Rules of Shastras do not bind us but free us to attain bliss
नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=73 (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=128 (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=156 (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=195 *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=228 *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=259 *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=274 *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=345 *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=376 *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=413 *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=431 *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=462 *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=466 *नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं* *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=73 (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=128 (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=156 (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=195 *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=228 *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=259 *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=274 *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=345 *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376 *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=413 *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=431 *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=462 *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=466 ------------ sent to Mumbai Home 30-12-2023 Wisdom can be received comes in two ways 1. By own experience & 2. From others experience : ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. रोहा पंथ 2. अवरोहा पंथ रोहा पंथ (learning by own experience): किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है* और अवरोहा पंथ (learning by others' experience): जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया (और जैसे पिताजी ने कहा की ज्यादा चीनी खाना सही नहीं है तो हमने मान लिया) https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376Standby link (in case youtube link does not work)