जब IAS/ IPS officers आए महाराज प्रेमानन्द जी के दर्शन करने
इतनी आस्तिकता तो भारत देश में है कि लोग कहते हैं, हाँ भगवान हैं
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=40
अब भगवान को किसी भी नाम से पुकारो, बस इतना ध्यान रहे कि वो मेरा है, ईश्वरी को मैंने अपना माना, मगर ये शरीर किसी का अपना नहीं है, ये शरीर सबको धोखा ही देता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=71
मेरा जो वास्तविक स्वरूप है (soul), ना वो जागृत (awake) है, ना वो सुषुप्ति (sleep) में है, ना वो स्वप्न (dream) में है - क्योंकि वो इन तीनों अवस्थाओं का अनुभव करता है, वो सर्वज्ञ है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=125
जो स्वरूप मेरा है, वही स्वरूप भगवान का भी है (as we souls are a part & parcel of God), जैसे 1000 घढ़ों में सूर्य का प्रतिबिंब (reflection)आ रहा है, मगर सूर्य तो एक ही है, घढ़े टूट भी जाये तो सूर्य पर कोई असर नहीं होता
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=152
मगर शरीर को हमने मैं मान लिया और इससे ही हम भगवान को भूल गए, क्योंकि हम इंद्रिय सुख भोग में लग्न हो गए
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=177
सुख दुख का “मैं” (soul) से कोई संबंध नहीं है, यदि आपको सुख और दुख महसूस हो रहा है तो मतलब आप अज्ञान में हैं
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=200
आप कोई भी कार्य कर रहे हो केवल धर्म निष्ठा से करते रहिये (यानी भगवान को अर्पण करते हुए)
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=220
अधर्म का आचरण नहीं करें, यदि हम ऐसा करते हैं तो हमारे और हमारे परिवार के ऊपर बहुत गहरा कुप्रभाव पड़ता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=289
धर्म से अपना कार्य करते हुए, भगवान को स्मरण रखते हुए, अपना कर्तव्य निभाते रहें
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=351
साधन धाम मोक्ष कर द्वारा, पाइ न जेहिं परलोक सँवारा यह (मनुष्य शरीर) साधन का धाम (provides means (साधन) to reach God) और मोक्ष का दरवाजा है, इसे पाकर भी जिसने परलोक न संवार लिया (वो व्यर्थ जीवन गँवाता है)
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=381
सिकंदर जब पूरी दुनिया को जीत कर मर रहा था, तो उसको ज्ञान हुआ कि कोई भी मनुष्य अपने साथ कुछ भी ले नहीं जा सकता है मृत्यु के बाद
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=385
हमारा जीवन बहुत छोटा है, इसलिए क्षण क्षण प्रयत्नशील रहना चाहिए, भगवत प्राप्ति के लिए
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=470
सबसे पहले मन से भ्रम हट जाना चाहिए, कि धन से सुख मिलता है, सुख मिलता है धर्म आचरण से, शास्त्रों में बताया गया है धर्म अर्थ काम मोक्ष – 4 पुरुषार्थ (यानी मनुष्य जीवन के लायक कार्य हैं), केवल धर्म से कमाया गया अर्थ (wealth) ही काम की पूर्ति द्वारा मोक्ष तक ले जा पाएगी, मगर यदि अर्थ धर्म के पहले रख दिया तो फिर कामनाओं की पूर्ति मोक्ष तक नहीं ले जा पाएगी, धन से धर्म नहीं होता है, धर्म से धन होता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=513
नाम जप करें, भागवत आश्रित रहें और कोई व्यसन मत करें व्यसन = Four Big Vices / Four Pillars of Sinful Life / Regulative Principles of Iskcon : no meat eating, no intoxication, no gambling, no illicit sex
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=570
Standby link (in case youtube link does not work):
वरिष्ठ IAS, Police और Army के अधिकारियों को महाराज जी ने क्या बोला !!.mp4