Vinod Agarwal Bhajan lyrics
aao nand nandan he chitt chor, murli manohar naval Kishore
आओ नन्द नंदन हे चित्त चोर ,मुरली मनोहर नवल किशोर
ऐ मेरे प्राण प्रीतम मुझको तेरे सिवा कुछ भी नहीं चाहिए
दूर करदे जो सांवल तेरे प्यार से ऐसी शानो शौकत नहीं चाहिए
तेरे दर की मिले जो गुलामी मुझे, दो जहाँ की हकूमत नहीं चाहिए
तेरे ग़म से बड़ी है मोहब्बत मुझे, मुझको झूठी मुसर्रत (happiness) नहीं चाहिए
ऐ कन्हैया मेरे मैं वो बीमार हूँ जिसको दुनिया की राहत नहीं चाहिए
मेरी शान फकीरी सलामत रहे, मेरे दिल में तुम्हारी मोहब्बत रहे
मेरे दिल में तेरी बादशाहत रहे ,तेरी करुणा पे मुझको बड़ा नाज़ है, मैं हूँ चाकर तू मेरा महाराज है
मुझको तेरे सिवा कुछ भी नहीं चाहिए
तमन्ना तुम हो मेरी ,मुझको किसकी आरज़ू होगी
नज़र जिस सीमत (towards) उठेगी तुम्हारी जुस्तजू होगी
वहीँ मेरे करीब आएंगे, निस्बत (affinity) है जिन्हें तुमसे
मेरी महफ़िल में जो होगी तुम्हारी गुफ्तगू होगी ,तमन्ना तुम हो मेरी..
श्रवणो से सुनूं मुरली रब को , तुम रूप द्रिगो से निहारा करूँ
पट भूषन गंध लूँ मैं नासिका से, मुख से हरे कृष्ण उचारा करूँ
तन से करूँ सेवा तुम्हारी सदा, मन से सुमिलाप विचारा करूँ
इस भांति तुम्हे अपना कर के, तन से मन से अति प्यार करूँ
तन से करूँ सेवा तुम्हारी सदा, मन से सुमिलाप विचारा करूँ
इस भांति तुम्हे अपना कर के, तन से मन से अति प्यार करूँ