It is only by His grace that you are born a human
भगवान की कृपा है तभी तो आप मनुष्य हैं
तभी तो आप भारत में पैदा हुए हैं
तभी तो यह आप संदेश पढ़ पा रहे हैं सत्संग कर पा रहे हैं
भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता
सूर्य का प्रकाश पाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है आपको कुछ भी नहीं
क्या करना है अधिक से अधिक केवल आंख ही तो खोलनी है
यह बात अलग है कि कोई हाथ चलाए पैर चलाए, बहुत परिश्रम कर
लेकिन आंख ही ना खोले फिर कैसे उसको प्रकाश की अनुभूति हो
सब कुछ हो जीवन में लेकिन सुख की अनुभूति के लिए जो वस्तुत: चाहिए
पात्रता
वह केवल सत्संग से ही मिलती है
साधु (devotee) संग से, सेवा से सुमिरन से
सत्संग, सेवा, सुमिरन से पूर्व मंदिर में आप दर्शन करते होंगे भगवान का
मगर सत्संग, सेवा, सुमिरन के बाद भगवान भी आपको देखने लगते हैं
जिससे कि आपको सुख की अनुभूति स्थिर होने लगती है