गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ, हे मुरलीधर माधव, नंदलाल चले आओ
हे आनंद घन मोहन रसराज चले आओ,
अखियाँ भर भर आई सांवरिया, भीगी जाए मोरी चुनरिया
प्यारे काली घटा भी झूमके बरसे, मैं कैसे आऊं तेरी नगरिया
पनघट पे मैं जब भी जाऊँ, राह तकूँ पर चैन न पाऊं,
सखियां मेरी हंसी उड़ाएं, पांव फिसल के छलके गगरिया,
सपनों में भी आ आकर तुम, दिल को जलाते हो हरदम,
तड़पू जैसे जल बिन मछली, हाय लेकिन ली ना तुमने खबरिया,
राह तकूँ पर आ नहीं पाऊं, सारी दुनिया जाग रही है ,
काली रात है डर भी लागे, छम छम बैरन बोले पायलिया
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ, हे मुरलीधर माधव, नंदलाल चले आओ,
तू नहीं मेरा मगर, तुमसे मोहब्बत है, तो है
अगर यह रस्मो रिवाजों से बगावत है, तो है
सच को मैंने सच कहा जब कह दिया तो कह दिया
यह जमाने की नजर में यह हिमाकत है तो है (हिमाकत =Foolishness)
क्यों दुनिया की नजर में प्यार करना किसी मूर्खता से कम नहीं है और जो बुद्धि का इस्तेमाल करें वो प्यार कर भी नहीं सकता
कब कहा मैंने कि वह मिल जाए, मैं उसे
लेकिन दूर ना हो जाए वह इतनी हसरत है तो है
गैर ना हो जाए वह इतनी हसरत है तो है
जल गया परवाना तो शम्मा की इसमें क्या खता
रात भर जलना जलाना उसकी किस्मत है, तो है
यार बनके जालिमों सा वह सताता है मुझे
फिर भी उस जालिम पर मरना अपनी फितरत है, तो है
दूर थे और दूर है हरदम जमीन और आसमान
दूरीयों के बाद भी, दोनों में कुरबत है तो है
(वो कौन सा पल है जब ज़मीन और आसमान आमने सामने नहीं होते)
(कुरबत ,i.e., सामीप्य, nearness)
मेरा शौक देख, इंतजार देख, मेरे अरमान देख, कह क्या रहे हैं यह
काश मेरे नसीब में एक और मुलाकात होती, फिर वही बात हो फिर वही रात हो
आ जाओ ओ रस पूरीत सावन मेरी प्रीति की जीवन मोरी (base)
सब व्यवधान समेट लो मनहर अब नेक रखो ना दूरी (व्यवधान=problems, नेक =even a little)
हे मेरे चिरंतन धर्म, अंतर स्थित के मर्म, चितहू के नागर चोर (चितहू =heart)
तुम बिन सुना है सब ओर
दिल की हस्ती भी अजीब हस्ती है, यह लूटने वाले को ही तरसती है
इस विरह निशा में मेरे सुधाकर (moon), तुम ज्योति सुधा सरसाओ
प्राणों की पीड़ा को हर लो हे सुरभित यौवन
(सुरभित यौवन = Fragrant ever Youthful)
आओ मेरे मोहन हीए के फूल, मत जाओ भूल, आओ मम मधुमत मन के भ्रमर
(हीए=heart, मम =mine, मधुमत =honey)
प्रिय तुम बिन सूना है सब ओर
गोविंद चले आओ
प्रीतम को कब लाएगा यह मेरा इंतजारे सनम
राहों में ही बीत रहा यह जीवन हसीन तोहफा सनम
प्यारे आओ तो फिर से हो जाए यह जीवन उमंगों का संगम
क्षण क्षण प्रतीक्षा में बीत रहा कब होगा खतम इंतजारे सनम
मरने से पहले आंखें मेरी चाहें तेरा दीदारे सनम
जाती बार वो कह गए अब हम सिर्फ ख्वाबों में आएंगे
ए सखी जा कर कह दे उन्हें कि वह वादा तो करें, हम जिंदगी भर के लिए सो जाएंगे
तेरी जगह कोई और होता तो कहां उसका मेरे दिल पर कोई जोर होता
अपनी अदा पे तुम्हें बहुत गरूर है, आंखों के तीर सहना भी हमको मंजूर है
लेकिन एक बात तुमसे कहनी जरूर है कि “इश्क में तुमसे मिलना रस्में फितूर है”
गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ, हे मुरलीधर माधव, नंदलाल चले आओ
Vinod Agarwal Bhajan lyrics
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