मरने के बाद का सच आपकी आँखें खोल देगा| What happens after death? Kripaluji Maharaj Pravachan
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मरने के बाद का सच आपकी आँखें खोल देगा What happens after death Kripaluji Maharaj Pravachan.mp4
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तीन अलग अलग शलोक से confirm होता है कि लोग मरने के बाद, जो स्मरण अंत में किया जाए वही शरीर मिलेगा
0.45 + 3.30 मरने के समय जो मेरा स्मरण करेगा, मेरे लोक
में आएगा, यानी जिसका मन मेरे में होगा वही मेरे
पास आएगा
2.17 चार तरह के भाव हैं : दिव्य (भगवान और गुरु के बारे में) और सतो (देवताओं का),
रजो (मनुष्यों का), तमो (राक्षसों का) (माइक यनि माया से बने हुए) - मरने के समय जो जिस भाव में होगा, वैसा
ही शरीर मिलेगा उसे अगले जन्म में
4.20
जन्म और मृत्यु के समय बहुत कष्ट होता है जीव के शरीर को, इतनी पीड़ा कि सही नहीं
जाती, इसलिए पहले मूर्छा (unconsciousness) होती है
6.30
कोई महापुरुष जिसने भगवत प्राप्ति कर ली है उसको कष्ट नहीं होता शरीर छोड़ते हुए अपनी
इच्छा से, वही गो लोक जाता है
7.10 मृत्यु से पहले मूर्छा आती है इतना दर्द
होता है, मृत्यु
और जन्म के समय, अब
कोई दर्द से मूर्छित हो गया तो उसका मन स्मरण क्या करेगा
8.27,11.30 अजामिल ने अपनी मृत्यु के समय, जब
उन्होंने विष्णु दूतों और यमराज के दूतों की बहस सुनी, वैराग्य
हो गया, सोचा कि पूरा जीवन मैंने संसार के प्रपंचों (useless & worthless intricacies) में व्यर्थ बिता दिया, हरिद्वार
जाकर एक वर्ष तक भक्ति की कृष्णा की और फिर भागवत प्राप्ति हुई
12.45 बिना
भक्ति के, बिना भगवान में मन लगाए, ना कोई तरा है ना कोई तरेगा