तन और धन प्रभु ने सबको अलग अलग दिया है
लेकिन मन सबको एक जैसा दिया है
ऐसा इसलिए ताकि संसार को तो केवल तन और धन चाहिए, मन ना भी दो तो चलेगा
सभी मनुष्यों का मन एक जैसा इसलिए बनाया (and all are equally qualified to achieve God)
ताकि मन को केवल प्रभु में लगा सकें
आप संसार में रहिए - तन और धन संसार के लिए और मन प्रभु के लेखे लिख दें
हम लोग उल्टा करते हैं, मन तो लगातें हैं संसार में, तन और धन को प्रभु की सेवा में
लगाने का दिखावटी प्रयास करते हैं (But this is going against the design of Lord) )
इसलिए सदा anxiety, tension और दुख पाते हैं
God has given a UNIQUE BODY & WEALTH to each person
BUT He has gifted a SIMILAR mind to ALL so that all are equally eligible & qualified to achieve God, so that we can fix our mind on Lord.
World needs only your body & riches & not the mind.
So put your body & riches for the world & devote your mind full of love to Lord.
But we do the reverse – we put minds to the world & try to feign (pretend) our body to Lord & a little bit of "bribe" to God in order to get something from Him - हे भगवान, हमारा ये काम कर दो तो हम यह चढ़ाएंगे या इतना दान
करेंगे
This is against the design of Lord – Hence we are all embroiled in worries, anxieties & tensions.
भगवान का रूप ध्यान करना है, मन से < click to listen