kaha Prabhu se bigadta kya,meri bigadi banane men
कहा प्रभु से बिगड़ता क्या , मेरी बिगड़ी बनाने में
मज़ा क्या आ रहा तुमको, मुझे दर दर घूमाने में
वे बोले क्यों मेरे पीछे पड़ा तू रोज़ रहता है,
मैं बोला, दूसरा कोई और बता दो ज़माने में
(तुम्हारे जैसे केवल तुम ही हो, (no alternate , no substitute )
वे बोले मेरी मर्ज़ी है करूंगा कृपा किस किस पर
मैं बोला साफ़ ही केहदो बचा कुछ नहीं ख़ज़ाने में
वे बोले होश में बोलो, नहीं मैं रूठ जायूँगा,
मैं बोला हो बड़े माहिर जल्दी रूठ जाने में
कहीं कुछ साधना की है, वो बोले तो कहा मैंने
सुना है रीझ जाते हो फ़क़त आंसू बहाने में
वे बोले मेरी मर्ज़ी है करूंगा जो भी चाहूंगा
मैं बोला कर दो परिवर्तन करूणानिधि कहाने में
ठाकुर बोले धीरे बोल, वैसे ही kalyug है और लोग कम आते हैं
तू ज़्यादा बोलेगा तो मेरी बोनी भी नहीं होगी
वे बोले करुणा दया न होती तो जन राजेश (swami Rajeshwaranand जी) न होते
मैं बोला हर्ज़ फिर क्या है, मुझे मुख छवि दिखाने में