आज राधा अष्टमी पर जो भी इस कथा को सुनता है उस पर होती है राधा रानी की असीम कृपा | देवी चित्रलेखा जी
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0:00 राधा रानी कौन हैं ? कृष्ण की अहलादिनी शक्ति हैं, श्री कृष्ण की प्रिया हैं, गोविंद नंदिनी राधा, गोविंद मोहिनी, गोविंद सर्वस्व, सर्व कांता शिरोमणि https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=0 0:30 अक्सर जब भी भागवत की चर्चा होती है तो कृष्ण भगवान की बातें तो होती ही हैं क्योंकि कृष्ण कथा है, लेकिन कई लोग कहते हैं, कि भागवत में राधा रानी का चरित्र नहीं है, शायद योग्यता के कारण भागवत में राधा नाम नहीं लिया गया है पर एक बात सबको समझ लेनी चाहिए कि भागवत में राधा नाम हो ना हो पर राधा रानी में भागवत है, वेद में राधा रानी का नाम हो ना हो पर राधा रानी में वेद समाए हुए हैं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=30 1.11 “कृष्णन आराध्य इति”, राधा कौन हैं, कृष्ण जिनकी आराधना करते हैं, सब लोग, सारी दुनिया, कृष्ण को भजती है, बैठकर उनका ध्यान करती, उनका चिंतन करती है, तो कृष्ण ने सोचा सब दुनिया मेरा ध्यान करती है, मैं किसका ध्यान करूं मैं किसके बारे में सोचूँ, किसका चिंतन करूं, जब ऐसा भाव उन्होंने रखा तो उनकी अहलादिनी शक्ति श्री राधा रानी प्रकट हुईं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=71 2:00 अब श्री कृष्ण को भी आराधना करने के लिए एक केंद्र मिल गया और राधा कौन है ब्रह्म वैवर्त पुराण में लिखा है कि राधा मतलब जो सब कामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं, कौन सी कामना, संसार की कामना पूरी करने वाली राधा रानी नहीं हैं, संसार की कामना तो कोई भी देवी देवता पूरी कर सकता है, पर जब हृदय में कृष्ण को पाने की लालसा जागती है उस इच्छा को पूरी करने वाली श्री राधा रानी https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=120 2:49 श्री राधा कौन हैं जो रस का पोषण करें https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=169 3:04 एक बार भगवान श्री कृष्ण के घर पर नंद महल में बड़ी लंबी लाइन लगी, सब लोग भगवान की कृपा पाने के लिए लाइन में खड़े थे कि कृष्ण कृपा मिल जाए और नंबर आता तो वहां उससे पूछा जाता कि तू भगवान कृष्ण की कृपा लेने आया है, पर तेरे पास पात्र है, मतलब बर्तन है, जिसमें तू भगवान की कृपा लेना चाहता है, तो जीव कहते जी पात्र तो हम नहीं लाए, तो जिसके पास पात्र नहीं था सबको लौटाया जा रहा था और सब बेचारे मुंह लटकाए दुखी हारे थके से वापस नंद महल से कृष्ण के महल से वापस रोते रोते जा रहे थे तो नंद महल से जा रहे थे https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=184 4:21 तो रास्ते में पड़ता बरसाना, राधा रानी ने देखा सब लोग रोते रोते वापिस जा रहें हैं, श्री राधा रानी ने कहा जिनके पास पात्र नहीं है, उनको मेरे पास लेकर के आओ, मैं उनको पात्र दूंगी पात्र दूंगी, मतलब पात्रता दूंगी, योग्यता दूंगी, मैं उनको इस योग्य बनाऊंगी कि उनको कृष्ण की कृपा प्राप्त हो https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=261 5:45 श्री राधा रानी श्री राधा रानी पात्रता देती हैं, योग्यता देती हैं, इस योग्य बनाती हैं कि तुम कृष्ण के सामने जाकर खड़े हो पाओ, यह पात्रता दुनिया में और कहीं से नहीं मिल सकती, जब सब दुनिया से व्यक्ति हार जाए, जब उसे लगे कि अब तो कृष्ण भी नहीं सुन रहे, क्योंकि कृष्ण इतनी आसानी से सुनने वालों में से नहीं, तो उस समय जीव रोता रोता श्री राधा रानी के पास जाता है और राधा रानी से कहता है कि हे स्वामिनी जी आप नहीं कृपा करेंगी तो फिर कौन कृपा https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=345 6:27 कृष्ण जब कृपा करते हैं तो योग्यता अयोग्यता देखते हैं, पर राधा रानी जब कृपा करती हैं तो योग्यता अयोग्यता नहीं देखती, गुण और अवगुण नहीं देखती, जो एक बार उनकी शरण में आ जाए उसको सदा सदा के लिए अपने पास रख लेतीं हैं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=387 6:49 श्री कृष्ण कहते हैं जो एक बार जो राधा बोल दे, “पुनरपि जनमम, पुनरपि मरणम, पुनरपि जननी जठरे शयनम” एक बार श्री राधा नाम का गुणगान करने से केवल उसके पाप और पुण्य खत्म नहीं होते, शास्त्र कहते हैं उसके पाप और पुण्य का पूरा रजिस्टर फाड़ के फेंक दिया जाता है, अब इसके जीवन में पिछला जो घटा सो घटा, उसको हटा दो, आगे जो आने वाला है, वो भी उसको भी लिखने की आवश्यकता नहीं, क्यों क्योंकि यह श्री राधा रानी की शरण ग्रहण करी है, इसलिए योग्यता देने वाली, पात्रता देने वाली, श्री राधा रानी हैं एकमात्र कृपा करने वाली श्री राधा रानी हैं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=409 7:52 तो कोई नासमझ ही होगा वह आदमी एक जो कहता है कि श्रीमद् भागवत में राधा नहीं है, राधा रानी के बगैर तो भागवत है ही नहीं https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=472 8:06 एक बार बहुत सारी सखियां, ठाकुर जी के कुंज में इखट्टी हुईं सब बैठी थीं, तो अचानक से भगवान कृष्ण ने सबसे प्रश्न किया ऐसे ही कहा कि यह बताओ मुझे सबसे ज्यादा गर्व किस बात पर होता है, तो सब सखी एक एक करके बताने लगी, एक सखी बोली आपको अपनी बांसुरी पर गर्व होता है, भगवान ने कहा हां यह बात भी ठीक है पर अभी मन को भाने वाला उत्तर नहीं मिला, एक सखी बोली कि आपको अपने माधुर्य पर गर्व होगा, राधा रानी से पूछा तो राधा रानी ने कहा कि हमें लगता है आपको अपने भक्तों पर बहुत गर्व होता है, ठाकुर जी मुस्कुराए कि हां यह भी ठीक तो है, तो वही एक मंजरी बैठी थी, रूप मंजरी उसने कहा हे श्री राधे आपकी अनुमति हो तो मैं उत्तर दे दूं तो https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=486 9:46 श्री राधा रानी ने इशारा किया कि हां तुम उत्तर दो, तब उस रूप मंजरी ने हाथ जोड़कर श्याम सुंदर से कहा आपको अपने भक्तों पर गर्व है, आपको अपने माधुर्य, अपनी बांसुरी सब पर गर्व है, पर मुझे यह लगता है कि जब श्री राधा रानी यह कहती है कि श्याम सुंदर मेरे हैं, इस बात पर आपको सबसे ज्यादा गर्व होता है https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=586 10:14 जैसे कृष्ण ने सुना तो कहे वाह वाह, अरे रूप, तूने तो मेरी मन की बात छीन ली, तो सखी कहती है जैसे आप राधा रानी से अलग नहीं हैं, वैसे मैं भी श्री राधा रानी से अलग नहीं हूँ, राधा रानी भी यही उत्तर देना चाहती थी पर संकोच के कारण कि मैं कैसे कह दूं यह बात इसलिए बोली नहीं, इसलिए उनका उत्तर मैंने दिया, यह श्री राधा रानी का ही उत्तर है https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=614 10:52 जो सखिया है, यह जो मंजरी होती है ना वह कोई अलग नहीं होती, भिन्न नहीं होती, जो श्री कृष्ण चाहते हैं, जो उनके मन में आ जाता है, जो श्री राधा रानी चाहती हैं, उनके मन में भी आ जाता है, इसलिए मंजरी उपासना सबसे उत्तम उपासना है https://www.youtube.com/watch?v=Fw0pJLZiHxE&t=652 Standby link (in case youtube link does not work): आज राधा अष्टमी पर जो भी इस कथा को सुनता है उस पर होती है राधा रानी की असीम कृपा देवी चित्रलेखा जी.mp4