Sunday, August 29, 2021

जब IAS/ IPS officers आए महाराज प्रेमानन्द जी के दर्शन करने Premanand ji

जब IAS/ IPS officers आए महाराज प्रेमानन्द जी के दर्शन करने

इतनी आस्तिकता तो भारत देश में है कि लोग कहते हैं, हाँ भगवान हैं

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=40


अब भगवान को किसी भी नाम से पुकारो, बस इतना ध्यान रहे कि वो मेरा है, ईश्वरी को  मैंने अपना माना, मगर ये शरीर किसी का अपना नहीं है, ये शरीर सबको धोखा ही देता है

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=71


मेरा जो वास्तविक स्वरूप है (soul), ना वो जागृत (awake) है, ना वो सुषुप्ति (sleep) में है, ना वो स्वप्न (dream) में है - क्योंकि वो इन तीनों अवस्थाओं का अनुभव करता है, वो सर्वज्ञ है  

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=125

जो स्वरूप मेरा है, वही स्वरूप भगवान का भी है (as we souls are a part & parcel of God), जैसे 1000 घढ़ों में सूर्य का प्रतिबिंब (reflection)आ रहा है, मगर सूर्य तो एक ही है, घढ़े टूट भी जाये तो सूर्य पर कोई असर नहीं होता

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=152

मगर शरीर को हमने मैं मान लिया और इससे ही हम भगवान को भूल गए, क्योंकि हम इंद्रिय सुख भोग में लग्न हो गए

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=177

सुख दुख का “मैं” (soul) से कोई संबंध नहीं है, यदि आपको सुख और दुख महसूस हो रहा है तो मतलब आप अज्ञान में हैं 

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=200

आप कोई भी कार्य कर रहे हो केवल धर्म निष्ठा से करते रहिये (यानी भगवान को अर्पण करते हुए)

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=220 

अधर्म का आचरण नहीं करें, यदि हम ऐसा करते हैं तो हमारे और हमारे परिवार के ऊपर बहुत गहरा कुप्रभाव पड़ता है

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=289

धर्म से अपना कार्य करते हुए, भगवान को स्मरण रखते हुए, अपना कर्तव्य निभाते रहें

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=351


साधन धाम मोक्ष कर द्वारा, पाइ न जेहिं परलोक सँवारा यह (मनुष्य शरीर) साधन का धाम (provides means (साधन) to reach God) और मोक्ष का दरवाजा है, इसे पाकर भी जिसने परलोक न संवार लिया (वो व्यर्थ जीवन गँवाता है) 

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=381

सिकंदर जब पूरी दुनिया को जीत कर मर रहा था, तो उसको ज्ञान हुआ कि कोई भी मनुष्य अपने साथ कुछ भी ले नहीं जा सकता है मृत्यु के बाद

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=385


हमारा जीवन बहुत छोटा है, इसलिए क्षण क्षण प्रयत्नशील रहना चाहिए, भगवत प्राप्ति के लिए  

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=470


सबसे पहले मन से भ्रम हट जाना चाहिए, कि धन से सुख मिलता है, सुख मिलता है धर्म आचरण से, शास्त्रों में बताया गया है धर्म अर्थ काम मोक्ष – 4 पुरुषार्थ (यानी मनुष्य जीवन के लायक कार्य हैं),  केवल धर्म से कमाया गया अर्थ (wealth) ही काम की पूर्ति द्वारा मोक्ष तक ले जा पाएगी, मगर यदि अर्थ धर्म के पहले रख दिया तो फिर कामनाओं की पूर्ति मोक्ष तक नहीं ले जा पाएगी, धन से धर्म नहीं होता है,  धर्म से धन होता है  

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=513


नाम जप करें, भागवत आश्रित रहें और कोई व्यसन मत करें व्यसन = Four Big Vices / Four Pillars of Sinful Life / Regulative Principles of Iskcon : no meat eating, no intoxication, no gambling, no illicit sex 

https://www.youtube.com/watch?v=tyRyDari2Bg&t=570


Standby link (in case youtube link does not work):

वरिष्ठ IAS, Police और Army के अधिकारियों को महाराज जी ने क्या बोला !!.mp4





Friday, August 27, 2021

ना रंग है ना रूप है ना गुणों की कोई खान है, फिर श्याम कैसे शरण मिले, इसी सोच में मेरे प्राण हैं by Indresh ji



ना रंग है ना रूप है ना गुणों की कोई खान है

फिर श्याम कैसे शरण मिले

इसी सोच में मेरे प्राण हैं  

https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=31  नफरत है जिनसे उन्हें सदा, उन्हीं अवगुणों में हूँ मैं बंधा   https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=97  प्रभु आप कहते हो: " निर्मल मन जन मोहे पावा मोहे छल छिद्र कपट ना भावा" I like (मोहे पावा, i.e., gets Me) those (जन) with simplicity (निर्मल मन), i.e., without any malice in heart I do not like (ना भावा) : छल (deceitful), छिद्र (those who find faults in others), कपट (selfish materialistic people, i.e., क+पट, i.e., that which covers (पट) सुख (क means सुख)) https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=127  कभी कुटिलता है, कपट भी है, हठ भी है अभिमान है, फिर श्याम कैसे शरण मिले, इसी सोच में मेरे प्राण हैं   https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=183  सुख शांति की तो तलाश है साधन ना एक भी पास है, ना तो योग जप तप कर्म है, ना तो धर्म है, पुण्य दान है फिर श्याम कैसे शरण मिले, इसी सोच में मेरे प्राण हैं      https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=294  एक आसरा है तो है यही, क्यों करेंगे मुझ पर कृपा निधि https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=430  (केवल एक आसरा है) एक दीनता का हूँ बिंदु मैं, वो कृपालुता के निधान हैं, मेरे श्याम कैसे शरण मिले , इसी सोच में मेरे प्राण हैं (दीनता = humility) https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=497  summary  https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=566  मन क्रम विचार से, लगी लौ इस संसार से, पर स्वप्न में भी भूल के कभी ना उनका कुछ भी ध्यान है, श्याम कैसे शरण मिले, इसी सोच में मेरे प्राण हैं https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=647  concluding remarks, हर मनुष्य इस भाव को अपने ऊपर लगाकर देखे   https://youtu.be/HjeyTRltME0?t=709 







Wednesday, August 25, 2021

सरस किशोरी मुख चंद्र चकोरी by Indresh ji

सरस किशोरी, मुख चंद्र चकोरी

1
सरस किशोरी मुख चंद्र चकोरी
(Full of bliss, I constantly keep my eyes focused on You like a चकोर does to moon)

रति रस भोरी
(You are an innocent (भोरी) attractor (रति) of those who seek bliss (रस))
श्री राधे कीजे कृपा की कोर
(Please shower Your graceful eye (कोर) on me)

https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=27

2
साधन हीन दीन मैं राधे
(I do not know (हीन) of any physical means (साधन) by which I can come to You)

तुम करुणा मई, प्रेम अगाधे  
(whereas You are full of Compassion (करुणा मई) & Infinite (अगाधे) Love (प्रेम)

https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=121

3
का के द्वारे जाएं को तारे, कौन निहारे, दीन दुखी की ओर
(which other door should I go to who can make me cross/transcend this worldly ocean of birth & death, who will look at me with benevolent eyes towards this sinner)

https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=160

4
करत अघन, नहीं नेक अघाऊँ, भजन करण ना मैं मन को लगाऊँ  
(I am constantly committing (करत) sins (अघन), I never (नहीं) hesitate (अघाऊँ) to do this even at slightest (नेक) pretext/ occasion and I do not mould my mind (ना मैं मन को लगाऊँ) to Your glories (भजन करण)

https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=243

6
कर बड़ जोरी, लखी मम ओरी, तुम बिन मोरी कौन सुधारे डोर  
(I humbly beg (बड़ जोरी) with folded hands (कर) to look (लखी) gracefully towards me (मम ओरी), who else can improve my destiny)
https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=281

7
गोपी प्रेम की दीक्षा दीजे, कैसे हूँ मोहे अपना कर लीजे
(Please grant me love like Gopis & somehow make me Your own)
https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=372

8
तोर गुण गावत (singing Your glories)
दिवस बितावत (I thus spend my day)
दृग बरसावत (tears roll off my eyes (दृग, pronounced as “drig”))
मैं होऊँ प्रेम विभोर (Please let me get all blissful, विभोर = मस्त, मगन)

https://youtu.be/OZeGN-NOSi8?t=411




















Monday, August 23, 2021

मधुराष्टकम (अधरम मधुरम)

 

मधुराष्टकम (अधरम मधुरम)

Hit Ambrish ji
https://youtu.be/gzN5_FRxStk&t=3

Madhavasrockband
https://www.youtube.com/watch?v=wjpAUYphTWw&t=0

मधुराष्टकम by Indresh ji
https://youtu.be/GGf9iwFreuQ?si=F7D516xZHbNUwDUT&t=0

यह मत पूछो कि क्या मधुर है यह पूछो कि क्या मधुर नहीं है
जिसे यह भक्त वत्सल मधुर भगवान मधुर लगने लगे तो बाकी सब अपने आप फीका लगना ही है
https://youtu.be/GGf9iwFreuQ?t=105

spiritual mantra
https://www.youtube.com/watch?v=YIU-7ZesjTU&t=32

Word meanings:
अधरम मधुरम
(हे कृष्ण!) आपके होंठ मधुर हैं , Your lips are sweet

वदनम मधुरम
आपका मुख मधुर है, Your face is nice

नयनम मधुरम
आपकी आंखें मधुर हैं ,Your eyes are captivating

हसितम मधुरम्।
आपकी मुस्कान मधुर है, Your smile is bewitching

हृदयम मधुरम
आपका हृदय मधुर है ,Your heart is benevolent

गमनम मधुरम
आपकी चाल मधुर है, Your gait is mesmerising

मधुराधिपतेरखिलम मधुरम
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, O Ocean of elixir, Krishna
आपका सब कुछ मधुर है , Everything about You is so fascinating

वचनम मधुरम
आपका बोलना मधुर है,Your voice is melodious

चरितम मधुरम
आपका चरित्र मधुर हैं, Your personality has no comparison

वसनम मधुरम
आपके वस्त्र मधुर हैं, Your dress is enticing

वलितम मधुरम
आपका तिरछा खड़ा होना मधुर है, Your style of standing somewhat arched is enamouring

चलितम मधुरम
आपका चलना मधुर है, Your walk is entrancing

भ्रमितम मधुरम
आपका घूमना मधुर है, Your travel all round the universe is spellbinding

मधुराधिपतेरखिलम मधुरम
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, O Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है , everything about You is so fascinating

वेणुर्मधुरो
आपकी बांसुरी मधुर है, Your flute is mellifluous

रेणुर्मधुरं
आपकी चरणों की धूल मधुर हैं, dust of Your lotus feet is all encompassing

पाणिर्मधुरं
आपके हाथ मधुर हैं, Your hands are gratifying

पादौ मधुरौ
आपके चरण मधुर हैं, Your feet are tranquilizers

नृत्यम मधुरम
आपका नृत्य मधुर है, Your dance is mesmerising

सख्यम मधुरम
आपकी मित्रता मधुर है, Your friendship is enduring

गीतम मधुरम
आपके गीत मधुर हैं, Your songs are symphonic

पीतम मधुरम
आपका पीना मधुर है, Your drinking is hypnotizing

भुक्तम मधुरम
आपका खाना मधुर है, Your eating is alluring

सुप्तम मधुरम्
आपका सोना मधुर है, Your sleep is charming

रूपम मधुरम
आपका रूप मधुर है, Your overall personality is dazzling

तिलकम मधुरम
आपका टीका मधुर है, Your vermillion on forehead is infatuating

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण!, (o Ocean of elixir Krishna)
आपका सब कुछ मधुर है, everything about You is so fascinating

करणम मधुरम
आपके कार्य मधुर हैं, Your deeds & leelas are entrancing

तरणम मधुरम
आपका तारना मधुर है, Your pulling devotes out of birth & death cycle is pleasing

हरणम मधुरम
आपका सब भक्तों के पापों की चोरी करना मधुर है , Your thefts are ameliorating as You steal all sins from Your devotees

रमणम मधुरम्
आपकी सुंदरता मधुर है , Your beauty is enrapturing

वमितम मधुरम
आपके शब्द मधुर हैं, Your words are mellowing

शमितम मधुरम
आपका शांत रहना मधुर है, Your peace is serene & calming

गुंजा मधुरम
आपकी घुंघची मधुर है , Your anklets are perfectly musical

माला मधुरम
आपकी माला मधुर है, Your garland is elating

यमुना मधुरम
आपकी यमुना मधुर है, Your Yamuna river is enchanting

वीची मधुरम
उसकी लहरें मधुर हैं,Its waves are scintillating

सलिलम मधुरम
उसका पानी मधुर है, its water is nectar

कमलम मधुरम
उसके कमल मधुर हैं, Its lotus flowers are riveting

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्
मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! , o Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है  everything about You is so fascinating)

गोपी मधुरम
आपकी गोपियां मधुर हैं, Your gopis are inspiring

लीला मधुरम
आपकी लीला मधुर है, Your antics are intriguing

युक्तम मधुरम
आप उनके साथ मधुर हैं , Your union with them is spellbinding

मुक्तम मधुरम्, आपकी प्रदान की गयी मुक्ति मधुर हैं, Liberation (मुक्ति)  provided only by You is liberating.

दृष्टम मधुरम
आपका देखना मधुर है, Your seeing is enthralling

शिष्टम मधुरम
आपकी शिष्टता मधुर है , Your chivalry (sum of ideal qualities) is elegant

गोपा मधुरम
आपके गोप मधुर हैं ,  Your cowherds are friendship personified

गावो मधुरम
आपकी गायें मधुर हैं, Your cows are holy

यष्टि मधुरम
आपकी भुजाएं मधुर है, Your arms are omnipotent

सृष्टि मधुरम
आपकी सृष्टि मधुर है, Your creation is wonderful

दलितम मधुरम
आपका विनाश करना मधुर है, Your dissolution of the universes is overwhelming

फलितम मधुरम
आपका वर देना मधुर है,  Your blessings are eternally satisfying

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्,  मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! , O Ocean of elixir Krishna
आपका सब कुछ मधुर है, everything about  You is so fascinating