Tuesday, July 20, 2021

पाप भी किन के भय से कांपते हैं ? Purification का shortcut HG Ravi Lochan Prabhu


पाप भी किन के भय से कांपते हैं ?  Purification का shortcut   HG Ravi Lochan Prabhu

https://www.youtube.com/watch?v=hmGYGs2oYlQ

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पाप भी किन के भय से कांपते हैं Purification का shortcut Japa Talk 📿 HG Ravi Lochan Prabhu.mp4 

जब कोई व्यक्ति भगवान के नाम जप करने की *केवल इच्छा करता है*, तो पाप भय से कांपने लगते हैं

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=60

 

जो मोह (attachment) है वो मूर्छित हो जाता है

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=131

 

 

और यमराज के धर्मशास्त्री यानी चित्रगुप्त, प्रसन्न होकर, आदर और श्रद्धा भाव से जापक के चरण निहारते हैं

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=170

 

और ब्रह्मा जी उस व्यक्ति की पूजा करने की तैयारी में लग जाते हैं शहद के पानी (मधू परक / honeyed water) से

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=200

 

पापों का नष्ट हो जाना और मुक्ति मिल जाना ये तो नाम जब के by products हैं, जबकि नामजप का असली लाभ तो ये है की ये आपको श्रीकृष्ण के चरणों तक ले जाएगा

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=314

 

"मुचि होए सुची, यदि कृष्ण भजे" - मुचि (impure) gets सुची (purified) on taking Lord's name और "सुची  होए मुचि" यदि कृष्ण तजे" - on the other hand even if one is a holy man but he does not remember Krishna - even such a holy man gets impurified / polluted / stained

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=344

 

इसलिए चैतन्य महाप्रभु अपने शिक्षाष्टक के पहले शलोक  में कह रहे हैं "चेतो दर्पण मार्जनम" - यानी अपने चित (mind) के दर्पण (mirror) को मार्जन करना है यानी "साफ" करना है

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=381

 

और ये चित्र साफ होगा केवल भगवान के नाम जप से हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=412

 

कलियुग में इस नाम जप / नाम संकीर्तन के अलावा कोई साधन दूसरा है ही नहीं - ये दूषित से दूषित व्यक्ति को पवित्र करता है और यदि वो नाम नहीं ले तो पवित्रतम व्यक्ति को भी दूषित करता है

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=465  

 

नाम जप जब करते हैं तो पहली चीज़ हमे ध्यान रखनी है की श्री कृष्ण और श्री कृष्ण के नाम में कोई भेद नहीं है

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=548

 

When I chant, I chant (no gossip) - one should only chant & not do anything else. Also there are 3 options: "I get to chant", "I want to chant" & "I love to chant" - which is the best option - of course, "I love to chant"  

https://youtu.be/hmGYGs2oYlQ?t=568




Monday, July 19, 2021

किसने देखा गोलोक - किसने देखे भगवान by Amala Krishna Prabhu


किसने देखा गोलोक - किसने देखे भगवान  

https://www.youtube.com/watch?v=C3WQEoauyYg

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किसने देखा गोलोक - किसने देखे भगवान Q&A with HG Amala Krishna Prabhu.mp4


कई भक्त हैं जिन्होंने भगवान देखा है, कोई Prime Minister से मिला है ? क्या कोई Mars, Pluto planets पर गया है क्या ?, मगर हम जानते हैं की वो हैं

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=137

 

आंखें तो वो सब भी बताती है जो वास्तव में नहीं है

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=164

 

हमारी जो आंखें हैं, या इन्द्रियां (senses) हैं इनसे हम भगवान को नहीं देख सकते, जो दिव्य (divine) है, जो भौतिक (material) नहीं है ,i.e., Lord is beyond material perception

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=197

 

What is darkness ? There is nothing called darkness, just the absence of light is darkness. Similarly, what is misery ? (as in this world, everyone is in misery). There is nothing called misery, just the absence of Krishna is called misery !   

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=263

 

How many children have seen this professor's brain ? They all said nobody has seen. So the child replied - "Hence Proved" that this professor does not have brain - because whatever cannot be seen does not exist according to your common logic

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=328

 

Our eyes are just material eyes. To see God, you have to wear glasses of "love" (प्रेम अन्जन (काजल या सुरमा))

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=350

 

माला जपिये, हरि नाम जपिये प्रेम से - उससे भगवान दिखने लगेगें

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=391

 

हम भगवान के भक्तों को तो नित्य दर्शन होता है भगवान का, दर्शन क्या वो तो भगवान को कभी भूलते भी नहीं है

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=430

 

प्रहलाद महाराज तो हर जगह भगवान को देख रहे थे, खम्बे (pillar) में भी

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=450

 

श्रीमद् भागवत पढ़िए उसमें सब लिखा है कि भगवान कैसे मिलेंगे कहाँ और कैसे दर्शन होते हैं

https://youtu.be/C3WQEoauyYg?t=468






Sunday, July 18, 2021

अगर ये संकेत दिखने लगे तो समझ लीजिए कि आपको जप का फल मिलने वाला है - Premanand ji -Salient Points in Text

अगर ये संकेत दिखने लगे तो समझ लीजिए कि आपको जप का फल मिलने वाला है

https://youtu.be/hYV-5gxSrQI

0.0 भगवत नाम में बहुत शक्ति है,

0.25 भगवान ने शस्त्र उठा लिए महाभारत में अपना वादा तोड़ा मगर भक्त का वादा पूरा किया

3.45 बिना श्रद्धा के भी अगर नाम लेंगे तो भी काम करेगा, जैसे जहर नहीं देखता कि आपने श्रद्धा से पिया या रूठ के पिया

4.07 भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ, नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ  The Lord’s Name repeated whether you like (भायँ) or do not like (कुभायँ), in a fretful (अनख) mood  mood or even while lazying (आलस) around, diffuses welfare in all the ten (दिसि) directions (दसहूँ).

 

4.13 यदि आपकी जिवहा (tongue) ने नाम पकड़ लिया तो नाम आपको पकड़ लेगा, और भगवान उसका दासत्व (servitude) स्वीकार कर लेते हैं

4.35 एकनाथ के एक सेवक थे शिखंडया वह भगवान का ही साक्षात रूप थे

6.04 श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने कहा था कि अमृत के कुंड में कोई जानबूझकर गिरे या गिरा दिया जाए उसको अमर होना होगा

6.38 वाणी को संयम में रखो, गंदी मौज मस्ती और सांसारिक बातों  का समय नहीं है क्षणभंगुर (will lapse any moment) जीवन है नाम जप कर लो कमाई कर लो

7.04 लोग कहते हैं समय नहीं है, कोई बहुत अधिक कार्यरत हो तो 12 घंटे हो सकता है 6 घंटे सोने का निकाल दो, बाकी बचे 6 घंटे - सिद्ध हो जाओगे अगर भजन करोगे 6 घंटे, चलो 2 घंटे सही मनोरंजन का समय निकालकर भगवान का नाम जप लो

7.52 हमारे पास मनोरंजन का समय है नाटक देखने का समय है मगर जिससे हमारा कल्याण होना है मंगल होना है उसके लिए समय नहीं है, फिर आप समझ लो कि  आप कहाँ जाने वाले हो

8.07 निरंतर भगवान का नाम लेना, बड़े अनमोल वचन है राधा बाबा के

8.28 जो श्वास गई वह वापस नहीं ला सकते आप, उसका समय भी नहीं ला सकते

8.54 प्रभु के नाम के बिना जो भी सांस गई समझो बहुत बड़ा घाटा हो गया

9.52 आप जितनी अपनी स्वयं की चिंता करोगे उतना परेशान हो जाओगे जितना भगवान पर छोड़ोगे उतना ही निश्चिंत हो जाओगे

10.10 यदि आपने शास्त्र का कोई अध्ययन नहीं किया है, गुरु की आज्ञा में नहीं हो, भगवत नाम नहीं लिया, तो आसुरी (demonic) वृत्तियां (tendencies) आपको घेरे रहेंगी इस कलयुग में

10.37 आप नशा करने लगोगे, drink liquor, आप जुआ खेलने लगेगें, दूसरों के प्रति हिंसा करना शुरु कर दोगे (non-veg)

11.32 आपको शराब पीना बुरा नहीं लगेगा, इससे तो आपका liver खराब ही होगा, आपकी जान को भी खतरा है, केवल प्रमाद (पागलपन) ही मिलता है तो समझ लो कि आप ठगे जा रहे हो अपने आप ही से

12.40 आपके परिवार के जन भी आपसे असंतुष्ट रहेंगे

12.51 किसी भी असत्य क्रिया से कभी भी शांति नहीं मिल सकती

13.01 यदि आप भगवान की तरफ झुके नहीं हैं तो आप बिना हिचकिचाहट शराब पियेंगे, non veg खाने में हिचक नहीं होगी, विविचार (bad character) करने में हिचक नहीं होगी, चोरी करने में हिचक नहीं होगी

13.45 इस कलयुग में केवल नाम भगवान का ही आपको बचा सकता है


Saturday, July 17, 2021

राधा-कृष्ण की भक्ति क्यों की जाती है? ये राधा कौन हैं? - Kripalu ji maharaj - Salient Points in Text

https://youtu.be/RJeGhSGn71Y

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राधा-कृष्ण की भक्ति क्यों की जाती है राधा कौन हैं Why we Bhakti of Radha Krishna Who is Radha.mp4

0.25 श्री कृष्ण की भक्ति करनी चाहिए मगर राधा कौन है

2.34 समुंद्र मंथन के समय 14 रतन प्रकट हुए थे उनमें से एक लक्ष्मी जी भी थी जो माला हाथ में लिए थी - किसी से ब्याह करने के लिए

5.44 केवल एक श्री कृष्ण थे जिनमें सारे गुण थे और लक्ष्मी जी को पसंद आए

7.20 श्री कृष्ण श्री राधा की भक्ति करते हैं और श्री राधा श्री कृष्ण की भक्ति करती हैं

9.48 रासलीला के समय जब गोपियों के मध्य से श्रीकृष्ण अंतर्ध्यान हुए थे तो अकेले नहीं हुए थे, श्री राधा को साथ लेकर अंतर्ध्यान हुए थे

11.05 वास्तव में राधा और कृष्ण दोनों एक ही हैं

12.07 लीला के लिए श्री कृष्ण एक ही दो बन गए, एक पुरुष बन गए एक स्त्री बन गए, भगवान का आधा रूप श्री कृष्ण और आधा रूप श्री राधे हैं

13.34 जैसे दूध और दूध में सफेदी, जैसे आग और अग्नि, जैसे कस्तूरी और सुगंध दो नहीं है, एक ही हैं

14.48 श्री राधा श्री कृष्ण की आत्मा है इसलिए श्रीकृष्ण श्री राधा की भक्ति करते हैं

15.22 श्रीकृष्ण और श्रीराधा एक ही के दो रूप हैं, हालांकि रसिक लोग राधा कृष्ण को अलग अलग मानकर रस का पान लेते हैं

Friday, July 16, 2021

जो यह नहीं जान पाया वो घोर मूर्ख है - Kripalu ji maharaj - Salient Points in Text


जो यह नहीं जान पाया वो घोर मूर्ख है - Kripalu ji maharaj - Salient Points in Text

https://youtu.be/J0zOmLcdXQE


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जो ये नहीं जान पाया वो घोर मूर्ख है.mp4


0.25 संसार का प्रेम प्रेम नहीं कहलाता क्योंकि उसका अंत दुख है, अशांति है

1.16 पैसे की वजह से ही सारे झगड़े हैं, क्योंकि आप इंद्रियों का सुख चाहते हैं जो पैसे से मिलता है

3.12 किसी करोड़पति से पूछ लो क्या तुम सुखी हो शांत हो कोई और कामना नहीं बची

3.58 ऐसे मूर्ख हैं हम लोग कि केवल भागना जानते हैं मिलेगा क्या अंत में इसकी परवाह नहीं है

4.16 अर्थ (धन) कमाने में जो साधन किया तो कष्ट मिला, अर्थ (धन) बचाने के लिए कामना को मारा

4.30 पूर्व जन्म का दान ही इस जन्म में धन दिलाता है

5.05 धन कमा लिया तो सौ दुश्मन पैदा हो गए

5.45  यदि धन समाप्त हो गया तो फिर कष्ट फिर दुख, और यही हाल स्वर्ग में भी है जो हमारे मृत्यु लोक में है

6.13 जिन रिश्तेदारों को हमने अपना बनाया था यह सोच कर कि सुख देंगे वही दुख देने लगे

6 45 जहां आपने संसार की कामना पैदा की तो दुख को आमंत्रण दिया, इसी कामना के चक्कर में 8400000 योनियों में हम घूमते आ रहे हैं और हमें अपनी मूर्खता अभी तक समझ में नहीं आई, अपने को हम बुद्धिमान समझते हैं, समझ में आ जाता तो संसार की तरफ भागने की बजाए भगवान की तरफ भागते

7 40 और कामना ने जन्म क्यों लिया क्योंकि हम आनंद चाहते हैं, यह हमारी nature है 

8.05 और nature बनाई नहीं जाती सदा ही रहती है nature habit नहीं होती

8.25 और सब की nature यही है कि आनंद मिले चींटी से लेकर ब्रह्मा तक

8.40 आनंद की कामना को कोई नहीं मिटा सकता, क्योंकि यह हमारी nature है क्योंकि सारी कामनाएं आनंद के लिए ही तो हैं, चींटी से लेकर ब्रह्मा तक कोई भी पशु हो कोई भी पक्षी हो

10.32  चाहे पूरा संसार भी आपको मिल जाए तब भी आनंद प्राप्ति नहीं हो सकती यह तो आग में घी डालना जैसा है

11.03 यदि कामना की पूर्ति हो गई तो लोभ पैदा होगा और यदि पूर्ति नहीं हुई तो क्रोध पैदा होगा, आप दोनों ओर से पिस जाते हैं

11.46 यदि किसी सौभाग्य से, भगवान की कृपा, गुरु की कृपा, सत्संग से, यह बात बुद्धि ग्रहण कर ले कि संसार में दुख है और केवल भगवान के में ही सुख है तो वैराग्य हो जाए

12.08 चित्रकेतु के एक करोड़ पत्नियां

12.35 भगवान की तरफ प्रयास करो तो बढ़िया है संसार की लिये परिश्रम करो तो निरर्थक है व्यर्थ है, दिन-रात पानी को मथो, तो भी घी नहीं निकलेगा

12.57 ऐसा नहीं है कि हमें अनुभव नहीं हुआ संसार का कि जब तक स्वार्थ पूर्ति हुई तब तक प्रेम मिला अथवा नहीं

14.23 जब तक अकेला था तो अपना ही दुख ,था शादी के बाद पत्नी का दुख भी मिला, पत्नी को पति का दुख मिला, बच्चा बीमार हुआ डॉक्टर के पास दोनों भाग रहे हैं

15.40 अपनी सब कामनाओं को भगवान की तरफ मोड़ देना है बस और कुछ नहीं करना

16.20 शादी के बाद लड़की अपना attitude कैसे change कर लेती है, अपने सारा प्रेम मायके से ससुराल की तरफ घुमा देती है

17.14 जो शेष प्रेम लड़की का मायके के लिए है वह इसलिए कि पति ने कभी धोखा दिया तो मां-बाप की शरण में जाना पड़ सकता है स्वार्थ पूर्ति के लिए

17.38 संसारी प्रेम को प्रेम कहना पागलपन है भगवान से प्रेम करना वास्तव में प्रेम है

17.55 संसार में सब झगड़ा क्यों हैं क्योंकि सब लेना ही चाहते हैं देना कोई नहीं चाहता

19.15 स्वार्थ पूर्ति के लिए ही बना है संसार यह जो नहीं जान पाया वह घोर मूर्ख है

19.32 मम्मी ने नन्हें से बच्चे की बात मान ली तो बच्चा मां  से चिपट गया और यदि नहीं मानी तो बच्चा मां को मारने लगा, और ज्यों ज्यों बड़े हुए तो और 420 सीख ली और ठग रहे हैं एक दूसरे को, मीठी बातें करके 

20.02 मैं तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह सकती - लड़का लड़की एक दूसरे को बेवकूफ बनाते हैं, कुछ झगड़ा हुआ और 4 दिन के बाद तलाक हो गया अरे साथ जिएंगे साथ मरेंगे तो यह philosophy कहां गई