Thursday, May 6, 2021

Vinod Agarwal Bhajan lyrics तू है मोहन मेरा, मैं दीवानी तेरी tu hai mohan mera, main diwani teri

 Vinod Agarwal Bhajan lyrics


tu hai mohan mera, main diwani teri

तू है मोहन मेरा,मैं दीवानी तेरी , मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है
छोड़ दी कश्ती तेरे नाम पर ,अब किनारे लगाना तेरा काम है
जिसको दुनिया में कोई अपना कहे,उसको अपना बनाना तेरा काम है

मैंने माना मैं तो गुनेहगार हूँ, गुनेहगार हूँ, मैं खतावार हूँ,
जिस तरह कर सकूं मैं तेरी बंदगी, ऐसी राह पे चलाना तेरा काम है
तू है शाहों का शाह, मैं हूँ दर की गदाह (फ़क़ीर), आज सुननी पड़ेगी मेरी इल्तिज़ाह
मस्त हर दम रहूँ, मस्ती उतरे नहीं , ऐसा जाम पिलाना तेरा काम है

Wednesday, May 5, 2021

Vinod Agarwal Bhajan lyrics जीने को तो हूँ जी रही jeene ko to hoon ji rahi

 Vinod Agarwal Bhajan lyrics


jeene ko to hoon ji rahi

जीने को तो हूँ जी रही , प्यारे तेरे बग़ैर भी
पर ज़िन्दगी जिसको कह सकूं, मेरी ऐसी तो ज़िन्दगी नहीं
तेरे बगैर सांवरे ,मौत है ज़िन्दगी नहीं
रूह में शगुफ्तगी (प्रसन्न चित्त) नहीं, मेरे दिल में कोई ख़ुशी नहीं  

माना कि मैं फ़क़ीर हूँ ,माना कि मैं हक़ीर (very small)  हूँ
पर मुझको ऐसे छोड़िये, जैसा मेरा कोई नहीं
कब से पुकारता है दिल, कोई भी तो सुनता नहीं
मेरा तो इस जहाँ में तेरे सिवा कोई नहीं

Tuesday, May 4, 2021

आओ नन्द नंदन हे चित्त चोर, मुरली मनोहर नवल किशोर Vinod Agarwal Bhajan lyrics, aao nand nandan he chit chor, murli manohar naval Kishore

 

Vinod Agarwal Bhajan lyrics

aao nand nandan he chitt chor, murli manohar naval Kishore


आओ नन्द नंदन हे चित्त चोर ,मुरली मनोहर नवल किशोर
मेरे प्राण प्रीतम मुझको तेरे सिवा कुछ भी नहीं चाहिए
दूर करदे जो सांवल तेरे प्यार से ऐसी शानो शौकत नहीं चाहिए

तेरे दर की मिले जो गुलामी मुझे, दो जहाँ की हकूमत नहीं चाहिए
तेरे ग़म से बड़ी है मोहब्बत मुझे, मुझको झूठी मुसर्रत (happiness) नहीं चाहिए  
कन्हैया मेरे मैं वो बीमार हूँ जिसको दुनिया की राहत नहीं चाहिए
मेरी शान फकीरी सलामत रहे, मेरे दिल में तुम्हारी मोहब्बत रहे
मेरे दिल में तेरी बादशाहत रहे ,तेरी करुणा पे मुझको बड़ा नाज़ है, मैं हूँ चाकर तू मेरा महाराज है  
मुझको तेरे सिवा कुछ भी नहीं चाहिए

तमन्ना तुम हो मेरी ,मुझको किसकी आरज़ू होगी
नज़र जिस सीमत (towards) उठेगी तुम्हारी जुस्तजू होगी
वहीँ मेरे करीब आएंगे, निस्बत (affinity) है जिन्हें तुमसे  
मेरी महफ़िल में  जो होगी तुम्हारी गुफ्तगू होगी ,तमन्ना तुम हो मेरी..

श्रवणो से सुनूं मुरली रब को , तुम रूप द्रिगो से निहारा करूँ
पट भूषन गंध लूँ मैं नासिका से,  मुख से हरे कृष्ण उचारा करूँ
तन से करूँ सेवा तुम्हारी सदा, मन से सुमिलाप विचारा करूँ
इस भांति तुम्हे अपना कर के, तन से मन से अति प्यार करूँ