Sunday, August 1, 2021

प्रत्येक जीव किन-किन गुलामियों में जकड़ा है? by Kripalu ji maharaj

https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw

https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw The following text is copied from the Transcript available of the video. In video, please click more and “Show Transcript” Same can be viewed at this link also: https://krishnabff.blogspot.com/2021/08/by-kripalu-ji-maharaj.html 1 0.25 जीव अनादि काल से 84 लाख योनियों में घूम रहा है https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=25 2 0.51 संसार में जितने भी मां-बाप होते हैं सब स्वार्थी होते हैं (या और कोई भी), जब तक जीव को भगवत प्राप्ति नहीं होती तब तक वह स्वार्थी "ही" रहेगा, स्वार्थी "भी" नहीं https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=51 3 1.37 कई लोग शान से कह देते हैं कि भगवान ना करें मुझे किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े, अरे बचपन से हाथ ही फैलाते आए हो https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=97 4 2.32 कोई माया-बद्ध जीव कैसे गुलाम नहीं होगा - काल का गुलाम, कर्म का गुलाम, सात्विक, राजसिक, तामसिक गुणों का गुलाम https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=152  5 3.05 "काल, कर्म, स्वभाव गुण घेरा" - तीन ताप का गुलाम, पंच क्लेश का गुलाम, पंचकोश का गुलाम, तीन प्रकार के शरीर का गुलाम - अनेक गुलामियों से बंधा हुआ है जीव  https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=185  6 3.54  विषय भोगों (worldly vices) में जो हमारी आसक्ती (attachment) है, उसकी शास्त्र में विष्ठा (latrine) से तुलना की गई है, सूअर विष्ठा खाकर बहुत प्रसन्न रहता है, यह मानव की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है सूअर जैसी https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=234  7 5.06  मानव देह, जिसकी देवता इच्छा रखते हैं, ऐसा शरीर पाकर भी हमने उसका भारी दुरुपयोग कर डाला https://youtu.be/bMf3Y1EwQsw?t=306  Standby link (in case youtube link does not work): https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gnbwlCfr3sypK2RPPqQ?e=yuhMQM