कब आओगे, बोलो बोलो हरि कब आओगे by Vinod Agarwal
When will you come, tell me O Lord, when will You come
1 कब आओगे, बोलो बोलो हरि कब आओगे https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=09 2 ऐ हरि.. https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=145 3 दिल में बस कर ओझल हुए पिया नैनों में कब आओगे त्याग कर मौन और गुमान कब नव मिलन स्वर सुनाओगे https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=189 4 पूछ बैठीं राहें कर्मों की किस कर्म से बंध कर आओगे (किसी कर्म में इतना सामर्थ नहीं कि तुम बंध कर चले आओ क्योंकि तुम तो पूर्ण स्वतंत्र हो) अब तो बता दो ठाकुर मेरे किस जनम में दासी बनाओगे (प्यारे बताओ तो सही कि मैं इस जन्म में नहीं, कितने जन्मों के बाद मिलूंगा, मैं उस वायदे पे, चाहे झूठा वायदा ही हो, जीवन बसर कर लूँगी) https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=250 5 जन्मों पथ निहार लूँगी, पर एक वचन दो आओगे (जीने के लिए कुछ सहारा चाहिए चाहे तुम झूठा वायदा ही कर दो) https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=349 6 दिल नज़र बन जायेगा, गम खुशी हो जाएगी आपके आते ही दुनिया दूसरी हो जाएगी https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=393 7 ज़िंदगी सुबह से शाम हुई जाती है देर कुछ पल की पिया, ये सांस रुकी जाती है उनसे मिलना ना हुआ, जिनसे मुझे मिलना था यूँ तो मिले खूब मगर, पर ये भी कोई मिलना था https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=613 8 जिसके वियोग में मेरे प्राणों में चलती ज्वाला है कोई इस जग में, उसका पथ बताने वाला आँखों में आंसू हैं मगर होंठों पे हँसी आती है देर कुछ पल की पिया, ये सांस रुकी जाती है https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=717 9 ये आकुल तन मन बाट जोहते, आओ मीत साँवरिया (फिर कह रही हूँ ये जीवन की संध्या वेला हो चुकी है और संध्या में तो तुम गाय चरा के वापिस आते हो, फिर मेरे मानसिक वृत्तियों को समेटते हुए, मेरे अंतकरण में क्यों नहीं प्रकट होते) https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=965 10 ये जलते नैना आन सिराओ (give comfort), ये रो रो भये बाँवरिया https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1018 11 हे सुखद रँगीले श्याम प्रिय, ये तृषिका (thirsty) नित्य पुकार रही, मैं बाट तुम्हारी निहार रही (ये जितनी भी प्रेम की मानसिक वृत्तियां हैं ये तुमही में समाहित हो रही हैं, तुम मेरे प्रणय (प्राण) के ईश (ईश्वर) हो) https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1045 12 आजाओ प्राणेष (प्राण + ईश) भाव दे, मेरी प्रीति के नव (new) सत (सत्य = true) श्रृंगार (तुम्हारे बिना ये प्रीत विधवा ही है, और विधवा कभी श्रृंगार नहीं करती, प्यारी इस प्रीत को सुहागन बनाओ) आजाओ, सर्वेश (Omninprenet) मधुतम (Most Beloved), तुमको अर्पित शत (hundreds) शत प्यार तुम हो हरि, हरो (remove) विरह (separation) पीर (पीड़, pain) मैं तुम पर ही बलिहार रही क्या तुम अपना नाम हरि (remover of all pains & miseries) भूल गए ? https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1139 13 क्या करूँ प्यारे मेरी भी तो मजबूरी है कि आपके खयालों से फुर्सत नहीं मिलती एक आप पिया, जिनको मिलने की जरूरत नहीं होती ये दिल ना धढ़क इतना जोरों से उनको तो तेरे धड़कने की आवाज नहीं सुनती ए दिल क्यों करता है तू तमन्ना, बार बार उनसे मिलने की उनको तो तुझसे मिलने की कोई चाह नहीं होती https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1420 14 गुज़र गए वो चमन से बहार की तरह पर आँखों में बस गए इंतज़ार की तरह कैसे भुला दूँ मैं उनकी यादें उन्होंने इनकार भी किया तो इजहार की तरह https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1596 15 रंजिश (मन मुटाव,अप्रसन्नता) ही सही दिल दुखाने के लिए तो आ
आ, मुझे छोड़ कर जाने के लिए तो आ https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1640 16 रोम रोम में तेरी पुकार समाई है, दिल ने तेरी चाहतों की चाह जगाई है राहों में मैंने तेरे लिए पलकें बिछाईं हैं आँखों ने तुम्हें देखने की जिद लगाई है तनहाइयों (aloofness) ने तेरी याद की सेज बिछाई है ये जो तेरी मेरी जुदाई है इतना प्यार है हमको तुमसे, ये उसी बात की गवाही है मैं तेरी तू मेरा है, बस ये ही एक सच्चाई है https://youtu.be/MXXEyQOJY2E?t=1834 Standby link (in case youtube link does not work) https://1drv.ms/v/s!AkyvEsDbWj1gn_sNLgzTplsgRNA82g?e=OHng1M