मंदिर बनवाने से नर्क की प्राप्ति यदि....
https://www.youtube.com/watch?v=pXus7FpQ1uI&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=27 गीता से ज्ञान मिलेगा, सत्संग से 3 लाभ पहले भी बताए गए हैं (1) सत्संग के अंदर शंकाओं का समाधान होना चाहिए (your doubts should get cleared) (2) शंकाओं का समाधान से श्रद्धा (faith) और परिपक्व (solidify / strengthen) होनी चाहिए (3) जीवन में बदलाव आना चाहिए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=32 जो ज्ञानी और श्रद्धा विहीन (without faith ) व्यक्ति, जो शास्त्रों में संदेह (doubt) करते हैं, वे ईश्वर भावना अमृत प्राप्त नहीं करते, वे नीचे गिर जाते हैं, संशय (doubt) आत्मा के लिए ना तो इस लोक में, ना परलोक में सुख है, और आज लोग खूब संदेह करते हैं शास्त्रों में, simply because, क्योंकि वो शास्त्रों को पढ़ते ही नहीं है, खाली मंदिर जाने से काम नहीं बनता https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=54 एक सेठ ने मुझे बताया की मैंने तीन मंदिर बनवाएं हैं तो मैंने कहा कि उनका ध्यान कौन रखेगा, यानी भगवान की श्रद्धापूर्वक सेवा कौन करेगा, जैसे आपने PM को बुला लिया और वो आ भी गए, अब आप इधर उधर डोल रहे हो कि बस PM को बुला लिया और काम खत्म - यदि आपने भगवान की स्वयं सेवा नहीं की तो कोई लाभ नहीं https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=90 हम सभी doubts से भरपूर है शास्त्रों और भगवान के बारे में, मंदिर बनाना तो रजोगुण में होता है मगर मंदिर चलाने के लिए सतोगुण चाहिए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=210 रावण को शिव में विश्वास था मगर शिव की आज्ञा में विश्वास नहीं था और शास्त्र का मतलब होता है शास्त्र की आज्ञा https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=259 तो कई बार लोग कह देते हैं “मैं भगवान को मानता हूँ” -पर क्या सही में वो भगवान की आज्ञा का पालन करते हैं, यदि नहीं – तो ना मानने के बराबर है, बालक पिताजी से कहे मैं आपकी पूजा करता करूँगा, और पूजा करी भी मगर पिताजी की आज्ञा नहीं मानी, तो पूजा का क्या फायदा https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=278 हम सबने ही वेदिक धर्म का सत्यानाश कर दिया है, इसका कारण हम ही हैं, दूसरे पर उँगली मत उठाइए https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=322 मंदिर जाना अनिवार्य है, शास्त्रों के अनुसार, की रोज़ सुबह दर्शन करने चाहिए, भगवान श्रीकृष्ण के, श्री विष्णु के, मगर केवल मंदिर जाने मात्र से बात नहीं बनेगी, जब तक भगवान की आज्ञा का पालन नहीं करते, तब तक आप भक्त नहीं बन सकते https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=338 यदि आप भक्त नहीं बन पाए, मगर आरती तो आप ने गाई कि “भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे” मगर संकट तो दूर हुए नहीं, इसका मतलब भगवान में गड़बड़ नहीं है, गड़बड़ी ये है कि आप असुर (demon, एक व्यक्ति या तो भक्त हो सकता है या असुर) हो https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=364 यदि कोई भक्त कहे कि “मैं दुखी हूँ” तो सीधा तात्पर्य ये है कि वो भक्त है ही नहीं, क्योंकि भक्त कभी दुखी हो ही नहीं सकता https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=381 लोग दूसरे लोगों को खुश करना चाहते हैं बजाय की भगवान को, यदि जड़ को पानी दोगे तभी पेड़ संतुष्ट होगा केवल पत्तों में पानी डालने से नहीं https://youtu.be/pXus7FpQ1uI&t=410It is all about Krishna and contains list of Holy Spiritual Books, extracts from Srimad Bhagvat, Gita and other gist of wisdom learnt from God kathas - updated with new posts frequently
Saturday, September 4, 2021
Friday, September 3, 2021
सत्संग क्या होता है और इससे कैसे लाभ उठायें? Satsang: How to derive benefits by Givegita.com
सत्संग क्या होता है और इससे कैसे लाभ उठायें?
Satsang: How to derive benefits
https://www.youtube.com/watch?v=HPwzuMu1W7g&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=16 सत + संग = सतसंग, सत (सत्य) का मतलब भगवान की वाणी https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=40 संग का मतलब, बुरे संग से क्या होता हैं, बुरी आदतें पड़ती है मगर अच्छा संग से क्या होता हैं, अच्छी आदतें पड़ती है https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=92 यानी “संग” का मतलब हुआ की दूसरे व्यक्ति से आप प्रभावित हुए और इसलिए उस व्यक्ति की आदत आप में पड़ गई, जबकि “मिलना” (as different from संग) केवल थोड़ी देर का होता है https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=137 यानी सत्संग का मतलब हुआ कि जो आपने सुना वो अपने जीवन में उतारा https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=155 और यदि आप सत्संग में आये भी और सत्संग में जो सुना, उसको जीवन में नहीं उतारा, तो यानी आप “संग” करने नहीं आए थे, केवल “मिलने” आये थे - और ये “संग” या केवल “मिलना” दोनों भगवान के यहाँ अंकित (noted) होते हैं https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=163 सत्संग में जाने का क्या लाभ होता है (1) सत्संग के अंदर शंकाओं का समाधान होना चाहिए (your doubts should get cleared) https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=203 (2) शंकाओं का समाधान से श्रद्धा (faith) और परिपक्व (solidify / strengthen) होनी चाहिए https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=249 (3) जीवन में बदलाव आना चाहिए, अगर ये आपके जीवन में तीन चीजें नहीं हो रही यानी आपने सत्संग नहीं किया, या जो सत्संग करा रहा है वो वास्तव में सत्संग की बात नहीं कर रहा https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=255 भई मैं रोज़ जाता हूँ गाडी सीखने के लिए, मगर पता नहीं की accelerator क्या है और brake क्या है, तो फिर driving school जाने से क्या लाभ ? https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=286 सत्संग में आना कोई attendance marking का खेल नहीं है https://youtu.be/HPwzuMu1W7g&t=304
Thursday, September 2, 2021
भरोसो दृढ़ इन चरणन केरो, One should have (केरो) full faith (भरोसो दृढ़) in shelter of Lord’s feet (चरणन) by Indresh ji
भरोसो दृढ़ इन चरणन केरो
One should have (केरो ) full faith (भरोसो दृढ़) in shelter of Lord’s feet (चरणन) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=0 श्री वल्लभ नख चंद्र छठा बिन सब जग अंधेरों Without the full effulgence (छठा) provided by Lord’s (श्री वल्लभ) feet (नख (nails of feet)), there can be no light but only darkness (सब जग अंधेरों) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=49 सूरदास जी बिना नेत्रों के कैसे देखते थे श्याम को https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=95 साधन नहीं और कली काल में, जासों होत निबेड़ो There is no other means (साधन नहीं) in Kaliyuga (कली काल) which has the final authority (जासों होत निबेड़ो) to grant liberation (निबेड़ो, i.e., मुक्त करना) from the worldly birth death cycle https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=249 सूरदास कहा कहे दुविध आंधरो, बिना मोल को चेरो Soordas says that “I am blind (आंधरो) both (दुविध) from eyes as well as inside (i.e., without wisdom)” but I am the eternal servant (चेरो) of Lord even without any remuneration (बिना मोल) https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=392 गुरु से कुछ प्राप्त तो यह भी इच्छा ना रखें Even from your guru, you should not have any expectation ; merely his company is enough and his guidance ought to be followed https://youtu.be/zICbDXjgBzQ?t=440Tuesday, August 31, 2021
मन पंछी उड़ जई है जा दिन This soul (life breath) will fly off one day by Indresh ji
मन पंछी उड़ जई है जा दिन This soul (life breath) will fly off one day https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=35 संतो के पद सुनकर भगवान अति प्रसन्न होते हैं https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=63 ता दिन तेरे तन तरुवर के, सबही पात झर जईहे At the time of death, all your body elements will disperse off (all leaves (पात) will shake off (झर जईहे) your so called young body tree (तरुवर)) https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=133 जा प्रियतम सौं प्रीत घनेरी, सौं देख डर जईहे On seeing those, whom you love the most now, one day you will be scared to see them (at time of their death) https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=236 आप संसार वालों को तो अपना मानते हो मगर भगवान को अपना नहीं मानते https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=275 भगवान से एक संबंध जोड़िए कोई भी जो अच्छा लगे, सेवक का, बेटे का, दोस्ती का, पति का https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=295 बिन गोपाल कोई नहीं अपनो, जा सौं की रति रहिए There is none else as your relative except Lord & therefore you should love, foster & develop (रति (attraction) रहिए) that relationship only https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=395 सौं तो सूर दुर्लभ देह वन को, सत्संगि में जईहे Best way to love, foster & develop that relationship with God is to be in satsang always ,i.e., think of Lord, remember (स्मरण) His form (रूप), take His name (नाम), sing His glories (गुण), listen, read & talk about Him & His leelas & His Abode (धाम) only https://youtu.be/cpUT6o7NBNs?t=461
Sunday, August 29, 2021
जब IAS/ IPS officers आए महाराज प्रेमानन्द जी के दर्शन करने Premanand ji
जब IAS/ IPS officers आए महाराज प्रेमानन्द जी के दर्शन करने
इतनी आस्तिकता तो भारत देश में है कि लोग कहते हैं, हाँ भगवान हैं
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=40
अब भगवान को किसी भी नाम से पुकारो, बस इतना ध्यान रहे कि वो मेरा है, ईश्वरी को मैंने अपना माना, मगर ये शरीर किसी का अपना नहीं है, ये शरीर सबको धोखा ही देता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=71
मेरा जो वास्तविक स्वरूप है (soul), ना वो जागृत (awake) है, ना वो सुषुप्ति (sleep) में है, ना वो स्वप्न (dream) में है - क्योंकि वो इन तीनों अवस्थाओं का अनुभव करता है, वो सर्वज्ञ है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=125
जो स्वरूप मेरा है, वही स्वरूप भगवान का भी है (as we souls are a part & parcel of God), जैसे 1000 घढ़ों में सूर्य का प्रतिबिंब (reflection)आ रहा है, मगर सूर्य तो एक ही है, घढ़े टूट भी जाये तो सूर्य पर कोई असर नहीं होता
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=152
मगर शरीर को हमने मैं मान लिया और इससे ही हम भगवान को भूल गए, क्योंकि हम इंद्रिय सुख भोग में लग्न हो गए
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=177
सुख दुख का “मैं” (soul) से कोई संबंध नहीं है, यदि आपको सुख और दुख महसूस हो रहा है तो मतलब आप अज्ञान में हैं
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=200
आप कोई भी कार्य कर रहे हो केवल धर्म निष्ठा से करते रहिये (यानी भगवान को अर्पण करते हुए)
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=220
अधर्म का आचरण नहीं करें, यदि हम ऐसा करते हैं तो हमारे और हमारे परिवार के ऊपर बहुत गहरा कुप्रभाव पड़ता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=289
धर्म से अपना कार्य करते हुए, भगवान को स्मरण रखते हुए, अपना कर्तव्य निभाते रहें
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=351
साधन धाम मोक्ष कर द्वारा, पाइ न जेहिं परलोक सँवारा यह (मनुष्य शरीर) साधन का धाम (provides means (साधन) to reach God) और मोक्ष का दरवाजा है, इसे पाकर भी जिसने परलोक न संवार लिया (वो व्यर्थ जीवन गँवाता है)
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=381
सिकंदर जब पूरी दुनिया को जीत कर मर रहा था, तो उसको ज्ञान हुआ कि कोई भी मनुष्य अपने साथ कुछ भी ले नहीं जा सकता है मृत्यु के बाद
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=385
हमारा जीवन बहुत छोटा है, इसलिए क्षण क्षण प्रयत्नशील रहना चाहिए, भगवत प्राप्ति के लिए
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=470
सबसे पहले मन से भ्रम हट जाना चाहिए, कि धन से सुख मिलता है, सुख मिलता है धर्म आचरण से, शास्त्रों में बताया गया है धर्म अर्थ काम मोक्ष – 4 पुरुषार्थ (यानी मनुष्य जीवन के लायक कार्य हैं), केवल धर्म से कमाया गया अर्थ (wealth) ही काम की पूर्ति द्वारा मोक्ष तक ले जा पाएगी, मगर यदि अर्थ धर्म के पहले रख दिया तो फिर कामनाओं की पूर्ति मोक्ष तक नहीं ले जा पाएगी, धन से धर्म नहीं होता है, धर्म से धन होता है
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=513
नाम जप करें, भागवत आश्रित रहें और कोई व्यसन मत करें व्यसन = Four Big Vices / Four Pillars of Sinful Life / Regulative Principles of Iskcon : no meat eating, no intoxication, no gambling, no illicit sex
https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=570
Standby link (in case youtube link does not work):
वरिष्ठ IAS, Police और Army के अधिकारियों को महाराज जी ने क्या बोला !!.mp4