Saturday, October 23, 2021

हमारी भक्ति की चरम स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि मेरा सुमिरन हरि करे मैं पाऊं विश्राम , The peak state of our loving devotion should be such that Lord remembers me and I get eternal blissful rest - by Shri Indresh Upadhyay ji

हमारी भक्ति की चरम स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि मेरा सुमिरन हरि करे मैं पाऊं विश्राम - by Shri Indresh Upadhyay ji

The peak state of our loving devotion should be such that Lord remembers me and I get eternal blissful rest

https://youtu.be/s1nhgNRmuc4


0 15 कई लोग भागवत की आयोजन  इसलिए करते हैं कि पितरों की संतुष्टि हो जाए केवल इसी वजह से नहीं करानी चाहिए

https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=15  1 30 असली मकसद यह है: परम धर्म करने की इच्छायें हम में जागृत हो जाएं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=90  1 53 धर्म और परम धर्म में अंतर https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=113  2 52  भागवत का अधिकारी कौन है जिसमें मातसर्य (ईर्ष्या, jealousy) भाव नहीं हो https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=172  3 52  95% लोगों में मातसर्य (ईर्ष्या, jealousy) होता है https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=232  4 17  तब तक सत्संग सुनो नाम जप करो जब तक ऐसा व्यक्ति जिसके प्रति आपकी ईर्ष्या थी पहले, अब आपको प्रिय लगने लगे, और जिस दिन ऐसा होने लगे कि आपको प्रेम हो, ईर्ष्या की बजाय, तो समझ लेना राम जी मिलने वाले हैं आपको https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=257  5 30 राम जी को रावण से ईर्ष्या अगर होती तो हनुमान को, अंगद को नहीं भेजते लंका में रावण के पास https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=330  5 58  श्री कृष्णा भी शांतिदूत बनकर पहले स्वयं गए दुर्योधन के पास ईर्ष्या होती तो नहीं जाते https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=358  6 58  कंस को भी पहले कितने संदेश भेजें कितने राक्षस मार के कि भैया अब तो सुधर जा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=418  7 11  हमें यदि ईर्ष्या होगी किसी के साथ तो हम सुधारने की बजाय सीधा युद्ध करने पहुंच जाएंगे, FIR नोट कर लो https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=431  7 27  जब ईर्ष्या का भाव नष्ट होता है तो अगले से संवाद किया जाता है विवाद नहीं, वैष्णव अपने आप को हरा देगा मगर विवाद नहीं करेगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=447  7 57  यदि ईर्ष्या का भाव होगा तो मंच पर बैठा वक्ता भी किसी पर प्रभाव नहीं कर पाएगा और अगर यदि श्रोता हुआ तो सब भूल जाएगा 4 घंटे की कथा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=477 8 15 यह ईर्ष्या एक किस्म का बांध है वह कानों में तो आने देगा कथा को मगर हृदय में उतरने नहीं देगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=495  8 34 और यह मातसर्य दोष हटेगा कैसे सत्संग से, असल में सभी विकारों और दोशों की दवाई है सत्संग https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=514  9 17 तो पहली चीज आपको मातसर्य भाव खत्म करना है तब आप अधिकारी बनोगे कथा सुनने के लिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=557  9 48   चिंता मत करना, आर्त (पीड़ा) भगाना, धन मिलाना दुख हटाना, यह सब कथा का उद्देश्य नहीं है कथा का उद्देश्य है श्री कृष्ण आपको भगवान से हटकर अपनत्व यानी किसी संबंध के रूप में आपके प्रिय लगने लगेंगे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=588  11 08  यदि कथा सुनने इस मकसद से बैठेंगे कि कृष्ण को अपना बनाना है तो यह 100% गारंटी देता हूं मैं कि यह होगा कथा सुनने के बाद https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=668  11 34 आप कहोगे कि मैं तो अभी भी कृष्ण को सखा मानता हूं लेकिन कथा सुनने के बाद श्री कृष्ण भी आपके सखा मानेंगे और दूसरा आप श्री कृष्ण के पीछे-पीछे नहीं चलोगे श्री कृष्ण आपके संग चलेंगे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=694  12 30 जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा यह भक्ति की प्रारंभिक स्थिति है, मगर भक्ति की चरम सीमा क्या है जब ठाकुर जी कहेंगे जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=750  13 14  मेरा सुमिरन हरि करें मैं पांऊं विश्राम https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=794  14 02  इसका प्रमाण यह है कि जैसे सूरदास जी ने सवा लाख पद लिखने थे, एक लाख पद के बाद ही वह पधार गए, तो बाकी पद कहते हैं भगवान ने लिखे और अंत में “सूर श्याम” करके लिखे, जबकि सूरदास के पद में अंत में “सूरदास” होता था https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=842  15 07  हरि जी मोरी क्या बिगाड़ेगी, जाएगी लाज तुम्हारी, पछताई हो जब देख मुझे उभारी, यह पद सूर श्याम यानी भगवान ने लिखा है, सूरदास जी ने नहीं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=907  15 43  तुलसीदास जी ने रामायण तो लिख दी मगर जरूर रघुनाथ जी ने बोला होगा कहा होगा और नाम तुलसीदास जी का लिखवा दिया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=943 16 12 गीत गोविंद जब लिखा जयदेव ने तो आखरी पद लिखना था तो लिखा नहीं जा रहा था, याद नहीं आ रहा था क्या लिखे पत्नी को बोला स्नान करने जा रहा हूं, पूरा किस्सा सुनिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=972  19 30  भगवान को तुम भजो वह तो ठीक है मगर एक स्थिति ऐसी आए जब भगवान आपको भजें वह है चरम सीमा भक्ति की https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1170 19 49  यह प्रमाण देखना हो कि भगवान मुझसे प्रसन्न हैं कि नहीं तो मंदिर में उनके श्रृंगार में क्या-क्या लगने वाला है, पहले से सोच लो यदि उनमें से कुछ भी हुआ वैसा जैसे आपने सोचा था, तो समझो भगवान आपसे प्रसन्न हैं https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1189 21 14  जब मुझे स्पष्ट मालूम हुआ कि महाकाल मिलना चाहते थे ठाकुर जी से वास्तव में गले लगाना चाहते थे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1274  24 52  पंडित ने ठाकुर जी को नहला दिया महाकाल के अभिषेक में, मैं डर रहा था कि आज तो ठाकुर जी ठिठुर गए होंगे, चलो हम तो बच गए, मगर फूलों की माला पंडित जी ने मुझे पहना दी, दो ढाई किलो पानी सब मुझ पर पड़ा और मैं भी ठिठुर गया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1492  26 41  रोज शयन के समय ठाकुर जी को गीत गोविंद सुनाओ, एक दिन ऐसा आएगा जब आपको स्पष्ट ठाकुर जी दिखेंगे सिंहासन पर बैठे हुए आपका गीत गोविंद सुन रहे https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1601  27 37  नाभा गोस्वामी जी का उदाहरण सुनिए https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1657  27 55  गीत गोविंद गाया https://youtu.be/s1nhgNRmuc4?t=1675 

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Friday, October 22, 2021

ई चमक ई धमक फूलवन मा महक सब कुछ सरकार तुम्हई से है, Ye Chamak Ye Damak By - Vinod Ji Agrawal

ई चमक ई धमक फूलवन मा महक, सब कुछ सरकार तुम्हई से है  

Ye Chamak Ye Damak By - Vinod Ji Agrawal

1
ये
चमक, ये दमक, फूलवन मा महक सब कुछ सरकार तुम्हई से है *All this glamour, glitter (इ चमकदमक), pomp & show &
fragrance (महक) in flowers (फुलवन) is ALL THANKS TO YOU, O God
इठला के पवन, चूमे सैया के चरण बगियन मा बहार तुम्हई से है *This gratified cool air (इठला के पवन) kisses Your feet (चूमे सैय्यां के चरण)
& spring (बहार) in gardens (बगियन) is ALL COURTESY TO YOU (तुम्हइ से है), O GOD*
https://www.youtube.com/watch?v=OvMES0U6urU&t=0 2 कहे जोगन थाम तोरी बईंया तुम जानत हो सब कुछ सैंय्यां  *This bhakt appreciatively taking refuge in Your arms (थाम तोरी बैयां), acknowledges that YOU ARE OMNISCIENT (तुम जानत हो सब कुछ)* 
तोरी प्रीत मा रूप ये धार लिया ये बनाव श्रृंगार तुम्हई से है
This body of mine is totally immersed in Your love This makeup of mine is for You alone https://www.youtube.com/watch?v=OvMES0U6urU&t=73   3
तू है मोरा साजन मैं हूँ तोरी अब लाज बलम रखियो मोरी चाहे इत जाऊं, चाहे उत जाऊं मोरे श्याम पिया लेकिन मेरे दिल को प्यार तुम्हई से है You are my Beloved & I am Yours. so save me from worldly shame wherever I go, O my Beloved Lord my heart is always in love with You https://youtu.be/OvMES0U6urU?t=215  4 मेरे सुख-दुख की रखते हो खबर मेरे सर पर साया तुम्हारा है मेरी कश्ती (नैया) के खेवनहार तुम्हीं मेरा बेड़ा पार तुम्हई से है You keep minute track of my happiness and sorrow. Your blessings are on my head You are the Oarsman of my boat. therefore I will surely cross the worldly ocean only by You grace & courtesy https://youtu.be/OvMES0U6urU?t=353  5 मैं तो भूल गयी कुछ भी कहना तोरी प्रीत में रोवत है नैना रग-रग मा बसी है प्रीत तोरी अखियन में खुमार तुम्हई से है I was simply lost in Yourself & so missed out on saying anything my eyes cry in Your love Your love is present in every cell of mine my eyes are filled with Your bliss https://youtu.be/OvMES0U6urU?t=483 
ALSO
*Bhajans are the best therapy* तू है मोरा सजना मैं हूं तोरी अब लाज बलम रखियो मोरी चाहे इत जाऊं चाहे उत जाऊं मेरे दिल को प्यार तुम्हीं से है सब कुछ सरकार तुम्हीं से है


also https://www.facebook.com/share/r/19V9SpTqmT/ https://youtu.be/ZHz7SvNGsRM?t=143 by Bageshwar Dham ji https://youtu.be/GeFIDY6P22M?t=173 by Chitra Vichitra

Short:
Indresh ji:
https://youtube.com/shorts/cFpYpqknDP0























Thursday, October 21, 2021

ठाकुर जी जब खुद आकर एक भक्त को भागवत जी पढ़ने का वेतन देकर गए When Thakur ji (God Krishna) Himself came and gave salary to a devotee to read Bhagavatam ji by Indresh Upadhyay ji

ठाकुर जी जब खुद आकर एक भक्त को भागवत जी पढ़ने का वेतन देकर गए

When Thakur ji (God Krishna) Himself came and gave salary to a devotee to read Bhagavatam ji


https://youtu.be/kMZzr7XKq1s 1 0 एक बनारस के ब्राह्मण देवता थे, भागवत जी का रोज पाठ करते थे 0 There was a Brahmin from Banaras, who used to recite Bhagavatam ji daily. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=0 2 1 18 दो ही स्थिति में लोग ब्याह कराते हैं या तो लड़का योग्य बन गया हो या बहुत ही अयोग्य हो 1 18 People get married in only two situations: either the boy has become worthy to earn or he is very unworthy. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=78 3 4 11 घर में कुछ संत आ गए और संत आकर के सीधे आसन पर बैठ गए बोले बिटिया लाओ कुछ प्रसादी पवाओ यानी भोजन कराओ मगर गरीबी किए कारण घर में अन्न का एक दाना तक नहीं था  4 11 Some saints came to the house and sat directly on the seats and said, O daughter, bring some prasad, ,i.e.,  give some food, but due to poverty there was not even a grain of food in the house. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=251 4 4 49 पत्नी बहुत निराश हो गई क्यों बोले आज तक मैं सह रही थी अपने पति के सब भावों को ,यह कुछ नहीं नहीं करते मैं सब जानती हूं, भागवत जी का पाठ ही इनका सर्वस्व है लेकिन आज महात्मा हमारे घर आए और हम उनको कुछ पवा ना सके ऐसी स्थिति तो मुझे स्वीकार नहीं है आज यदि मेरे पति भी कुछ काम करते घर में थोड़ा धन होता अनाज होता भोजन ज्यादा होता तो उनको पवा पाती, अब अकेली मैं नारी पति को भी खवाऊं, बच्चों को भी खिलाऊं, खुद भी खाऊं, कहां तक चलाऊं ? 4 49 The wife became very disappointed, she said to herself that till today I was tolerating all the emotions of my husband, he doesn't do anything, only recitation of Bhagavatam ji is his everything, but today saints came to our house and we could not offer them anything to eat. I cannot accept such a situation of not being able to get food for them. If my husband also did some work, if there was some money in the house, if there was more food, then I would have been able to get it for saints also. I, a single woman, have to feed my husband, feed my children, and eat myself. How far can I go on like this ? https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=289 5 5 32 आज पत्नी को क्रोध आया और पत्नी ने भागवत जी की पोथी उठाई और ब्राह्मण के सिर पर ही मार दी बोले इसको लीजिए और निकलिए घर से से मैं अकेली चला लूंगी घर को, यही भागवत तुम्हारा सर्वस्व है तो इनके साथ अकेले कहीं और रहो, यहां लौटकर के मत आना जब तक मन में भावना आ जाए कि मुझे कुछ करना है  5 32 Today the wife got angry and picked up the book of Bhagavatam ji  and hit it on the Brahmin's head and said, take this and leave the house, I will manage the house alone, this Bhagavatam is your everything, so stay alone with Bhagavatam somewhere else. Don't come back here until you feel like that you have to do something. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=332 6 6 12 ब्राह्मण देवता अपनी भागवत जी को उसके पन्ने बिखर गए थे, सब समेट करके हृदय से लगा कर के रोने लगे और मन ही मन विचार करने लगे, हे नाथ मेरी पत्नी को आप साधारण पृष्ठ के रूप में दिखाई देते हो, लेकिन मैं जानता हूं कि आप प्रत्यक्ष कृष्ण हो, हे नाथ मेरी पत्नी का कल्याण करना 6 12 Brahmin saw his Bhagavatam ji's pages scattered, he collected them all and started crying with his heart and started thinking in his mind, O Lord, to my wife you appear as ordinary pages, but I know I know that you are Krishna in reality, O Lord, please give some wisdom to my wife. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=372 7 6.35 एक भक्त तो सुहृध होता है दूसरों का भला करने वाला चाहने वाला 6.35 A devotee is a good hearted person who wishes good for others. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=395 8 7.25 इतनी सहनशीलता विश्वास श्रद्धा देखकर ठाकुर जी स्वयं प्रकट हो गए 7.25 Seeing so much tolerance, faith and devotion, Thakur ji himself appeared. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=445 9 8.40 ठाकुर जी एक नन्हें से बालक का रूप धारण करके उनके घर में आये और एक टोकरी रख दी घर में, उसमें सोने चांदी हीरे जवाहरात सब रखे थे और बोले कि यह वेतन है, बचपन से मजदूरी कर रहे हैं मेरे पास 8.40 Thakur ji came to his house in the form of a small child and kept a basket in the house full of gold, silver, diamonds and gems and said that this is salary for the Brahmin as he has been working as a laborer with his master since childhood. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=520 10 11.50 ब्राह्मण पति जब वापस घर में आए, पत्नी ने सब वृतांत सुनाया कि आपके मालिक आए थे सब दे गए, पति ने पत्नी को बोला वो तो साक्षात् भगवान आये थे 11.50 When the Brahmin husband came back home, the wife narrated the whole story of your master had come and gave everything, the husband told the wife that God had actually come. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=710 11 13.20 जगत मजदूरी देत है क्यों राखे भगवान, इस दुनिया में आपकी मजदूरी का वेतन दिया जाता है तो भगवान भला अपनी की हुई मजदूरी का वेतन क्यों नहीं चुकायेंगे, हजार लाख गुना करके भगवान वापिस देते हैं 13.20 if you are paid your wages in this world, then why wouldn't God pay you for the work you have done for Him, God gives you back a thousand and a million times. https://youtu.be/kMZzr7XKq1s&t=800 Standby link (in case youtube link does not work)

Wednesday, October 20, 2021

इससे सुनने से इंसान झूठे कलंक से मुक्त हो जाता है, By hearing this, a person becomes free from false accusation & stigma - श्री इंद्रेश उपाद्यय जी

 "इससे सुनने से इंसान झूठे कलंक से मुक्त हो जाता है"

By hearing this, a person becomes free from false accusation & stigma  

For details in written :
https://tinyurl.com/23583owt https://youtu.be/6ioXVV2-gew 1 0 लोभ और भोग का लोभ इन दोनों से बचो 0 Avoid greed and greed for enjoyment. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=0 2 0 10 एक सत्राजित नाम का व्यक्ति रहता था सूर्य की बड़ी उपासना की तो सूर्य ने उसको प्रसन्न होकर के एक मणि प्रदान की जिसका नाम था स्यमन्तक मणि, यह हजारों किलो सोना रोज देती थी 0 10 There lived a person named Satrajit who worshiped the Sun a lot and the Sun was pleased and gave him a gem whose name was Syamantak Mani, it used to give thousands of kilos of gold every day. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=10 3 1 07 भगवान ने सत्रजीत से कहा "तुम यह स्यमन्तक मणि जो है इसको द्वारिका के कार्यालय में जमा करा दो और तुम हमको बताओ तुमको कितनी जरूरत पड़ती है रोज हम तुमको देंगे उतना बाकी का जो बचा हुआ धन है उसको द्वारिका की सेवा में लगा देंगे" 1 07 God said to Satrajit, "You deposit this Syamantak Mani in the office of Dwarka and you tell us how much you need every day, we will give you that much, the remaining money will be used in the service of Dwarka." https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=67 4 2 40 भगवान लीला हम लोगों को समझाने के लिए कर रहे हैं : कि किसी वस्तु के प्रति कभी लोभ मत करना नहीं तो यह होगा जो द्वारिका में हुआ 2 40 Lord is doing this Leela to make us understand: Never be greedy towards anything;  else this will happen which happened in Dwarka. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=160 5 3 15 सत्रजीत ने इल्जाम लगाया कि मुझे तो पूर्ण विश्वास है कि मेरी स्यमन्तक मणि द्वारिकाधीश के पास ही है, द्वारिका के लोगों की बुद्धि भी देखो किसी ने भी एक बार यह विचार नहीं किया अरे भगवान पर उंगली उठा रहे हो नहीं सब बोले हां तुम सही कह रहे हो, इतने कच्चे हृदय के हम लोग हैँ 3 15 Satrajit accused that I have full faith that my Syamantaka gem is with Dwarkadhish only ; alas ! look at the intelligence of the people of Dwarka, no one even once thought of this, are you pointing fingers at God? everyone said yes Satrajit, you are right. Oh, we are people with such a doubting heart. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=195 6 6 17 तो एक गुफा में ठाकुर जी घुस गए वहां मणि मिल गई, ठाकुर जी ने मणि उठाई, भालू के साथ 18 दिन तक भगवान का युद्ध हुआ 18 दिन बाद भालू ने चरण पकड़ लिए वो भगवान मैं कोई भालू नहीं हूं मैं जामवंत हूं मेरा प्रणाम स्वीकार करो    Thakur ji entered a cave and found the gem. There was a war between God and the bear for 18 days. After 18 days, the bear caught hold of the feet of God. I am not a bear, I am Jamwant, please accept my greetings. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=377 7 13 19  आप संसार के लिए जीवन लुटा दीजिए मगर एक चूक  और सब आपको गालियां देने लगेंगे, आपको नजरों से गिरा देगी  13 19 You may give up your life for the world but one mistake and everyone will start abusing you and will see you with an evil vision. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=799 8 17 37  भगवान ने कहा सत्यभामा को यह संसार है विश्वास पनपने को जीवन भर लग जाता है अविश्वास पनपने को एक सेकंड भी नहीं लगता 17 37  God said to Satyabhama that this is the world where faith takes a lifetime to develop, disbelief does not take even a second to develop. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1057 9 18 02 शास्त्रों में इस संसार का नाम है “दुखाल्यम अशाश्वतम” यानी दुखों का पहाड़ और वो भी अस्थायी 18 02 The name of this world in the scriptures is “Dukhalyam Ashashvatam” i.e. mountain of sorrows and that too temporary. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1082 10 19.02  जैसे विद्यालय में सारे पीरियड पढ़ाई के होते हैं एक आध पीरियड खेल का होता है ऐसे ही संसार में कभी-कभी सुख आ जाता है 19 02 Just like in school, all the periods are for studies and one or half period is for games, similarly happiness comes only sometimes for a little while in this world. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1142  11 19.33 इस दुखाल्यम में भी आनंदित रहने वाला व्यक्ति कौन है 19.33 Who is the person who remains happy even in this dukhalyam? https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1173  12 20.10 जो ठाकुर जी से संबंध नहीं बनाते वे दुखी हैं 20.10 Those who do not establish relations with Krishna remain unhappy. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1210  13 21.01  ठाकुर जी के अलावा हमारा अपना कोई है ही नहीं और यह “अपना” शब्द सबके लिए इस्तेमाल मत करा करो 21.01 Apart from Krishna, we have no one of our own and do not use “your own” word for everyone. https://www.youtube.com/watch?v=6ioXVV2-gew&t=1261 

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Tuesday, October 19, 2021

पूज्यश्री इंद्रेश भैयाजी द्वारा सुन्दर-सुन्दर प्रसंग Beautiful talk by Pujyashri Indresh Bhaiya ji

पूज्यश्री इंद्रेश भैयाजी द्वारा सुन्दर-सुन्दर प्रसंग

Beautiful talk by Pujyashri Indresh Bhaiya ji 

https://youtu.be/MOPZRAOVcAI 1 1.27 हे कृष्ण मुझे अपने दास का दास का दास का दास का दास का दास बना

O Krishna, make me your servant's servant's servant's servant's servant's servant. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=87 2 9 48 नारद जी कहते हैं जो वीणा है भगवान ने प्रसन्न होकर मुझे दी है और यह साधारण वीणा नहीं है, पूरा दिन में हरी गुण गाता हूं, लोगों को सुनाता हूं, ऐसे ही हम सबको भी एक वीणा दी है भगवान ने यानी हर एक को एक खास गुण दिया है, जिसे भगवान के लिए इस्तेमाल करना चाहिए Narad ji says that God has been pleased to gift me with this veena and it is not an ordinary veena, I sing the praises of Hari all day long and make people listen to it, similarly God has given a veena to all of us i.e. one special unique quality to each one. This special quality should be used only for glorification of God. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=588 3 10 59 यदि अपने गुण से हम संसार को रिझाने का प्रयत्न कर रहे हैं तो समझो हम दैत्य हैं If we are trying to impress the world with our special qualities, then we are demons only. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=659 4 13 13 हम तिलक क्यों लगाते हैं धोती क्यों पहनते हैं, भगवान को रिझाने के लिए, संसार को रिझाने के लिए नहीं

Why do we apply Tilak and why do we wear dhoti? To please God, not to please the world. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=793 5 14 22 हमारे दुख का कारण भी यही है कि हम संसार को प्रसन्न करने में लगे हैं, भगवान को नहीं The reason for our sorrows is that we are busy pleasing the world BUT not God. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=862 6 17 24 हमें भगवान मिलें या ना मिलें अगर सपने में भी आकर भगवान कह दें कि मैं तुझसे प्रसन्न हूं, तो बस हमारा जीवन सफल हो जाए Irrespective of whether we are able to meet God or not, if God comes in our dreams and says that I am happy with you, then our life will be successful. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=1044 7 1815 भक्त जन देखिए

see devotees listening https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=1095 8 19 02 आप सब अपनी अपनी योग्यता से भगवान को रिझाने का प्रयत्न कीजिए इसी को भक्ती कहते हैं

If all of you try to please God with your special abilities, this is called loving devotion. https://youtu.be/MOPZRAOVcAI&t=1142

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पूज्यश्री इंद्रेश भैयाजी द्वारा सुन्दर-सुन्दर प्रसंग.mp4