4.20 duty (जिम्मेवारी) से भटक जाते हैं उसको ignorance कहते हैं duty 2 लेवल की होती है शरीरिक और आत्मिक
7.10 यदि गुरु भी अधर्म करता है तो ऐसे गुरु को उसी समय त्याग देना चाहिए नहीं तो गुरु और शिष्य दोनों को नरक मिलता है
8.25 गुरु का मतलब ( गु = ignorance, रु -remover)
10.40 जब तक हम अपनी कमी स्वीकार नहीं करते तब तक spiritual (आध्यात्मिक) मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सकते
12.35 अगर लंबा जीना है तो इंद्रियों की तृप्ति कम करनी पड़ेगी और इंद्रियों को संतुष्ट करने में लग गए तो उम्र घाट जाएगी (vice-versa) यानि कुछ ना कुछ कमी तो रहेगी इस जगत में
15.10 ऐसा कभी नहीं था जब यह लोग नहीं थे या आप या मैं नहीं था, हमेशा रहेंगे
15. 50 ऐसा नहीं है कि श्री कृष्ण पहले निराकार थे फिर आकार लिया
18.20 शरीर तो बना है कैल्शियम फास्फोरस वगैरह से, जो कि पहले ही मरे हुए हैं, there is nothing called death
21.30 एक राजा ने कहा मुझे ऐसी चीज दो कि जब मैं दुखी होऊँ तो फिर से सुखी हो जाऊँ , जब मैं सुखी होऊँ तो फिर से दुखी हो जाऊँ, तो मंत्री ने एक अंगूठी दी जिसपर लिखा था "यह समय भी बीत जाएगा"
22. 25 सम रहना सीखना होगा
25.30 मरने के बाद शोक सभा नहीं स्मृति सभा नाम होना चाहिए
28.50 यह नहीं कहना चाहिए कि मेरा जन्मदिन इस दिन को हुआ था (date of birth) यह कहना चाहिए कि मैंने इस शरीर में इतने साल बिता दिए
30.0 आत्मा परमात्मा में मिलती नहीं है
32.44 आत्मज्ञान, कि आत्मा कभी मर नहीं सकती जल नहीं सकती, से self-confidence बड़ता है
33.25 कोई भी motivational मोटिवेशनल स्पीकर यह बात नहीं बताता है इसलिए वह fake है
37.50 अगर मान लें कि कोई आत्मा नहीं होती तब भी शरीर है तब भी कोई अफसोस की बात नहीं है शरीर तो केवल bio chemical है, शरीर की मृत्यु यानि जैसे सब्जी धोते हुए पालक बह गई
38.25 Buddhism explained
42.15 किसी भी चीज को समझने के लिए उसके ऊपर (transcend) आना पड़ता है, इसलिए जब तक कृष्णा के सेवक स्तर (level) पर नहीं आते तो soul का समझना मुश्किल है
44.25 क्षत्रिय का मतलब समझाया है
51.34 जब आप किसी कर्म को कर्तव्य (duty towards Lord) (यानि निष्काम) मानकर करते हो तो कर्म बंधन नहीं करता, अपने कर्म फल से, मगर यदि selfish enjoyment के लिए करते हो तो कर्म बाँधता है, अपने कर्म फल से
video 1 < click to listen 54.47 सकाम (expecting fruits of the action) और निष्काम (dedicating fruits of the action to Lord) कर्म में भेद (difference) - video 2 < click to listen
57.37:वेद शस्त्रों में यज्ञ, स्वर्ग प्राप्ति, अच्छे जन्म, शक्ति इत्यादि की बातें क्यों लिखी हैं - video 3 < click to listen
1:01:40 भोग (sense enjoyment)और ऐश्वर्या (opulences / luxuries) करने में कोई बुरी बात नहीं है केवल उनमें आसक्ती (मोह /attachment) नहीं होनी चाहिए - video 4 < click to listen
1:02:46 भक्ति योग बाकी सब विधियों (कर्म योग, ज्ञान योग, उपासना ) से सर्वश्रेष्ठ है (गीता सार) - video 5 < click to listen
1:03:57 आपका अधिकार केवल आपके कर्म पर है, कर्म के फल पर नहीं - video 6 < click to listen
1:08:46 spiritual life (भक्ति) में आगे बड़ते रहना, बिना संशय (doubt) करे - video 7 < click to listen
1.12.22 good karma (पुण्य) & bad karma (पाप) - हमें दोनों से भी ऊपर उठना है, भक्ति द्वारा - video 8 < click to listen
1.17.49 एक बार यदि किसी को भागवत ज्ञान/प्रेम की प्राप्ति हो जाए तो बाकी सब फीका लगने लगता है - video 9 < click to listen
1.19.20 भक्त सोचता है मुझे तो permanent आनंद चाहिए यह temporary नहीं वेद पढ़कर अलंकारिक भाषा पढ़कर
1.22.50 जब व्यक्ति दिमागी घोड़े चलाना बंद कर दें कि मैं ऐसे enjoy करूंगा
1.23.50 तीन तरह के ताप आध्यात्मिक आदि दैविक आदि भौतिक
1.25.50 बिल्ली रास्ता काट गई, सूर्य ग्रहण हो गया, वगैरा भक्तों को फर्क नहीं पड़ता है वह तो शुभ अशुभ दोनों में भक्ति करता है भगवान की
1.26.50 इंद्रियों को कछुए की तरह अंदर कर लेता है
1.28.10 बुरी आदतों को कैसे जीते ....जब तक higher taste नहीं मिलेगा - This way we can control the unruly senses... - video 10 < click to listen
1.31.45 DOes, DON'Ts, withdrawing senses is possible only by bhakti
1.32.10 व्यक्ति का पतन क्यों होता है, contemplating on sense objects, attachment, lust, greed (if lust satisfied) , anger (if lust not satisfied), delusion, dwindling memory, intelligence is lost - व्यक्ति का पतन क्यों होता है, why does a person fall down in bad habits & misery
- video 11 < click to listen
1.35.35 विनाश काले विपरीत बुद्धि, THEN fall down
1.36.14 u turn मारना मुश्किल होता जाएगा जितना वह गहरा दबता जाएगा
1.36.55 खाली sense objects को देखने मात्र से problem नहीं है attachment से problem है, ये नैना hooks हैं
1.38 राग द्वेष दोनों से बचना चाहिए
1.39.25 शांति मिलेगी जब मन स्थिर हो जाए, मन स्थिर कैसे होता है, जब बुद्धि स्थिर हो जाती है, और बुद्धि कैसे स्थिर होती है भगवान में लगकर - *How to get peace & bliss* ...
- video 12 < click to listen
1.40.40 कोई एक इंद्री में आसक्ती है काफी है पतन के लिए
1.41.50 भौतिकवादी के लिए रात आध्यात्म वाले के लिए दिन, spiritual bliss vs materialistic bliss
1.43.40 इंद्रियों के भोग को संतुष्ट करने वाला का हमेशा पतन होगा
1.45.0 इच्छाओं का त्याग कर दिया यानि यह छोड़ दे - यह मेरा घर मेरी पत्नी, I, Mine IT इंद्रिय तृप्ति
1.47.15 जो रास्ता भगवान की तरफ ले जाता है वह ultimate है