Wednesday, June 23, 2021

इस धनतेरस माता लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें? Dhanteras Special Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj - Full Transcript Text


 


इस धनतेरस माता लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें? Dhanteras Special

 

 

https://www.youtube.com/watch?v=zTnM8BknWxU

 

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इस धनतेरस माता लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें Dhanteras Special Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj.mp4


0.49 श्री राधा रानी के बाएं अंग से महालक्ष्मी जी प्रकट हुईं और श्री कृष्ण के बाएं अंग से महाविष्णु प्रकट हुए

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=49

 

 

1.35 समुद्र मंथन हुआ, 14 रत्न निकले उनमें से एक रतन महालक्ष्मी थी

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=95

 

 

3.25 आज ही धनतेरस के दिन धनवंतरी (वैद - doctor) भी प्रकट हुए, देवताओं के इलाज के लिए

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=205

 

 

4.0 महालक्ष्मी को वर ढूंढना था, देवताओं में से एक

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=240

 

 

6.39 महालक्ष्मी को श्रीकृष्ण लगे जिसमें सब खूबियाँ थी

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=399

 

  

10.13 महालक्ष्मी इतनी चंचल होते हुए भी भगवान के बाईं तरफ सदा रहती है

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=613

 

 

10.30 कैसे अजीब लोग (उल्टी खोपढ़ी) हैं की सब बोलते हैं "सदा लक्ष्मी सहाय" - लक्ष्मी सदैव हमारे पास रहे

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=630

 

 

12.37 भगवान 'कर्तुम अकर्तुम अन्यथा कर्तुम, समर्थ' हैं अर्थात वे एक ही समय में संभव को असंभव और असंभव को संभव कर सकते हैं

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=757

 

 

12.54 लोगों को ये नहीं मालूम कि लक्ष्मी, भगवान (जो लक्ष्मी के पति हैं) के बिना कैसे रहेंगी, कोई नहीं लिखता बही खाते में श्री राम सहाय, श्री कृष्ण सहाय

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=774


15.01  यदि आप भगवान को नहीं मानते और केवल लक्ष्मी और कुबेर की भक्ति करते हैं तो आपका क्या हाल होगा ;  विंध्याचल पर्वत में इतने वृक्ष है पर खाना पकाने के लिए लकड़ी नहीं मिलेगी, समुद्र में इतना जल है मगर उँगली डुबोने के लिए पानी नहीं मिलेगा

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=901

 

18.23 बस ये समझ जाइए की आपको राधा कृष्ण की भक्ति करनी है, बाकी सब देवी देवता भागे आएँगे आपके पास, सम्मान और आदर सब देवी देवताओं का, सबको नमस्कार, मगर मन बुद्धि का समर्पण श्यामा श्याम को

https://youtu.be/zTnM8BknWxU?t=1103

 


Tuesday, June 22, 2021

भगवान को पाना है पाखंड (Hypocrisy) छोड़ो और ये करो - Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj | Pravachan - Full Transcript Text

 



भगवान को पाना है पाखंड छोड़ो और ये करो - Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj | Pravachan


https://youtu.be/qroDih02__A


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0.56 हम इतने बेवकूफ हैं कि हमारे हाथ में रसगुल्ला है मगर रसगुल्ले को फेंक कर के अपनी कोहनी (elbow) चाट रहे हैं, जैसा कुत्ता सूखी हड्डी खाता है और अपने ही खून निकालते हुए को समझता है कि हड्डी से खून निकल रहा है

https://youtu.be/qroDih02__A?t=56

 

1.29 भगवान इतने दयालु हैं हृदय में बैठे हैं, किसी के पास पांव नहीं है, किसी के पास आंख नहीं, मगर मन तो सबके पास है, केवल मन दे दो भगवान को और इंद्रियां संसार को दे दो, मगर हम मन नहीं देते भगवान को

https://youtu.be/qroDih02__A?t=89

 

4.45 जीवात्मा और भगवान, बालक और पालक (maintainer Lord) दोनों हृदय में बैठे हैं

https://youtu.be/qroDih02__A?t=263

 

5.12 अगर कोई मान ले कि भगवान बैठे हैं हृदय में और वह नोट कर रहे हैं आपके विचार, तो कोई पाप कर ही नहीं सकता, Govt के कानून से डरते हैं मगर Govt तो होती नहीं हर जगह, भगवान तो हर जगह है, इसलिए हम सब नास्तिक ही हैं

https://youtu.be/qroDih02__A?t=312

 

 

6.0 मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है, मन ही कर्म का करता है

https://youtu.be/qroDih02__A?t=364

 

9.38 इसलिए मन से ही है भक्ति करनी है

https://youtu.be/qroDih02__A?t=578

 

10.51 मन भगवान में लगाओ और तन संसार में

https://youtu.be/qroDih02__A?t=651

 

 

11.54  भगवान हर जगह है यह fact को admit करना है realise करना है

https://youtu.be/qroDih02__A?t=714

 

12.42 मन तो जंजीर से बंधा है संसार से, केवल इंद्रियों से हम भगवान को कह रहे हैं "कृष्णम शरणम मम:", इस प्रकार हम भगवान को धोखा दे रहे हैं

https://youtu.be/qroDih02__A?t=762

 

13.13 अपने ही लोगों को हम धोखा देते हैं माँ बाप को, भाई बहन को, अपने स्वार्थ के लिए

https://youtu.be/qroDih02__A?t=793

 

 

13.58 सब बुरी बातें जैसे कि झूठ बोलना वगैरह हमीं ने सिखाई बच्चों को

https://youtu.be/qroDih02__A?t=838

 

15.46 हमने सब प्रकार के झूठ और ढोंग किये सब लोगों से, मगर आनंद नहीं मिला, अनंत जन्म बीत गए अनन्त बार स्वर्ग भी गए

https://youtu.be/qroDih02__A?t=946

 

16.05 आनंद इसलिए नहीं मिला क्योंकि हम समझ ही नहीं पाए कि मन को भगवान में लगाना - जहाँ पर वास्तविक आनंद है

https://youtu.be/qroDih02__A?t=965

 

 


Monday, June 21, 2021

कृष्ण रास लीला - भागवत महापुराण का प्राण - रास पंचाध्यायी का अद्भुत वर्णन Krishna Ras Raas Leela - Full Transcript Text




भागवत महापुराण का प्राण - रास पंचाध्यायी का अद्भुत वर्णन | Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj



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कृष्ण रास लीला


भगवान के दिव्य रूप को हम माया से बंधे जीव नहीं समझ पा सकते, माया से ऊपर उठना पड़ेगा


पांच तरह की गोपियां होती है। सखी, नित्य सखी, प्राण सखी, प्रिय सखी, परम श्रेष्ठ सखी


किसी भी भाव - काम (lust), e.g., by Gopis, क्रोध (anger), भय (fear) , e.g., by Kansa, स्नेह (love), द्वेष (hatred) , e.g., by Shishupal, ईर्ष्या (jealousy)  - से भजिए भगवान श्री कृष्ण को, बस उनसे जुड़ जाइए, मगर सबसे उत्तम भक्ति से, स्मरण (remembrance), श्रवण (hearing), भगवत धाम की प्राप्ति हो सकती है  


पूरी श्रीमद भागवत (holiest granth) का सारांश (1) श्री कृष्ण भक्ति के बिना सब ज्ञान व्यर्थ है (2) कर्मों का पालन करने से दो ही चीजें प्राप्त होती है कीर्ति और धन जो कि दोनों सांसारिक हैं - इसके लिए कोई बहुत परिश्रम करे, पूरा जीवन बिता दे, तो वह बुद्धिमान नहीं है - यानी ज्ञान और कर्म दोनों का खंडन कर दिया श्रीमद भागवत के अंत में

  • https://youtu.be/zgfnRRK5x6g?t=1677


  • श्रीकृष्ण ने ही उद्धव को समझाया था की धर्म कर्म से कुछ नहीं होगा बस केवल स्वर्ग ही मिलेगा और स्वर्ग में भी मृत्यु लोक की तरह बहुत क्लेश (tribulations) है 
  • https://youtu.be/zgfnRRK5x6g?t=1904


मेरा पति यदि मुझे आप की शरण में आने के लिए रोकता है तो इसका मतलब वो पातकी (पापी, sinful) है


गोपियों ने श्रीकृष्ण को कहा: हे श्री कृष्ण आप हमारा चित्त / मन वापिस कर दीजिये तो मैं घर चली जाऊंगी


प्रेम भक्ति, स्नेह भक्ति, मान भक्ति, प्रणय भक्ति, राग भक्ति, अनुराग भक्ति, भाव-आवेश भक्ति


सुख देव जी ने कसम खायी थी की राधा नाम नहीं बोलेंगे पूरी  श्रीमद भागवत में


ये रास पंचाध्यायी श्रीमद् भागवत में बहुत गूढ़ है समझने के लिए, शब्द कुछ हैं मतलब कुछ और है


गोपियों ने गोपी गीत गाया- 19 श्लोक - श्रीकृष्ण को प्रकट करने के लिए - ये पूरी भागवत में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है


जो भगवान के नाम, रूप, गुण, धाम की कथाओं, लीलाओं का प्रचार करते है सब में, वो बहुत बड़े दानी हैं


जब आप गाय चराने जाते थे जंगल में, तो एक एक क्षण (त्रुटि) हमारे एक युग के समान प्रतीत होता था


अब पूरी भागवत का सबसे सर्वश्रेष्ठ श्लोक, गोपी गीत का 19 वां श्लोक, गोपी ने कहा: श्रीकृष्ण जब आप के तलवों (soles of Your feet) को मैं अपने स्तन (breasts) पर रखती हूँ तो सोचती हूँ की आप के तलवों को मेरे स्तन के स्पर्श से तकलीफ / दुख न पहुँचे - यानी श्री कृष्ण के सुख की कामना - यही सर्वोत्तम भक्ति है - इस बात पर श्रीकृष्ण पिघल गए


भगवान कहीं गए नहीं थे वो तो सर्वव्यापी है, आंख मिचौली खेलते है अपने भक्तों के साथ, भक्तों का प्रेम बढ़ाने के लिए, उनकी परीक्षा लेने के लिए