Vinod Agarwal Bhajan lyrics
Murli dhara, Man Mohana
मुरली धरा, मन मोहना, हे नन्द नन्दना हे राधा माधवा
जेहि विधि तोहे अति प्यारी लागूं
तैसी मोहे कीजिये प्यारे ,मैं तो बार बार ये माँगूँ
और न काज कछु काहू सो ,बस तुम संग ही अनुरागू
होरी तेरी रीझ लहन हेतु ,त्रिभुवन प्रण सम त्यागूँ