Tuesday, August 10, 2021

How much time we devote to fulfilment of our life's purpose? मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं?

 

How much time we devote to fulfilment of our life's purpose? मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं?

https://www.youtube.com/watch?v=ciqzNPdtJV8 

*अज्ञानता वश हम सुख किसे मानते हैं, दुख की कमी को, आध्यात्मिक आनंद की बात तो छोड़िये, आपने भौतिक सुख भी कभी महसूस नहीं किया, एक problem solve हुई तो 99 problems  सामने और खड़ी हैं* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=44 *दुख की कमी को सुख मत मानिये, बच्चे मत बनिए, बच्चों के पास 1000 का नोट हो और आप को वापस लेना हो तो आप बच्चे को चिल्लर (coins) दे देंगे और 1000 का नोट ले लेंगे, केवल चिल्लर से प्रसन्न मत होईये, आप आध्यात्मिक आनंद की खोज करना भूल बैठे हैं* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=144  *आप आनंद है और इसी को जानना ज्ञान का कार्य है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=187  *केवल सुविधा (convenience, comfort, luxury ) बढ़ने से सुख नहीं बड़ता* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=198  *सुविधा सुख इसलिए नहीं दे रही क्योंकि सुविधा मन और शरीर से जुड़ी हुई है मगर सुख आत्मा से जुड़ा है, शरीर के लिए आपको कोटि जतन (crores of efforts ) कर लो, संतुष्टि नहीं मिलेगी, मगर आत्मा तुरंत संतुष्ट हो सकती है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=265  *ये विचार धारा मेरी नहीं हैं, गीता की है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=318  *सुविधा होना खराब नहीं है मगर केवल सुविधा के लिए ही काम करना सबसे बड़ी मूर्खता है, इससे बड़ी मूर्खता कोई और है ही नहीं*  https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=339  *हम सभी केवल आनंद चाहते हैं,  और ये ज्ञान से प्राप्त होता है, जीवन (soul) का ज्ञान, शरीर के ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है*  https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=354 *इस आनंद की प्राप्ति को दूसरे दृष्टिकोण से देखते हैं, ये घड़ी (watch) जो बनी (i) किसी व्यक्ति ने बनाई (ii) वो व्यक्ति समझदार था (iii) उस व्यक्ति का कोई लक्ष्य/उद्देश्य (aim) था* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=399  *उदाहरण के लिए mobile, अज्ञानी कौन होगा,  जिसे mobile का लक्ष्य नहीं मालूम कि mobile किस लिए बना है, और इस मामले में अज्ञानी व्यक्ति दुखी ही होगा क्योंकि उसे mobile इस्तेमाल करना नहीं आता* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=522  *जैसे किसी बच्चे के हाथ में आपने mobile दे दिया, तो वो क्या करेगा, mobile से बात करने के अलावा सब कुछ करेगा* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=576  *अज्ञानी होना यानि मूर्ख होना कोई श्रेष्ठ बात नहीं है, simple व्यक्ति होना और मूर्ख व्यक्ति होना, दोनों में फर्क है* https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=607 *अब मैं आपसे प्रश्न करता हूँ कि सृष्टि, ये शरीर, 8400000 योनियां किसने बनाई हैं, और क्यों बनाई है ये कोई उससे बेहतर नहीं बता सकता, जिसने ये रचना की है*   https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=642  *आप क्या समझते हैं कि जीवन का उद्देश्य क्या है, सब अपना अपना अलग अलग उद्देश्य मान के बैठे हैं, सबको धन, सोंदर्य, शक्ति, यश चाहिए, क्यों चाहिए, आनंद के लिए, पर क्या आनंद ऐसे मिलेगा – नहीं (भगवान की भक्ति यानी भगवान से प्रेम किया जाए*) https://youtu.be/ciqzNPdtJV8?t=689 


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मानव उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम कितना समय दे रहे हैं -DSC#010.mp4


Sunday, August 8, 2021

Rules of Shastras do not bind us but free us to attain bliss नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं

Rules of Shastras do not bind us but free us to attain bliss

नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं*   https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=73  (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=128  (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=156  (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=195  *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=228  *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=259  *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=274  *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=345  *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=376  *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=413  *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=431  *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=462  *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं  कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=466  *नियम हमें स्वतन्त्र करते हैं* *हम सभी सत्य को ढूंढ रहे हैं, रिश्तों में, बाजार में हर जगह, क्योंकि सत्य से रिश्ता कभी टूट नहीं सकता और झूठ के पैर होते नहीं*   https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs?list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&t=43 *तीन प्रमाण (जिससे सत्य को ढूंढा जाता है) मुख्य हैं, पहला प्रमाण है प्रत्यक्ष प्रमाण: मगर प्रत्यक्ष प्रमाण में चार कमियां हैं, प्रत्यक्ष प्रमाण में पहली गड़बड़ 1. (a) हमारी इन्द्रियां अपूर्ण हैं, यदि आप मेरा चश्मा निकाल दो तो फिर मैं साफ नहीं देख पाऊंगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=73  (b) *प्रत्यक्ष प्रमाण में दूसरी त्रुटि : हम भ्रमित (in illusion) हैं, सोचते कुछ हैं होता कुछ और है, हम शरीर नहीं हैं आत्मा हैं, मगर हम अपने आप को शरीर मानते हैं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=128  (c) *प्रत्यक्ष प्रमाण में तीसरी त्रुटि: हम धोखा देते हैं और धोखा खाते हैं, हमें ये लगता है की इस भौतिक व्यक्ति या पदार्थ से हमें सुख मिलेगा, मगर सुख मिलता नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=156  (d ) *प्रत्यक्ष प्रमाण में चौथी त्रुटि: to err is human, गलतियाँ करना तो मनुष्य का स्वभाव है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=195  *तीन प्रमाणों में दूसरा है : अनुमान (guess, estimate) मगर अनुमान भी प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद ही लगा सकते हो और प्रत्यक्ष प्रमाण की चार कमियां आपने देखीं, इसलिए अनुमान भी टिका नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=228  *तीन प्रमाणों में तीसरा है: शब्द प्रमाण जो कि दो तरह का है 1. पुरुष द्वारा निकला हुआ शब्द “पोरूषय” 2. भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय”* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=245 *जो शब्द भगवान द्वारा आते हैं उनमें कोई कमी नहीं होती, वो पूर्ण हैं क्योंकि भगवान पूर्ण हैं, इसलिए यदि उनके शब्द मानेंगे तो जीवन सही हो जाएगा क्योंकि सही ज्ञान प्राप्त होगा* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=259  *science का भौतिक ज्ञान हर कुछ दिनों में या महीने में पुराना ज्ञान reject हो जाता है, i.e., change of theory happens (theory का मतलब ही है की अभी तक सिद्ध (proven) नहीं हुई), आजकल कितनी दवाइयाँ हैं, जो पहले तो अच्छी बताई जाती हैं, बाद में उनका दुष्परिणाम सामने आता है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=274  *इसलिए भगवान द्वारा दिया हुआ शब्द “अपोरूषय” का ही हमें अनुसरण (follow) करना चाहिए, गीता भगवान द्वारा ही बोली गयी है* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=345  *ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. अवरोहा पंथ 2. रोहा पंथ , अवरोहा पंथ : जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया और रोहा पंथ: किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376  *इसलिए कहा गया है कि authority से ज्ञान ले लो, tension खत्म और भगवान से बड़ा कोई अधिकारी तो है नहीं* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=413  *आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तकों को हम शास्त्र कहते हैं, शास्त्र का संस्कृत मूल है शासन (to rule) और और शासन करने में सहायक हैं शस्त्र (weapons), इसी शब्द से बना क्षत्रिय, जो शासन करता है, और जो जीवन में सहायक है वो है शास्त्र*  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=431  *शास्त्र में नियम होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=462  *नियम शब्द का प्रयोग होते ही लोग परेशान होते हैं कि अरे भाई नियमों का पालन करना पड़ेगा, मगर याद रहे की नियम बांधते नहीं, स्वतंत्र करते हैं और शास्त्र हमें बताते हैं  कि नियमों का पालन करते हुए हम स्वतंत्र हो जाएं और आनंद को प्राप्त कर लें* https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=466  ------------ sent to Mumbai Home 30-12-2023 Wisdom can be received comes in two ways 1. By own experience & 2. From others experience : ज्ञान लेने के दो तरीके बताए गए 1. रोहा पंथ 2. अवरोहा पंथ  रोहा पंथ (learning by own experience): किसी की बात को नहीं मानना मगर स्वयं परीक्षा / निरीक्षण करना और तब मानना, मगर आप सबको मरता तो देख नहीं सकते, इसलिए रोहा पंथ सही नहीं है*  और  अवरोहा पंथ (learning by others' experience): जैसे हमारे पिताजी ने कहा कि बेटा सब मरते हैं और बेटे ने मान लिया (और जैसे पिताजी ने कहा की ज्यादा चीनी खाना सही नहीं है तो हमने मान लिया)  https://youtu.be/noZDZ7tc3Rs&t=376 


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Saturday, August 7, 2021

7 types of miseries, none can avoid in this material world 7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता

 

7 types of miseries, none can avoid in this material world

7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता https://www.youtube.com/watch?v=p0X422Gc6gI&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=9

 गरुड़ पुराण”, ये मरने के बाद वालों के लिए नहीं, जीवित लोगों के लिए है, “राम नाम सत्य है” ये मुर्दे के लिए नहीं, आपके लिए बोला जा रहा है

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=45

 

लड़की की डोली उठते हुए कह दो “राम नाम सत्य है” गोली मार देंगे आपको, मरने के समय राम सत्य हैं, मगर शादी के समय क्या राम सत्य नहीं हैं ? 

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=97     

 

मृत्यु के समय ऐसी पीड़ा होती है की जैसे 40,000 बिच्छु एक साथ डंक मार रहे हों

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=120

 

मगर सिर्फ भक्त को छोड़कर यानी भक्त को ये पीड़ा सहन नहीं करनी पड़ती, क्योंकि भक्त को अपने शरीर से आसक्ती (attachment) नहीं होती केवल भगवान से होती है, जितनी अधिक आसक्ति शरीर में होगी यानि “मैं और मेरा” से होगी, उतनी ज्यादा पीड़ा होगी मृत्यु के समय

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=136

 

मरने के बाद एक दूसरा शरीर (subtle body) आपको दिया जाता है जो बिल्कुल हूबहू आपके जीवित शरीर से मिलता है मगर ये शरीर मरता नहीं, क्योंकि नरक की यातनाएं (tortures) तभी आप महसूस कर पाएंगे जब आपके पास शरीर होगा

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=220

 

ये सब सही बताया जा रहा है आपको, अकलमंद व्यक्ति वही है जो दूसरों की गलती से सीखे, खुद गलती ना करे

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=314

 

बुढ़ापे (जरा) की तकलीफें आप सब को मालूम ही हैं

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=326

 

व्याधि (problems): आदि भौतिक, आध्यात्मिक (बीमारी, headache , tension, depression etc.) और आदि दैविक (बहुत गर्मी, बहुत सर्दी, बहुत बरसात या बिलकुल बरसात नहीं, भूचाल, Tsunami  etc.)

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=337

 

Tension और दुख में अंतर है, पूरा वर्णन सुनिए 

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=400

 

आदि भौतिक (दूसरे जीवों द्वारा, competitor ,enemy, virus bacteria - ये भी जीव हैं)

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=517

 

1.           जन्म 2. मृत्यु 3. जरा (old age) 4. व्याधि (problems) 5. आदि भौतिक 6. आध्यात्मिक 7. आदि दैविक – तो दुख सात प्रकार के होते हैं

https://youtu.be/p0X422Gc6gI&t=551

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7 प्रकार के दुःख जिनसे कोई नहीं बच सकता -DSC#009.mp4





Truth is never bitter सत्य कभी कड़वा नहीं होता !

 

Truth is never bitter सत्य कभी कड़वा नहीं होता!  https://www.youtube.com/watch?v=mtLoenSaX7M&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=5 *भगवान का सतत अनुस्मरण करना है, हर क्षण, कुछ भी कार्य करते हुए (अनुस्मरण = मुझे (भगवान) को याद कर और मेरी आज्ञा का पालन कर*) https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=44 *आपको कुछ छोड़ने की जरूरत नहीं है, योग का मतलब होता है जोड़ना, छोड़ना नहीं – आप सब योग करते ही हो - भूख लगती है तो भोजन का योग करते हो, अज्ञान में होते हो किस का योग करते हो ज्ञान का, योग के बिना जीवन संभव ही नहीं है*   https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=93  *गीता वो योग बताती हैं जिसमें बाकी सारे योग शामिल हो जाते हैं* https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=115  *ये जगह जगह योग शिविर लगते हैं, ये योग नहीं स्वास्थ्य शिविर हैं, क्योंकि योग का मतलब तो होता है भगवान से जुड़ना*  https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=132  *श्री कृष्ण स्वयं योगेश्वर है, केवल भगवान का योग यानी भगवान के जुड़ने से बाकी सब समस्याएं दूर हो जाती हैं*  https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=160  *मंदिर जाने से क्या लाभ, भगवान से क्या मांगना है आपको ये भी नहीं पता* https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=192  *संस्कृत में ज्ञान को बोलते हैं “प्रमा” और ज्ञान प्राप्त करने के तरीके को बोलते हैं “प्रमाण*” https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=223  *प्रमाण वो है जिससे सत्य को जाना जाता है, सत्य कभी कड़वा नहीं होता, सत्य का नाम है श्री कृष्ण, श्री कृष्ण तो आनंद के पुंज ( collection, mass) है* https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=248  *सत्य कड़वा क्यों लगता है - एक अत्यंत बीमार व्यक्ति को 56 भोग भी कड़वे लगते हैं, असल में बीमार हम लोग हैं, जन्मों जन्मों से भगवान से विमुख (ignoring God) और यही बिमारी है, ऐसे बीमार होने के कारण हमें श्री कृष्ण कड़वे लगते हैं* https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=281  *जो व्यक्ति को पीलिया (yellow fever) होता है तो मिश्री कड़वी लगती है मगर डॉक्टर कहता है की इसे यहीं खिलाये जाओ, और जब ये सुधर जायेगा तो ये मिश्री इसे मीठी लगने लगेगी, इसी तरीके से ये ज्ञान है, इसी तरीके से भगवान का नाम है* https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=320  *शुरू में बहुत मुश्किल होती है भगवान का नाम लेने में क्योंकि रोग (भगवान से विमुख होने का) इतना भयंकर है  और हम इस भव रोग से बीमार पीड़ित हैं*  https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=340  *साधु का दूसरा नाम है डॉक्टर - हमारे गुरु श्री प्रभुपाद जी का आदेश है कि केवल सत्य बोलना, लोगों को अच्छा लगे या बुरा, क्योंकि डॉक्टर ये नहीं देखता की मरीज को अच्छा लग रहा है ये बुरा, अगर चीरा (surgery) लगाना है तो चीरा लगा देगा, बिमारी का इलाज करने के लिए*  https://youtu.be/mtLoenSaX7M&t=347


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Friday, August 6, 2021

DO NOT MAKE GOD AS YOUR ORDER SUPPLIER इस जन्म में भगवान को नौकर न बनायें !

 

DO NOT MAKE GOD AS YOUR ORDER SUPPLIER इस जन्म में भगवान को नौकर न बनायें! https://www.youtube.com/watch?v=1h0MePukxuw&list=PLI9pJ1j5Go3tIR9SwkoTdcTm-EhrmGIM2&index=4* *इस जन्म में भगवान को नौकर न बनायें*!* https://www.youtube.com/watch?v=1h0MePukxuw&index=4* *भौतिक और आध्यात्मिक दोनों ज्ञान लेना चाहिए , 5 साल की उम्र से* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=44* *मगर हम अपने ही बच्चों को मना करते हैं कि क्या ये उम्र है तेरी आध्यात्मिक ज्ञान की ?, हिंदुस्तान का बेड़ा गर्क इसीलिए हुआ कि ज्ञान का कोई स्थान ही नहीं रखा, बताइए कहाँ पढ़ाई जाती है गीता* ? https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=64  *अध्यात्मिक ज्ञान लिए बिना आप जीवन में कभी सफल हो ही नहीं सकते क्योंकि सफलता का मतलब है आनंद प्राप्ती, करोड़ों अरबों होने के बावजूद यदि व्यक्ति आनंदित नहीं है तो वो असफल ही है* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=101  *जिसे आप progress कहते, वो progress थोड़ी है, वो तो दुख और विनाश की तरफ जाना है, आज कल बच्चों में इतनी tension है, आत्महत्या करने तक को मजबूर होते हैं* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=160  *कहते हैं competition बढ़ गया है पहले जमाने में भी तो बहुत competition था, नौकरियां कम थी तो लोग भी कम थे, आज नौकरियां ज्यादा है मगर लोग भी ज्यादा हैं* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=193  *मगर आज माता पिता ने बच्चों को सही Training नहीं दी, कि जीवन कैसे जीना है, खाली बच्चे पैदा करने से कोई माता पिता नहीं बनता है, ये तो जानवर भी करते हैं* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=229 *श्रीमद् श्रीमद भागवत साफ कहती है कि आप माता पिता बनने के योग्य नहीं है यदि आप अपने बच्चों को जन्म मृत्यु के चक्कर से नहीं निकाल सकते* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=254  *आप माता पिता बनते हो मगर बच्चों को आपने जो ज्ञान दिया है उससे तो केवल दुख ही बड़ा है, Tension बड़ी है, आप स्वयं के और बच्चे के जीवन में* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=276 *आप सबसे हाथ जोड़ के अनुरोध है कि गीता के ज्ञान को जीवन में लाइये, यदि हाँ तो आप आज, अभी, इसी क्षण मुक्त हो सकते हैं - पहले तो अज्ञानता से मुक्त होईये,ज्ञान लेकर* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=302 * *हिंदुस्तान का पुरुष वो कहता है कि मेरी बीवी जाती है सत्संग में, मेरे पास समय नहीं है, ये कितनी बड़ी अज्ञानता है, अपने कर्मों का फल प्रत्येक जीव को अलग अलग भोगना पड़ता है, शास्त्रों में लिखा है कि पति का किया हुआ 50% बीवी को जाता है मगर बीवी का 1% भी पती को नहीं जाता* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=327  *हमारे सभी शास्त्र प्रश्न उत्तर के रूप में हैं (आपकी जिज्ञासा मिटाने के लिए), हमारे शास्त्र केवल प्रवचन नहीं हैं* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=410  *खाली गुरु का पैर शिष्य के सिर पर रख देने से शिष्य का कल्याण नहीं हो सकता है, नहीं तो श्री कृष्ण ने अर्जुन के सिर पर अपना पैर रख दिया होता* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=427  *क्यों बुद्धि नहीं लगाते, अर्जुन के सामने साक्षात भगवान श्री कृष्ण खड़े थे तब भी वो दुखी था क्योंकि वो भगवान की आज्ञा का पालन नहीं कर रहा था, आप मंदिर में नाक रगड़ते रगड़ते मर जाओगे, असुर (राक्षस) ही रहोगे जब तक कि आप भगवान की आज्ञा का पालन नहीं करते* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=445  *हनुमान जी की उपासना करते हो मगर हनुमान जी की आज्ञा का पालन नहीं करते, जो है श्री राम जी की आज्ञा का हर क्षण पालन करना* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=467  *और हम क्या कर रहे हैं ? भगवान हमारा business चला दे, चार नारियल  चढ़ाएंगे* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=480  *हमने भगवान को अपना नौकर समझा हुआ है और आप मालिक बने हुए हो इसीलिए 84,00,000 योनियों में घूम रहे हो* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=501  *एक बार भगवान को मालिक बनाकर देखिये, उनसे कहिये की प्रभु जी जो आप कहेंगे मैं वह करूँगा अपनी कोई इच्छा नहीं रखूँगा, मगर भगवान कहते हैं जो मैं बोल बोल के थक गया हूँ गीता में, भागवत में, उसका तो पालन कर ले, मेरे भक्त इन सबका प्रचार कर रहे हैं उनकी आज्ञा पालन करके तो देख* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=557  *मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूँ कि एक बार, केवल इस एक जनम में, भगवान को मालिक बनाकर देखिए,अनंत जन्मों से आपने भगवान को नौकर ही बनाया हुआ है* https://youtu.be/1h0MePukxuw&t=591


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इस जन्म में भगवान् को नौकर न बनायें! DSC 0004 H. G. Vrindavanchandra Das GIVEGITA.mp4