाहे घने बादल भी हों, यानि symptoms (लक्षण) से cause मालूम पड़ता है, doctor भी पहले symptoms (लक्षण) दिखता है उससे बिमारी का पता लगाता है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1125 इसी तरीके से एक परमाणु (atom) को किसी scientist ने देखा नहीं है मगर पूरी science उस परमाणु के ऊपर आधारित है, atom को energy particle  भी कहते हैं, की एक ऊर्जा है जिससे मालूम पड़ता है कि उसकी ऊर्जा के पीछे कुछ है, चाहे वो (atom) आज दिखाई नहीं दे रहा  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1194 तो ऐसे ही आत्मा (soul) कैसे समझी जाए, आत्मा का प्रभाव है चेतना (Consciousness), जैसे सूर्य एक जगह पर स्थित हो कर पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशित करता है, ऐसे ही आत्मा हृदय में बैठ कर पूरे शरीर में चेतना फैलाती है https://vedabase.io/en/library/bg/13/14/ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1223 & https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2934 पुनरजनम: आज 65% Americans believe करते हैं कि पुनर्जन्म होता है, जबकि हिंदुस्तान में बहुत कम %age  पुनरजनम में विश्वास रखते हैं जो कि बहुत दुखदायी है,  Ian Stevenson scientist ने बहुत research करी पुनरजनम के ऊपर और उन्होंने पाया कि हाँ, पुनरजनम होता है  https://en.wikipedia.org/wiki/Ian_Stevenson https://med.virginia.edu/perceptual-studies/wp-content/uploads/sites/360/2015/11/REI36Tucker-1.pdf https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1253 और यदि पुनरजनम है तो मतलब कुछ है (soul) जो इस जीवन से निकल कर दूसरे जीवन में जा रही है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1385 पहले हमारा देश वेद वाक्य पर चलता था यानी पूर्ण विश्वास था वेदों पर, मगर Britishers ने आकर हमारी वेदों में आस्था खत्म कर दी https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1416 शास्त्र पहले ही कहते थे की भूगोल है मगर साइंस खेलते थे की धरती चपटी (flat) है, शास्त्र पहले ही कहते थे कि जीव हर जगह हो सकता है आग में भी, मगर science पहले नहीं मानती थी अब मानती है, पहले science कहती थी कि Oxygen के बिना कुछ जीवन नहीं हो सकता मगर बाद में science ने गलती मान ली  “The bacteria which grow in the absence of oxygen are called anaerobic bacteria”.  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1448 तो Ian Stevenson scientist की रिसर्च के बारे में पूरा पढ़ लीजिये, आपको भी विश्वास हो जाएगा की पुनर्जन्म होता है, cigarette smoking is injurious to health लिखा रहने के बावजूद लोग सिगरेट पीते हैं, ऐसे ही शराब का है, कहते हैं दो peg लेने से कुछ नहीं होता, मगर मालूम है कि कोई भी केवल दो peg  नहीं पिएगा, चार पिएगा फिर आठ पिएगा, और ऐसे ही अपने आप को और फिर पूरा घर बर्बाद करेगा https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1509 अगर आपको मालूम पड़ जाये की विज्ञान में कितनी धांधलेबाजी है तो आप विज्ञान की किताब खोलना बंद कर दोगे, science theory के ऊपर आधारित रहता है theory का मतलब अभी तक prove नहीं हुई, हमारे शास्त्रों में theory नहीं है उन्हें कहा जाता है laws of nature https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1609 Britishers नहीं हमारा विश्वास है वेदों से हटा दिया और उस science पर करा दिया जो की हर कुछ दिनों में बदल जाती है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1720 आज आप science पर आंख बंद करके विश्वास करते हो https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1744  OBE Out of Body Experience के बारे में सुनिए, कैसे एक मरीज ने जिसका open heart surgery हुई थी, पूरा detail में बताया कि doctors  ने क्या क्या किया, क्या गलतियाँ करी, ऐसे ही एक driver का accident हुआ और almost dead था, उसने पूरा बताया कि कैसे कैसे उसको हॉस्पिटल ले जाया गया, क्या इलाज हुआ    https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1806 NDE Near Death Experience, हमें IIT, IIM सब जगह जा के students को proof देने होते हैं, उसके बिना वो बात नहीं करते, और ये normal satsang नहीं कर रहे हैं, मैंने भजन गाया, आपने नाच किया और घर चले गए नहीं, यहाँ मैं आपकी दृष्टि बदलने की कोशिश कर रहा हूँ, मैं आपकी सृष्टि बदलने नहीं आया हूँ, आप जो काम कर रहे हो वोही करते रहोगे  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1938 NDE Near Death Experience, यानी आत्मा ने शरीर त्याग दिया और फिर शरीर में वापस आ गयी, ऐसे लोग बताते हैं की एक रौशनी में से गुजरना पड़ता है, गरुड पुराण भी कहती है कि 122 सुरंगों में से गुजरना पड़ता है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=1985 जिसने पाप ज्यादा किये हैं उसे यमदूत लेने आते हैं, 80% westerners जब मरते हैं उन्हें कुत्ते नजर आते हैं और वो चिल्लाते हैं   https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2030 भक्त के लिए तो विमान आता है वैकुंठ से, भक्त अलग category के हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2043 सुनिए कैसे doctors ने Australia की औरत को पिछले जन्म का वर्णन सुना, hypnotism & regression technique द्वारा - till 37.40 of at video time https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2079 ये सब चीजें सिद्ध करती हैं कि पिछला जनम होता है, इसका मतलब कुछ है जो एक शरीर से दूसरे शरीर में चला जाता है यानी आत्मा, यानी मैं शरीर नहीं आत्मा हूँ  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2264 वेद कहते हैं आत्मा, कुरान कहती है रूह, Bible कहती है soul - तीनों एक ही हैं, आप कहोगे पुनर्जन्म की बात कहाँ है कुरान में और Bible में, कुरान में भी है कि ऐसे गलत काम करेगा तो सुअर बनेगा यानि वोही आत्मा एक शरीर त्याग के सुअर के शरीर में जाएगी  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2280 Einstein ने भी कहा था की सृष्टि को देखकर लगता है कि इसके पीछे कोई बहुत सर्वश्रेष्ठ दिमाग है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2349 जड़ वस्तु से जीवन नहीं बनाया जा सकता, हाँ जीवन with a certain combination of naturally existing elements जड़ वस्तु बना सकता है लेकिन वो भी original नहीं, duplicate /copy है, हमने robot बना दिया तो किसने बनाया, जीवित व्यक्ति ने या मृत व्यक्ति ने ? https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2397 शरीर के अंदर जो खून (a chemical) बह रहा है ये कब तक बहता है जब तक आत्मा है, शरीर की हर क्रिया और हर शक्ति का मूल कारण आत्मा का मौजूद होना है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2451 यानी आत्मा तो है, मगर आप नहीं मानो तो ये आपकी गलती https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2485 गीता के अंदर भगवान बताते हैं हम दो शरीरों से ढके हुए हैं, स्थूल और सूक्षम, सूक्षम शरीर बना है अहंकार (ego) बुद्धि (intelligence) और मन (mind) से, स्थूल शरीर बना है पांच तत्वों से, पृथ्वी जल आकाश वायू अग्नि से  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2503 धरती और हमारे शरीर में दोनों में करीब करीब 70% to 80% पानी है यानी अगर 70% to 80% अग्नि किसी के शरीर में हो तो सूर्य में भी रह सकता है, इसका मतलब सूर्य में भी जीवन है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2550 आत्मा (परा-प्रकृति) जो है वो अपरा-प्रकृति (of 5 physical elements) से श्रेष्ट है  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2600 हमारे अंदर (यानी जिसमें आत्मा मौजूद है) इच्छा शक्ति है, यहाँ इसे दूसरा नाम दिया जाए तो स्वतंत्रता है हमारे पास https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2652 *Gita Shloka* 18.61, भगवान गीता में कहते हैं की ये जो शरीर है एक यंत्र है इसके ऊपर आत्मा आरुड़ है यानी सवार है, बैठी हुई है  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2700 अगर हम आत्मा को ना माने तो हमारा पूरा legal system (और morality (नैतिकता) का system) fail है, मान लीजिये आपकी गाड़ी ने किसी को ठोक दिया, कोई मर गया तो क्या आप court  में कह सकते हैं की मेरी गलती नहीं है, ये गाड़ी की गलती है ? नहीं ये तो स्वयं मेरी गलती है क्योंकि मैं तो आत्मा हूँ मैं शरीर (केवल एक यंत्र) नहीं हूँ ? यदि Chief Justice बोल दे कि  हम शरीर नहीं आत्मा हैं तो सभी लोग अपने आप को आत्मा मान लेंगें - मालूम नहीं कि आज तक किसी भी court में ऐसी दलील (argument) क्यों नहीं पेश हुई  कि मैं तो आत्मा हूँ शरीर नहीं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2728 मेरी चोरी करने की इच्छा नहीं थी मगर शरीर ने करवा दी क्योंकि शरीर में कुछ chemical इधर उधर हिल गए थे  - क्या ऐसी दलील (argument) हम कहीं दे सकते हैं – नहीं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2905 *Gita Shloka* 2.18 शरीर (आत्मा नहीं) को तो एक दिन मरना ही है इसलिए उठो और युद्ध करो https://vedabase.io/en/library/bg/2/18/ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2959 आत्मा का दूसरा नाम है ब्रह्म मगर ब्रह्म और परब्रह्म दोनों अलग अलग हैं, परब्रह्म यानि भगवान और भगवान कोई भी बन नहीं सकता है, ये सबसे बड़ी भ्रांति है कलयुग में लोग किसी भी संत महापुरुष को भगवान मानने लगते हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=2983 आत्मा अजर (never ages) है, अमर (never dies) है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3047  भगवान ने चेष्टा करी है दूसरे अध्याय में बताने के लिए कि आत्मा सनातन यानि सत्य है और यदि आपको पूर्ण विश्वास हो गया की आत्मा सनातन है तो चित्त और आनंद (सत चित आनन्द) automatic अगली सीढ़ी है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3063 हम भी ये समझते हैं की एक बार का जीवन मिला है enjoy कर लो, भगवान ने इसी बात को काटा है कि एक जीवन नहीं है बेटा, तू आत्मा सनातन है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3092 आत्मा निराकार नहीं है, साकार है, भगवान ने अर्जुन को गीता का प्रवचन दिया ही इसलिए था क्योंकि अर्जुन शरणागत था, यदि अर्जुन शरणागत नहीं होता दो गीता भी नहीं होती, https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3141  आप प्रश्न कर सकते हो की श्री कृष्ण भगवान तो सामने हैं नहीं, हम किसके शरणागत हों, आप बताइए यदि CM ना हो तो कहा जाते हैं कुछ sign कराने के लिए, Deputy CM के पास, ऐसे ही भगवान सामने नहीं है तो उनके प्रतिनिधि हैं गुरु https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3159 गुरु श्री कृष्ण के प्रतिनिधि तो हैं मगर गुरु यदि श्री कृष्ण बनना चाहें तो गलत है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3180 आत्मा individual रहती है मगर सदा रहती है और सनातन है, यानी श्रीकृष्ण बोल रहे है कि ऐसा कोई समय नहीं था और ना आगे कभी होगा - जब अर्जुन की आत्मा नहीं थी, या राजाओं की आत्मा नहीं थी, या मैं नहीं था https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3258 आत्मा जड़ वस्तु को आकार देती है जैसे आत्मा ने मिट्टी से ईंट बनाई फिर ईंट से मंदिर बनाया, यानी आत्मा निराकार कैसे हो सकती है इसलिए आत्मा साकार है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3295 आत्मा शरीर नुमा कपड़े पहनती है और जब कपड़ा पहनने लायक नहीं रहता तो आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है; भगवान ने कपड़े का उदाहरण क्यों लिया क्योंकि आत्मा साकार है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3334 “The living entities in this conditioned world are My eternal fragmental parts” - यानी जीव एक अंश (individual) था, अंश है, और अंश रहेगा और सनातन (eternal) है  https://vedabase.io/en/library/bg/15/7/ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3393 उपनिषद : एक सर के बाल का 10,000 वां हिस्सा, वो है आत्मा का size  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3478 मुंडक उपनिषद् बताती है कि आत्मा हृदय में रहती है, गीता में भी भगवान ने कहा है कि मैं परमात्मा के रूप में, हृदय में हूँ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3623 भौतिक बुद्धि से आप आत्मा को नहीं समझ सकते, हाँ यदि बुद्धि आध्यात्मिक स्तर पर आ जाएगी, तब आप आत्मा को समझ पाओगे https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3648 आत्मा स्वतंत्र है और इसके पास इच्छा शक्ति है, आप कहते हैं भगवान की इच्छा के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता -एक उदाहरण से समझिए (1) आप bank में cheque डालते cash निकालने के लिए, मगर bank में accountant के sign के बिना पैसा नहीं निकाल सकते, मगर cheque तो आपकी इच्छानुसार ही बना है ना कि बैंक के accountant के (2) बच्चा एक भारी चीज़ उठाने की कोशिश कर रहा है मगर उठा नहीं पा रहा, पिताजी आते हैं और उठाकर बच्चे के हाथ में दे देते हैं, बच्चा समझता है कि मैंने उठा लिया https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3717 कृपया अपने दोष भगवान पर मत डालो, अगर ये सच होता कि केवल भगवान ही सब कुछ कर रहे हैं तो भगवान गीता का ज्ञान नहीं देते, मानव को प्रेरित करने के लिए, ज्ञान देने का तात्पर्य यही है कि तू करना चाहे तो कर, नहीं करना चाहे तो मत कर - यानी आत्मा को भगवान ने स्वतंत्रता दी है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3863 गीता के आखिर में भगवान अर्जुन को कहते हैं कि अब जो तेरी इच्छा है तू वैसा कर, इसका मतलब भगवान ने आत्मा को इच्छा शक्ति यानी कार्य (कर्म) करने की स्वतंत्रता प्रदान की है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3895 *Gita Shloka* 15.18 : जीव दो प्रकार के हैं क्षर (fallible) और अक्षर (infallible), Because I am transcendental, beyond both the fallible and the infallible, and because I am the greatest, I am celebrated both in the world and in the Vedas as that Supreme Person. https://vedabase.io/en/library/bg/15/18/ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=3951  हम एक आत्मा हैं, अविनाशी हैं, हम भगवान के अंश हैं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4104 अब हम भगवान की चर्चा करेंगे, भगवान को जानना क्यों ज़रूरी है, क्यों क्योंकि केवल भगवान को ही मालूम है कि ये सृष्टि क्यों बनायीं, मनुष्य जन्म क्यों बनाया, हम मनुष्यों का लक्ष्य क्या है ? https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4114 उदाहरण लीजिए: एक ग्लास है उसमें पानी पूरा भरा हुआ है और एक उपर कॉलोनी की पानी की टंकी है वो भी पूरा भरी हुई है, हैं तो दोनों ही पूर्ण मगर ग्लास का पानी आंशिक रूप से पूर्ण है और कॉलोनी की टंकी पूर्ण रूप से पूर्ण है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4230 क्योंकि हमारी आत्मा एक अंश है परमात्मा का, हमें आंशिक ज्ञान तो मिल सकता है (ना कि पूर्ण ज्ञान) और अंशिक सुख भी मिल सकता है, मगर पूर्ण आनंद तभी मिलेगा जब हम भगवान से जुड़ेंगे,  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4279 ये हाथ अगर सोचने लगे की मैं लड्डू उठा रहा हूँ मुँह में क्यों डालूं तो ये हाथ की गलत सोच है क्योंकि जब तक लड्डू पेट में नहीं जाएगा हाथ को भी पोषण नहीं मिलेगा - ऐसे ही यदि हम जो भगवान के अंश है भगवान की सेवा नहीं करें तो हम भी प्रसन्न नहीं रह सकते, तो अंश का काम है पूर्ण से जुड़े रहना तभी अंश को आनंद प्राप्त होगा https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4304 *YOU ARE LOOKING FOR BLISS SINCE INNUMERABLE BIRTHS BUT NOT AWARE HOW & FROM WHOM TO GET IT - ASSOCIATION WITH GOD ONLY CAN CONFER LASTING PEACE & BLISS, EVEN WHILE ENGAGED IN DAILY CHORES LIKE JOB, HOUSEHOLD ETC.- BUT BEING IGNORANT OF THIS OR EVEN THOUGH BY KNOWING THIS BUT YET BY DELIBERATE IGNORANCE OF LORD - NOT ONLY YOU ARE FOOLING & CHEATING  YOURSELF BUT ALSO YOUR OWN CHILDREN, YOUR OWN RELATIVES & FRIENDS*" *आप आनंद तो ढूंढ रहे हो जनम जन्मांतर से, मगर भगवान से जुड़ना नहीं चाहते, तुम अपने आप को भी धोखा दे रहे हो और मूर्ख बन रहे हो, बच्चों को भी धोखा दे रहे हो और और मूर्ख बना रहे हो, और अपने सगे संबंधियों, दोस्तों को भी धोखा दे रहे हो और मूर्ख बना रहे हो, सब अपने आप को मूर्ख बनाकर खुश हो रहे हैं, ढूंढ तो सही चीज़ रहे हैं मगर गड़बड़ कर रहे हैं* https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4320 https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4320 भगवान को जानना अति आवश्यक, क्योंकि उनको जाने बिना पता ही नहीं चलेगा की ये सृष्टि क्यों बनी, हम क्यों बने ? https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4360 अब ये प्रश्न मत कर देना की हम अंश कब बने थे भगवान के ? ये भगवान पहले ही बता चुके हैं कि कोई ऐसा समय नहीं था जब “तुम” नहीं थे या भगवान नहीं थे, यानी आत्मा सनातन है, इसकी कोई शुरुआत नहीं है, भौतिक जगत में हम बहुत (narrow minded) हो जाते हैं और हर चीज़ को जन्म मृत्यु के हिसाब से तोलते हैं, science also says “energy can neither be created nor destroyed” https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4373 भगवान की परिभाषा (definition) क्या है :  जिससे हर चीज़ उत्पन्न होती है, भगवान पूरी सृष्टि के माता भी हैं और पिता भी हैं और आश्रय हैं    https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4427 जबकि हम अधूरे है हमें सदैव किसी ना किसी चीज़ की जरूरत पड़ती है पूर्ण होने के लिए आँखों को जरूरत पड़ती है रौशनी की, कानों को जरूरत पड़ती है शब्दों की https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4505 भगवान कहते हैं मैं ही आनन्द का पुंज (full compilation) हूँ, https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4539 जो भगवान को छोड़कर संसार में आनंद ढूंढने की व्यर्थ चेष्टा करता है उसे कहते हैं वो माया (मा =नहीं, या = यहाँ) में है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4558 भगवान के ना कोई बराबर है ना उन से ऊपर है, भगवान में दो विपरीत गुण एक साथ हो सकते हैं, वो अनंत होकर भी सीमित है और सीमित होकर भी अनंत हैं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4593 भगवान श्रीकृष्ण ने लीला दिखाई थी यशोदा माँ को जब मिट्टी खाई थी और मुंह (सीमित) खोला था तो पूरा ब्रह्मांड (अनंत) यशोदा मैया को मुँह में दिख गया था https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4650 दामोदर लीला में जब यशोदा मैय्या ने गोकुल से पूरी रस्सी मंगा ली थी (अनंत) तब भी श्री कृष्ण को बाँध नहीं पाई, जबकि उनकी कमर में एक छोटा सा काला धागा (सीमित) लटका था नजर उतारने के लिए https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4673 अब आप ऐसे भगवान को कैसे समझोगे जब तक वो खुद कृपा नहीं करें, कृपा का मतलब कर+पा यानी “कर” और “पा” (first “do” & then “get”)  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4702 ब्रह्मा जी लिखते हैं गोविंदा की ना कोई शुरुआत है ना कोई अंत है, सारे कारणों के कारण हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4797 भगवान पूर्ण हैं, सनातन हैं और क्योंकि भगवान पूर्ण है इसलिए निराकार और साकार दोनों हैं और वो भी सनातन कॉल से ,i.e., beginningless https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4889 इसलिए जो व्यक्ति बोलता है भगवान केवल निराकर हैं, ऐसे व्यक्ति की शक्ल यदि देख ली, तो नहाने जाना चाहिए : ऐसा चेतन्य महाप्रभु (यानि श्री कृष्ण भगवान ने कहा है, असल में भगवान निराकार और साकार दोनों हैं, और यही बात श्रीमद् भागवत में भी लिखी है  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=4965 जो ये समझ गया ना कि भगवान “पूर्ण” हैं वो भगवान को 50% तो समझ ही गया, हम सब भगवान के अंश हैं मगर भगवान फिर भी पूर्ण हीं हैं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5006 भगवान को तीन अनुभूतियों (Forms, levels, साक्षात, प्रत्यक्ष ज्ञान) से समझा जाता है 1. ब्रह्म 2. परमात्मा 3. भगवान  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5044 ब्रह्मा भगवान की निराकार अनुभूति है, जैसे आपकी बुद्धि (जो आत्मा का सूक्ष्म शरीर है) निराकार है अगर आपका शरीर साकार है मगर शरीर तभी चलता है जब आत्मा की शक्ति हो, इसी तरह से भगवान की शक्ति निराकार रूप है और भगवान स्वयं साकार हैं, यानी शक्ति आधीन है शक्तिमान के    https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5119 लो अक्सर कह देते हैं कि हाँ कोई शक्ति है जिसने सृष्टि बनाई है, अरे समझिए और बुद्धि लगाइए कि शक्ति बिना शक्तिमान के हो ही नहीं सकती, जैसे आप एक बहुत खूबसूरत painting देखें, मगर कोई पूछे कि कलाकार कौन है ? कोई बोले कि कलाकार कोई नहीं है, क्या ऐसा संभव है ? ये बताये की कलाकार ज्यादा महत्वपूर्ण है या कला ? कोई आपकी बुद्धि की बहुत सराहना करता हो मगर जब आप स्वयं सामने आये तो कहे कि पीछे हट, तो ये सरासर उस सराहना करने वाले की मूर्खता है https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5193 भगवान की जो शक्तियां हैं वो निराकार हैं, भगवान जब भौतिक जगत को नियंत्रण करवातें हैं तो उन्हें कहते हैं “परमात्मा”, और परमात्मा रूप में भगवान गण कण में विद्यमान हैं, परमात्मा चतुर्भुज विष्णु हैं   https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5245 भगवान श्री कृष्ण कहते है की ब्रह्म की प्रतिष्ठा (status) मेरे कारण है, मगर हम उल्टा चलते हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5306 अकबर ने एक नया धर्म दीन ए इलाही बनाया हिंदू और कुरान को मिलाकर, बीरबल कहता था कि भगवान कण कण में मौजूद हैं, तो अकबर ने बीरबल से कहा की मेरी हीरे की अंगूठी में भी भगवान हैं, इसको सिद्ध करो, पूरा वर्णन सुनिए, एक बालक ने कैसे अकबर के सामने सिद्ध किया कि भगवान कण कण में हैं  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5399 भृगु संगीता में लिखा है कि अकबर पिछले जनम में एक योगी था इलाहाबाद में, गलती से गाय का एक बाल उसके मुँह में चला गया इसलिए उसको मुसलमान अकबर बनना पड़ा, कृष्ण भक्ति के बिना कोई भी गलती बहुत महंगी पड़ सकती है, कर्मों का खेल बहुत कठिन और कठोर है  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5548 परमात्मा कण कण में विराजमान हैं, अब ध्यान से सुनिए, समझने के बाद आप जीवन में परमात्मा कभी नहीं बोलोगे  https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5576 *Gita Shloka* 13.23: Yet in this body there is another, a transcendental enjoyer, who is the Lord, the supreme proprietor, who exists as the overseer and permitter, and who is known as the Supersoul. Overseer = God is a witness, Permitter = doing justice like a judge (न्यायाधीश) https://vedabase.io/en/library/bg/13/23/ https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5592  परमात्मा का जो रूप है वो न्यायाधीश की तरह कार्य करता है, उदाहरण के लिए आपने कोई गलती की,  आपके पिता एक पिता भी हैं और न्यायाधीश (judge) भी हैं,  तो आप किसके पास जाना पसंद करोगे - पिता के पास कि न्यायाधीश के पास ? न्यायाधीश तो गलती की सजा देगा मगर पिता माफ कर देगा - प्रमात्मा सदा आपको कर्मों  का फल दिलवाएगा, बुरे कर्मों का बुरा फल और अच्छे कर्म होगा अच्छा फल मगर भगवान आपकी गलती है माफ़ कर देंगे यदि आप एक भक्त बन के गए हो भगवान के पास, इसलिए आप परमात्मा कभी नहीं बोलोगे क्योंकि हम सभी गलती करते हैं हम सब को केवल प्रसाद चाहिए यानी कृपा और वो केवल भगवान से ही मिलेगी, परमात्मा से नहीं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5639 इसलिए मैं कभी परमात्मा नहीं बोलता, सदैव भगवान बोलता हूँ क्योंकि मुझे एक court नहीं जाना मुझे तो भगवान के घर जाना है, भगवान तो गीता में साफ बता रहे है कि मैं किस रूप में क्या करता हूँ, अब तुम फैसला करो कि तुम्हें क्या करना है, भगवान के दो रूप हैं न्यायाधीश का और भगवान का, मगर भगवान के पास जाने के लिए एक भक्त बनना पड़ेगा यानी उनकी शरणागत होना होगा, मगर हम भगवान के शरणागत होना नहीं चाहते https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5760 परमात्मा के रूप में judgment करते हैं, मगर भगवान के रूप में कितना जबरदस्त पक्षपात करते हैं, आप यह विश्वास ही नहीं करोगे क्योंकि आज तक आपने गीता अगर पड़ी भी है तो भक्तों की लिखी हुई नहीं पड़ी, क्योंकि 99% लिखने वाले परमात्मा वादी हैं ये अपने आप को भी मरवायेंगे, दूसरों को भी मरवायेंगे, ये भगवान की शरण में नहीं लेके जाते, मगर परमात्मा की शरण में फंसा देते हैं https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5811 इसलिए मैं तो केवल वही भागवत सुनता हूँ जो सच्चा भक्त कह रहा हो अन्यथा नहीं सुनता, क्योंकि शास्त्रों में साफ लिखा है की यदि जो भक्त नहीं है उसके मुँह से कथा सुनोगे तो चेतना अशुद्ध हो जाएगी, क्योंकि जो भक्त नहीं है या तो वो भगवान से दूर ले जाएंगे, यह भगवान बनाने के चक्कर में रहेंगे, भगवान का दास नहीं बनवाएगा, जबकि हमें बनना क्या है दास https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5848  श्री राम, श्री कृष्ण, श्री विष्णु, श्री नारायण, श्री नरसिंह , श्री वराह, श्री वामन : इन सब मैं तत्व से कोई भेद नहीं है, केवल लीला का भेद है, “हरे” शब्द का मतलब है राधा रानी और सभी शक्तियां राधा रानी से उत्पन्न हुई है, राधा कृष्ण की चर्चा या ज्ञान, अध्यात्म का PhD ज्ञान है    https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=5940 पांच तत्व (सत्य) हैं, ऊपर भी बताया है  1. भगवान 2. जीव 3. प्रकृति 4. काल (समय) 5. कर्म   https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=6041 भगवान ने स्वयं कहा है कि जो मेरे इन तत्वों को जान जाता है उसका पुनर्जन्म नहीं होता https://youtu.be/dlHgXflxNVs&t=6055 


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Gita भाग - 4.mp4