It is all about Krishna and contains list of Holy Spiritual Books, extracts from Srimad Bhagvat, Gita and other gist of wisdom learnt from God kathas - updated with new posts frequently
Saturday, December 12, 2020
Bhagvatam: ASPIRANTS IN SPIRITUALITY ARE ADVISED TO GIVE UP ALL ENVY OF OTHER LIVING ENTITIES INCLUDING KILLING OF ANIMALS, EITHER IN THE NAME OF RELIGION OR FOR FOOD, 5th July
Friday, December 11, 2020
Gita shloka 3.31: ONE WHO EXECUTES HIS DUTIES ACCORDING TO LORD BECOMES FREE FROM THE BONDAGE OF FRUITIVE ACTIONS, 5th July
Gita shloka 3.31: ONE WHO EXECUTES HIS DUTIES ACCORDING TO LORD BECOMES FREE FROM THE BONDAGE OF FRUITIVE ACTIONS, 5th July
Thursday, December 10, 2020
MAY WE BECOME ELIGIBLE TO RECEIVE HIS GRACE BY PURIFYING OUR HEARTS BY HIS CONSTANT CONTEMPLATION (मनन) #Blog0053
MAY WE BECOME ELIGIBLE TO RECEIVE HIS GRACE BY PURIFYING OUR HEARTS BY HIS CONSTANT CONTEMPLATION (मनन)
Wednesday, December 9, 2020
SERVICE TO LORD IS DIFFICULT BUT MOST REWARDING, "सबते सेवक धर्म कठोरा” #Blog0052
"सबते सेवक धर्म कठोरा”
जब प्रभु राम को अपने धाम जाना था तो एक-एक अवध वासी को अपने साथ लेकर गए
मगर हनुमान जी को कहा “तुमको नहीं ले जाएंगे, तुम यहीं रहो”
दूर से देखेंगे तो प्रभु का व्यवहार बड़ा कठोर रहा, हनुमान जी ने पूछा “कब तक रहें ?”
प्रभु बोले “समय के अंत तक रहो”, जब तक यह संसार है जब तक यह सृष्टि है तब तक रहो
हनुमान जी तो सेवक हैं और सेवक की अपनी कोई इच्छा होती नहीं होती, स्वामी की इच्छा ही सेवक की इच्छा होती है, इसीलिए “सबते सेवक धर्म कठोरा” सेवक होना सबसे कठोर है, अभिमान शून्य हो जाना
हनुमान जी ने कहा “रहूं कैसे, कोई आधार देकर जाइए, यहां तो नित्य आप का दर्शन होता था, आपकी सेवा का आधार था मेरे पास”
तो प्रभु ने मुस्कुरा कर कहा “कथा का आश्रय लेना”, हनुमान जी का जीवन बन गया
“राम कथा सुनीबे को रसिया”
अब राम की कथा तो बदली नहीं होगी, ना पात्र बदले होंगे, ना घटनाएं बदली होंगी, लेकिन हनुमान जी के लिए कथा एक कहानी नहीं है, हनुमान जी के लिए तो कथा अमृत है रसायन है,
हनुमान जी ने उन शब्दों की चेतना का अनुभव कर लिया, अरे “जिस सागर को बिना सेतू लाँघ सके ना राम और लांघ गए हनुमान उसी को लेके राम का नाम”
जो यह कथा के शब्द हैं, जो यह भगवान और भक्तों के बीच में घटा है, यह केवल काल के क्रम में घटित एक घटना नहीं है , ये केवल कहानी के शब्द नहीं हैं, केवल पुण्य के लिए सुनी जाने वाली कथा भी नहीं है, कथा के इन शब्दों में एक चेतना है कथा के इन शब्दों में एक ऊर्जा है , जो एक आंदोलन करती हैं आपके मन में
Listening to katha is like a therapy ; there are divine rays emanating in these words which removes mind's dirt accumulated over ages
जो सीधे-सीधे आपके हृदय में जाकर कलश का निवारण करती है
कुछ बात सुनने से मन में सकारात्मकता आती है, मन प्रसन्न हो जाता है On listening to positive divine katha, we feel elated & happy. और कुछ बात सुनने से मन में नकारात्मकता आती है, मन अपवित्र हो जाता है But on listening to mundane worldly talks, mind gets negative energy. और भगवान की बात सुनो तो मन भगवान का हो जाता है और संसार की बात सुनोगे तो मन संसार का हो जाएगा If you tune your mind to the Divine, it’d fall in love with Lord but if you tune to the worldly stuff, mind would bury itself in world. पूछो किसलिए कथा सुननी है बस मन भगवान का हो जाए इसलिए कथा सुननी है We should listen to divine glories with sole purpose of surrendering our mind to Lord, thereby loving Him