Wednesday, September 22, 2021

संसार के लोगों से प्रेम करने वाले लोग जरूर देखें, खुल जायेंगी आपकी आंखें | देवी चित्रलेखा जी Devi Chitralekha ji


https://www.youtube.com/watch?v=EKe0CwB8GGA

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Transcript

0:00

संसार के संबंध में और कृष्ण संबंध में यह

0:04

एक भेद यह हो सकता है या है कि संसार का

0:11

संबंध पूर्ण नहीं है कभी भी पूर्ण नहीं हो

0:17

सकता उसी के विपरीत में अगर देखोगे तो

0:21

कृष्ण का और जीव का जो संबंध है वह

0:27

पूर्ण पूर्ण किसलिए

0:30

जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे संसार में

0:34

कोई संबंधी होगा तो उसके साथ एक संबंध

0:37

होगा और वह संबंध

0:40

भी डगमगाता रहता

0:43

है जैसे कहते हैं ना कि संसार के जो

0:46

संबंधी होते

0:49

हैं उनकी

0:51

तुलना मेंडको से की गई

0:54

है मेंडक क्यों मेंडक को का एक समूह हो आप उस

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सबको तराजू में एक साथ बिठाना चाहो तो नहीं

1:01

बिठा सकते

1:03

 कोशिश करोगे 10 15 को बिठाने की एक कूद

1:07

जाएगा फिर उसको जैसे तैसे लाकर रखोगे तो

1:09

दूसरा कूद जाएगा तो यही संसार के संबंधों

1:13

में होता है, एक को मनाने जाओ दूसरा रूठ

1:16

जाएगा दूसरे को मनाने जाओ पहला रूठ जाएगा

1:20

यही उठक बैठक जो है वह संसार के संबंधों

1:24

में थोड़ी थोड़ी चलती

1:27

रहती कबड्डी चलती रहती है संसार के

1:30

संबंधों में अब तू जीता अब मैं हारा अब

1:33

मैं जीता अब तू हारा

1:34

[संगीत]

1:37

संसार के संबंध कभी पूर्ण नहीं हो

1:41

सकते कभी भी नहीं और पूर्ण संबंध उसको

1:46

कहते हैं एक व्यक्ति में आप चारों तरफ से

1:50

घूम के देखो तो कौन एक व्यक्ति में आपको सारी

1:53

क्वालिटीज (गुण) मिल जाए सारी पूर्णता मिल जाए

1:56

आपको जब मित्र की आवश्यकता हो तो उसी में

1:59

मित्र मिल जाए आपको जब बंधु की आवश्यकता

2:02

बंधु मिल जाए आपको जो आवश्यकता एक व्यक्ति

2:06

से मिल जाए पर ऐसा संसार में कभी नहीं

2:10

होता पुत्र पुत्र रहेगा पति नहीं बन सकता

2:15

पिता नहीं बन

2:17

सकता तो इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब

2:20

संसार के संबंध पूर्ण नहीं है पहला

2:24

अंतर

2:26

दूसरा अंतर मेरी समझ में यह है कि

2:31

संसार के संबंध कभी भी नित्य नहीं

2:35

रहते नित्य माने हमेशा नहीं

2:39

रहते एक ना एक दिन उनकी expiry एक्सपायरी डेट आती

2:44

है और वह आपसे या आप उनसे विदा लेकर के इस

2:49

धरती से चले जाते

2:51

हो और जैसे ही आप शरीर से विदा लेकर दूसरी

2:56

जगह जन्म लेते हो तो आपको नए संबंध relations मिल

2:59

जाते हैं एकदम brand new ब्रंड न्यू नई मां नया बाप

3:03

नया मित्र नया पुत्र सब नए नए मिल जाते

3:08

नया भाई नई

3:12

बहन तो संसार के संबंध कभी नित्य नहीं

3:16

रहते चेंज change होते रहते बदलते रहते लेकिन

3:19

कृष्ण और जीव का संबंध कभी बदलता

3:23

है हां या

3:28

ना

3:31

क्या आपका और कृष्ण का संबंध कभी इस जन्म

3:36

के खत्म होने के बाद भी कभी खत्म हो सकता

3:40

है नहीं

3:45

पक्का बिल्कुल कभी नहीं बदल

3:49

सकता आप लाख कोशिश भी करो मैंने आपको एक

3:52

दिन पहले बताया था जो आदमी यह भी कह दे कि

3:56

मैं भगवान भगवान को नहीं मानता (atheist ,nondevotee)  वो भी इस

3:59

संबंध को नकार नहीं सकता क्योंकि सांस के

4:03

रूप में कृष्ण उसके भीतर चल रहा

4:05

है प्राणों के रूप में कृष्ण उसके भीतर है

4:09

तुम लाख कोशिश करो अपने आप को कृष्ण से

4:12

अलग करने की पर तुम कर नहीं

4:16

पाओगे अलग हो ही नहीं सकता क्योंकि वह

4:19

नित्य है व नित्य संबंध

4:24

है दिव्य देव एक को नारायण माता पिता ता शद

4:31

गति नित्य संबंध

4:34

है इससे भागने की बजाय बस इस संबंध को पूरा

4:40

करने की चेष्टा

4:43

करिए पूरा, जिस दिन हम करने लगे जिस दिन

4:47

हमने भगवान को अपना हितैशी मान लिया एक बार

4:50

एक

4:51

राजा रात को कहीं अपनी राज्य में घूमने

4:56

निकला तो वहां एक साधु मिट्टी में पड़ा

4:59

पड़ा मस्ती में आनंद में खेल रहा है और

5:03

हरि गुण गा रहा है तो राजा को लगा कि कहां

5:07

बेचारा माटी में पड़ा पड़ा यह ऐसे ही गंदा

5:10

हो रहा है तो राजा ने उसको एक प्रस्ताव

5:14

दिया राजा ने कहा एक काम करो महात्मा जी

5:17

आप मेरे साथ मेरे महल में चलो आपको अच्छा

5:20

खासा मैं व्यवस्था दे दूंगा सब बढ़िया

5:22

आपकी रहने खाने सबकी व्यवस्था हो जाएगी

5:26

चलो महात्मा जी ने मुस्कुरा के कहा कि

5:30

तेरे साथ क्यों

5:32

चलू राजा ने कहा तुम जिस भगवान का नाम ले

5:35

रहे हो उसने तुमको ऐसा क्या दे दिया जो

5:38

मैं नहीं दे सकता यहां पड़े हो माटी में

5:40

वहां आपको बढ़िया मखमल का गद्दा मिलेगा

5:43

सोने के लिए बढ़िया रजाई ओड़ने को मिलेगी

5:46

ठंडा ठंडा वहां हवा वायु चल रही होगी क्या

5:49

दे रहा तुम्हारा भगवान जो मैं नहीं दे

5:52

सकता तो महात्मा जी ने कहा अच्छा ठीक है

5:55

मैं चलूंगा तुम्हारे साथ पर मेरी चार शर्त

5:59

अगर तू उसको पूरा कर दे तो मैं तेरे संग

6:02

चल पड़ूंगा

6:04

बोल राजा बोला पहले शर्त

6:08

बताओ साधु बोला मेरी पहली शर्त

6:11

[संगीत]

6:13

है मैं खूब

6:16

सोऊंगा खूब अच्छे से मजे से सोऊंगा लेकिन

6:21

तुमको नहीं सोने दूंगा यानी तुमको मेरी

6:23

जाग कर के रखवाली करनी पड़ी मुझे संभाल

6:26

मेरी देखभाल तुम करोगे पहली शर्त

6:31

दूसरी शर्त यह है कि तुम खुद खाओ ना खाओ

6:34

पर मुझे खाने को

6:38

मिलेगा मेरी तीसरी शर्त यह है कि तुम खुद

6:43

वस्त्र पहनो ना

6:44

पहनो मैं वस्त्र

6:47

पहनू मुझे वस्त्र पहनने दोगे और चौथी सबसे

6:51

महत्त्वपूर्ण शर्त यह है कि तुमको एक क्षण

6:55

भी

6:56

मुझसे तुम अलग नहीं जा सकते

7:00

24 घंटे तुम्हें मेरे संग रहना पड़ेगा एक

7:03

क्षण भी मुझसे अलग नहीं

7:05

जाओ तो राजा बोला पागल हो आप ऐसी बेकार की

7:10

शर्त कौन मानता है तो महात्मा जी ने हंस

7:13

के कहा मेरा परमात्मा मानता

7:16

है तू नहीं मान रहा पर मेरा परमात्मा वह

7:20

खुद खाए ना खाए पर मेरा पेट भरता

7:23

है वो खुद पहने ना पहने पर मुझे वस्त्र

7:27

पहनाता है मैं

7:30

पूरी रात सोता हूं लेकिन वह स्वास के रूप

7:34

में मेरे भीतर चलता चलता मेरी रखवाली करता

7:37

है और चौथी बात हर क्षण भी प्रभु निरंतर

7:41

मेरे संग है मेरे हर एक इंद्रिय रूप में

7:45

प्राणों के रूप में आत्मा के रूप में एक

7:48

क्षण भी मुझसे अलग नहीं होता तो बता तेरे

7:51

साथ चलूं कि अपने परमात्मा के साथ रह तू

7:54

इन चारों में से एक शर्त भी पूरी कर दे तो

7:57

तेरे संग चल परू राजा ने कहा आप यही ठीक

8:00

हो आप यही रहो अपने परमात्मा के

8:04

साथ य चारों जो शर्त है ना यह सिर्फ राजा

8:07

जी ने इस दुनिया का कोई आदमी पूरा नहीं कर

8:10

सकता लेकिन प्रभु हर्ष से पूरा करते कृष्ण

8:14

हर समय य चारों शर्त पूरी करता

8:18

है आपको एहसास भी नहीं होगा लेकिन कृष्ण

8:21

हमेशा आपके साथ चले आपके संग खड़ा हो हर

8:25

क्षण

8:28

में

8:30

है सबके

8:31

साथ सबके साथ हमेशा श्री ठाकुर जी संग

8:36

रहते हैं पर एहसास करने के लिए अपने भीतर

8:40

प्रेम की ज्योति जगानी होगी तब एहसास होगा

8:43

कि हां ये संग

8:46

में केवल प्रेम, “हरि व्यापक सर्वत्र

8:51

समाना” और गोसाई जी ने कहा “प्रेम ते प्रकट

8:54

होइ, तो  मैं जाना, है तो सबके पास पर दिखेगा

8:58

उसीको

8:59

जिसने प्रेम

9:01

किया सब कान खोल कर के सुनलो सच कहो

9:07

मैं मैं सत्य कह रहा हूं यह बात झूठी नहीं

9:11

है एकदम 100 प्रतिशत सत्य है साच कहो सुन

9:15

लेयो सब जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभ पायो

9:21

प्रभु को उसी ने प्राप्त किया आज तक जिसने

9:25

उनसे प्रेम

9:28

किया

9:29

मीरा ने पाया प्रेम से सूर ने पाया प्रेम

9:34

से कबीर ने गाई प्रेम की

9:38

महिमा कहा भयो जोद लोचन मद के दो आंख बंद

9:44

करके तू बैठ भी गया तो क्या लाभ उससे बैठ

9:48

रहे हो बक ध्यान लगायो बक माने

9:52

बगुला जैसे बगुला आंख बंद करके बैठा रहता

9:55

है लोगों को लगता है वाह इससे बड़ा तो कोई

9:58

ध्यान ही नहीं

9:59

लेकिन ध्यान में नहीं बैठा है मछली के ताक

10:02

में बैठा कब मछली आए आंख बंद करके बैठा और

10:07

जैसे मछली आ तो झपट्टा मारा और मछली को

10:10

अपने मुख में ले बैठे रहे बक ध्यान लगा

10:13

अगर प्रेम यानी भक्ति तुम्हारे जीवन में

10:16

नहीं तो आंख मद के भी बैठे रहोगे तो बगुला

10:19

ध्यान इसको बगुला ध्यान कहते

10:23

हैं बैठे दिख रहे हो आंख बंद है वाह वाह

10:26

वाह क्या योगी बैठे और भीतर सारी दुनिया

10:28

की गाथा मन में चल रही

10:31

है का भयो दो जो लोचन मद

10:36

के दो ,आंख मूदने से भगवान नहीं मिलता आंख

10:39

खोलने से भगवान मिलता है जब आंखें खुल

10:42

जाती है ना संसार

10:44

में कि यह सब यहां वैसे ही दिखावे का सब

10:48

नाटक चल रहा है जब आंखें खुल जाती है तब

10:52

असल में भक्ति का महत्व समझ में आता है

10:56

आंखें मूंदे तो दुनिया ही बैठी है दिख रहा

10:59

सबको पर खुद अंधे बने बैठे हैं आंखों पर

11:02

पट्टी लगाए बैठे धृतराष्ट्र को नहीं दिखता

11:05

था ठीक बात है लेकिन गंधारी तो आंख पर

11:08

पट्टी लगाए बैठी

11:13

थी ठीक वैसे ही संसार का यह यह लेखा झोखा

11:18

सब चल रहा है सब अंधे एक दूसरे को

11:21

सहानुभूति दे रहे हैं कि तू ठीक है तू सही

11:24

रास्ते पर चल रहा है एक दूसरे के सहायक

11:27

बने फिरे हैं जब कि वो खुद भी अंधा उसे भी

11:29

नहीं पता और अंधा रास्ता दिखा रहा है ये

11:32

दुनिया में एक खेल चल रहा है सारे अंधे एक

11:34

दूसरे को रास्ता दिखा रहे हैँ अब अंधे ही अंधे

11:37

को रास्ता दिखाएंगे तो सोचो गड्ढे में तो

11:44

गिरेंगे कोई आंखों वाला चाहिए आंखों वाला

11:49

मतलब जिसने इस रास्ते को देख रखा हो जंगल

11:52

में अनजाने से जाओगे तो भटक जाओगे पर

11:56

जिसने जंगल का एक एक पगडंडी का पता हो कि

11:59

यहां से right राइट यहां से left लेफ्ट यहां से तो

12:02

फिर आप आराम से जंगल की यात्रा करके पार

12:05

निकल जाओगे यह संसार की यात्रा भी आसान

12:08

नहीं होती इसमें बड़े-बड़े लेफ्ट राइट

12:11

घूमने पड़ते हैं और इसी लेफ्ट राइट में हम

12:14

सब गुमराह हो जाते भटक

12:17

जाते मंजिल नहीं मिलती जहां से शुरू करते

12:20

ना जन्म से अंत समय में भी वही खड़े हुए

12:23

पाए जाते हैं कुछ हाथ नहीं

12:27

लगता

12:32

जैसे अकबर पूछता है बीरबल से

12:36

कि अकबर तो टेढ़े मेढे प्रश्न करता था तो

12:39

अकबर पूछता है कि यह हथेली में बाल क्यों

12:42

नहीं

12:45

होते अकबर ने पूछा हथेली में बाल नहीं

12:48

होते बीरबल को कहा कि तेरी हथेली में

12:52

बाल क्यों नहीं है तो बीरबल तो चतुर बीरबल

12:56

ने कहा कि जहाँपना वो आप मुझे कुछ ना कुछ

12:59

देते रहते हो ना तो लेते लेते मेरे हाथ के

13:02

बाल घिस

13:03

गए तो अकबर ने पूछा मेरे हाथ में बाल

13:06

क्यों नहीं अगर तेरे लेते लेते घिस गए

13:08

बीरबल ने कहा आपके देते देते घिस

13:11

गए अकबर ने कहा जो ना लेता ना देता उसके

13:15

हाथ में बाल क्यों नहीं रहते तो बीरबल

13:17

कहता वह बेचारे जीवन भर हाथ मलते ही रह

13:20

जाते हैं इसलिए उनके हाथ में बाल नहीं

13:23

होते तो ये हाथ मलने वाला ही हमारा सिस्टम

13:26

है कि अंत समय में हाथ मलते रह

13:29

जाते,  बढ़िया खासा अच्छा 80 90 साल का

13:33

जीवन मिला था और लास्ट आखिर में जाकर के हाथ मल

13:37

रहें हैँ  पूरा जीवन निकाल दिया ईर्षा में पूरा

13:40

जीवन निकाल दिया द्वेष में पूरा जीवन

13:43

निकाल दिया दूसरों की गलतियां खोजने में

13:46

पर कभी अपनी ओर झांक करके नहीं देखा कि मैं

13:51

[संगीत]

13:53

कैसा अपने

13:55

भीतर देख ना पाए

14:00

बाल अवस्था खेल

14:05

गवाई

14:08

आगे आपको तो वैसे याद नहीं

14:14

रहता बाल अवस्था खेल गवाईं बीत गए दिन भजन

14:20

बिनारे बाल अवस्था खेल गवाई जब जोवन तब

14:25

मान घना

14:27

रे

14:33

[संगीत]

14:37

मारवा हाथ मलते रह गए अंतिम समय आ गया

14:42

यमराज जी सामने खड़े हैं और घबरा गए एक

14:45

दिन एक आदमी क्या बोला एक सेठ जी थे तो

14:50

बोले कि मैं जीवन

14:52

के 50 साल तक कमाऊ खूब कमाऊ इतना कमाऊ कि example that I will do bhajans in old age

14:57

50 के बाद मुझे फिर कमाने की आवश्यकता

15:00

नहीं पड़ी तो 50 साल उन्होंने पूरे कर लिए

15:03

कमा लिया सब रुपया पैसा खूब बंगला गाड़ी सब

15:07

बना ली हिसाब जोड़ा रात को हिसाब जोड़ा

15:11

कितना पैसा है मेरे पास तो हिसाब जोड़ के

15:14

लगा कि आगे आने वाली कम से कम न से 10

15:17

पीढ़ी आराम से बैठ के खा लेंगी इतना जोड़ा

15:20

है खुश हो गया अब 50 साल पूरे अब कल से हम

15:24

सुबह उठते से ही अपना भजन चालू कर देंगे

15:26

50 साल हो गए दुनियादारी को हमने सोच रखा

15:29

था संकल्प था 50 होती फिर हम भगवान भजन

15:32

में लग जाएंगे हिसाब लगा के डायरी रख के

15:35

सोई थे कि रात को आ

15:38

गया कालाकोट

15:40

वाला कालाकोट वाला कौन

15:44

है

15:46

यमराज उसने पूछा भाई साहब आप कौन बोले भाई

15:49

साहब आपको लेने

15:51

आए बोले लेने अरे अभी तो मेरे सत्कर्म के

15:55

दिन शुरू मैं तो सोचे बैठा था 50 साल से

15:57

जैसे एक दिन होगा तुरंत यमराज जी बोले

16:00

नहीं जी आप समय तो नहीं मिलेगा और उसने

16:03

कहा कि एक काम करो यमराज जी

16:07

50% मैंने जितनी कमाई करी 50 परसेंटेज आपका

16:13

50 मेरा 50 50 कर लेते यमराज जी बोले नहीं

16:18

हो सकता अच्छा चलो 60 आपका 40 मेरा नहीं

16:22

अच्छा 90 आपका 10 मेरा अच्छा चलो 100 आपका

16:27

सारा

16:29

आपका जीवन का एक साल और दे दो यमराज बोले

16:33

अरे बांवरे तू अपना नहीं सारी दुनिया का भी

16:37

भीख मांग के ले आए ना हाथ जोड़ कर के और

16:39

मुझसे कहे कि एक सेकंड एक्स्ट्रा दे दो तो

16:43

वो भी नहीं

16:47

मिले कब करोगे भजन बुढ़ापे में करेंगे बाल

16:50

बच्चों का ब्याह हो जाए तब करेंगे नाती

16:53

पोते हो जाए तब करेंगे फिर यह settle सेटल हो जाए

16:55

तब करेंगे करते करते समय

16:59

व्यतीत हो जाता है

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संसार के लोगों से प्रेम करने वाले लोग जरूर देखें, खुल जायेंगी आपकी आंखें देवी चित्रलेखा जी.mp4

Monday, September 20, 2021

चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं, तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं - Chitralekha devi


चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं, तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं - Chitralekha devi

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI


चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं

तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूंगा मैं https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=0


संसार में प्रेम नहीं होता, सब मतलब की दुनिया है मतलब खत्म, रिश्ता खत्म

There cannot be any true love but only selfish love in this world, if one is not able to fulfil other's requirements, the relationship is over

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=53


तुम्हारे नाम का मोती ही मेरी दौलत है

यह रुतबा ये शोहरत भी तेरी बदौलत है 

तू है सागर, मैं हूं कतरा ,तेरे संग बहूंगा मैं 

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=245


गम की रातें लगेंगीं जैसे सुख का सवेरा है

बस तू एक बार जो कहदे कि हां तू मेरा है

फिर तो हर सितम हंसकर ही सहूंगा मैं https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=394


जिसकी अटकी है जान तुझमें मैं वो परिंदा हूं 

तू मेरे साथ है इस आशा पे मैं जिंदा हूं 

जिस तरफ ले चलो मुझको, वही चलूंगा मैं 

https://youtu.be/YSM_zL_ddGI&t=548


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चाहे जैसे मुझे रख लो, कुछ न कहूंगा मैं ~ देवी चित्रलेखा जी.mp4