Tuesday, September 7, 2021

अफसोस, ये विडंबना (tragic) है..... कब लोगों को अपनी सुध आयेगी कि हम क्या हैं (आत्मा) और क्या समझ रहे हैं (शरीर) #blog0098


अफसोस, ये विडंबना (tragic) है..... कब लोगों को अपनी सुध आयेगी कि हम क्या हैं (आत्मा) और क्या समझ रहे हैं (शरीर)


अफसोस, ये विडंबना (tragic) है : कब लोगों को अपनी सुध आयेगी कि हम क्या हैं (आत्मा) और क्या समझ रहे हैं (शरीर) और यह जीवन जैसे मुट्ठी से रेत (sand) निकलती है, वैसे भाग रहा है, इन्हें 84 लाख योनियों में भटकने का कुछ गम (sorrow) या खौफ (fear) या ज्ञान (wisdom) या दोबारा मां के नर्क रूपी गर्भ में 9 महीने उल्टा लटकने की सजा की भी चिंता नहीं है


क्या लाभ है ऐसी education का, ऐसे जीवन का, जिसमें 2+2=0 हो, पूरे भौतिक जगत में यही गणित है, जबकि आध्यात्मिक क्षेत्र में 2+2=4 और 2-2=4 होता है

भक्ति का formula है : 2 + 2 = 4  &  2 – 2 = 4 और भौतिक formula : 2 + 2 = 0  &  2 – 2 = 0, क्योंकि भौतिक में जब शरीर त्यागते हैं तो सब कुछ 0 (0, शून्य) ही हो जाता है

https://youtu.be/j-4TUf1WTKw&t=3145


यानी भौतिक जगत में आप कुछ भी सांसारिक कर लो यदि भगवान (यानी  1 number) मन में नहीं है यानी भगवान को अपने प्रत्येक कार्य या विचार में, आपने प्रथम स्थान नहीं दिया तो सब 0 (शून्य) ही है (00000000.....)

मगर

आध्यात्मिक दुनिया में आप कुछ भी प्रयास कर लो वह जुड़ता (cumulative) और बढ़ता ही रहता है, मरने के बाद अगले जन्म में भी (यदि आपका अगला जन्म हुआ तो यानी अगर आपकी भक्ति संपूर्ण (सिद्ध) नहीं हुई यानी आप भगवान को प्रसन्न नहीं कर पाए कि आपको भगवत धाम में प्रवेश मिल जाए)

सारी 99.9% (मेरा अनुमान) दुनिया  का यही हाल है

इसीलिए भगवान स्वयं कहते हैं
बहुनाम जन्मनाम अंते...

https://vedabase.io/en/library/bg/7/19/

यानी जो भगवान की लीलाओं में मन रखते हैं, उन भाग्यशाली 0.1% में आप हो, आपको नमन है 🙏










Monday, September 6, 2021

मेरा नाथ तू है, नहीं मैं अकेला, मेरे साथ तू है by Indresh ji

 

मेरा नाथ तू है, नहीं मैं अकेला, मेरे साथ तू है https://youtu.be/To8MNQYwcT0?t=5 चला जा रहा हूँ मैं राहों पे तुम्हारी राहों पे आए जो तूफान भारी थामे हुए हैं मेरा हाथ तू हैं नहीं मैं अकेला... https://youtu.be/To8MNQYwcT0?t=116 तेरा दास हूँ मैं तेरे गीत गाऊँ तुझे भूल के भी ना कभी भूल पाऊँ तू ही हैं तात-बंधू, पिता-माता तू हैं नहीं मैं अकेला... (तात=पूज्य) https://youtu.be/To8MNQYwcT0?t=265 ठाकुर हैं तू मैं तेरा पुजारी तेरा खेल हूँ मैं तू मेरा खिलाड़ी मेरी जिंदगी की हर एक बात तू हैं नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू हैं मेरा नाथ तू हैं.. https://youtu.be/To8MNQYwcT0?t=416


Saturday, September 4, 2021

मंदिर बनवाने से नर्क की प्राप्ति यदि....


मंदिर बनवाने से नर्क की प्राप्ति यदि....

https://www.youtube.com/watch?v=pXus7FpQ1uI&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=27 गीता से ज्ञान मिलेगा, सत्संग से 3 लाभ पहले भी बताए गए हैं (1) सत्संग के अंदर शंकाओं का समाधान होना चाहिए (your doubts should get cleared) (2) शंकाओं का समाधान से श्रद्धा (faith) और परिपक्व (solidify / strengthen) होनी चाहिए (3) जीवन में बदलाव आना चाहिए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=32 जो ज्ञानी और श्रद्धा विहीन (without  faith ) व्यक्ति, जो शास्त्रों में संदेह (doubt) करते हैं, वे ईश्वर भावना अमृत प्राप्त नहीं करते, वे नीचे गिर जाते हैं, संशय (doubt) आत्मा के लिए ना तो इस लोक में, ना परलोक में सुख है, और आज लोग खूब संदेह करते हैं शास्त्रों में, simply because, क्योंकि वो शास्त्रों को पढ़ते ही नहीं है, खाली मंदिर जाने से काम नहीं बनता  https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=54  एक सेठ ने मुझे बताया की मैंने तीन मंदिर बनवाएं हैं तो मैंने कहा कि उनका ध्यान कौन रखेगा, यानी भगवान की श्रद्धापूर्वक सेवा कौन करेगा, जैसे आपने PM को बुला लिया और वो आ भी गए, अब आप इधर उधर डोल रहे हो कि बस PM को बुला लिया और काम खत्म - यदि आपने भगवान की स्वयं सेवा नहीं की तो कोई लाभ नहीं https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=90  हम सभी doubts  से भरपूर है शास्त्रों और भगवान के बारे में, मंदिर बनाना तो रजोगुण में होता है मगर मंदिर चलाने के लिए सतोगुण चाहिए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=210 रावण को शिव में विश्वास था मगर शिव की आज्ञा में विश्वास नहीं था और शास्त्र का मतलब होता है शास्त्र की आज्ञा  https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=259  तो कई बार लोग कह देते हैं “मैं भगवान को मानता हूँ” -पर क्या सही में वो भगवान की आज्ञा का पालन करते हैं, यदि नहीं – तो ना मानने के बराबर है, बालक पिताजी से कहे मैं आपकी पूजा करता करूँगा, और पूजा करी भी मगर पिताजी की आज्ञा नहीं मानी, तो पूजा का क्या फायदा https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=278  हम सबने ही वेदिक धर्म का सत्यानाश कर दिया है, इसका कारण हम ही हैं, दूसरे पर उँगली मत उठाइए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=322  मंदिर जाना अनिवार्य है, शास्त्रों के अनुसार, की रोज़ सुबह दर्शन करने चाहिए, भगवान श्रीकृष्ण के, श्री विष्णु के, मगर केवल मंदिर जाने मात्र से बात नहीं बनेगी, जब तक भगवान की आज्ञा का पालन नहीं करते, तब तक आप भक्त नहीं बन सकते https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=338  यदि आप भक्त नहीं बन पाए, मगर आरती तो आप ने गाई कि “भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे” मगर संकट तो दूर हुए नहीं, इसका मतलब भगवान में गड़बड़ नहीं है, गड़बड़ी ये है कि  आप असुर (demon, एक व्यक्ति या तो भक्त हो सकता है या असुर) हो  https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=364  यदि कोई भक्त कहे कि “मैं दुखी हूँ” तो सीधा तात्पर्य ये है कि वो भक्त है ही नहीं, क्योंकि भक्त कभी दुखी हो ही नहीं सकता https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=381  लोग दूसरे लोगों को खुश करना चाहते हैं बजाय की भगवान को, यदि जड़ को पानी दोगे तभी पेड़ संतुष्ट होगा केवल पत्तों में पानी डालने से नहीं  https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=410 

Friday, September 3, 2021

सत्संग क्या होता है और इससे कैसे लाभ उठायें? Satsang: How to derive benefits by Givegita.com

 

सत्संग क्या होता है और इससे कैसे लाभ उठायें? 

Satsang: How to derive benefits

https://www.youtube.com/watch?v=HPwzuMu1W7g&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=16 सत + संग = सतसंग, सत (सत्य) का मतलब भगवान की वाणी https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=40 संग का मतलब, बुरे संग से क्या होता हैं, बुरी आदतें पड़ती है मगर अच्छा संग से क्या होता हैं, अच्छी आदतें पड़ती है https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=92  यानी “संग” का मतलब हुआ की दूसरे व्यक्ति से आप प्रभावित हुए और इसलिए उस व्यक्ति की आदत आप में पड़ गई, जबकि “मिलना” (as different from संग) केवल  थोड़ी देर का होता है https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=137  यानी सत्संग का मतलब हुआ कि जो आपने सुना वो अपने जीवन में उतारा https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=155  और यदि आप सत्संग में आये भी और सत्संग में जो सुना, उसको जीवन में नहीं उतारा, तो यानी आप “संग” करने नहीं आए थे, केवल “मिलने” आये थे - और ये “संग” या केवल “मिलना” दोनों भगवान के यहाँ अंकित (noted) होते हैं https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=163  सत्संग में जाने का क्या लाभ होता है (1) सत्संग के अंदर शंकाओं का समाधान होना चाहिए (your doubts should get cleared) https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=203  (2) शंकाओं का समाधान से श्रद्धा (faith) और परिपक्व (solidify / strengthen) होनी चाहिए https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=249 (3) जीवन में बदलाव आना चाहिए, अगर ये आपके जीवन में तीन चीजें नहीं हो रही यानी आपने सत्संग नहीं किया, या जो सत्संग करा रहा है वो वास्तव में सत्संग की बात नहीं कर रहा https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=255  भई मैं रोज़ जाता हूँ गाडी सीखने के लिए, मगर पता नहीं की accelerator क्या है और brake क्या है, तो फिर driving school जाने से क्या लाभ ?  https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=286  सत्संग में आना कोई attendance marking  का खेल नहीं है  https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=304

Thursday, September 2, 2021

भरोसो दृढ़ इन चरणन केरो, One should have (केरो) full faith (भरोसो दृढ़) in shelter of Lord’s feet (चरणन) by Indresh ji

भरोसो दृढ़ इन चरणन केरो 

One should have (केरो ) full faith (भरोसो दृढ़) in shelter of Lord’s feet (चरणन) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=0 श्री वल्लभ नख चंद्र छठा बिन सब जग अंधेरों Without the full effulgence (छठा) provided by Lord’s (श्री वल्लभ) feet (नख (nails of feet)),  there can be no light but only darkness (सब जग अंधेरों) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=49 सूरदास जी बिना नेत्रों के कैसे देखते थे श्याम को https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=95 साधन नहीं और कली काल में, जासों होत निबेड़ो There is no other means (साधन नहीं) in Kaliyuga (कली काल) which has the final authority (जासों होत निबेड़ो) to grant liberation (निबेड़ो, i.e., मुक्त करना) from the worldly birth death cycle https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=249  सूरदास कहा कहे दुविध आंधरो, बिना मोल को चेरो Soordas says that “I am blind (आंधरो) both (दुविध) from eyes as well as inside (i.e., without wisdom)” but I am the eternal servant (चेरो) of Lord even without any remuneration (बिना मोल) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=392  गुरु से कुछ प्राप्त तो यह भी इच्छा ना रखें Even from your guru, you should not have any expectation ; merely his company is enough and his guidance ought to be followed https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=440