Vinod Agarwal Bhajan lyrics
tu hai mohan mera, main diwani teri
तू है मोहन मेरा,मैं दीवानी तेरी , मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है
छोड़ दी कश्ती तेरे नाम पर ,अब किनारे लगाना तेरा काम है
जिसको दुनिया में कोई न अपना कहे,उसको अपना बनाना तेरा काम है
मैंने माना मैं तो गुनेहगार हूँ, गुनेहगार हूँ, मैं खतावार हूँ,
जिस तरह कर सकूं मैं तेरी बंदगी, ऐसी राह पे चलाना तेरा काम है
तू है शाहों का शाह, मैं हूँ दर की गदाह (फ़क़ीर), आज सुननी पड़ेगी मेरी इल्तिज़ाह
मस्त हर दम रहूँ, मस्ती उतरे नहीं , ऐसा जाम पिलाना तेरा काम है