भगवान ने संसार क्यो बनाया? Why did God create this world ? by Swami Mukundanand
https://www.youtube.com/watch?v=0aNk9imxPIc Full Text: भगवान ने संसार क्यों बनाया ? स्वाभाविक प्रश्न उठाता है क्योंकि हम दुखी हैं, परेशान हैं, भगवान आनंदमय हैं, तो जो अखंड ज्ञानात्मक भगवान हैं, उनको क्या सूझी थी कि इस प्रकार से संसार बनाएं, हम लोग दुखी हों, परेशान हों तो ये प्रश्न बहुत से लोग पूछते हैं इसका हम एक दृष्टांत (scenario) उत्तर के रूप में सुनाते हैं कि एक अरबपति था, उसका इकलौता बेटा था, 15 साल का, वो अरबपति एक दिन ऑफिस से बाहर गया हुआ था tour पर, बेटा ऑफिस में खेल रहा था, टाइम पास कर रहा था, पिताजी के ऑफिस में, उसको एक 15 वर्ष पुराना समाचार पत्र दिखा, उसकी दृष्टि गई वहां पर Headlines थी, “अरबपति ने एक अनाथ बच्चे को गोद लिया”, उसका हृदय धक हो गया ध्यान से पड़ा उसके पिताजी का नाम लिखा था उसने कहा, क्या ? मैं गोद में लिया हुआ बच्चा हूं ? जब पिताजी वापस आए कुछ घंटे के बाद, उसने कहा, पिताजी, यह समाचार पत्र देखिए इसमें क्या सही लिखा है ?
पिताजी की गर्दन झुक गई, उन्होंने कहा बेटा यह सही है, 15 साल पहले मैंने तुझे गोद लिया था, तू अनाथ था बेटे का हृदय टूट गया उसने कहा, पिताजी, मैं आपसे प्रश्न करता हूं कि आपने मुझे गोद क्यों लिया ? वह अरबपति ने बड़ा सुंदर उत्तर दिया, उसने कहा बेटा मैं तो अरबों का मलिक हूँ, मेरे पास कोई धन की कमी नहीं थी और धन से संसार का सभी कुछ खरीदा जाता है, मेरे पास किसी समान की कमी नहीं थी, ना ऐश्वर्य ना प्रतिष्ठान (establishments,house properties etc), ना संसार के भोग सामग्री की लेकिन मैं कमी अनुभव करता था कि मेरे पास कोई नहीं है, जिसको मैं यह सब दे सकूँ, जिसके साथ मैं यह सब बांट सकूँ, तो मैंने तुझे इसलिए गोद लिया ताकि अपना सब कुछ मैं तुझे दे सकूँ, उसमें जो सुख मिलेगा, वह इसके उपभोग में नहीं मिलेगा, ऐसे ही भगवान तो परिपूर्ण हैं, आत्माराम हैं, पूर्ण काम हैं, सदा तृप्त हैं, सर्व शक्ति संयुक्त हैं, उन्हें किसी चीज की कमीं नहीं, लेकिन वो जीव को बनाए हैं अनादि काल से बनाएं हैं इसलिए बनाएं कि यह जीव एक दिन योग्य हो जाएगा और जब योग्य हो जाएगा, अपना सब कुछ मैं जीव को दे दूंगा, अपना अनंत ज्ञान, अपना अनंत प्रेम, अपना अनंत आनंद, तो भगवान हमको इसलिए नहीं बनाए की हमको संसार में जूते चप्पल पड़ें, भगवान इसके लिए बनाए कि एक दिन हम योग्य पुत्र बन के, सपूत बन के, और भगवान की सब आध्यात्मिक संपत्ति में भागीदार बन जाएं Why did God create the world? It is a natural question because we are sad, troubled, God is blissful, so what made God who is full of eternal knowledge, to create the world in this way, so that we are sad and troubled. Many people ask this question, we tell you a scenario as an answer to this: There was a billionaire, he had an only son, 15 years old, one day that billionaire had gone out of office on a tour, the son was playing in the office, passing time, in his father's office, he saw a 15 year old newspaper, his eyes fell on it, the headlines were, "Billionaire adopts an orphan child", his heart skipped a beat. He read carefully, his father's name was written there, he said, what? Am I an adopted child ?. When his father returned after a few hours, he said, father, see this newspaper, what is written in it ? The father bowed his head and said, “Son, this is true. I adopted you 15 years ago. You were an orphan.” The son’s heart was broken. He said, “Father, I ask you, why did you adopt me?” That billionaire gave a very beautiful answer, he said Son, I am the owner of billions, I had no dearth of money and with money everything in the world can be bought, I had no dearth of anything, neither wealth nor establishments, house properties etc., nor material for worldly pleasures But I felt the lack that I had no one to whom I could give all this, with whom I could share all this So I adopted you so that I could give you everything of mine, the happiness that I would get in that, I would not get by consuming this, similarly God is perfect, He is self-sufficient, He is perfect in fulfilling all wishes, He is always satisfied, He is Omnipotent, He does not lack anything, but He has created the living beings & His entire creation, He has created them since time immemorial He created them so that one day this living being will become worthy and when he will become worthy, I will give everything of Mine to the living being, my infinite knowledge, my infinite love, my infinite bliss So God did not create us so that we have to undergo all the miseries & hardships of this world, God created it so that one day we become worthy sons, and share in all the spiritual wealth & powers of God Transcript 0:00 भगवान ने संसार क्यों बनाया, 0:04 स्वाभाविक प्रश्न उठाता है क्योंकि हम 0:07 दुखी हैं, परेशान हैं, भगवान आनंदमय हैं, तो जो 0:11 अखंड ज्ञानात्मक भगवान हैं, उनको क्या सूझी 0:14 थी कि इस प्रकार से संसार बनाएं, हम लोग 0:18 दुखी हों, परेशान हों, तो ये प्रश्न बहुत से 0:21 लोग पूछते हैं 0:23 इसका हम एक 0:25 दृष्टांत (scenario) उत्तर के रूप में सुनाते हैं कि 0:30 एक अरबपति था, 0:33 उसका इकलौता बेटा था, 15 साल का, 0:38 वो अरबपति एक दिन ऑफिस से बाहर गया हुआ था 0:42 tour पर, बेटा ऑफिस में खेल रहा था, टाइम पास 0:46 कर रहा था, पिताजी के ऑफिस में, 0:49 उसको एक 15 वर्ष पुराना समाचार पत्र दिखा, 0:55 उसकी दृष्टि गई वहां पर 0:59 हैडलाइंस थी, 1:01 अरबपति ने 1:03 एक अनाथ बच्चे को गोद लिया, 1:09 उसका हृदय धक हो गया, 1:12 ध्यान से पड़ा उसके पिताजी का नाम लिखा था 1:18 उसने कहा, क्या ? 1:21 मैं गोद में लिया हुआ बच्चा हूं ? 1:27 जब पिताजी वापस आए कुछ घंटे के बाद, उसने 1:31 कहा, पिताजी, यह समाचार पत्र देखिए इसमें 1:36 क्या सही लिखा है ? 1:39 पिताजी की गर्दन झुक गई, 1:43 उन्होंने कहा बेटा यह सही है, 15 साल पहले 1:47 मैंने तुझे गोद लिया था, तू अनाथ था 1:53 बेटे का हृदय टूट गया, 1:56 उसने कहा, पिताजी, मैं आपसे प्रश्न करता हूं 2:01 कि आपने मुझे गोद क्यों लिया ? 2:08 वह अरबपति ने 2:11 बड़ा सुंदर उत्तर दिया, उसने कहा बेटा मैं 2:16 तो अरबों का मलिक हूँ, 2:18 मेरे पास कोई धन की कमी नहीं थी और धन से 2:23 संसार का सभी कुछ खरीदा जाता है, मेरे पास 2:27 किसी समान की कमी नहीं थी, ना ऐश्वर्य ना 2:32 प्रतिष्ठान (establishments,house properties etc), ना संसार के भोग सामग्री की, 2:36 लेकिन मैं कमी अनुभव करता था कि मेरे पास 2:42 कोई नहीं है, जिसको मैं यह सब दे 2:47 सकूँ, जिसके साथ मैं यह सब बांट सकूँ, तो 2:51 मैंने तुझे इसलिए गोद लिया ताकि अपना सब 2:55 कुछ मैं तुझे दे सकूँ, उसमें जो सुख 2:59 मिलेगा, वह इसके उपभोग में नहीं मिलेगा, ऐसे ही भगवान तो परिपूर्ण हैं, आत्माराम हैं, पूर्ण काम हैं, सदा तृप्त हैं, सर्व शक्ति संयुक्त हैं, उन्हें किसी चीज की कमीं नहीं, लेकिन वो जीव को बनाए हैं 3:19 अनादि काल से बनाएं हैं, इसलिए बनाएं कि यह जीव एक 3:25 दिन योग्य हो जाएगा और जब योग्य हो जाएगा, 3:29 अपना सब कुछ मैं जीव को दे दूंगा, अपना 3:35 अनंत ज्ञान, अपना अनंत प्रेम, अपना अनंत 3:40 आनंद, तो भगवान हमको इसलिए नहीं बनाए की 3:45 हमको संसार में जूते चप्पल पड़ें, भगवान 3:48 इसके लिए बनाए कि एक दिन हम योग्य पुत्र 3:53 बन के, सपूत बन के, और भगवान की सब 3:58 आध्यात्मिक संपत्ति में भागीदार बन जाएं